नई दिल्ली, 26 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दायर मानहानि के मामले में पश्चिमी दिल्ली से भाजपा सांसद परवेश वर्मा के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी।
सिसोदिया ने वर्मा सहित छह लोगों के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था। उन्होंने दावा किया था कि उन्हें दिल्ली सरकार के स्कूलों में नई कक्षाओं के निर्माण से संबंधित लगभग 2,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में फंसाया गया था।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कार्यवाही पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर वर्मा की याचिका पर सिसोदिया से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा, नोटिस जारी किया। इस बीच, याचिकाकर्ता की कार्यवाही स्थगित रहेगी, क्योंकि उन्होंने मामले को अगली सुनवाई के लिए 10 मार्च को सूचीबद्ध किया, जब अन्य भाजपा नेताओं द्वारा दायर याचिकाएं भी सूचीबद्ध हैं।
उच्च न्यायालय ने 20 जनवरी को इसी मामले में भाजपा प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी हरीश खुराना के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। खुराना ने स्टे की मांग को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सिसोदिया द्वारा भाजपा नेताओं मनजिंदर सिंह सिरसा और हंसराज हंस के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में अदालत ने पांच जनवरी को निचली अदालत के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
सिसोदिया ने सिरसा, हंस और मनोज तिवारी और विजेंद्र गुप्ता सहित अन्य भाजपा नेताओं पर मुकदमा दायर किया था।
दिसंबर 2022 में निचली अदालत ने भाजपा पदाधिकारियों द्वारा इसी मामले में डिस्चार्ज करने के अनुरोध को खारिज कर दिया था।
भाजपा नेताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पवन नारंग और कीर्ति उप्पल ने कहा था कि समन किए गए व्यक्तियों में से एक विजेंद्र गुप्ता ने उसी समन आदेश के जवाब में राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी।
शीर्ष अदालत के फैसले के आलोक में कि गुप्ता के ट्वीट ने मानहानि नहीं की, उन्होंने कहा कि हंस और सिरसा के खिलाफ मामले पर भी विचार करने की आवश्यकता है।
कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं को सुनने के बाद सिसोदिया को नोटिस जारी किया था।
–आईएएनएस
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