गया, 7 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार के मंत्री प्रेम कुमार ने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के आंदोलन को लेकर मंगलवार को कहा कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन प्रशांत किशोर ने कानून को अपने हाथ में लेने का काम किया।
पत्रकारों से चर्चा के दौरान मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि उन्हें राजधानी पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर आमरण अनशन या धरना पर बैठना चाहिए था, न कि गांधी मैदान में। उन्होंने प्रतिबंधित क्षेत्र गांधी मैदान में भीड़ जुटाकर जिस तरह से अशांति फैलाने का कार्य किया, वह सही नहीं था। अंत में उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि धरना, प्रदर्शन के लिए निर्धारित स्थान पर जाकर सबको अपनी बात रखने, अपनी मांग रखने का अधिकार है। मांग करना गलत बात नहीं है, लेकिन निर्धारित जगह पर करना चाहिए था।
उन्होंने यह भी कहा कि आदमी को आमरण अनशन पर बैठने से पहले बहुत कुछ सोचना चाहिए। यह अंतिम तरीका है। इसके पहले और भी कई तरीके हैं। अचानक जोश में आकर इस ठंड के मौसम में आमरण अनशन पर बैठ गए, इसका असर उनके शरीर पर हो रहा है, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ी और अस्पताल ले जाया गया।
उन्होंने कहा कि बीपीएससी अभ्यर्थियों के प्रति सरकार की पूरी सहानुभूति है। बीपीएससी एक स्वतंत्र एजेंसी है। परीक्षा रद्द करना और नहीं करना, उसकी जवाबदेही है।
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर दो जनवरी से आमरण अनशन पर हैं। अचानक सोमवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें पटना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां वह आईसीयू में हैं।
–आईएएनएस
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