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Home ताज़ा समाचार

प्रशांत किशोर ने बिहार उपचुनाव परिणाम पर दी प्रतिक्रिया, जन सुराज को 10 प्रतिशत वोट मिलने पर जताई संतुष्टि

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November 23, 2024
in ताज़ा समाचार
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पटना, 23 नवंबर (आईएएनएस)। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा उपचुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने उपचुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को बधाई दी।

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प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि उपचुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को बधाई दी। नीतीश कुमार और भाजपा की सरकार के समर्थन में लोगों ने वोट दिया है। राज्य में जो सरकार चल रही है जनता को उसमें विश्वास है। हम जो प्रयास कर रहे हैं वो आगे करते रहेंगे।

आप चारों सीटों पर हारे हैं। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जन सुराज और जन सुराज अभियान दोनों को दो तरीके से देखें। जन सुराज अभियान को बिहार में स्थापित करने में बिहार के घर-घर पहुंचाने में दो वर्ष का समय लगा है।

जब अभियान की शुरुआत हुई तो बहुत से लोगों ने कहा कि बिहार में इसकी कोई जगह नहीं है, कोई इसको मानेगा नहीं। लेकिन बिहार के एक बड़े जनमानस में आज जन सुराज की बात को लेकर, जन सुराज की परिकल्पना को लेकर बिहार में बदलाव को लेकर एक सकारात्मक सोच बनी है।

अब उस सोच को दल और वोट में परिवर्तित करने की जो बात है, तो एक महीना पहले जन सुराज दल बना है। एक महीने में आज 10 प्रतिशत वोट लेकर जन सुराज ने अपनी शुरुआत की है। हालांकि, 10 प्रतिशत वोट बहुत बड़ा वोट नहीं होता है, लेकिन भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है उसे बिहार में केवल 21 प्रतिशत वोट मिला है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 19.610 प्रतिशत वोट मिला था।

राजद को 20 प्रतिशत और जदयू को 11 प्रतिशत वोट मिला है। जबकि जन सुराज को 10 प्रतिशत वोट मिला है। हालांकि, इससे बहुत बेहतर हो सकता था, लेकिन जन सुराज दल एक महीने पुराना है। चिन्ह 10 दिन पुराना है। उम्मीदवार नये हैं। उन क्षेत्रों में चुनाव हुआ है जहां पर जन सुराज की पदयात्रा नहीं हुई है। जन सुराज पार्टी का कोई संगठन नहीं है। यह कोई बहाना नहीं है, इससे बहुत बढ़िया प्रदर्शन हो सकता था, लेकिन हम जो है इसको देखेंगे और इससे और बेहतर कैसे करना है उसके लिए पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है।

उन्होंने आगे कहा कि यदि दस वर्ष भी लगे तो हम जन सुराज के इस अभियान से पीछे नहीं हटेंगे। आज बिहार की 10 प्रतिशत जनता मानी है। आगे पचास प्रतिशत जनता भी मानेगी। हमारा लगातार प्रयास जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि बिहार में चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया। रामगढ़, तरारी, इमामगंज और बेलागंज में एनडीए के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। बेलागंज विधानसभा से जदयू की मनोरमा देवी, तरारी से बाहुबली नेता सुनील पांडेय के पुत्र विशाल प्रशांत ने जीत दर्ज की। गया जिले की इमामगंज से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की दीपा मांझी तथा रामगढ़ से भाजपा के अशोक सिंह ने जीत दर्ज की।

–आईएएनएस

एफजेड/

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पटना, 23 नवंबर (आईएएनएस)। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा उपचुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने उपचुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को बधाई दी।

प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि उपचुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को बधाई दी। नीतीश कुमार और भाजपा की सरकार के समर्थन में लोगों ने वोट दिया है। राज्य में जो सरकार चल रही है जनता को उसमें विश्वास है। हम जो प्रयास कर रहे हैं वो आगे करते रहेंगे।

आप चारों सीटों पर हारे हैं। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जन सुराज और जन सुराज अभियान दोनों को दो तरीके से देखें। जन सुराज अभियान को बिहार में स्थापित करने में बिहार के घर-घर पहुंचाने में दो वर्ष का समय लगा है।

जब अभियान की शुरुआत हुई तो बहुत से लोगों ने कहा कि बिहार में इसकी कोई जगह नहीं है, कोई इसको मानेगा नहीं। लेकिन बिहार के एक बड़े जनमानस में आज जन सुराज की बात को लेकर, जन सुराज की परिकल्पना को लेकर बिहार में बदलाव को लेकर एक सकारात्मक सोच बनी है।

अब उस सोच को दल और वोट में परिवर्तित करने की जो बात है, तो एक महीना पहले जन सुराज दल बना है। एक महीने में आज 10 प्रतिशत वोट लेकर जन सुराज ने अपनी शुरुआत की है। हालांकि, 10 प्रतिशत वोट बहुत बड़ा वोट नहीं होता है, लेकिन भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है उसे बिहार में केवल 21 प्रतिशत वोट मिला है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 19.610 प्रतिशत वोट मिला था।

राजद को 20 प्रतिशत और जदयू को 11 प्रतिशत वोट मिला है। जबकि जन सुराज को 10 प्रतिशत वोट मिला है। हालांकि, इससे बहुत बेहतर हो सकता था, लेकिन जन सुराज दल एक महीने पुराना है। चिन्ह 10 दिन पुराना है। उम्मीदवार नये हैं। उन क्षेत्रों में चुनाव हुआ है जहां पर जन सुराज की पदयात्रा नहीं हुई है। जन सुराज पार्टी का कोई संगठन नहीं है। यह कोई बहाना नहीं है, इससे बहुत बढ़िया प्रदर्शन हो सकता था, लेकिन हम जो है इसको देखेंगे और इससे और बेहतर कैसे करना है उसके लिए पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है।

उन्होंने आगे कहा कि यदि दस वर्ष भी लगे तो हम जन सुराज के इस अभियान से पीछे नहीं हटेंगे। आज बिहार की 10 प्रतिशत जनता मानी है। आगे पचास प्रतिशत जनता भी मानेगी। हमारा लगातार प्रयास जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि बिहार में चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया। रामगढ़, तरारी, इमामगंज और बेलागंज में एनडीए के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। बेलागंज विधानसभा से जदयू की मनोरमा देवी, तरारी से बाहुबली नेता सुनील पांडेय के पुत्र विशाल प्रशांत ने जीत दर्ज की। गया जिले की इमामगंज से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की दीपा मांझी तथा रामगढ़ से भाजपा के अशोक सिंह ने जीत दर्ज की।

–आईएएनएस

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पटना, 23 नवंबर (आईएएनएस)। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा उपचुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने उपचुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को बधाई दी।

प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि उपचुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को बधाई दी। नीतीश कुमार और भाजपा की सरकार के समर्थन में लोगों ने वोट दिया है। राज्य में जो सरकार चल रही है जनता को उसमें विश्वास है। हम जो प्रयास कर रहे हैं वो आगे करते रहेंगे।

आप चारों सीटों पर हारे हैं। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जन सुराज और जन सुराज अभियान दोनों को दो तरीके से देखें। जन सुराज अभियान को बिहार में स्थापित करने में बिहार के घर-घर पहुंचाने में दो वर्ष का समय लगा है।

जब अभियान की शुरुआत हुई तो बहुत से लोगों ने कहा कि बिहार में इसकी कोई जगह नहीं है, कोई इसको मानेगा नहीं। लेकिन बिहार के एक बड़े जनमानस में आज जन सुराज की बात को लेकर, जन सुराज की परिकल्पना को लेकर बिहार में बदलाव को लेकर एक सकारात्मक सोच बनी है।

अब उस सोच को दल और वोट में परिवर्तित करने की जो बात है, तो एक महीना पहले जन सुराज दल बना है। एक महीने में आज 10 प्रतिशत वोट लेकर जन सुराज ने अपनी शुरुआत की है। हालांकि, 10 प्रतिशत वोट बहुत बड़ा वोट नहीं होता है, लेकिन भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है उसे बिहार में केवल 21 प्रतिशत वोट मिला है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 19.610 प्रतिशत वोट मिला था।

राजद को 20 प्रतिशत और जदयू को 11 प्रतिशत वोट मिला है। जबकि जन सुराज को 10 प्रतिशत वोट मिला है। हालांकि, इससे बहुत बेहतर हो सकता था, लेकिन जन सुराज दल एक महीने पुराना है। चिन्ह 10 दिन पुराना है। उम्मीदवार नये हैं। उन क्षेत्रों में चुनाव हुआ है जहां पर जन सुराज की पदयात्रा नहीं हुई है। जन सुराज पार्टी का कोई संगठन नहीं है। यह कोई बहाना नहीं है, इससे बहुत बढ़िया प्रदर्शन हो सकता था, लेकिन हम जो है इसको देखेंगे और इससे और बेहतर कैसे करना है उसके लिए पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है।

उन्होंने आगे कहा कि यदि दस वर्ष भी लगे तो हम जन सुराज के इस अभियान से पीछे नहीं हटेंगे। आज बिहार की 10 प्रतिशत जनता मानी है। आगे पचास प्रतिशत जनता भी मानेगी। हमारा लगातार प्रयास जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि बिहार में चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया। रामगढ़, तरारी, इमामगंज और बेलागंज में एनडीए के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। बेलागंज विधानसभा से जदयू की मनोरमा देवी, तरारी से बाहुबली नेता सुनील पांडेय के पुत्र विशाल प्रशांत ने जीत दर्ज की। गया जिले की इमामगंज से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की दीपा मांझी तथा रामगढ़ से भाजपा के अशोक सिंह ने जीत दर्ज की।

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प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि उपचुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को बधाई दी। नीतीश कुमार और भाजपा की सरकार के समर्थन में लोगों ने वोट दिया है। राज्य में जो सरकार चल रही है जनता को उसमें विश्वास है। हम जो प्रयास कर रहे हैं वो आगे करते रहेंगे।

आप चारों सीटों पर हारे हैं। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जन सुराज और जन सुराज अभियान दोनों को दो तरीके से देखें। जन सुराज अभियान को बिहार में स्थापित करने में बिहार के घर-घर पहुंचाने में दो वर्ष का समय लगा है।

जब अभियान की शुरुआत हुई तो बहुत से लोगों ने कहा कि बिहार में इसकी कोई जगह नहीं है, कोई इसको मानेगा नहीं। लेकिन बिहार के एक बड़े जनमानस में आज जन सुराज की बात को लेकर, जन सुराज की परिकल्पना को लेकर बिहार में बदलाव को लेकर एक सकारात्मक सोच बनी है।

अब उस सोच को दल और वोट में परिवर्तित करने की जो बात है, तो एक महीना पहले जन सुराज दल बना है। एक महीने में आज 10 प्रतिशत वोट लेकर जन सुराज ने अपनी शुरुआत की है। हालांकि, 10 प्रतिशत वोट बहुत बड़ा वोट नहीं होता है, लेकिन भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है उसे बिहार में केवल 21 प्रतिशत वोट मिला है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 19.610 प्रतिशत वोट मिला था।

राजद को 20 प्रतिशत और जदयू को 11 प्रतिशत वोट मिला है। जबकि जन सुराज को 10 प्रतिशत वोट मिला है। हालांकि, इससे बहुत बेहतर हो सकता था, लेकिन जन सुराज दल एक महीने पुराना है। चिन्ह 10 दिन पुराना है। उम्मीदवार नये हैं। उन क्षेत्रों में चुनाव हुआ है जहां पर जन सुराज की पदयात्रा नहीं हुई है। जन सुराज पार्टी का कोई संगठन नहीं है। यह कोई बहाना नहीं है, इससे बहुत बढ़िया प्रदर्शन हो सकता था, लेकिन हम जो है इसको देखेंगे और इससे और बेहतर कैसे करना है उसके लिए पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है।

उन्होंने आगे कहा कि यदि दस वर्ष भी लगे तो हम जन सुराज के इस अभियान से पीछे नहीं हटेंगे। आज बिहार की 10 प्रतिशत जनता मानी है। आगे पचास प्रतिशत जनता भी मानेगी। हमारा लगातार प्रयास जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि बिहार में चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया। रामगढ़, तरारी, इमामगंज और बेलागंज में एनडीए के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। बेलागंज विधानसभा से जदयू की मनोरमा देवी, तरारी से बाहुबली नेता सुनील पांडेय के पुत्र विशाल प्रशांत ने जीत दर्ज की। गया जिले की इमामगंज से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की दीपा मांझी तथा रामगढ़ से भाजपा के अशोक सिंह ने जीत दर्ज की।

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प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि उपचुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को बधाई दी। नीतीश कुमार और भाजपा की सरकार के समर्थन में लोगों ने वोट दिया है। राज्य में जो सरकार चल रही है जनता को उसमें विश्वास है। हम जो प्रयास कर रहे हैं वो आगे करते रहेंगे।

आप चारों सीटों पर हारे हैं। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जन सुराज और जन सुराज अभियान दोनों को दो तरीके से देखें। जन सुराज अभियान को बिहार में स्थापित करने में बिहार के घर-घर पहुंचाने में दो वर्ष का समय लगा है।

जब अभियान की शुरुआत हुई तो बहुत से लोगों ने कहा कि बिहार में इसकी कोई जगह नहीं है, कोई इसको मानेगा नहीं। लेकिन बिहार के एक बड़े जनमानस में आज जन सुराज की बात को लेकर, जन सुराज की परिकल्पना को लेकर बिहार में बदलाव को लेकर एक सकारात्मक सोच बनी है।

अब उस सोच को दल और वोट में परिवर्तित करने की जो बात है, तो एक महीना पहले जन सुराज दल बना है। एक महीने में आज 10 प्रतिशत वोट लेकर जन सुराज ने अपनी शुरुआत की है। हालांकि, 10 प्रतिशत वोट बहुत बड़ा वोट नहीं होता है, लेकिन भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है उसे बिहार में केवल 21 प्रतिशत वोट मिला है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 19.610 प्रतिशत वोट मिला था।

राजद को 20 प्रतिशत और जदयू को 11 प्रतिशत वोट मिला है। जबकि जन सुराज को 10 प्रतिशत वोट मिला है। हालांकि, इससे बहुत बेहतर हो सकता था, लेकिन जन सुराज दल एक महीने पुराना है। चिन्ह 10 दिन पुराना है। उम्मीदवार नये हैं। उन क्षेत्रों में चुनाव हुआ है जहां पर जन सुराज की पदयात्रा नहीं हुई है। जन सुराज पार्टी का कोई संगठन नहीं है। यह कोई बहाना नहीं है, इससे बहुत बढ़िया प्रदर्शन हो सकता था, लेकिन हम जो है इसको देखेंगे और इससे और बेहतर कैसे करना है उसके लिए पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है।

उन्होंने आगे कहा कि यदि दस वर्ष भी लगे तो हम जन सुराज के इस अभियान से पीछे नहीं हटेंगे। आज बिहार की 10 प्रतिशत जनता मानी है। आगे पचास प्रतिशत जनता भी मानेगी। हमारा लगातार प्रयास जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि बिहार में चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया। रामगढ़, तरारी, इमामगंज और बेलागंज में एनडीए के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। बेलागंज विधानसभा से जदयू की मनोरमा देवी, तरारी से बाहुबली नेता सुनील पांडेय के पुत्र विशाल प्रशांत ने जीत दर्ज की। गया जिले की इमामगंज से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की दीपा मांझी तथा रामगढ़ से भाजपा के अशोक सिंह ने जीत दर्ज की।

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प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि उपचुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को बधाई दी। नीतीश कुमार और भाजपा की सरकार के समर्थन में लोगों ने वोट दिया है। राज्य में जो सरकार चल रही है जनता को उसमें विश्वास है। हम जो प्रयास कर रहे हैं वो आगे करते रहेंगे।

आप चारों सीटों पर हारे हैं। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जन सुराज और जन सुराज अभियान दोनों को दो तरीके से देखें। जन सुराज अभियान को बिहार में स्थापित करने में बिहार के घर-घर पहुंचाने में दो वर्ष का समय लगा है।

जब अभियान की शुरुआत हुई तो बहुत से लोगों ने कहा कि बिहार में इसकी कोई जगह नहीं है, कोई इसको मानेगा नहीं। लेकिन बिहार के एक बड़े जनमानस में आज जन सुराज की बात को लेकर, जन सुराज की परिकल्पना को लेकर बिहार में बदलाव को लेकर एक सकारात्मक सोच बनी है।

अब उस सोच को दल और वोट में परिवर्तित करने की जो बात है, तो एक महीना पहले जन सुराज दल बना है। एक महीने में आज 10 प्रतिशत वोट लेकर जन सुराज ने अपनी शुरुआत की है। हालांकि, 10 प्रतिशत वोट बहुत बड़ा वोट नहीं होता है, लेकिन भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है उसे बिहार में केवल 21 प्रतिशत वोट मिला है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 19.610 प्रतिशत वोट मिला था।

राजद को 20 प्रतिशत और जदयू को 11 प्रतिशत वोट मिला है। जबकि जन सुराज को 10 प्रतिशत वोट मिला है। हालांकि, इससे बहुत बेहतर हो सकता था, लेकिन जन सुराज दल एक महीने पुराना है। चिन्ह 10 दिन पुराना है। उम्मीदवार नये हैं। उन क्षेत्रों में चुनाव हुआ है जहां पर जन सुराज की पदयात्रा नहीं हुई है। जन सुराज पार्टी का कोई संगठन नहीं है। यह कोई बहाना नहीं है, इससे बहुत बढ़िया प्रदर्शन हो सकता था, लेकिन हम जो है इसको देखेंगे और इससे और बेहतर कैसे करना है उसके लिए पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है।

उन्होंने आगे कहा कि यदि दस वर्ष भी लगे तो हम जन सुराज के इस अभियान से पीछे नहीं हटेंगे। आज बिहार की 10 प्रतिशत जनता मानी है। आगे पचास प्रतिशत जनता भी मानेगी। हमारा लगातार प्रयास जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि बिहार में चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया। रामगढ़, तरारी, इमामगंज और बेलागंज में एनडीए के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। बेलागंज विधानसभा से जदयू की मनोरमा देवी, तरारी से बाहुबली नेता सुनील पांडेय के पुत्र विशाल प्रशांत ने जीत दर्ज की। गया जिले की इमामगंज से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की दीपा मांझी तथा रामगढ़ से भाजपा के अशोक सिंह ने जीत दर्ज की।

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राजद को 20 प्रतिशत और जदयू को 11 प्रतिशत वोट मिला है। जबकि जन सुराज को 10 प्रतिशत वोट मिला है। हालांकि, इससे बहुत बेहतर हो सकता था, लेकिन जन सुराज दल एक महीने पुराना है। चिन्ह 10 दिन पुराना है। उम्मीदवार नये हैं। उन क्षेत्रों में चुनाव हुआ है जहां पर जन सुराज की पदयात्रा नहीं हुई है। जन सुराज पार्टी का कोई संगठन नहीं है। यह कोई बहाना नहीं है, इससे बहुत बढ़िया प्रदर्शन हो सकता था, लेकिन हम जो है इसको देखेंगे और इससे और बेहतर कैसे करना है उसके लिए पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है।

उन्होंने आगे कहा कि यदि दस वर्ष भी लगे तो हम जन सुराज के इस अभियान से पीछे नहीं हटेंगे। आज बिहार की 10 प्रतिशत जनता मानी है। आगे पचास प्रतिशत जनता भी मानेगी। हमारा लगातार प्रयास जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि बिहार में चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया। रामगढ़, तरारी, इमामगंज और बेलागंज में एनडीए के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। बेलागंज विधानसभा से जदयू की मनोरमा देवी, तरारी से बाहुबली नेता सुनील पांडेय के पुत्र विशाल प्रशांत ने जीत दर्ज की। गया जिले की इमामगंज से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की दीपा मांझी तथा रामगढ़ से भाजपा के अशोक सिंह ने जीत दर्ज की।

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प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि उपचुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को बधाई दी। नीतीश कुमार और भाजपा की सरकार के समर्थन में लोगों ने वोट दिया है। राज्य में जो सरकार चल रही है जनता को उसमें विश्वास है। हम जो प्रयास कर रहे हैं वो आगे करते रहेंगे।

आप चारों सीटों पर हारे हैं। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जन सुराज और जन सुराज अभियान दोनों को दो तरीके से देखें। जन सुराज अभियान को बिहार में स्थापित करने में बिहार के घर-घर पहुंचाने में दो वर्ष का समय लगा है।

जब अभियान की शुरुआत हुई तो बहुत से लोगों ने कहा कि बिहार में इसकी कोई जगह नहीं है, कोई इसको मानेगा नहीं। लेकिन बिहार के एक बड़े जनमानस में आज जन सुराज की बात को लेकर, जन सुराज की परिकल्पना को लेकर बिहार में बदलाव को लेकर एक सकारात्मक सोच बनी है।

अब उस सोच को दल और वोट में परिवर्तित करने की जो बात है, तो एक महीना पहले जन सुराज दल बना है। एक महीने में आज 10 प्रतिशत वोट लेकर जन सुराज ने अपनी शुरुआत की है। हालांकि, 10 प्रतिशत वोट बहुत बड़ा वोट नहीं होता है, लेकिन भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है उसे बिहार में केवल 21 प्रतिशत वोट मिला है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 19.610 प्रतिशत वोट मिला था।

राजद को 20 प्रतिशत और जदयू को 11 प्रतिशत वोट मिला है। जबकि जन सुराज को 10 प्रतिशत वोट मिला है। हालांकि, इससे बहुत बेहतर हो सकता था, लेकिन जन सुराज दल एक महीने पुराना है। चिन्ह 10 दिन पुराना है। उम्मीदवार नये हैं। उन क्षेत्रों में चुनाव हुआ है जहां पर जन सुराज की पदयात्रा नहीं हुई है। जन सुराज पार्टी का कोई संगठन नहीं है। यह कोई बहाना नहीं है, इससे बहुत बढ़िया प्रदर्शन हो सकता था, लेकिन हम जो है इसको देखेंगे और इससे और बेहतर कैसे करना है उसके लिए पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है।

उन्होंने आगे कहा कि यदि दस वर्ष भी लगे तो हम जन सुराज के इस अभियान से पीछे नहीं हटेंगे। आज बिहार की 10 प्रतिशत जनता मानी है। आगे पचास प्रतिशत जनता भी मानेगी। हमारा लगातार प्रयास जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि बिहार में चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया। रामगढ़, तरारी, इमामगंज और बेलागंज में एनडीए के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। बेलागंज विधानसभा से जदयू की मनोरमा देवी, तरारी से बाहुबली नेता सुनील पांडेय के पुत्र विशाल प्रशांत ने जीत दर्ज की। गया जिले की इमामगंज से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की दीपा मांझी तथा रामगढ़ से भाजपा के अशोक सिंह ने जीत दर्ज की।

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