नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। एस्सार यूनाइटेड किंगडम दुनिया की पहली डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन रिफाइनरी बनने की राह पर है। एस्सार कैपिटल के निदेशक प्रशांत रुइया 8 अक्टूबर को दिल्ली में फाइनेंशियल टाइम्स एनर्जी ट्रांजिशन समिट 2024 में शामिल हुए। समिट में प्रशांत रुइया ने डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन रिफाइनरी को लेकर जानकारी दी।
इंटरव्यू के दौरान, एस्सार की महत्वाकांक्षी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। समिट में मुख्य क्षेत्रों ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, धातु एवं खनन, प्रौद्योगिकी एवं खुदरा को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के मानदंडों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एस्सार सक्रिय रूप से अपने हरित व्यवसायों के पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है। कंपनी हरित ट्रकिंग, 24/7 नवीकरणीय ऊर्जा समाधान और अपनी रिफाइनरियों में हाइड्रोजन एकीकरण जैसे क्षेत्रों में नवाचारों का नेतृत्व करने की योजना बना रही है।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण विकास स्टैनलो रिफाइनरी में यूके के पहले लार्ज स्केल लो-कार्बन हाइड्रोजन हब का निर्माण है। हब से 350 मेगावाट हाइड्रोजन की आपूर्ति और सालाना 2.5 मिलियन टन कार्बन की उम्मीद की जा रही है, जो सड़क से 1.1 मिलियन कारों को हटाने के बराबर है।
एस्सार यूके की ऊर्जा जरूरतों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। स्टैनलो रिफाइनरी मौजूदा समय में देश के ईंधन का 16 प्रतिशत आपूर्ति कर रही है।
यूके की हाल ही में शुरू की गई 20 बिलियन पाउंड की डीकार्बोनाइजेशन पहल, एस्सार की स्टैनलो में कार्बन उत्सर्जन को 2030 तक 95 प्रतिशत तक कम करने की योजना का समर्थन करती है। यही वजह है कि यह ग्रीन रिफाइनिंग में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित हो गया है।
ग्रीन ट्रकिंग में एस्सार के प्रयासों को भी रेखांकित किया गया, जिसमें भारत के ट्रकिंग उद्योग से उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का ट्रकिंग उद्योग वर्तमान में सालाना 400 मिलियन टन से अधिक सीओटू उत्सर्जित करता है।
इसका लक्ष्य एलएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों के संयोजन का इस्तेमाल कर उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कटौती करना है। एक दोहरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा रहा है, जहां कम दूरी के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों और लंबी दूरी के लिए एलएनजी ट्रकों का इस्तेमाल होगा।
500 से अधिक एलएनजी ट्रक बिना ईंधन भरे पहले से ही 1200 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं। भविष्य में बेड़े को बढ़ाने की योजना है।
एस्सार नवीकरणीय स्रोतों को एक हाइब्रिड मॉडल में एकीकृत करने पर भी काम कर रहा है, जो चौबीसों घंटे विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
बैटरी स्टोरेज और पंप हाइड्रो जैसे नवाचारों के साथ, कंपनी का उद्देश्य उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए बिना किसी रुकावट के बिजली प्रदान करना है।
–आईएएनएस
एसकेटी/एएस
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नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। एस्सार यूनाइटेड किंगडम दुनिया की पहली डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन रिफाइनरी बनने की राह पर है। एस्सार कैपिटल के निदेशक प्रशांत रुइया 8 अक्टूबर को दिल्ली में फाइनेंशियल टाइम्स एनर्जी ट्रांजिशन समिट 2024 में शामिल हुए। समिट में प्रशांत रुइया ने डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन रिफाइनरी को लेकर जानकारी दी।
इंटरव्यू के दौरान, एस्सार की महत्वाकांक्षी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। समिट में मुख्य क्षेत्रों ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, धातु एवं खनन, प्रौद्योगिकी एवं खुदरा को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के मानदंडों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एस्सार सक्रिय रूप से अपने हरित व्यवसायों के पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है। कंपनी हरित ट्रकिंग, 24/7 नवीकरणीय ऊर्जा समाधान और अपनी रिफाइनरियों में हाइड्रोजन एकीकरण जैसे क्षेत्रों में नवाचारों का नेतृत्व करने की योजना बना रही है।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण विकास स्टैनलो रिफाइनरी में यूके के पहले लार्ज स्केल लो-कार्बन हाइड्रोजन हब का निर्माण है। हब से 350 मेगावाट हाइड्रोजन की आपूर्ति और सालाना 2.5 मिलियन टन कार्बन की उम्मीद की जा रही है, जो सड़क से 1.1 मिलियन कारों को हटाने के बराबर है।
एस्सार यूके की ऊर्जा जरूरतों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। स्टैनलो रिफाइनरी मौजूदा समय में देश के ईंधन का 16 प्रतिशत आपूर्ति कर रही है।
यूके की हाल ही में शुरू की गई 20 बिलियन पाउंड की डीकार्बोनाइजेशन पहल, एस्सार की स्टैनलो में कार्बन उत्सर्जन को 2030 तक 95 प्रतिशत तक कम करने की योजना का समर्थन करती है। यही वजह है कि यह ग्रीन रिफाइनिंग में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित हो गया है।
ग्रीन ट्रकिंग में एस्सार के प्रयासों को भी रेखांकित किया गया, जिसमें भारत के ट्रकिंग उद्योग से उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का ट्रकिंग उद्योग वर्तमान में सालाना 400 मिलियन टन से अधिक सीओटू उत्सर्जित करता है।
इसका लक्ष्य एलएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों के संयोजन का इस्तेमाल कर उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कटौती करना है। एक दोहरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा रहा है, जहां कम दूरी के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों और लंबी दूरी के लिए एलएनजी ट्रकों का इस्तेमाल होगा।
500 से अधिक एलएनजी ट्रक बिना ईंधन भरे पहले से ही 1200 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं। भविष्य में बेड़े को बढ़ाने की योजना है।
एस्सार नवीकरणीय स्रोतों को एक हाइब्रिड मॉडल में एकीकृत करने पर भी काम कर रहा है, जो चौबीसों घंटे विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
बैटरी स्टोरेज और पंप हाइड्रो जैसे नवाचारों के साथ, कंपनी का उद्देश्य उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए बिना किसी रुकावट के बिजली प्रदान करना है।
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इंटरव्यू के दौरान, एस्सार की महत्वाकांक्षी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। समिट में मुख्य क्षेत्रों ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, धातु एवं खनन, प्रौद्योगिकी एवं खुदरा को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के मानदंडों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एस्सार सक्रिय रूप से अपने हरित व्यवसायों के पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है। कंपनी हरित ट्रकिंग, 24/7 नवीकरणीय ऊर्जा समाधान और अपनी रिफाइनरियों में हाइड्रोजन एकीकरण जैसे क्षेत्रों में नवाचारों का नेतृत्व करने की योजना बना रही है।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण विकास स्टैनलो रिफाइनरी में यूके के पहले लार्ज स्केल लो-कार्बन हाइड्रोजन हब का निर्माण है। हब से 350 मेगावाट हाइड्रोजन की आपूर्ति और सालाना 2.5 मिलियन टन कार्बन की उम्मीद की जा रही है, जो सड़क से 1.1 मिलियन कारों को हटाने के बराबर है।
एस्सार यूके की ऊर्जा जरूरतों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। स्टैनलो रिफाइनरी मौजूदा समय में देश के ईंधन का 16 प्रतिशत आपूर्ति कर रही है।
यूके की हाल ही में शुरू की गई 20 बिलियन पाउंड की डीकार्बोनाइजेशन पहल, एस्सार की स्टैनलो में कार्बन उत्सर्जन को 2030 तक 95 प्रतिशत तक कम करने की योजना का समर्थन करती है। यही वजह है कि यह ग्रीन रिफाइनिंग में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित हो गया है।
ग्रीन ट्रकिंग में एस्सार के प्रयासों को भी रेखांकित किया गया, जिसमें भारत के ट्रकिंग उद्योग से उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का ट्रकिंग उद्योग वर्तमान में सालाना 400 मिलियन टन से अधिक सीओटू उत्सर्जित करता है।
इसका लक्ष्य एलएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों के संयोजन का इस्तेमाल कर उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कटौती करना है। एक दोहरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा रहा है, जहां कम दूरी के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों और लंबी दूरी के लिए एलएनजी ट्रकों का इस्तेमाल होगा।
500 से अधिक एलएनजी ट्रक बिना ईंधन भरे पहले से ही 1200 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं। भविष्य में बेड़े को बढ़ाने की योजना है।
एस्सार नवीकरणीय स्रोतों को एक हाइब्रिड मॉडल में एकीकृत करने पर भी काम कर रहा है, जो चौबीसों घंटे विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
बैटरी स्टोरेज और पंप हाइड्रो जैसे नवाचारों के साथ, कंपनी का उद्देश्य उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए बिना किसी रुकावट के बिजली प्रदान करना है।
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इंटरव्यू के दौरान, एस्सार की महत्वाकांक्षी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। समिट में मुख्य क्षेत्रों ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, धातु एवं खनन, प्रौद्योगिकी एवं खुदरा को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के मानदंडों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एस्सार सक्रिय रूप से अपने हरित व्यवसायों के पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है। कंपनी हरित ट्रकिंग, 24/7 नवीकरणीय ऊर्जा समाधान और अपनी रिफाइनरियों में हाइड्रोजन एकीकरण जैसे क्षेत्रों में नवाचारों का नेतृत्व करने की योजना बना रही है।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण विकास स्टैनलो रिफाइनरी में यूके के पहले लार्ज स्केल लो-कार्बन हाइड्रोजन हब का निर्माण है। हब से 350 मेगावाट हाइड्रोजन की आपूर्ति और सालाना 2.5 मिलियन टन कार्बन की उम्मीद की जा रही है, जो सड़क से 1.1 मिलियन कारों को हटाने के बराबर है।
एस्सार यूके की ऊर्जा जरूरतों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। स्टैनलो रिफाइनरी मौजूदा समय में देश के ईंधन का 16 प्रतिशत आपूर्ति कर रही है।
यूके की हाल ही में शुरू की गई 20 बिलियन पाउंड की डीकार्बोनाइजेशन पहल, एस्सार की स्टैनलो में कार्बन उत्सर्जन को 2030 तक 95 प्रतिशत तक कम करने की योजना का समर्थन करती है। यही वजह है कि यह ग्रीन रिफाइनिंग में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित हो गया है।
ग्रीन ट्रकिंग में एस्सार के प्रयासों को भी रेखांकित किया गया, जिसमें भारत के ट्रकिंग उद्योग से उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का ट्रकिंग उद्योग वर्तमान में सालाना 400 मिलियन टन से अधिक सीओटू उत्सर्जित करता है।
इसका लक्ष्य एलएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों के संयोजन का इस्तेमाल कर उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कटौती करना है। एक दोहरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा रहा है, जहां कम दूरी के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों और लंबी दूरी के लिए एलएनजी ट्रकों का इस्तेमाल होगा।
500 से अधिक एलएनजी ट्रक बिना ईंधन भरे पहले से ही 1200 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं। भविष्य में बेड़े को बढ़ाने की योजना है।
एस्सार नवीकरणीय स्रोतों को एक हाइब्रिड मॉडल में एकीकृत करने पर भी काम कर रहा है, जो चौबीसों घंटे विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
बैटरी स्टोरेज और पंप हाइड्रो जैसे नवाचारों के साथ, कंपनी का उद्देश्य उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए बिना किसी रुकावट के बिजली प्रदान करना है।
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इंटरव्यू के दौरान, एस्सार की महत्वाकांक्षी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। समिट में मुख्य क्षेत्रों ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, धातु एवं खनन, प्रौद्योगिकी एवं खुदरा को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के मानदंडों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एस्सार सक्रिय रूप से अपने हरित व्यवसायों के पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है। कंपनी हरित ट्रकिंग, 24/7 नवीकरणीय ऊर्जा समाधान और अपनी रिफाइनरियों में हाइड्रोजन एकीकरण जैसे क्षेत्रों में नवाचारों का नेतृत्व करने की योजना बना रही है।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण विकास स्टैनलो रिफाइनरी में यूके के पहले लार्ज स्केल लो-कार्बन हाइड्रोजन हब का निर्माण है। हब से 350 मेगावाट हाइड्रोजन की आपूर्ति और सालाना 2.5 मिलियन टन कार्बन की उम्मीद की जा रही है, जो सड़क से 1.1 मिलियन कारों को हटाने के बराबर है।
एस्सार यूके की ऊर्जा जरूरतों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। स्टैनलो रिफाइनरी मौजूदा समय में देश के ईंधन का 16 प्रतिशत आपूर्ति कर रही है।
यूके की हाल ही में शुरू की गई 20 बिलियन पाउंड की डीकार्बोनाइजेशन पहल, एस्सार की स्टैनलो में कार्बन उत्सर्जन को 2030 तक 95 प्रतिशत तक कम करने की योजना का समर्थन करती है। यही वजह है कि यह ग्रीन रिफाइनिंग में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित हो गया है।
ग्रीन ट्रकिंग में एस्सार के प्रयासों को भी रेखांकित किया गया, जिसमें भारत के ट्रकिंग उद्योग से उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का ट्रकिंग उद्योग वर्तमान में सालाना 400 मिलियन टन से अधिक सीओटू उत्सर्जित करता है।
इसका लक्ष्य एलएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों के संयोजन का इस्तेमाल कर उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कटौती करना है। एक दोहरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा रहा है, जहां कम दूरी के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों और लंबी दूरी के लिए एलएनजी ट्रकों का इस्तेमाल होगा।
500 से अधिक एलएनजी ट्रक बिना ईंधन भरे पहले से ही 1200 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं। भविष्य में बेड़े को बढ़ाने की योजना है।
एस्सार नवीकरणीय स्रोतों को एक हाइब्रिड मॉडल में एकीकृत करने पर भी काम कर रहा है, जो चौबीसों घंटे विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
बैटरी स्टोरेज और पंप हाइड्रो जैसे नवाचारों के साथ, कंपनी का उद्देश्य उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए बिना किसी रुकावट के बिजली प्रदान करना है।
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इंटरव्यू के दौरान, एस्सार की महत्वाकांक्षी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। समिट में मुख्य क्षेत्रों ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, धातु एवं खनन, प्रौद्योगिकी एवं खुदरा को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के मानदंडों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एस्सार सक्रिय रूप से अपने हरित व्यवसायों के पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है। कंपनी हरित ट्रकिंग, 24/7 नवीकरणीय ऊर्जा समाधान और अपनी रिफाइनरियों में हाइड्रोजन एकीकरण जैसे क्षेत्रों में नवाचारों का नेतृत्व करने की योजना बना रही है।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण विकास स्टैनलो रिफाइनरी में यूके के पहले लार्ज स्केल लो-कार्बन हाइड्रोजन हब का निर्माण है। हब से 350 मेगावाट हाइड्रोजन की आपूर्ति और सालाना 2.5 मिलियन टन कार्बन की उम्मीद की जा रही है, जो सड़क से 1.1 मिलियन कारों को हटाने के बराबर है।
एस्सार यूके की ऊर्जा जरूरतों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। स्टैनलो रिफाइनरी मौजूदा समय में देश के ईंधन का 16 प्रतिशत आपूर्ति कर रही है।
यूके की हाल ही में शुरू की गई 20 बिलियन पाउंड की डीकार्बोनाइजेशन पहल, एस्सार की स्टैनलो में कार्बन उत्सर्जन को 2030 तक 95 प्रतिशत तक कम करने की योजना का समर्थन करती है। यही वजह है कि यह ग्रीन रिफाइनिंग में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित हो गया है।
ग्रीन ट्रकिंग में एस्सार के प्रयासों को भी रेखांकित किया गया, जिसमें भारत के ट्रकिंग उद्योग से उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का ट्रकिंग उद्योग वर्तमान में सालाना 400 मिलियन टन से अधिक सीओटू उत्सर्जित करता है।
इसका लक्ष्य एलएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों के संयोजन का इस्तेमाल कर उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कटौती करना है। एक दोहरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा रहा है, जहां कम दूरी के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों और लंबी दूरी के लिए एलएनजी ट्रकों का इस्तेमाल होगा।
500 से अधिक एलएनजी ट्रक बिना ईंधन भरे पहले से ही 1200 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं। भविष्य में बेड़े को बढ़ाने की योजना है।
एस्सार नवीकरणीय स्रोतों को एक हाइब्रिड मॉडल में एकीकृत करने पर भी काम कर रहा है, जो चौबीसों घंटे विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
बैटरी स्टोरेज और पंप हाइड्रो जैसे नवाचारों के साथ, कंपनी का उद्देश्य उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए बिना किसी रुकावट के बिजली प्रदान करना है।
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इंटरव्यू के दौरान, एस्सार की महत्वाकांक्षी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। समिट में मुख्य क्षेत्रों ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, धातु एवं खनन, प्रौद्योगिकी एवं खुदरा को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के मानदंडों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एस्सार सक्रिय रूप से अपने हरित व्यवसायों के पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है। कंपनी हरित ट्रकिंग, 24/7 नवीकरणीय ऊर्जा समाधान और अपनी रिफाइनरियों में हाइड्रोजन एकीकरण जैसे क्षेत्रों में नवाचारों का नेतृत्व करने की योजना बना रही है।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण विकास स्टैनलो रिफाइनरी में यूके के पहले लार्ज स्केल लो-कार्बन हाइड्रोजन हब का निर्माण है। हब से 350 मेगावाट हाइड्रोजन की आपूर्ति और सालाना 2.5 मिलियन टन कार्बन की उम्मीद की जा रही है, जो सड़क से 1.1 मिलियन कारों को हटाने के बराबर है।
एस्सार यूके की ऊर्जा जरूरतों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। स्टैनलो रिफाइनरी मौजूदा समय में देश के ईंधन का 16 प्रतिशत आपूर्ति कर रही है।
यूके की हाल ही में शुरू की गई 20 बिलियन पाउंड की डीकार्बोनाइजेशन पहल, एस्सार की स्टैनलो में कार्बन उत्सर्जन को 2030 तक 95 प्रतिशत तक कम करने की योजना का समर्थन करती है। यही वजह है कि यह ग्रीन रिफाइनिंग में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित हो गया है।
ग्रीन ट्रकिंग में एस्सार के प्रयासों को भी रेखांकित किया गया, जिसमें भारत के ट्रकिंग उद्योग से उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का ट्रकिंग उद्योग वर्तमान में सालाना 400 मिलियन टन से अधिक सीओटू उत्सर्जित करता है।
इसका लक्ष्य एलएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों के संयोजन का इस्तेमाल कर उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कटौती करना है। एक दोहरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा रहा है, जहां कम दूरी के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों और लंबी दूरी के लिए एलएनजी ट्रकों का इस्तेमाल होगा।
500 से अधिक एलएनजी ट्रक बिना ईंधन भरे पहले से ही 1200 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं। भविष्य में बेड़े को बढ़ाने की योजना है।
एस्सार नवीकरणीय स्रोतों को एक हाइब्रिड मॉडल में एकीकृत करने पर भी काम कर रहा है, जो चौबीसों घंटे विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
बैटरी स्टोरेज और पंप हाइड्रो जैसे नवाचारों के साथ, कंपनी का उद्देश्य उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए बिना किसी रुकावट के बिजली प्रदान करना है।
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इंटरव्यू के दौरान, एस्सार की महत्वाकांक्षी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। समिट में मुख्य क्षेत्रों ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, धातु एवं खनन, प्रौद्योगिकी एवं खुदरा को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के मानदंडों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एस्सार सक्रिय रूप से अपने हरित व्यवसायों के पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है। कंपनी हरित ट्रकिंग, 24/7 नवीकरणीय ऊर्जा समाधान और अपनी रिफाइनरियों में हाइड्रोजन एकीकरण जैसे क्षेत्रों में नवाचारों का नेतृत्व करने की योजना बना रही है।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण विकास स्टैनलो रिफाइनरी में यूके के पहले लार्ज स्केल लो-कार्बन हाइड्रोजन हब का निर्माण है। हब से 350 मेगावाट हाइड्रोजन की आपूर्ति और सालाना 2.5 मिलियन टन कार्बन की उम्मीद की जा रही है, जो सड़क से 1.1 मिलियन कारों को हटाने के बराबर है।
एस्सार यूके की ऊर्जा जरूरतों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। स्टैनलो रिफाइनरी मौजूदा समय में देश के ईंधन का 16 प्रतिशत आपूर्ति कर रही है।
यूके की हाल ही में शुरू की गई 20 बिलियन पाउंड की डीकार्बोनाइजेशन पहल, एस्सार की स्टैनलो में कार्बन उत्सर्जन को 2030 तक 95 प्रतिशत तक कम करने की योजना का समर्थन करती है। यही वजह है कि यह ग्रीन रिफाइनिंग में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित हो गया है।
ग्रीन ट्रकिंग में एस्सार के प्रयासों को भी रेखांकित किया गया, जिसमें भारत के ट्रकिंग उद्योग से उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का ट्रकिंग उद्योग वर्तमान में सालाना 400 मिलियन टन से अधिक सीओटू उत्सर्जित करता है।
इसका लक्ष्य एलएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों के संयोजन का इस्तेमाल कर उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कटौती करना है। एक दोहरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा रहा है, जहां कम दूरी के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों और लंबी दूरी के लिए एलएनजी ट्रकों का इस्तेमाल होगा।
500 से अधिक एलएनजी ट्रक बिना ईंधन भरे पहले से ही 1200 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं। भविष्य में बेड़े को बढ़ाने की योजना है।
एस्सार नवीकरणीय स्रोतों को एक हाइब्रिड मॉडल में एकीकृत करने पर भी काम कर रहा है, जो चौबीसों घंटे विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
बैटरी स्टोरेज और पंप हाइड्रो जैसे नवाचारों के साथ, कंपनी का उद्देश्य उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए बिना किसी रुकावट के बिजली प्रदान करना है।
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नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। एस्सार यूनाइटेड किंगडम दुनिया की पहली डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन रिफाइनरी बनने की राह पर है। एस्सार कैपिटल के निदेशक प्रशांत रुइया 8 अक्टूबर को दिल्ली में फाइनेंशियल टाइम्स एनर्जी ट्रांजिशन समिट 2024 में शामिल हुए। समिट में प्रशांत रुइया ने डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन रिफाइनरी को लेकर जानकारी दी।
इंटरव्यू के दौरान, एस्सार की महत्वाकांक्षी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। समिट में मुख्य क्षेत्रों ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, धातु एवं खनन, प्रौद्योगिकी एवं खुदरा को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के मानदंडों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एस्सार सक्रिय रूप से अपने हरित व्यवसायों के पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है। कंपनी हरित ट्रकिंग, 24/7 नवीकरणीय ऊर्जा समाधान और अपनी रिफाइनरियों में हाइड्रोजन एकीकरण जैसे क्षेत्रों में नवाचारों का नेतृत्व करने की योजना बना रही है।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण विकास स्टैनलो रिफाइनरी में यूके के पहले लार्ज स्केल लो-कार्बन हाइड्रोजन हब का निर्माण है। हब से 350 मेगावाट हाइड्रोजन की आपूर्ति और सालाना 2.5 मिलियन टन कार्बन की उम्मीद की जा रही है, जो सड़क से 1.1 मिलियन कारों को हटाने के बराबर है।
एस्सार यूके की ऊर्जा जरूरतों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। स्टैनलो रिफाइनरी मौजूदा समय में देश के ईंधन का 16 प्रतिशत आपूर्ति कर रही है।
यूके की हाल ही में शुरू की गई 20 बिलियन पाउंड की डीकार्बोनाइजेशन पहल, एस्सार की स्टैनलो में कार्बन उत्सर्जन को 2030 तक 95 प्रतिशत तक कम करने की योजना का समर्थन करती है। यही वजह है कि यह ग्रीन रिफाइनिंग में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित हो गया है।
ग्रीन ट्रकिंग में एस्सार के प्रयासों को भी रेखांकित किया गया, जिसमें भारत के ट्रकिंग उद्योग से उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का ट्रकिंग उद्योग वर्तमान में सालाना 400 मिलियन टन से अधिक सीओटू उत्सर्जित करता है।
इसका लक्ष्य एलएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों के संयोजन का इस्तेमाल कर उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कटौती करना है। एक दोहरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा रहा है, जहां कम दूरी के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों और लंबी दूरी के लिए एलएनजी ट्रकों का इस्तेमाल होगा।
500 से अधिक एलएनजी ट्रक बिना ईंधन भरे पहले से ही 1200 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं। भविष्य में बेड़े को बढ़ाने की योजना है।
एस्सार नवीकरणीय स्रोतों को एक हाइब्रिड मॉडल में एकीकृत करने पर भी काम कर रहा है, जो चौबीसों घंटे विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
बैटरी स्टोरेज और पंप हाइड्रो जैसे नवाचारों के साथ, कंपनी का उद्देश्य उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए बिना किसी रुकावट के बिजली प्रदान करना है।
–आईएएनएस
एसकेटी/एएस
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नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। एस्सार यूनाइटेड किंगडम दुनिया की पहली डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन रिफाइनरी बनने की राह पर है। एस्सार कैपिटल के निदेशक प्रशांत रुइया 8 अक्टूबर को दिल्ली में फाइनेंशियल टाइम्स एनर्जी ट्रांजिशन समिट 2024 में शामिल हुए। समिट में प्रशांत रुइया ने डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन रिफाइनरी को लेकर जानकारी दी।
इंटरव्यू के दौरान, एस्सार की महत्वाकांक्षी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। समिट में मुख्य क्षेत्रों ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, धातु एवं खनन, प्रौद्योगिकी एवं खुदरा को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के मानदंडों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एस्सार सक्रिय रूप से अपने हरित व्यवसायों के पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है। कंपनी हरित ट्रकिंग, 24/7 नवीकरणीय ऊर्जा समाधान और अपनी रिफाइनरियों में हाइड्रोजन एकीकरण जैसे क्षेत्रों में नवाचारों का नेतृत्व करने की योजना बना रही है।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण विकास स्टैनलो रिफाइनरी में यूके के पहले लार्ज स्केल लो-कार्बन हाइड्रोजन हब का निर्माण है। हब से 350 मेगावाट हाइड्रोजन की आपूर्ति और सालाना 2.5 मिलियन टन कार्बन की उम्मीद की जा रही है, जो सड़क से 1.1 मिलियन कारों को हटाने के बराबर है।
एस्सार यूके की ऊर्जा जरूरतों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। स्टैनलो रिफाइनरी मौजूदा समय में देश के ईंधन का 16 प्रतिशत आपूर्ति कर रही है।
यूके की हाल ही में शुरू की गई 20 बिलियन पाउंड की डीकार्बोनाइजेशन पहल, एस्सार की स्टैनलो में कार्बन उत्सर्जन को 2030 तक 95 प्रतिशत तक कम करने की योजना का समर्थन करती है। यही वजह है कि यह ग्रीन रिफाइनिंग में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित हो गया है।
ग्रीन ट्रकिंग में एस्सार के प्रयासों को भी रेखांकित किया गया, जिसमें भारत के ट्रकिंग उद्योग से उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का ट्रकिंग उद्योग वर्तमान में सालाना 400 मिलियन टन से अधिक सीओटू उत्सर्जित करता है।
इसका लक्ष्य एलएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों के संयोजन का इस्तेमाल कर उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कटौती करना है। एक दोहरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा रहा है, जहां कम दूरी के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों और लंबी दूरी के लिए एलएनजी ट्रकों का इस्तेमाल होगा।
500 से अधिक एलएनजी ट्रक बिना ईंधन भरे पहले से ही 1200 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं। भविष्य में बेड़े को बढ़ाने की योजना है।
एस्सार नवीकरणीय स्रोतों को एक हाइब्रिड मॉडल में एकीकृत करने पर भी काम कर रहा है, जो चौबीसों घंटे विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
बैटरी स्टोरेज और पंप हाइड्रो जैसे नवाचारों के साथ, कंपनी का उद्देश्य उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए बिना किसी रुकावट के बिजली प्रदान करना है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। एस्सार यूनाइटेड किंगडम दुनिया की पहली डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन रिफाइनरी बनने की राह पर है। एस्सार कैपिटल के निदेशक प्रशांत रुइया 8 अक्टूबर को दिल्ली में फाइनेंशियल टाइम्स एनर्जी ट्रांजिशन समिट 2024 में शामिल हुए। समिट में प्रशांत रुइया ने डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन रिफाइनरी को लेकर जानकारी दी।
इंटरव्यू के दौरान, एस्सार की महत्वाकांक्षी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। समिट में मुख्य क्षेत्रों ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, धातु एवं खनन, प्रौद्योगिकी एवं खुदरा को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के मानदंडों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एस्सार सक्रिय रूप से अपने हरित व्यवसायों के पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है। कंपनी हरित ट्रकिंग, 24/7 नवीकरणीय ऊर्जा समाधान और अपनी रिफाइनरियों में हाइड्रोजन एकीकरण जैसे क्षेत्रों में नवाचारों का नेतृत्व करने की योजना बना रही है।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण विकास स्टैनलो रिफाइनरी में यूके के पहले लार्ज स्केल लो-कार्बन हाइड्रोजन हब का निर्माण है। हब से 350 मेगावाट हाइड्रोजन की आपूर्ति और सालाना 2.5 मिलियन टन कार्बन की उम्मीद की जा रही है, जो सड़क से 1.1 मिलियन कारों को हटाने के बराबर है।
एस्सार यूके की ऊर्जा जरूरतों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। स्टैनलो रिफाइनरी मौजूदा समय में देश के ईंधन का 16 प्रतिशत आपूर्ति कर रही है।
यूके की हाल ही में शुरू की गई 20 बिलियन पाउंड की डीकार्बोनाइजेशन पहल, एस्सार की स्टैनलो में कार्बन उत्सर्जन को 2030 तक 95 प्रतिशत तक कम करने की योजना का समर्थन करती है। यही वजह है कि यह ग्रीन रिफाइनिंग में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित हो गया है।
ग्रीन ट्रकिंग में एस्सार के प्रयासों को भी रेखांकित किया गया, जिसमें भारत के ट्रकिंग उद्योग से उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का ट्रकिंग उद्योग वर्तमान में सालाना 400 मिलियन टन से अधिक सीओटू उत्सर्जित करता है।
इसका लक्ष्य एलएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों के संयोजन का इस्तेमाल कर उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कटौती करना है। एक दोहरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा रहा है, जहां कम दूरी के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों और लंबी दूरी के लिए एलएनजी ट्रकों का इस्तेमाल होगा।
500 से अधिक एलएनजी ट्रक बिना ईंधन भरे पहले से ही 1200 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं। भविष्य में बेड़े को बढ़ाने की योजना है।
एस्सार नवीकरणीय स्रोतों को एक हाइब्रिड मॉडल में एकीकृत करने पर भी काम कर रहा है, जो चौबीसों घंटे विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
बैटरी स्टोरेज और पंप हाइड्रो जैसे नवाचारों के साथ, कंपनी का उद्देश्य उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए बिना किसी रुकावट के बिजली प्रदान करना है।
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नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। एस्सार यूनाइटेड किंगडम दुनिया की पहली डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन रिफाइनरी बनने की राह पर है। एस्सार कैपिटल के निदेशक प्रशांत रुइया 8 अक्टूबर को दिल्ली में फाइनेंशियल टाइम्स एनर्जी ट्रांजिशन समिट 2024 में शामिल हुए। समिट में प्रशांत रुइया ने डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन रिफाइनरी को लेकर जानकारी दी।
इंटरव्यू के दौरान, एस्सार की महत्वाकांक्षी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। समिट में मुख्य क्षेत्रों ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, धातु एवं खनन, प्रौद्योगिकी एवं खुदरा को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के मानदंडों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एस्सार सक्रिय रूप से अपने हरित व्यवसायों के पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है। कंपनी हरित ट्रकिंग, 24/7 नवीकरणीय ऊर्जा समाधान और अपनी रिफाइनरियों में हाइड्रोजन एकीकरण जैसे क्षेत्रों में नवाचारों का नेतृत्व करने की योजना बना रही है।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण विकास स्टैनलो रिफाइनरी में यूके के पहले लार्ज स्केल लो-कार्बन हाइड्रोजन हब का निर्माण है। हब से 350 मेगावाट हाइड्रोजन की आपूर्ति और सालाना 2.5 मिलियन टन कार्बन की उम्मीद की जा रही है, जो सड़क से 1.1 मिलियन कारों को हटाने के बराबर है।
एस्सार यूके की ऊर्जा जरूरतों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। स्टैनलो रिफाइनरी मौजूदा समय में देश के ईंधन का 16 प्रतिशत आपूर्ति कर रही है।
यूके की हाल ही में शुरू की गई 20 बिलियन पाउंड की डीकार्बोनाइजेशन पहल, एस्सार की स्टैनलो में कार्बन उत्सर्जन को 2030 तक 95 प्रतिशत तक कम करने की योजना का समर्थन करती है। यही वजह है कि यह ग्रीन रिफाइनिंग में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित हो गया है।
ग्रीन ट्रकिंग में एस्सार के प्रयासों को भी रेखांकित किया गया, जिसमें भारत के ट्रकिंग उद्योग से उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का ट्रकिंग उद्योग वर्तमान में सालाना 400 मिलियन टन से अधिक सीओटू उत्सर्जित करता है।
इसका लक्ष्य एलएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों के संयोजन का इस्तेमाल कर उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कटौती करना है। एक दोहरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा रहा है, जहां कम दूरी के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों और लंबी दूरी के लिए एलएनजी ट्रकों का इस्तेमाल होगा।
500 से अधिक एलएनजी ट्रक बिना ईंधन भरे पहले से ही 1200 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं। भविष्य में बेड़े को बढ़ाने की योजना है।
एस्सार नवीकरणीय स्रोतों को एक हाइब्रिड मॉडल में एकीकृत करने पर भी काम कर रहा है, जो चौबीसों घंटे विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
बैटरी स्टोरेज और पंप हाइड्रो जैसे नवाचारों के साथ, कंपनी का उद्देश्य उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए बिना किसी रुकावट के बिजली प्रदान करना है।
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नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। एस्सार यूनाइटेड किंगडम दुनिया की पहली डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन रिफाइनरी बनने की राह पर है। एस्सार कैपिटल के निदेशक प्रशांत रुइया 8 अक्टूबर को दिल्ली में फाइनेंशियल टाइम्स एनर्जी ट्रांजिशन समिट 2024 में शामिल हुए। समिट में प्रशांत रुइया ने डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन रिफाइनरी को लेकर जानकारी दी।
इंटरव्यू के दौरान, एस्सार की महत्वाकांक्षी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। समिट में मुख्य क्षेत्रों ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, धातु एवं खनन, प्रौद्योगिकी एवं खुदरा को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के मानदंडों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एस्सार सक्रिय रूप से अपने हरित व्यवसायों के पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है। कंपनी हरित ट्रकिंग, 24/7 नवीकरणीय ऊर्जा समाधान और अपनी रिफाइनरियों में हाइड्रोजन एकीकरण जैसे क्षेत्रों में नवाचारों का नेतृत्व करने की योजना बना रही है।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण विकास स्टैनलो रिफाइनरी में यूके के पहले लार्ज स्केल लो-कार्बन हाइड्रोजन हब का निर्माण है। हब से 350 मेगावाट हाइड्रोजन की आपूर्ति और सालाना 2.5 मिलियन टन कार्बन की उम्मीद की जा रही है, जो सड़क से 1.1 मिलियन कारों को हटाने के बराबर है।
एस्सार यूके की ऊर्जा जरूरतों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। स्टैनलो रिफाइनरी मौजूदा समय में देश के ईंधन का 16 प्रतिशत आपूर्ति कर रही है।
यूके की हाल ही में शुरू की गई 20 बिलियन पाउंड की डीकार्बोनाइजेशन पहल, एस्सार की स्टैनलो में कार्बन उत्सर्जन को 2030 तक 95 प्रतिशत तक कम करने की योजना का समर्थन करती है। यही वजह है कि यह ग्रीन रिफाइनिंग में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित हो गया है।
ग्रीन ट्रकिंग में एस्सार के प्रयासों को भी रेखांकित किया गया, जिसमें भारत के ट्रकिंग उद्योग से उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का ट्रकिंग उद्योग वर्तमान में सालाना 400 मिलियन टन से अधिक सीओटू उत्सर्जित करता है।
इसका लक्ष्य एलएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों के संयोजन का इस्तेमाल कर उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कटौती करना है। एक दोहरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा रहा है, जहां कम दूरी के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों और लंबी दूरी के लिए एलएनजी ट्रकों का इस्तेमाल होगा।
500 से अधिक एलएनजी ट्रक बिना ईंधन भरे पहले से ही 1200 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं। भविष्य में बेड़े को बढ़ाने की योजना है।
एस्सार नवीकरणीय स्रोतों को एक हाइब्रिड मॉडल में एकीकृत करने पर भी काम कर रहा है, जो चौबीसों घंटे विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
बैटरी स्टोरेज और पंप हाइड्रो जैसे नवाचारों के साथ, कंपनी का उद्देश्य उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए बिना किसी रुकावट के बिजली प्रदान करना है।
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इंटरव्यू के दौरान, एस्सार की महत्वाकांक्षी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। समिट में मुख्य क्षेत्रों ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, धातु एवं खनन, प्रौद्योगिकी एवं खुदरा को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के मानदंडों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एस्सार सक्रिय रूप से अपने हरित व्यवसायों के पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है। कंपनी हरित ट्रकिंग, 24/7 नवीकरणीय ऊर्जा समाधान और अपनी रिफाइनरियों में हाइड्रोजन एकीकरण जैसे क्षेत्रों में नवाचारों का नेतृत्व करने की योजना बना रही है।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण विकास स्टैनलो रिफाइनरी में यूके के पहले लार्ज स्केल लो-कार्बन हाइड्रोजन हब का निर्माण है। हब से 350 मेगावाट हाइड्रोजन की आपूर्ति और सालाना 2.5 मिलियन टन कार्बन की उम्मीद की जा रही है, जो सड़क से 1.1 मिलियन कारों को हटाने के बराबर है।
एस्सार यूके की ऊर्जा जरूरतों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। स्टैनलो रिफाइनरी मौजूदा समय में देश के ईंधन का 16 प्रतिशत आपूर्ति कर रही है।
यूके की हाल ही में शुरू की गई 20 बिलियन पाउंड की डीकार्बोनाइजेशन पहल, एस्सार की स्टैनलो में कार्बन उत्सर्जन को 2030 तक 95 प्रतिशत तक कम करने की योजना का समर्थन करती है। यही वजह है कि यह ग्रीन रिफाइनिंग में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित हो गया है।
ग्रीन ट्रकिंग में एस्सार के प्रयासों को भी रेखांकित किया गया, जिसमें भारत के ट्रकिंग उद्योग से उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का ट्रकिंग उद्योग वर्तमान में सालाना 400 मिलियन टन से अधिक सीओटू उत्सर्जित करता है।
इसका लक्ष्य एलएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों के संयोजन का इस्तेमाल कर उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कटौती करना है। एक दोहरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा रहा है, जहां कम दूरी के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों और लंबी दूरी के लिए एलएनजी ट्रकों का इस्तेमाल होगा।
500 से अधिक एलएनजी ट्रक बिना ईंधन भरे पहले से ही 1200 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं। भविष्य में बेड़े को बढ़ाने की योजना है।
एस्सार नवीकरणीय स्रोतों को एक हाइब्रिड मॉडल में एकीकृत करने पर भी काम कर रहा है, जो चौबीसों घंटे विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
बैटरी स्टोरेज और पंप हाइड्रो जैसे नवाचारों के साथ, कंपनी का उद्देश्य उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए बिना किसी रुकावट के बिजली प्रदान करना है।
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नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। एस्सार यूनाइटेड किंगडम दुनिया की पहली डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन रिफाइनरी बनने की राह पर है। एस्सार कैपिटल के निदेशक प्रशांत रुइया 8 अक्टूबर को दिल्ली में फाइनेंशियल टाइम्स एनर्जी ट्रांजिशन समिट 2024 में शामिल हुए। समिट में प्रशांत रुइया ने डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन रिफाइनरी को लेकर जानकारी दी।
इंटरव्यू के दौरान, एस्सार की महत्वाकांक्षी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। समिट में मुख्य क्षेत्रों ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, धातु एवं खनन, प्रौद्योगिकी एवं खुदरा को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के मानदंडों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एस्सार सक्रिय रूप से अपने हरित व्यवसायों के पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है। कंपनी हरित ट्रकिंग, 24/7 नवीकरणीय ऊर्जा समाधान और अपनी रिफाइनरियों में हाइड्रोजन एकीकरण जैसे क्षेत्रों में नवाचारों का नेतृत्व करने की योजना बना रही है।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण विकास स्टैनलो रिफाइनरी में यूके के पहले लार्ज स्केल लो-कार्बन हाइड्रोजन हब का निर्माण है। हब से 350 मेगावाट हाइड्रोजन की आपूर्ति और सालाना 2.5 मिलियन टन कार्बन की उम्मीद की जा रही है, जो सड़क से 1.1 मिलियन कारों को हटाने के बराबर है।
एस्सार यूके की ऊर्जा जरूरतों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। स्टैनलो रिफाइनरी मौजूदा समय में देश के ईंधन का 16 प्रतिशत आपूर्ति कर रही है।
यूके की हाल ही में शुरू की गई 20 बिलियन पाउंड की डीकार्बोनाइजेशन पहल, एस्सार की स्टैनलो में कार्बन उत्सर्जन को 2030 तक 95 प्रतिशत तक कम करने की योजना का समर्थन करती है। यही वजह है कि यह ग्रीन रिफाइनिंग में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित हो गया है।
ग्रीन ट्रकिंग में एस्सार के प्रयासों को भी रेखांकित किया गया, जिसमें भारत के ट्रकिंग उद्योग से उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का ट्रकिंग उद्योग वर्तमान में सालाना 400 मिलियन टन से अधिक सीओटू उत्सर्जित करता है।
इसका लक्ष्य एलएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों के संयोजन का इस्तेमाल कर उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कटौती करना है। एक दोहरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा रहा है, जहां कम दूरी के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों और लंबी दूरी के लिए एलएनजी ट्रकों का इस्तेमाल होगा।
500 से अधिक एलएनजी ट्रक बिना ईंधन भरे पहले से ही 1200 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं। भविष्य में बेड़े को बढ़ाने की योजना है।
एस्सार नवीकरणीय स्रोतों को एक हाइब्रिड मॉडल में एकीकृत करने पर भी काम कर रहा है, जो चौबीसों घंटे विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
बैटरी स्टोरेज और पंप हाइड्रो जैसे नवाचारों के साथ, कंपनी का उद्देश्य उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए बिना किसी रुकावट के बिजली प्रदान करना है।
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इंटरव्यू के दौरान, एस्सार की महत्वाकांक्षी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। समिट में मुख्य क्षेत्रों ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, धातु एवं खनन, प्रौद्योगिकी एवं खुदरा को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के मानदंडों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एस्सार सक्रिय रूप से अपने हरित व्यवसायों के पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है। कंपनी हरित ट्रकिंग, 24/7 नवीकरणीय ऊर्जा समाधान और अपनी रिफाइनरियों में हाइड्रोजन एकीकरण जैसे क्षेत्रों में नवाचारों का नेतृत्व करने की योजना बना रही है।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण विकास स्टैनलो रिफाइनरी में यूके के पहले लार्ज स्केल लो-कार्बन हाइड्रोजन हब का निर्माण है। हब से 350 मेगावाट हाइड्रोजन की आपूर्ति और सालाना 2.5 मिलियन टन कार्बन की उम्मीद की जा रही है, जो सड़क से 1.1 मिलियन कारों को हटाने के बराबर है।
एस्सार यूके की ऊर्जा जरूरतों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। स्टैनलो रिफाइनरी मौजूदा समय में देश के ईंधन का 16 प्रतिशत आपूर्ति कर रही है।
यूके की हाल ही में शुरू की गई 20 बिलियन पाउंड की डीकार्बोनाइजेशन पहल, एस्सार की स्टैनलो में कार्बन उत्सर्जन को 2030 तक 95 प्रतिशत तक कम करने की योजना का समर्थन करती है। यही वजह है कि यह ग्रीन रिफाइनिंग में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित हो गया है।
ग्रीन ट्रकिंग में एस्सार के प्रयासों को भी रेखांकित किया गया, जिसमें भारत के ट्रकिंग उद्योग से उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का ट्रकिंग उद्योग वर्तमान में सालाना 400 मिलियन टन से अधिक सीओटू उत्सर्जित करता है।
इसका लक्ष्य एलएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों के संयोजन का इस्तेमाल कर उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कटौती करना है। एक दोहरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा रहा है, जहां कम दूरी के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों और लंबी दूरी के लिए एलएनजी ट्रकों का इस्तेमाल होगा।
500 से अधिक एलएनजी ट्रक बिना ईंधन भरे पहले से ही 1200 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं। भविष्य में बेड़े को बढ़ाने की योजना है।
एस्सार नवीकरणीय स्रोतों को एक हाइब्रिड मॉडल में एकीकृत करने पर भी काम कर रहा है, जो चौबीसों घंटे विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
बैटरी स्टोरेज और पंप हाइड्रो जैसे नवाचारों के साथ, कंपनी का उद्देश्य उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए बिना किसी रुकावट के बिजली प्रदान करना है।