लखनऊ, 29 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी प्रैक्टिस करने के आरोप में दो डॉक्टरों की सेवा समाप्त कर दी है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जिनके पास स्वास्थ्य मंत्री का प्रभार भी है, ने कहा कि बाराबंकी के रामसनेही घाट सीएचसी में ऑर्थो सर्जन के पद पर तैनात डॉ. राजेश कुमार वर्मा और नोएडा के दनकौर सीएचसी के अस्पताल में पदस्थापित चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय प्रताप सिंह की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह के किसी भी उल्लंघन से सख्ती से निपटा जाएगा।
विभागीय जांच में दोनों डॉक्टरों को दोषी पाए जाने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मरीजों के तीमारदारों द्वारा की गई कई शिकायतों पर जांच के आदेश दिए गए थे। वे 1978 में जारी एक राज्य सरकार के आदेश का उल्लंघन करते हुए पाए गए, जो सरकारी डॉक्टरों द्वारा निजी अभ्यास पर प्रतिबंध लगाता है।
इसे सरकारी कर्मचारी आचरण नियम, 1956 के उल्लंघन के रूप में भी देखा जाता है।
अधिकारियों के अनुसार, दोनों प्रांतीय चिकित्सा सेवाओं के माध्यम से चुने गए नियमित डॉक्टर थे।
–आईएएनएस
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