नई दिल्ली, 6 सितंबर (आईएएनएस)। प्रो. विंध्यवासिनी पांडेय को दिल्ली विश्वविद्यालय के ‘केंद्रीय हिमालय अध्ययन केंद्र’ का डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। यह संस्था हिमालय क्षेत्र के अध्ययन और अनुसंधान को उन्नति के लिए काम करती है।
प्रोफेसर विंध्यवासिनी दिल्ली विश्वविद्यालय में भूगोल विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के मुताबिक प्रो. पांडेय का जुड़ाव प्रकृति से बहुत गहरा है। इनका जन्म बनारस के दानगंज बाजार चोलापुर ब्लाक के सुल्तानीपुरी गांव में हुआ है।
‘केंद्रीय हिमालय अध्ययन केंद्र’ नामक यह संस्था हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश, भूटान, नेपाल, तिब्बत, और अन्य हिमालयी राज्यों और प्रदेशों के साथ हिमालय क्षेत्र की विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करती है।
इसका उद्देश्य हिमालय के इतिहास, भूगोल, समाज, अर्थव्यवस्था, राजनीति, संस्कृति, पारंपरिक ज्ञान, जैव संसाधन, पर्यावरण, सतत विकास और संबंधित क्षेत्रों का अध्ययन करने के लिए समर्पित एक बहु-विषयक अनुसंधान सेंटर बनाना है।
केंद्र में विभिन्न शोध प्रोजेक्ट्स, सेमिनार्स, कार्यशालाएं, और अन्य शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें हिमालय क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया जाता है।
इसके अलावा, यह केंद्र हिमालय क्षेत्र के लिए एक समृद्धि स्रोत के रूप में कार्य करता है और छात्रों और शोधकर्ताओं को इस क्षेत्र में उनके अध्ययन और अनुसंधान के लिए नए अवसर उपलब्ध करता है।
आरम्भिक शिक्षा बनारस से ग्रहण करने के बाद प्रोफेसर पांडेय ने अपनी उच्च शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रहण की। इनके निर्देशन में अभी तक 10 से अधिक छात्रों ने पीएचडी की है। वह दो दर्जन से अधिक छात्रों को एमफिल करा चुके हैं।
साथ ही उन्होंने 10 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया हैं। 100 से अधिक शोध पत्र का लेखन इन्होंने किया है तथा 50 से अधिक फील्ड वर्क का अनुभव है।
वह भूगोल विभाग में प्रोफेसर के साथ-साथ दिल्ली विश्वविद्यालय में डीन वर्क, प्रोवोस्ट इंटरनेशनल हास्टल दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे महत्वपूर्ण पद पर भी हैं।
केंद्रीय हिमालय अध्ययन केंद्र के डायरेक्टर बनने पर प्रो. विंध्यवासिनी पांडेय ने कहा कि आम लोगों तक हिमालय के बारे में लोगों में जागरूकता लाना ही हमारा पहला उद्देश्य रहेगा।
देश और दुनिया के लोग इस संस्था के बारे में जानें और हिमालय क्षेत्र पर काम करने वाले सभी लोग दिल्ली विश्वविद्यालय के इस केंद्र से ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सकें, यही पहली कोशिश रहेगी।
–आईएएनएस
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