कोलकाता, 11 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टीएमसी नेता मनोज घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था। उन्होंने बीरभूम जिले के नलहटी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक ग्राम पंचायत सीट पर जीत हासिल कर ली है।
मनोष घोष ने 309 वोटों से जीत हासिल की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने पिछले साल बीरभूम जिले से 81,000 डेटोनेटर (विस्फोटक) की बरामदगी के मामले में घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था।
बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस का जिला नेतृत्व मंगलवार को घोष की जीत से उत्साहित नजर आ रहा है। टीएमसी का कहना है कि भाजपा और केंद्र सरकार के आग्रह पर केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से परेशान किए जाने और गिरफ्तार किए जाने के बावजूद, घोष की जीत साबित करती है कि उन्हें क्षेत्र में जनता का विश्वास बरकरार है।
बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस की एक जिला समिति के सदस्य ने कहा, ”जितना अधिक भाजपा हमारे खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों को तैनात करेगी, उतना ही ज्यादा हम जनता की सहानुभूति और विश्वास का आनंद लेंगे।”
हालांकि, जिला भाजपा नेतृत्व का कहना है कि 8 जुलाई को मतदान के दिन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चुनाव संबंधी हिंसा हुई। इस दौरान विपक्षी एजेंटों को मतदान केंद्रों से बाहर निकाल दिया गया था और लोगों को स्वतंत्र रूप से मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसी वजह से घोष की जीत हुई है। हालांकि, उनकी जीत का अंतर ज्यादा नहीं है।
घोष को एनआईए अधिकारियों ने बीरभूम जिले के नलहाटी पुलिस स्टेशन में बुलाया था। एनआईए के अधिकारियों ने घंटों की पूछताछ के बाद सोमवार दोपहर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले इसी साल अप्रैल में एनआईए ने इस मामले में एनआईए की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
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कोलकाता, 11 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टीएमसी नेता मनोज घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था। उन्होंने बीरभूम जिले के नलहटी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक ग्राम पंचायत सीट पर जीत हासिल कर ली है।
मनोष घोष ने 309 वोटों से जीत हासिल की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने पिछले साल बीरभूम जिले से 81,000 डेटोनेटर (विस्फोटक) की बरामदगी के मामले में घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था।
बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस का जिला नेतृत्व मंगलवार को घोष की जीत से उत्साहित नजर आ रहा है। टीएमसी का कहना है कि भाजपा और केंद्र सरकार के आग्रह पर केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से परेशान किए जाने और गिरफ्तार किए जाने के बावजूद, घोष की जीत साबित करती है कि उन्हें क्षेत्र में जनता का विश्वास बरकरार है।
बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस की एक जिला समिति के सदस्य ने कहा, ”जितना अधिक भाजपा हमारे खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों को तैनात करेगी, उतना ही ज्यादा हम जनता की सहानुभूति और विश्वास का आनंद लेंगे।”
हालांकि, जिला भाजपा नेतृत्व का कहना है कि 8 जुलाई को मतदान के दिन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चुनाव संबंधी हिंसा हुई। इस दौरान विपक्षी एजेंटों को मतदान केंद्रों से बाहर निकाल दिया गया था और लोगों को स्वतंत्र रूप से मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसी वजह से घोष की जीत हुई है। हालांकि, उनकी जीत का अंतर ज्यादा नहीं है।
घोष को एनआईए अधिकारियों ने बीरभूम जिले के नलहाटी पुलिस स्टेशन में बुलाया था। एनआईए के अधिकारियों ने घंटों की पूछताछ के बाद सोमवार दोपहर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले इसी साल अप्रैल में एनआईए ने इस मामले में एनआईए की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।
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मनोष घोष ने 309 वोटों से जीत हासिल की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने पिछले साल बीरभूम जिले से 81,000 डेटोनेटर (विस्फोटक) की बरामदगी के मामले में घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था।
बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस का जिला नेतृत्व मंगलवार को घोष की जीत से उत्साहित नजर आ रहा है। टीएमसी का कहना है कि भाजपा और केंद्र सरकार के आग्रह पर केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से परेशान किए जाने और गिरफ्तार किए जाने के बावजूद, घोष की जीत साबित करती है कि उन्हें क्षेत्र में जनता का विश्वास बरकरार है।
बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस की एक जिला समिति के सदस्य ने कहा, ”जितना अधिक भाजपा हमारे खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों को तैनात करेगी, उतना ही ज्यादा हम जनता की सहानुभूति और विश्वास का आनंद लेंगे।”
हालांकि, जिला भाजपा नेतृत्व का कहना है कि 8 जुलाई को मतदान के दिन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चुनाव संबंधी हिंसा हुई। इस दौरान विपक्षी एजेंटों को मतदान केंद्रों से बाहर निकाल दिया गया था और लोगों को स्वतंत्र रूप से मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसी वजह से घोष की जीत हुई है। हालांकि, उनकी जीत का अंतर ज्यादा नहीं है।
घोष को एनआईए अधिकारियों ने बीरभूम जिले के नलहाटी पुलिस स्टेशन में बुलाया था। एनआईए के अधिकारियों ने घंटों की पूछताछ के बाद सोमवार दोपहर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले इसी साल अप्रैल में एनआईए ने इस मामले में एनआईए की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।
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मनोष घोष ने 309 वोटों से जीत हासिल की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने पिछले साल बीरभूम जिले से 81,000 डेटोनेटर (विस्फोटक) की बरामदगी के मामले में घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था।
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हालांकि, जिला भाजपा नेतृत्व का कहना है कि 8 जुलाई को मतदान के दिन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चुनाव संबंधी हिंसा हुई। इस दौरान विपक्षी एजेंटों को मतदान केंद्रों से बाहर निकाल दिया गया था और लोगों को स्वतंत्र रूप से मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसी वजह से घोष की जीत हुई है। हालांकि, उनकी जीत का अंतर ज्यादा नहीं है।
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मनोष घोष ने 309 वोटों से जीत हासिल की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने पिछले साल बीरभूम जिले से 81,000 डेटोनेटर (विस्फोटक) की बरामदगी के मामले में घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था।
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बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस की एक जिला समिति के सदस्य ने कहा, ”जितना अधिक भाजपा हमारे खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों को तैनात करेगी, उतना ही ज्यादा हम जनता की सहानुभूति और विश्वास का आनंद लेंगे।”
हालांकि, जिला भाजपा नेतृत्व का कहना है कि 8 जुलाई को मतदान के दिन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चुनाव संबंधी हिंसा हुई। इस दौरान विपक्षी एजेंटों को मतदान केंद्रों से बाहर निकाल दिया गया था और लोगों को स्वतंत्र रूप से मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसी वजह से घोष की जीत हुई है। हालांकि, उनकी जीत का अंतर ज्यादा नहीं है।
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मनोष घोष ने 309 वोटों से जीत हासिल की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने पिछले साल बीरभूम जिले से 81,000 डेटोनेटर (विस्फोटक) की बरामदगी के मामले में घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था।
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हालांकि, जिला भाजपा नेतृत्व का कहना है कि 8 जुलाई को मतदान के दिन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चुनाव संबंधी हिंसा हुई। इस दौरान विपक्षी एजेंटों को मतदान केंद्रों से बाहर निकाल दिया गया था और लोगों को स्वतंत्र रूप से मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसी वजह से घोष की जीत हुई है। हालांकि, उनकी जीत का अंतर ज्यादा नहीं है।
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मनोष घोष ने 309 वोटों से जीत हासिल की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने पिछले साल बीरभूम जिले से 81,000 डेटोनेटर (विस्फोटक) की बरामदगी के मामले में घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था।
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मनोष घोष ने 309 वोटों से जीत हासिल की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने पिछले साल बीरभूम जिले से 81,000 डेटोनेटर (विस्फोटक) की बरामदगी के मामले में घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था।
बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस का जिला नेतृत्व मंगलवार को घोष की जीत से उत्साहित नजर आ रहा है। टीएमसी का कहना है कि भाजपा और केंद्र सरकार के आग्रह पर केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से परेशान किए जाने और गिरफ्तार किए जाने के बावजूद, घोष की जीत साबित करती है कि उन्हें क्षेत्र में जनता का विश्वास बरकरार है।
बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस की एक जिला समिति के सदस्य ने कहा, ”जितना अधिक भाजपा हमारे खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों को तैनात करेगी, उतना ही ज्यादा हम जनता की सहानुभूति और विश्वास का आनंद लेंगे।”
हालांकि, जिला भाजपा नेतृत्व का कहना है कि 8 जुलाई को मतदान के दिन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चुनाव संबंधी हिंसा हुई। इस दौरान विपक्षी एजेंटों को मतदान केंद्रों से बाहर निकाल दिया गया था और लोगों को स्वतंत्र रूप से मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसी वजह से घोष की जीत हुई है। हालांकि, उनकी जीत का अंतर ज्यादा नहीं है।
घोष को एनआईए अधिकारियों ने बीरभूम जिले के नलहाटी पुलिस स्टेशन में बुलाया था। एनआईए के अधिकारियों ने घंटों की पूछताछ के बाद सोमवार दोपहर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले इसी साल अप्रैल में एनआईए ने इस मामले में एनआईए की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।
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मनोष घोष ने 309 वोटों से जीत हासिल की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने पिछले साल बीरभूम जिले से 81,000 डेटोनेटर (विस्फोटक) की बरामदगी के मामले में घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था।
बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस का जिला नेतृत्व मंगलवार को घोष की जीत से उत्साहित नजर आ रहा है। टीएमसी का कहना है कि भाजपा और केंद्र सरकार के आग्रह पर केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से परेशान किए जाने और गिरफ्तार किए जाने के बावजूद, घोष की जीत साबित करती है कि उन्हें क्षेत्र में जनता का विश्वास बरकरार है।
बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस की एक जिला समिति के सदस्य ने कहा, ”जितना अधिक भाजपा हमारे खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों को तैनात करेगी, उतना ही ज्यादा हम जनता की सहानुभूति और विश्वास का आनंद लेंगे।”
हालांकि, जिला भाजपा नेतृत्व का कहना है कि 8 जुलाई को मतदान के दिन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चुनाव संबंधी हिंसा हुई। इस दौरान विपक्षी एजेंटों को मतदान केंद्रों से बाहर निकाल दिया गया था और लोगों को स्वतंत्र रूप से मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसी वजह से घोष की जीत हुई है। हालांकि, उनकी जीत का अंतर ज्यादा नहीं है।
घोष को एनआईए अधिकारियों ने बीरभूम जिले के नलहाटी पुलिस स्टेशन में बुलाया था। एनआईए के अधिकारियों ने घंटों की पूछताछ के बाद सोमवार दोपहर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले इसी साल अप्रैल में एनआईए ने इस मामले में एनआईए की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।
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मनोष घोष ने 309 वोटों से जीत हासिल की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने पिछले साल बीरभूम जिले से 81,000 डेटोनेटर (विस्फोटक) की बरामदगी के मामले में घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था।
बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस का जिला नेतृत्व मंगलवार को घोष की जीत से उत्साहित नजर आ रहा है। टीएमसी का कहना है कि भाजपा और केंद्र सरकार के आग्रह पर केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से परेशान किए जाने और गिरफ्तार किए जाने के बावजूद, घोष की जीत साबित करती है कि उन्हें क्षेत्र में जनता का विश्वास बरकरार है।
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हालांकि, जिला भाजपा नेतृत्व का कहना है कि 8 जुलाई को मतदान के दिन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चुनाव संबंधी हिंसा हुई। इस दौरान विपक्षी एजेंटों को मतदान केंद्रों से बाहर निकाल दिया गया था और लोगों को स्वतंत्र रूप से मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसी वजह से घोष की जीत हुई है। हालांकि, उनकी जीत का अंतर ज्यादा नहीं है।
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मनोष घोष ने 309 वोटों से जीत हासिल की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने पिछले साल बीरभूम जिले से 81,000 डेटोनेटर (विस्फोटक) की बरामदगी के मामले में घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था।
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घोष को एनआईए अधिकारियों ने बीरभूम जिले के नलहाटी पुलिस स्टेशन में बुलाया था। एनआईए के अधिकारियों ने घंटों की पूछताछ के बाद सोमवार दोपहर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले इसी साल अप्रैल में एनआईए ने इस मामले में एनआईए की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।
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कोलकाता, 11 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टीएमसी नेता मनोज घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था। उन्होंने बीरभूम जिले के नलहटी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक ग्राम पंचायत सीट पर जीत हासिल कर ली है।
मनोष घोष ने 309 वोटों से जीत हासिल की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने पिछले साल बीरभूम जिले से 81,000 डेटोनेटर (विस्फोटक) की बरामदगी के मामले में घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था।
बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस का जिला नेतृत्व मंगलवार को घोष की जीत से उत्साहित नजर आ रहा है। टीएमसी का कहना है कि भाजपा और केंद्र सरकार के आग्रह पर केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से परेशान किए जाने और गिरफ्तार किए जाने के बावजूद, घोष की जीत साबित करती है कि उन्हें क्षेत्र में जनता का विश्वास बरकरार है।
बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस की एक जिला समिति के सदस्य ने कहा, ”जितना अधिक भाजपा हमारे खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों को तैनात करेगी, उतना ही ज्यादा हम जनता की सहानुभूति और विश्वास का आनंद लेंगे।”
हालांकि, जिला भाजपा नेतृत्व का कहना है कि 8 जुलाई को मतदान के दिन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चुनाव संबंधी हिंसा हुई। इस दौरान विपक्षी एजेंटों को मतदान केंद्रों से बाहर निकाल दिया गया था और लोगों को स्वतंत्र रूप से मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसी वजह से घोष की जीत हुई है। हालांकि, उनकी जीत का अंतर ज्यादा नहीं है।
घोष को एनआईए अधिकारियों ने बीरभूम जिले के नलहाटी पुलिस स्टेशन में बुलाया था। एनआईए के अधिकारियों ने घंटों की पूछताछ के बाद सोमवार दोपहर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले इसी साल अप्रैल में एनआईए ने इस मामले में एनआईए की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।
–आईएएनएस
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कोलकाता, 11 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टीएमसी नेता मनोज घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था। उन्होंने बीरभूम जिले के नलहटी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक ग्राम पंचायत सीट पर जीत हासिल कर ली है।
मनोष घोष ने 309 वोटों से जीत हासिल की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने पिछले साल बीरभूम जिले से 81,000 डेटोनेटर (विस्फोटक) की बरामदगी के मामले में घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था।
बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस का जिला नेतृत्व मंगलवार को घोष की जीत से उत्साहित नजर आ रहा है। टीएमसी का कहना है कि भाजपा और केंद्र सरकार के आग्रह पर केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से परेशान किए जाने और गिरफ्तार किए जाने के बावजूद, घोष की जीत साबित करती है कि उन्हें क्षेत्र में जनता का विश्वास बरकरार है।
बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस की एक जिला समिति के सदस्य ने कहा, ”जितना अधिक भाजपा हमारे खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों को तैनात करेगी, उतना ही ज्यादा हम जनता की सहानुभूति और विश्वास का आनंद लेंगे।”
हालांकि, जिला भाजपा नेतृत्व का कहना है कि 8 जुलाई को मतदान के दिन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चुनाव संबंधी हिंसा हुई। इस दौरान विपक्षी एजेंटों को मतदान केंद्रों से बाहर निकाल दिया गया था और लोगों को स्वतंत्र रूप से मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसी वजह से घोष की जीत हुई है। हालांकि, उनकी जीत का अंतर ज्यादा नहीं है।
घोष को एनआईए अधिकारियों ने बीरभूम जिले के नलहाटी पुलिस स्टेशन में बुलाया था। एनआईए के अधिकारियों ने घंटों की पूछताछ के बाद सोमवार दोपहर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले इसी साल अप्रैल में एनआईए ने इस मामले में एनआईए की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।
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कोलकाता, 11 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टीएमसी नेता मनोज घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था। उन्होंने बीरभूम जिले के नलहटी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक ग्राम पंचायत सीट पर जीत हासिल कर ली है।
मनोष घोष ने 309 वोटों से जीत हासिल की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने पिछले साल बीरभूम जिले से 81,000 डेटोनेटर (विस्फोटक) की बरामदगी के मामले में घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था।
बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस का जिला नेतृत्व मंगलवार को घोष की जीत से उत्साहित नजर आ रहा है। टीएमसी का कहना है कि भाजपा और केंद्र सरकार के आग्रह पर केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से परेशान किए जाने और गिरफ्तार किए जाने के बावजूद, घोष की जीत साबित करती है कि उन्हें क्षेत्र में जनता का विश्वास बरकरार है।
बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस की एक जिला समिति के सदस्य ने कहा, ”जितना अधिक भाजपा हमारे खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों को तैनात करेगी, उतना ही ज्यादा हम जनता की सहानुभूति और विश्वास का आनंद लेंगे।”
हालांकि, जिला भाजपा नेतृत्व का कहना है कि 8 जुलाई को मतदान के दिन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चुनाव संबंधी हिंसा हुई। इस दौरान विपक्षी एजेंटों को मतदान केंद्रों से बाहर निकाल दिया गया था और लोगों को स्वतंत्र रूप से मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसी वजह से घोष की जीत हुई है। हालांकि, उनकी जीत का अंतर ज्यादा नहीं है।
घोष को एनआईए अधिकारियों ने बीरभूम जिले के नलहाटी पुलिस स्टेशन में बुलाया था। एनआईए के अधिकारियों ने घंटों की पूछताछ के बाद सोमवार दोपहर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले इसी साल अप्रैल में एनआईए ने इस मामले में एनआईए की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।