चंडीगढ़, 24 जून (आईएएनएस)। भारतीय आव्रजन एजेंट बृजेश मिश्रा को कनाडा में गिरफ्तार कर लिया गया है और अब वह आपराधिक आरोपों का सामना कर रहा है। उस पर कनाडाई वीजा हासिल करने के लिए फर्जी कॉलेज प्रवेश पत्र जारी करके छात्रों से हजारों डॉलर की धोखाधड़ी का आरोप है।
कनाडा से निर्वासन का सामना कर रहे अधिकांश छात्रों ने जालंधर स्थित एजुकेशन माइग्रेशन सर्विसेज के माध्यम से 2018 से 2022 तक वीजा आवेदन दायर किए थे जिसका प्रमुख मिश्रा है।
वे अध्ययन वीजा पर कनाडा गए थे लेकिन हाल ही में स्थायी निवास (पीआर) के लिए आवेदन करने के बाद धोखाधड़ी का पता चला।
कनाडा बॉर्डर सर्विस एजेंसी (सीबीएसए) ने शुक्रवार को भारत के नागरिक मिश्रा पर आव्रजन संबंधी अपराधों के लिए आरोप लगाया।
सीबीएसए ने एक बयान में कहा कि कनाडा में मिश्रा की स्थिति के बारे में प्राप्त जानकारी के साथ-साथ काउंसलिंग में गलतबयानी से जुड़ी गतिविधियों में उनकी कथित संलिप्तता के बाद एजेंसी ने एक जांच शुरू की।
फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद से मिश्रा फरार था। इससे पहले उसे 2013 में ईजी वे इमिग्रेशन एजेंसी के माध्यम से छात्रों को विदेश भेजने के लिए जाली दस्तावेज बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री मार्को मेंडिसिनो ने एक बयान में कहा, हमारी सरकार उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जो धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार हैं, साथ ही उन लोगों की रक्षा कर रही है जो यहां अपनी पढ़ाई करने के लिए आए हैं। मैं कनाडाई लोगों और यहां आने की उम्मीद करने वालों की रक्षा करने के लिए उनकी कड़ी मेहनत के लिए सीबीएसए के आपराधिक जांचकर्ताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं।
सीबीएसए के क्षेत्रीय महानिदेशक, प्रशांत क्षेत्र, नीना पटेल ने कहा, सीबीएसए के प्रशांत क्षेत्र आपराधिक जांच अनुभाग द्वारा आज (शुक्रवार को) घोषित किए गए आरोप कनाडा की आव्रजन प्रणाली की अखंडता को बनाए रखने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। हमारे अधिकारियों ने इन अपराधों की जांच के लिए लगन से काम किया और हम यह सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास जारी रखेंगे कि जो हमारे यहां के कानूनों को तोड़ेगा उसे कानून के प्रति जवाबदेह ठहराया जाएगा।
कनाडा में शिक्षा संस्थानों में उनके प्रवेश पत्र असली नहीं पाए जाने के बाद लगभग 700 छात्रों को निर्वासन का सामना करना पड़ रहा था।
इन सभी छात्रों ने मिश्रा के माध्यम से अध्ययन वीजा के लिए आवेदन किया था।
पिछले सप्ताह निर्वासन के खतरे का सामना कर रहे 700 भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ी राहत में, कनाडा के आव्रजन मंत्री सीन फ्रेजर ने घोषणा की, हम एक प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं, छात्र कनाडा में रह सकते हैं।
उन्होंने कहा है, ध्यान उन लोगों की पहचान करने पर है जो धोखाधड़ी गतिविधि के लिए जि़म्मेदार हैं, न कि उन लोगों को दंडित करने पर जो धोखाधड़ी से प्रभावित हो सकते हैं।
मानवीय संकेत में, उन्होंने घोषणा की है कि वास्तविक छात्रों को अस्थायी निवासी परमिट जारी किया जाएगा।
फ्रेजर ने एक बयान में कहा, हम अंतर्राष्ट्रीय छात्रों द्वारा हमारे देश में दिए गए अपार योगदान को स्वीकार करते हैं और हम कनाडा को एक ऐसा रास्ता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो ईमानदार और पारदर्शी हो।
छात्रों को सतर्क रहने और धोखाधड़ी का शिकार न बनने के लिए आगाह करते हुए उन्होंने कहा है कि सभी आवेदकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अध्ययन परमिट के लिए आवेदन करने से पहले वे जानकारी जुटा लें। उनके पास नामित शिक्षण संस्थानों (डीएलआई) का स्वीकृति पत्र हो और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट देखें।
उन्होंने आगे कहा, अगर आपको लगता है कि किसी बेईमान सलाहकार ने आपको धोखा दिया है, तो हम आपसे आगे आने और धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने का आग्रह करते हैं।
–आईएएनएस
एकेजे