जबलपुर. स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की जबलपुर ईकाई ने फर्जी दस्तावेजों से वाहन फाइनेंस कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. जांच एजेंसी ने एक ज्वेलर्स शॉप के मालिक सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया है. एसडीएफ ने पच्चीस लाख रुपये के इक्कीस दो पहिया वाहन बरामद किये गये है. एसटीएफ के द्वारा फाइनेंस कंपिनयों के एजेंटों की भी तलाश जारी है, जिसकी उक्त फर्जीवाड़े में अहम भूमिका है.
एसटीएफ निरीक्षक निकिता शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि सूचना मिली थी कि एक गिरोह सीधे साधे लोगों को अपने झांसे में लेकर उन्हें लोन दिलाने की बात कहकर उनके दस्तावेज लेते थे. जिसका प्रयोग वह वाहन फाइनेंस कराने के लिये करते थे. इसके लिये सिवनी धनौरा निवासी आरोपी ज्वेलर्स शॉप संचालक प्रवीण सोनी उन्हें डाउन पेमेंट देता था, उक्त कार्य के लिये अलग से राशि भी प्रदान करता था. इसके बाद हितग्राहियों के दस्तावेज वापस कर दिये जाते थे, लेकिन उन्हें जानकारी नहीं होती थी कि उनके दस्तावेजों से वाहन फाइनेंस कराये गये है.
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जांच एजेंसी को फरियादी गीता कुशवाहा ने बताया कि प्रशांत एवं उसके एक परिचित ने लोन दिलाने की बात कहकर उसके दस्तावेज लिए और उनके जरिए वाहन फाइनेंस करा लिए. इसके बाद उसने दस्तावेज वापस कर दिए. गीता द्वारा स्वयं के उपयोग हेतु मोबाईल फाइनेंस के लिये दुकान पहुंचनें पर पता चला कि उसके दस्तावेजों का दुरुपयोग किया गया है. जिसके बाद मामले की जांच की गई. आरोपी प्रशांत कुशवाहा के बयान दर्ज किए गए. जिसमें पता चला कि उसके साथ गिरोह में इन्द्रजीत, विवेक सिंह राजपूत, प्रवीण सोनी समेत अन्य महिलाएं शामिल है.
प्रशांत, विवेक सिंह एवं इन्द्रजीत लोगों को लोन दिलाने का झांसा देकर दस्तावेज लेते और फिर उनके जरिए वाहन फाइनेंस करवा लेते थे. आरोपी पीड़ितों से लिये गये दस्तावेजों का उपयोग शोरूम से वाहन उठवाने में करते थे. शहर के लगभग सभी शोरूमों से इनके द्वारा वाहन फाइनेंस कराये गये है.
दौरान विवेचना पता चला कि आरोपी प्रशांत कुशवाहा उत्तर प्रदेश में है. मुखबिर से सूचना मिली कि वह ट्रेन से जबलपुर आ रहा है. सूचना पर जबलपुर स्टेशन पर राहुल रघुवंशी व टीम द्वारा उसे दबोच लिया गया. प्रशांत को ट्रेस करने में राहुल रघुवंशी की सराहनीय भूमिका रही. एसटीएफ द्वारा 21 दो पहिया वाहन एवं बड़ी संख्या में धोखाधडी कर तैयार किये गये दस्तावेजों को जब्त किया गया है.
सरगना सहित तीन आरोपी गिरफ्तार
उक्त फर्जीवाड़ा मामले में जांच एजेंसी ने आरोपी प्रशांत कुशवाहा, निवासी रांझी को हिरासत में लिया, जो कि वाहन फाइनेंस कराने में दलाली करता था. इसके साथ ही पुलिस ने इन्द्रजीत कुशवाहा निवासी रांझी को हिरासत में लिया. जो कि सीधे साधे लोगों को दो पहिया वाहन फाइनेंस कराता था. जांच एजेंसी ने मामले के सरगना प्रवीण सोनी, निवासी धनौरा जिला सिवनी को भी हिरासत में लिया. जो आरोपियों से उक्त फाइनेंस कराये वाहन लेकर उन्हें ग्रामीण इलाकों में बेचता था. इतना ही नहीं आरोपी प्रवीण ही वाहन फाइनेंस के लिए डाउन पेमेंट करता था.
एजेंट भी संदेह के दायरे में-
आरोपियों ने कोटक महिन्द्रा, आईसीआईसीआई और बजाज फाइनेंस समेत कई कम्पनियों के एजेंट्स के साथ मिलकर यह फर्जीवाड़ा किया है. जांच टीम द्वारा उक्त एजेंटों का भी पता लगाया जा रहा है, वहीं वाहन फाइनेंस के वक्त ग्राहक बनकर पहुंचने वालों की भी तलाश की जा रही है. आरोपियों को पकडऩे में निरीक्षक निकिता शुक्ला, प्रधान आरक्षक विनय कोरी, प्रधान आरक्षक अंजनी पाठक, प्रधान आरक्षक विजय तिवारी, आरक्षक राहुल रघुवंशी, आरक्षक प्रवीण बावरिया, आरक्षक राहुल रजक, आरक्षक रूपेश राय और आरक्षक राहुल यादव की सराहनीय भूमिका रही.