काहिरा, 1 फरवरी, (आईएएनएस)। अरब विदेश मंत्रियों ने शनिवार को फिलिस्तीनियों को उनकी जमीन से हटाए जाने का विरोध किया। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मिस्र और जॉर्डन से गाजावासियों को अपने यहां शरण देने की अपील के खिलाफ एक सुर में आवाज उठाई।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक काहिरा में एक बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में मिस्र, जॉर्डन, सऊदी अरब, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, फिलिस्तीनी प्राधिकरण और अरब लीग के विदेश मंत्रियों ने कहा कि इस तरह के कदम से क्षेत्र में स्थिरता को खतरा होगा, संघर्ष फैलेगा और शांति की संभावनाएं कमजोर होंगी।
संयुक्त वक्तव्य में कहा गया, “हम किसी भी रूप में या किसी भी परिस्थिति या औचित्य के तहत फिलिस्तीनियों के अविभाज्य अधिकारों से समझौता करने [के किसी भी प्रयास] को अस्वीकार करते हैं, चाहे वह बस्तियों के निर्माण के माध्यम से हो, भूमि पर कब्जा करने या जमीन को उसके मालिकों से खाली कराने के माध्यम से हो…।”
इसमें कहा गया कि वे दो-राज्य समाधान के आधार पर मध्य पूर्व में न्यायपूर्ण और व्यापक शांति प्राप्त करने के लिए ट्रंप प्रशासन के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।
यह बैठक ट्रंप की ओर से पिछले सप्ताह दिए गए उस बयान के बाद हुई जिसमें उन्होंने कहा था कि मिस्र और जॉर्डन को गाजा से फिलिस्तीनियों को अपने यहां बसा लेना चाहिए।
ट्रंप ने गाजा को 15 महीने तक इजरायली बमबारी के बाद ‘विध्वंस स्थल’ कहा, जिसके कारण 2.3 मिलियन लोग बेघर हो गए थे। आलोचकों ने उनके सुझाव को जातीय सफाए के समान बताया।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सीसी ने बुधवार को इस विचार को खारिज कर दिया कि मिस्र गाजावासियों के विस्थापन में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि मिस्रवासी अपनी अस्वीकृति व्यक्त करने के लिए सड़कों पर उतरेंगे।
हालांकि, गुरुवार को ट्रंप ने इस विचार को दोहराया और कहा, “हम उनके लिए बहुत कुछ करते हैं, और वे भी ऐसा करेंगे।’ उनका इशारा मिस्र और जॉर्डन दोनों को सैन्य सहायता सहित प्रचुर मात्रा में अमेरिकी मदद की तरफ था।
–आईएएनएस
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