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Home ताज़ा समाचार

फिल्मी सितारे से उत्तराधिकारी तक, डीएमके के उभरते बेटे उदयनिधि स्टालिन

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June 11, 2023
in ताज़ा समाचार
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फिल्मी सितारे से उत्तराधिकारी तक, डीएमके के उभरते बेटे उदयनिधि स्टालिन
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चेन्नई, 11 जून (आईएएनएस)। हाल ही में तमिलनाडु के खेल विकास और युवा कल्याण मंत्री के रूप में नियुक्त उदयनिधि स्टालिन डीएमके में अगली बड़ी शख्सियत हैं। उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री के रूप में पोस्ट करने के लिए पार्टी कार्यकर्ता, मध्य स्तर के नेता और मंत्री डीएमके नेतृत्व से उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।

उदयनिधि के पिता और मौजूदा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अपने दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री रह चुके थे और यह तमिलनाडु में उप मुख्यमंत्री के पद का पहला उदाहरण था।

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करुणानिधि परिवार के युवा वंशज फिल्म स्टार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे, लेकिन उन्हें पार्टी के यूथ विंग का राज्य पदाधिकारी बना दिया गया। 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।

उदयनिधि राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उनके करीबी सहयोगी जैसे अंबिल महेश पोय्यामोझी और टी.आर.बी. राजा पहले से ही स्टालिन की कैबिनेट में मंत्री हैं।

डीएमके में एक इस बात की प्रमुखता से चर्चा है कि तमिलनाडु में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ, पार्टी को एक युवा चेहरे की जरूरत है और उदयनिधि इसमें फिट बैठते हैं।

उदयनिधि अपने समय से एक अभिनेता के रूप में राज्य भर में जाने जाते हैं और राज्य के युवाओं के बीच उनकी स्वीकार्यता है। यह स्टालिन के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए जोर देने के मुख्य कारणों में से एक है।

अझागिरी को दरकिनार करने के बाद करुणानिधि के परिवार से केवल स्टालिन और कनिमोझी ही राजनीति में सक्रिय हैं। पार्टी में परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी के नेता की आवश्यकता पार्टी में उदयनिधि को शामिल करने का प्रमुख कारण था।

जिस तरह करुणानिधि ने स्टालिन को डीएमके की राजनीति में अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए आगे किया था, उसी तरह उदयनिधि को स्टालिन अपने बाद की कमान आगे बढ़ाने के लिए ला रहे हैं।

जब से उदयनिधि को राजनीति में शामिल किया गया है, वह पूरे तमिलनाडु में यात्रा कर रहे हैं और युवाओं, विचारकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज इरोड पूर्व उपचुनावों में कई वाडरें और बूथों के प्रभारी थे और डीएमके समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने भारी अंतर से सीट जीती। इसे उदयनिधि के एक प्रमुख राजनीतिक कार्य के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने इसे चतुराई और मेहनत से अंजाम दिया।

स्टालिन ने अपने बेटे को खेल विकास और समाज कल्याण मंत्रालय सौंपने में भी चतुराई दिखाई थी, इस विश्वास के साथ कि आने वाले दिनों में यह उसे जमीनी स्तर पर संपर्क प्रदान करेगा। इससे युवा उदयनिधि को सीखने का अवसर मिला।

हालांकि हाल ही में लीक हुए ऑडियो टेप में तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पी.टी.आर. त्यागराजन से, जब स्टालिन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप था, उदयनिधि की बातचीत व उनकी भूमिका ने युवा नेता के करियर में एक धब्बा लगा दिया।

अब यह कोई अनुमान नहीं लगा पा रहा है कि कभी डीएमके के पोस्टर ब्वॉय को वित्तमंत्री के पद से हटाकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री क्यों बना दिया गया।

आने वाले दिनों में, यह उदयनिधि स्टालिन होंगे जिन्हें करुणानिधि और स्टालिन की विरासत को आगे बढ़ाना होगा और डीएमके का पहला परिवार उन्हें भविष्य में बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहा है।

स्टालिन द्वारा की गई लगभग सभी महत्वपूर्ण बैठकों में उदयनिधि की उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह युवा नेता को तमिल सामाजिक, व्यावसायिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यापारिक समूहों और अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से परिचित कराने का प्रयास था।

सलेम के सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ महेश राज ने आईएएनएस को बताया, यह वास्तव में उदयनिधि की प्रशिक्षुता अवधि है और उन्हें इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए स्टालिन के मार्गदर्शन और सलाह के तहत अच्छा प्रदर्शन करना होगा। ठीक उसी तरह जैसे स्टालिन ने सेवा करते हुए खुद की पहचान बनाई थी। चेन्नई के मेयर के रूप में, उदयनिधि को अपने मंत्रालय में लीक से हटकर विचारों को लाकर और उन्हें क्रियान्वित करके खुद को साबित करना है, और अलग दिखना चाहिए। यह सफल राजनीतिज्ञ बनने के लिए उनके लिए एक मूल्यवान अवधि है।

–आईएएनएस

सीबीटी

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चेन्नई, 11 जून (आईएएनएस)। हाल ही में तमिलनाडु के खेल विकास और युवा कल्याण मंत्री के रूप में नियुक्त उदयनिधि स्टालिन डीएमके में अगली बड़ी शख्सियत हैं। उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री के रूप में पोस्ट करने के लिए पार्टी कार्यकर्ता, मध्य स्तर के नेता और मंत्री डीएमके नेतृत्व से उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।

उदयनिधि के पिता और मौजूदा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अपने दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री रह चुके थे और यह तमिलनाडु में उप मुख्यमंत्री के पद का पहला उदाहरण था।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज फिल्म स्टार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे, लेकिन उन्हें पार्टी के यूथ विंग का राज्य पदाधिकारी बना दिया गया। 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।

उदयनिधि राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उनके करीबी सहयोगी जैसे अंबिल महेश पोय्यामोझी और टी.आर.बी. राजा पहले से ही स्टालिन की कैबिनेट में मंत्री हैं।

डीएमके में एक इस बात की प्रमुखता से चर्चा है कि तमिलनाडु में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ, पार्टी को एक युवा चेहरे की जरूरत है और उदयनिधि इसमें फिट बैठते हैं।

उदयनिधि अपने समय से एक अभिनेता के रूप में राज्य भर में जाने जाते हैं और राज्य के युवाओं के बीच उनकी स्वीकार्यता है। यह स्टालिन के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए जोर देने के मुख्य कारणों में से एक है।

अझागिरी को दरकिनार करने के बाद करुणानिधि के परिवार से केवल स्टालिन और कनिमोझी ही राजनीति में सक्रिय हैं। पार्टी में परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी के नेता की आवश्यकता पार्टी में उदयनिधि को शामिल करने का प्रमुख कारण था।

जिस तरह करुणानिधि ने स्टालिन को डीएमके की राजनीति में अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए आगे किया था, उसी तरह उदयनिधि को स्टालिन अपने बाद की कमान आगे बढ़ाने के लिए ला रहे हैं।

जब से उदयनिधि को राजनीति में शामिल किया गया है, वह पूरे तमिलनाडु में यात्रा कर रहे हैं और युवाओं, विचारकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज इरोड पूर्व उपचुनावों में कई वाडरें और बूथों के प्रभारी थे और डीएमके समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने भारी अंतर से सीट जीती। इसे उदयनिधि के एक प्रमुख राजनीतिक कार्य के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने इसे चतुराई और मेहनत से अंजाम दिया।

स्टालिन ने अपने बेटे को खेल विकास और समाज कल्याण मंत्रालय सौंपने में भी चतुराई दिखाई थी, इस विश्वास के साथ कि आने वाले दिनों में यह उसे जमीनी स्तर पर संपर्क प्रदान करेगा। इससे युवा उदयनिधि को सीखने का अवसर मिला।

हालांकि हाल ही में लीक हुए ऑडियो टेप में तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पी.टी.आर. त्यागराजन से, जब स्टालिन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप था, उदयनिधि की बातचीत व उनकी भूमिका ने युवा नेता के करियर में एक धब्बा लगा दिया।

अब यह कोई अनुमान नहीं लगा पा रहा है कि कभी डीएमके के पोस्टर ब्वॉय को वित्तमंत्री के पद से हटाकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री क्यों बना दिया गया।

आने वाले दिनों में, यह उदयनिधि स्टालिन होंगे जिन्हें करुणानिधि और स्टालिन की विरासत को आगे बढ़ाना होगा और डीएमके का पहला परिवार उन्हें भविष्य में बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहा है।

स्टालिन द्वारा की गई लगभग सभी महत्वपूर्ण बैठकों में उदयनिधि की उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह युवा नेता को तमिल सामाजिक, व्यावसायिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यापारिक समूहों और अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से परिचित कराने का प्रयास था।

सलेम के सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ महेश राज ने आईएएनएस को बताया, यह वास्तव में उदयनिधि की प्रशिक्षुता अवधि है और उन्हें इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए स्टालिन के मार्गदर्शन और सलाह के तहत अच्छा प्रदर्शन करना होगा। ठीक उसी तरह जैसे स्टालिन ने सेवा करते हुए खुद की पहचान बनाई थी। चेन्नई के मेयर के रूप में, उदयनिधि को अपने मंत्रालय में लीक से हटकर विचारों को लाकर और उन्हें क्रियान्वित करके खुद को साबित करना है, और अलग दिखना चाहिए। यह सफल राजनीतिज्ञ बनने के लिए उनके लिए एक मूल्यवान अवधि है।

–आईएएनएस

सीबीटी

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चेन्नई, 11 जून (आईएएनएस)। हाल ही में तमिलनाडु के खेल विकास और युवा कल्याण मंत्री के रूप में नियुक्त उदयनिधि स्टालिन डीएमके में अगली बड़ी शख्सियत हैं। उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री के रूप में पोस्ट करने के लिए पार्टी कार्यकर्ता, मध्य स्तर के नेता और मंत्री डीएमके नेतृत्व से उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।

उदयनिधि के पिता और मौजूदा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अपने दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री रह चुके थे और यह तमिलनाडु में उप मुख्यमंत्री के पद का पहला उदाहरण था।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज फिल्म स्टार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे, लेकिन उन्हें पार्टी के यूथ विंग का राज्य पदाधिकारी बना दिया गया। 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।

उदयनिधि राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उनके करीबी सहयोगी जैसे अंबिल महेश पोय्यामोझी और टी.आर.बी. राजा पहले से ही स्टालिन की कैबिनेट में मंत्री हैं।

डीएमके में एक इस बात की प्रमुखता से चर्चा है कि तमिलनाडु में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ, पार्टी को एक युवा चेहरे की जरूरत है और उदयनिधि इसमें फिट बैठते हैं।

उदयनिधि अपने समय से एक अभिनेता के रूप में राज्य भर में जाने जाते हैं और राज्य के युवाओं के बीच उनकी स्वीकार्यता है। यह स्टालिन के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए जोर देने के मुख्य कारणों में से एक है।

अझागिरी को दरकिनार करने के बाद करुणानिधि के परिवार से केवल स्टालिन और कनिमोझी ही राजनीति में सक्रिय हैं। पार्टी में परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी के नेता की आवश्यकता पार्टी में उदयनिधि को शामिल करने का प्रमुख कारण था।

जिस तरह करुणानिधि ने स्टालिन को डीएमके की राजनीति में अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए आगे किया था, उसी तरह उदयनिधि को स्टालिन अपने बाद की कमान आगे बढ़ाने के लिए ला रहे हैं।

जब से उदयनिधि को राजनीति में शामिल किया गया है, वह पूरे तमिलनाडु में यात्रा कर रहे हैं और युवाओं, विचारकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज इरोड पूर्व उपचुनावों में कई वाडरें और बूथों के प्रभारी थे और डीएमके समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने भारी अंतर से सीट जीती। इसे उदयनिधि के एक प्रमुख राजनीतिक कार्य के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने इसे चतुराई और मेहनत से अंजाम दिया।

स्टालिन ने अपने बेटे को खेल विकास और समाज कल्याण मंत्रालय सौंपने में भी चतुराई दिखाई थी, इस विश्वास के साथ कि आने वाले दिनों में यह उसे जमीनी स्तर पर संपर्क प्रदान करेगा। इससे युवा उदयनिधि को सीखने का अवसर मिला।

हालांकि हाल ही में लीक हुए ऑडियो टेप में तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पी.टी.आर. त्यागराजन से, जब स्टालिन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप था, उदयनिधि की बातचीत व उनकी भूमिका ने युवा नेता के करियर में एक धब्बा लगा दिया।

अब यह कोई अनुमान नहीं लगा पा रहा है कि कभी डीएमके के पोस्टर ब्वॉय को वित्तमंत्री के पद से हटाकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री क्यों बना दिया गया।

आने वाले दिनों में, यह उदयनिधि स्टालिन होंगे जिन्हें करुणानिधि और स्टालिन की विरासत को आगे बढ़ाना होगा और डीएमके का पहला परिवार उन्हें भविष्य में बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहा है।

स्टालिन द्वारा की गई लगभग सभी महत्वपूर्ण बैठकों में उदयनिधि की उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह युवा नेता को तमिल सामाजिक, व्यावसायिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यापारिक समूहों और अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से परिचित कराने का प्रयास था।

सलेम के सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ महेश राज ने आईएएनएस को बताया, यह वास्तव में उदयनिधि की प्रशिक्षुता अवधि है और उन्हें इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए स्टालिन के मार्गदर्शन और सलाह के तहत अच्छा प्रदर्शन करना होगा। ठीक उसी तरह जैसे स्टालिन ने सेवा करते हुए खुद की पहचान बनाई थी। चेन्नई के मेयर के रूप में, उदयनिधि को अपने मंत्रालय में लीक से हटकर विचारों को लाकर और उन्हें क्रियान्वित करके खुद को साबित करना है, और अलग दिखना चाहिए। यह सफल राजनीतिज्ञ बनने के लिए उनके लिए एक मूल्यवान अवधि है।

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उदयनिधि के पिता और मौजूदा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अपने दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री रह चुके थे और यह तमिलनाडु में उप मुख्यमंत्री के पद का पहला उदाहरण था।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज फिल्म स्टार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे, लेकिन उन्हें पार्टी के यूथ विंग का राज्य पदाधिकारी बना दिया गया। 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।

उदयनिधि राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उनके करीबी सहयोगी जैसे अंबिल महेश पोय्यामोझी और टी.आर.बी. राजा पहले से ही स्टालिन की कैबिनेट में मंत्री हैं।

डीएमके में एक इस बात की प्रमुखता से चर्चा है कि तमिलनाडु में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ, पार्टी को एक युवा चेहरे की जरूरत है और उदयनिधि इसमें फिट बैठते हैं।

उदयनिधि अपने समय से एक अभिनेता के रूप में राज्य भर में जाने जाते हैं और राज्य के युवाओं के बीच उनकी स्वीकार्यता है। यह स्टालिन के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए जोर देने के मुख्य कारणों में से एक है।

अझागिरी को दरकिनार करने के बाद करुणानिधि के परिवार से केवल स्टालिन और कनिमोझी ही राजनीति में सक्रिय हैं। पार्टी में परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी के नेता की आवश्यकता पार्टी में उदयनिधि को शामिल करने का प्रमुख कारण था।

जिस तरह करुणानिधि ने स्टालिन को डीएमके की राजनीति में अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए आगे किया था, उसी तरह उदयनिधि को स्टालिन अपने बाद की कमान आगे बढ़ाने के लिए ला रहे हैं।

जब से उदयनिधि को राजनीति में शामिल किया गया है, वह पूरे तमिलनाडु में यात्रा कर रहे हैं और युवाओं, विचारकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज इरोड पूर्व उपचुनावों में कई वाडरें और बूथों के प्रभारी थे और डीएमके समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने भारी अंतर से सीट जीती। इसे उदयनिधि के एक प्रमुख राजनीतिक कार्य के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने इसे चतुराई और मेहनत से अंजाम दिया।

स्टालिन ने अपने बेटे को खेल विकास और समाज कल्याण मंत्रालय सौंपने में भी चतुराई दिखाई थी, इस विश्वास के साथ कि आने वाले दिनों में यह उसे जमीनी स्तर पर संपर्क प्रदान करेगा। इससे युवा उदयनिधि को सीखने का अवसर मिला।

हालांकि हाल ही में लीक हुए ऑडियो टेप में तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पी.टी.आर. त्यागराजन से, जब स्टालिन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप था, उदयनिधि की बातचीत व उनकी भूमिका ने युवा नेता के करियर में एक धब्बा लगा दिया।

अब यह कोई अनुमान नहीं लगा पा रहा है कि कभी डीएमके के पोस्टर ब्वॉय को वित्तमंत्री के पद से हटाकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री क्यों बना दिया गया।

आने वाले दिनों में, यह उदयनिधि स्टालिन होंगे जिन्हें करुणानिधि और स्टालिन की विरासत को आगे बढ़ाना होगा और डीएमके का पहला परिवार उन्हें भविष्य में बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहा है।

स्टालिन द्वारा की गई लगभग सभी महत्वपूर्ण बैठकों में उदयनिधि की उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह युवा नेता को तमिल सामाजिक, व्यावसायिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यापारिक समूहों और अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से परिचित कराने का प्रयास था।

सलेम के सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ महेश राज ने आईएएनएस को बताया, यह वास्तव में उदयनिधि की प्रशिक्षुता अवधि है और उन्हें इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए स्टालिन के मार्गदर्शन और सलाह के तहत अच्छा प्रदर्शन करना होगा। ठीक उसी तरह जैसे स्टालिन ने सेवा करते हुए खुद की पहचान बनाई थी। चेन्नई के मेयर के रूप में, उदयनिधि को अपने मंत्रालय में लीक से हटकर विचारों को लाकर और उन्हें क्रियान्वित करके खुद को साबित करना है, और अलग दिखना चाहिए। यह सफल राजनीतिज्ञ बनने के लिए उनके लिए एक मूल्यवान अवधि है।

–आईएएनएस

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उदयनिधि के पिता और मौजूदा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अपने दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री रह चुके थे और यह तमिलनाडु में उप मुख्यमंत्री के पद का पहला उदाहरण था।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज फिल्म स्टार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे, लेकिन उन्हें पार्टी के यूथ विंग का राज्य पदाधिकारी बना दिया गया। 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।

उदयनिधि राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उनके करीबी सहयोगी जैसे अंबिल महेश पोय्यामोझी और टी.आर.बी. राजा पहले से ही स्टालिन की कैबिनेट में मंत्री हैं।

डीएमके में एक इस बात की प्रमुखता से चर्चा है कि तमिलनाडु में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ, पार्टी को एक युवा चेहरे की जरूरत है और उदयनिधि इसमें फिट बैठते हैं।

उदयनिधि अपने समय से एक अभिनेता के रूप में राज्य भर में जाने जाते हैं और राज्य के युवाओं के बीच उनकी स्वीकार्यता है। यह स्टालिन के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए जोर देने के मुख्य कारणों में से एक है।

अझागिरी को दरकिनार करने के बाद करुणानिधि के परिवार से केवल स्टालिन और कनिमोझी ही राजनीति में सक्रिय हैं। पार्टी में परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी के नेता की आवश्यकता पार्टी में उदयनिधि को शामिल करने का प्रमुख कारण था।

जिस तरह करुणानिधि ने स्टालिन को डीएमके की राजनीति में अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए आगे किया था, उसी तरह उदयनिधि को स्टालिन अपने बाद की कमान आगे बढ़ाने के लिए ला रहे हैं।

जब से उदयनिधि को राजनीति में शामिल किया गया है, वह पूरे तमिलनाडु में यात्रा कर रहे हैं और युवाओं, विचारकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज इरोड पूर्व उपचुनावों में कई वाडरें और बूथों के प्रभारी थे और डीएमके समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने भारी अंतर से सीट जीती। इसे उदयनिधि के एक प्रमुख राजनीतिक कार्य के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने इसे चतुराई और मेहनत से अंजाम दिया।

स्टालिन ने अपने बेटे को खेल विकास और समाज कल्याण मंत्रालय सौंपने में भी चतुराई दिखाई थी, इस विश्वास के साथ कि आने वाले दिनों में यह उसे जमीनी स्तर पर संपर्क प्रदान करेगा। इससे युवा उदयनिधि को सीखने का अवसर मिला।

हालांकि हाल ही में लीक हुए ऑडियो टेप में तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पी.टी.आर. त्यागराजन से, जब स्टालिन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप था, उदयनिधि की बातचीत व उनकी भूमिका ने युवा नेता के करियर में एक धब्बा लगा दिया।

अब यह कोई अनुमान नहीं लगा पा रहा है कि कभी डीएमके के पोस्टर ब्वॉय को वित्तमंत्री के पद से हटाकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री क्यों बना दिया गया।

आने वाले दिनों में, यह उदयनिधि स्टालिन होंगे जिन्हें करुणानिधि और स्टालिन की विरासत को आगे बढ़ाना होगा और डीएमके का पहला परिवार उन्हें भविष्य में बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहा है।

स्टालिन द्वारा की गई लगभग सभी महत्वपूर्ण बैठकों में उदयनिधि की उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह युवा नेता को तमिल सामाजिक, व्यावसायिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यापारिक समूहों और अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से परिचित कराने का प्रयास था।

सलेम के सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ महेश राज ने आईएएनएस को बताया, यह वास्तव में उदयनिधि की प्रशिक्षुता अवधि है और उन्हें इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए स्टालिन के मार्गदर्शन और सलाह के तहत अच्छा प्रदर्शन करना होगा। ठीक उसी तरह जैसे स्टालिन ने सेवा करते हुए खुद की पहचान बनाई थी। चेन्नई के मेयर के रूप में, उदयनिधि को अपने मंत्रालय में लीक से हटकर विचारों को लाकर और उन्हें क्रियान्वित करके खुद को साबित करना है, और अलग दिखना चाहिए। यह सफल राजनीतिज्ञ बनने के लिए उनके लिए एक मूल्यवान अवधि है।

–आईएएनएस

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उदयनिधि के पिता और मौजूदा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अपने दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री रह चुके थे और यह तमिलनाडु में उप मुख्यमंत्री के पद का पहला उदाहरण था।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज फिल्म स्टार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे, लेकिन उन्हें पार्टी के यूथ विंग का राज्य पदाधिकारी बना दिया गया। 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।

उदयनिधि राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उनके करीबी सहयोगी जैसे अंबिल महेश पोय्यामोझी और टी.आर.बी. राजा पहले से ही स्टालिन की कैबिनेट में मंत्री हैं।

डीएमके में एक इस बात की प्रमुखता से चर्चा है कि तमिलनाडु में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ, पार्टी को एक युवा चेहरे की जरूरत है और उदयनिधि इसमें फिट बैठते हैं।

उदयनिधि अपने समय से एक अभिनेता के रूप में राज्य भर में जाने जाते हैं और राज्य के युवाओं के बीच उनकी स्वीकार्यता है। यह स्टालिन के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए जोर देने के मुख्य कारणों में से एक है।

अझागिरी को दरकिनार करने के बाद करुणानिधि के परिवार से केवल स्टालिन और कनिमोझी ही राजनीति में सक्रिय हैं। पार्टी में परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी के नेता की आवश्यकता पार्टी में उदयनिधि को शामिल करने का प्रमुख कारण था।

जिस तरह करुणानिधि ने स्टालिन को डीएमके की राजनीति में अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए आगे किया था, उसी तरह उदयनिधि को स्टालिन अपने बाद की कमान आगे बढ़ाने के लिए ला रहे हैं।

जब से उदयनिधि को राजनीति में शामिल किया गया है, वह पूरे तमिलनाडु में यात्रा कर रहे हैं और युवाओं, विचारकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज इरोड पूर्व उपचुनावों में कई वाडरें और बूथों के प्रभारी थे और डीएमके समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने भारी अंतर से सीट जीती। इसे उदयनिधि के एक प्रमुख राजनीतिक कार्य के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने इसे चतुराई और मेहनत से अंजाम दिया।

स्टालिन ने अपने बेटे को खेल विकास और समाज कल्याण मंत्रालय सौंपने में भी चतुराई दिखाई थी, इस विश्वास के साथ कि आने वाले दिनों में यह उसे जमीनी स्तर पर संपर्क प्रदान करेगा। इससे युवा उदयनिधि को सीखने का अवसर मिला।

हालांकि हाल ही में लीक हुए ऑडियो टेप में तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पी.टी.आर. त्यागराजन से, जब स्टालिन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप था, उदयनिधि की बातचीत व उनकी भूमिका ने युवा नेता के करियर में एक धब्बा लगा दिया।

अब यह कोई अनुमान नहीं लगा पा रहा है कि कभी डीएमके के पोस्टर ब्वॉय को वित्तमंत्री के पद से हटाकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री क्यों बना दिया गया।

आने वाले दिनों में, यह उदयनिधि स्टालिन होंगे जिन्हें करुणानिधि और स्टालिन की विरासत को आगे बढ़ाना होगा और डीएमके का पहला परिवार उन्हें भविष्य में बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहा है।

स्टालिन द्वारा की गई लगभग सभी महत्वपूर्ण बैठकों में उदयनिधि की उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह युवा नेता को तमिल सामाजिक, व्यावसायिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यापारिक समूहों और अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से परिचित कराने का प्रयास था।

सलेम के सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ महेश राज ने आईएएनएस को बताया, यह वास्तव में उदयनिधि की प्रशिक्षुता अवधि है और उन्हें इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए स्टालिन के मार्गदर्शन और सलाह के तहत अच्छा प्रदर्शन करना होगा। ठीक उसी तरह जैसे स्टालिन ने सेवा करते हुए खुद की पहचान बनाई थी। चेन्नई के मेयर के रूप में, उदयनिधि को अपने मंत्रालय में लीक से हटकर विचारों को लाकर और उन्हें क्रियान्वित करके खुद को साबित करना है, और अलग दिखना चाहिए। यह सफल राजनीतिज्ञ बनने के लिए उनके लिए एक मूल्यवान अवधि है।

–आईएएनएस

सीबीटी

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चेन्नई, 11 जून (आईएएनएस)। हाल ही में तमिलनाडु के खेल विकास और युवा कल्याण मंत्री के रूप में नियुक्त उदयनिधि स्टालिन डीएमके में अगली बड़ी शख्सियत हैं। उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री के रूप में पोस्ट करने के लिए पार्टी कार्यकर्ता, मध्य स्तर के नेता और मंत्री डीएमके नेतृत्व से उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।

उदयनिधि के पिता और मौजूदा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अपने दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री रह चुके थे और यह तमिलनाडु में उप मुख्यमंत्री के पद का पहला उदाहरण था।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज फिल्म स्टार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे, लेकिन उन्हें पार्टी के यूथ विंग का राज्य पदाधिकारी बना दिया गया। 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।

उदयनिधि राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उनके करीबी सहयोगी जैसे अंबिल महेश पोय्यामोझी और टी.आर.बी. राजा पहले से ही स्टालिन की कैबिनेट में मंत्री हैं।

डीएमके में एक इस बात की प्रमुखता से चर्चा है कि तमिलनाडु में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ, पार्टी को एक युवा चेहरे की जरूरत है और उदयनिधि इसमें फिट बैठते हैं।

उदयनिधि अपने समय से एक अभिनेता के रूप में राज्य भर में जाने जाते हैं और राज्य के युवाओं के बीच उनकी स्वीकार्यता है। यह स्टालिन के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए जोर देने के मुख्य कारणों में से एक है।

अझागिरी को दरकिनार करने के बाद करुणानिधि के परिवार से केवल स्टालिन और कनिमोझी ही राजनीति में सक्रिय हैं। पार्टी में परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी के नेता की आवश्यकता पार्टी में उदयनिधि को शामिल करने का प्रमुख कारण था।

जिस तरह करुणानिधि ने स्टालिन को डीएमके की राजनीति में अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए आगे किया था, उसी तरह उदयनिधि को स्टालिन अपने बाद की कमान आगे बढ़ाने के लिए ला रहे हैं।

जब से उदयनिधि को राजनीति में शामिल किया गया है, वह पूरे तमिलनाडु में यात्रा कर रहे हैं और युवाओं, विचारकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज इरोड पूर्व उपचुनावों में कई वाडरें और बूथों के प्रभारी थे और डीएमके समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने भारी अंतर से सीट जीती। इसे उदयनिधि के एक प्रमुख राजनीतिक कार्य के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने इसे चतुराई और मेहनत से अंजाम दिया।

स्टालिन ने अपने बेटे को खेल विकास और समाज कल्याण मंत्रालय सौंपने में भी चतुराई दिखाई थी, इस विश्वास के साथ कि आने वाले दिनों में यह उसे जमीनी स्तर पर संपर्क प्रदान करेगा। इससे युवा उदयनिधि को सीखने का अवसर मिला।

हालांकि हाल ही में लीक हुए ऑडियो टेप में तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पी.टी.आर. त्यागराजन से, जब स्टालिन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप था, उदयनिधि की बातचीत व उनकी भूमिका ने युवा नेता के करियर में एक धब्बा लगा दिया।

अब यह कोई अनुमान नहीं लगा पा रहा है कि कभी डीएमके के पोस्टर ब्वॉय को वित्तमंत्री के पद से हटाकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री क्यों बना दिया गया।

आने वाले दिनों में, यह उदयनिधि स्टालिन होंगे जिन्हें करुणानिधि और स्टालिन की विरासत को आगे बढ़ाना होगा और डीएमके का पहला परिवार उन्हें भविष्य में बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहा है।

स्टालिन द्वारा की गई लगभग सभी महत्वपूर्ण बैठकों में उदयनिधि की उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह युवा नेता को तमिल सामाजिक, व्यावसायिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यापारिक समूहों और अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से परिचित कराने का प्रयास था।

सलेम के सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ महेश राज ने आईएएनएस को बताया, यह वास्तव में उदयनिधि की प्रशिक्षुता अवधि है और उन्हें इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए स्टालिन के मार्गदर्शन और सलाह के तहत अच्छा प्रदर्शन करना होगा। ठीक उसी तरह जैसे स्टालिन ने सेवा करते हुए खुद की पहचान बनाई थी। चेन्नई के मेयर के रूप में, उदयनिधि को अपने मंत्रालय में लीक से हटकर विचारों को लाकर और उन्हें क्रियान्वित करके खुद को साबित करना है, और अलग दिखना चाहिए। यह सफल राजनीतिज्ञ बनने के लिए उनके लिए एक मूल्यवान अवधि है।

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चेन्नई, 11 जून (आईएएनएस)। हाल ही में तमिलनाडु के खेल विकास और युवा कल्याण मंत्री के रूप में नियुक्त उदयनिधि स्टालिन डीएमके में अगली बड़ी शख्सियत हैं। उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री के रूप में पोस्ट करने के लिए पार्टी कार्यकर्ता, मध्य स्तर के नेता और मंत्री डीएमके नेतृत्व से उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।

उदयनिधि के पिता और मौजूदा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अपने दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री रह चुके थे और यह तमिलनाडु में उप मुख्यमंत्री के पद का पहला उदाहरण था।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज फिल्म स्टार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे, लेकिन उन्हें पार्टी के यूथ विंग का राज्य पदाधिकारी बना दिया गया। 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।

उदयनिधि राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उनके करीबी सहयोगी जैसे अंबिल महेश पोय्यामोझी और टी.आर.बी. राजा पहले से ही स्टालिन की कैबिनेट में मंत्री हैं।

डीएमके में एक इस बात की प्रमुखता से चर्चा है कि तमिलनाडु में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ, पार्टी को एक युवा चेहरे की जरूरत है और उदयनिधि इसमें फिट बैठते हैं।

उदयनिधि अपने समय से एक अभिनेता के रूप में राज्य भर में जाने जाते हैं और राज्य के युवाओं के बीच उनकी स्वीकार्यता है। यह स्टालिन के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए जोर देने के मुख्य कारणों में से एक है।

अझागिरी को दरकिनार करने के बाद करुणानिधि के परिवार से केवल स्टालिन और कनिमोझी ही राजनीति में सक्रिय हैं। पार्टी में परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी के नेता की आवश्यकता पार्टी में उदयनिधि को शामिल करने का प्रमुख कारण था।

जिस तरह करुणानिधि ने स्टालिन को डीएमके की राजनीति में अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए आगे किया था, उसी तरह उदयनिधि को स्टालिन अपने बाद की कमान आगे बढ़ाने के लिए ला रहे हैं।

जब से उदयनिधि को राजनीति में शामिल किया गया है, वह पूरे तमिलनाडु में यात्रा कर रहे हैं और युवाओं, विचारकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज इरोड पूर्व उपचुनावों में कई वाडरें और बूथों के प्रभारी थे और डीएमके समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने भारी अंतर से सीट जीती। इसे उदयनिधि के एक प्रमुख राजनीतिक कार्य के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने इसे चतुराई और मेहनत से अंजाम दिया।

स्टालिन ने अपने बेटे को खेल विकास और समाज कल्याण मंत्रालय सौंपने में भी चतुराई दिखाई थी, इस विश्वास के साथ कि आने वाले दिनों में यह उसे जमीनी स्तर पर संपर्क प्रदान करेगा। इससे युवा उदयनिधि को सीखने का अवसर मिला।

हालांकि हाल ही में लीक हुए ऑडियो टेप में तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पी.टी.आर. त्यागराजन से, जब स्टालिन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप था, उदयनिधि की बातचीत व उनकी भूमिका ने युवा नेता के करियर में एक धब्बा लगा दिया।

अब यह कोई अनुमान नहीं लगा पा रहा है कि कभी डीएमके के पोस्टर ब्वॉय को वित्तमंत्री के पद से हटाकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री क्यों बना दिया गया।

आने वाले दिनों में, यह उदयनिधि स्टालिन होंगे जिन्हें करुणानिधि और स्टालिन की विरासत को आगे बढ़ाना होगा और डीएमके का पहला परिवार उन्हें भविष्य में बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहा है।

स्टालिन द्वारा की गई लगभग सभी महत्वपूर्ण बैठकों में उदयनिधि की उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह युवा नेता को तमिल सामाजिक, व्यावसायिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यापारिक समूहों और अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से परिचित कराने का प्रयास था।

सलेम के सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ महेश राज ने आईएएनएस को बताया, यह वास्तव में उदयनिधि की प्रशिक्षुता अवधि है और उन्हें इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए स्टालिन के मार्गदर्शन और सलाह के तहत अच्छा प्रदर्शन करना होगा। ठीक उसी तरह जैसे स्टालिन ने सेवा करते हुए खुद की पहचान बनाई थी। चेन्नई के मेयर के रूप में, उदयनिधि को अपने मंत्रालय में लीक से हटकर विचारों को लाकर और उन्हें क्रियान्वित करके खुद को साबित करना है, और अलग दिखना चाहिए। यह सफल राजनीतिज्ञ बनने के लिए उनके लिए एक मूल्यवान अवधि है।

–आईएएनएस

सीबीटी

चेन्नई, 11 जून (आईएएनएस)। हाल ही में तमिलनाडु के खेल विकास और युवा कल्याण मंत्री के रूप में नियुक्त उदयनिधि स्टालिन डीएमके में अगली बड़ी शख्सियत हैं। उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री के रूप में पोस्ट करने के लिए पार्टी कार्यकर्ता, मध्य स्तर के नेता और मंत्री डीएमके नेतृत्व से उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।

उदयनिधि के पिता और मौजूदा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अपने दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री रह चुके थे और यह तमिलनाडु में उप मुख्यमंत्री के पद का पहला उदाहरण था।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज फिल्म स्टार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे, लेकिन उन्हें पार्टी के यूथ विंग का राज्य पदाधिकारी बना दिया गया। 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।

उदयनिधि राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उनके करीबी सहयोगी जैसे अंबिल महेश पोय्यामोझी और टी.आर.बी. राजा पहले से ही स्टालिन की कैबिनेट में मंत्री हैं।

डीएमके में एक इस बात की प्रमुखता से चर्चा है कि तमिलनाडु में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ, पार्टी को एक युवा चेहरे की जरूरत है और उदयनिधि इसमें फिट बैठते हैं।

उदयनिधि अपने समय से एक अभिनेता के रूप में राज्य भर में जाने जाते हैं और राज्य के युवाओं के बीच उनकी स्वीकार्यता है। यह स्टालिन के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए जोर देने के मुख्य कारणों में से एक है।

अझागिरी को दरकिनार करने के बाद करुणानिधि के परिवार से केवल स्टालिन और कनिमोझी ही राजनीति में सक्रिय हैं। पार्टी में परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी के नेता की आवश्यकता पार्टी में उदयनिधि को शामिल करने का प्रमुख कारण था।

जिस तरह करुणानिधि ने स्टालिन को डीएमके की राजनीति में अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए आगे किया था, उसी तरह उदयनिधि को स्टालिन अपने बाद की कमान आगे बढ़ाने के लिए ला रहे हैं।

जब से उदयनिधि को राजनीति में शामिल किया गया है, वह पूरे तमिलनाडु में यात्रा कर रहे हैं और युवाओं, विचारकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज इरोड पूर्व उपचुनावों में कई वाडरें और बूथों के प्रभारी थे और डीएमके समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने भारी अंतर से सीट जीती। इसे उदयनिधि के एक प्रमुख राजनीतिक कार्य के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने इसे चतुराई और मेहनत से अंजाम दिया।

स्टालिन ने अपने बेटे को खेल विकास और समाज कल्याण मंत्रालय सौंपने में भी चतुराई दिखाई थी, इस विश्वास के साथ कि आने वाले दिनों में यह उसे जमीनी स्तर पर संपर्क प्रदान करेगा। इससे युवा उदयनिधि को सीखने का अवसर मिला।

हालांकि हाल ही में लीक हुए ऑडियो टेप में तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पी.टी.आर. त्यागराजन से, जब स्टालिन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप था, उदयनिधि की बातचीत व उनकी भूमिका ने युवा नेता के करियर में एक धब्बा लगा दिया।

अब यह कोई अनुमान नहीं लगा पा रहा है कि कभी डीएमके के पोस्टर ब्वॉय को वित्तमंत्री के पद से हटाकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री क्यों बना दिया गया।

आने वाले दिनों में, यह उदयनिधि स्टालिन होंगे जिन्हें करुणानिधि और स्टालिन की विरासत को आगे बढ़ाना होगा और डीएमके का पहला परिवार उन्हें भविष्य में बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहा है।

स्टालिन द्वारा की गई लगभग सभी महत्वपूर्ण बैठकों में उदयनिधि की उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह युवा नेता को तमिल सामाजिक, व्यावसायिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यापारिक समूहों और अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से परिचित कराने का प्रयास था।

सलेम के सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ महेश राज ने आईएएनएस को बताया, यह वास्तव में उदयनिधि की प्रशिक्षुता अवधि है और उन्हें इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए स्टालिन के मार्गदर्शन और सलाह के तहत अच्छा प्रदर्शन करना होगा। ठीक उसी तरह जैसे स्टालिन ने सेवा करते हुए खुद की पहचान बनाई थी। चेन्नई के मेयर के रूप में, उदयनिधि को अपने मंत्रालय में लीक से हटकर विचारों को लाकर और उन्हें क्रियान्वित करके खुद को साबित करना है, और अलग दिखना चाहिए। यह सफल राजनीतिज्ञ बनने के लिए उनके लिए एक मूल्यवान अवधि है।

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उदयनिधि के पिता और मौजूदा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अपने दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री रह चुके थे और यह तमिलनाडु में उप मुख्यमंत्री के पद का पहला उदाहरण था।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज फिल्म स्टार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे, लेकिन उन्हें पार्टी के यूथ विंग का राज्य पदाधिकारी बना दिया गया। 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।

उदयनिधि राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उनके करीबी सहयोगी जैसे अंबिल महेश पोय्यामोझी और टी.आर.बी. राजा पहले से ही स्टालिन की कैबिनेट में मंत्री हैं।

डीएमके में एक इस बात की प्रमुखता से चर्चा है कि तमिलनाडु में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ, पार्टी को एक युवा चेहरे की जरूरत है और उदयनिधि इसमें फिट बैठते हैं।

उदयनिधि अपने समय से एक अभिनेता के रूप में राज्य भर में जाने जाते हैं और राज्य के युवाओं के बीच उनकी स्वीकार्यता है। यह स्टालिन के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए जोर देने के मुख्य कारणों में से एक है।

अझागिरी को दरकिनार करने के बाद करुणानिधि के परिवार से केवल स्टालिन और कनिमोझी ही राजनीति में सक्रिय हैं। पार्टी में परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी के नेता की आवश्यकता पार्टी में उदयनिधि को शामिल करने का प्रमुख कारण था।

जिस तरह करुणानिधि ने स्टालिन को डीएमके की राजनीति में अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए आगे किया था, उसी तरह उदयनिधि को स्टालिन अपने बाद की कमान आगे बढ़ाने के लिए ला रहे हैं।

जब से उदयनिधि को राजनीति में शामिल किया गया है, वह पूरे तमिलनाडु में यात्रा कर रहे हैं और युवाओं, विचारकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज इरोड पूर्व उपचुनावों में कई वाडरें और बूथों के प्रभारी थे और डीएमके समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने भारी अंतर से सीट जीती। इसे उदयनिधि के एक प्रमुख राजनीतिक कार्य के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने इसे चतुराई और मेहनत से अंजाम दिया।

स्टालिन ने अपने बेटे को खेल विकास और समाज कल्याण मंत्रालय सौंपने में भी चतुराई दिखाई थी, इस विश्वास के साथ कि आने वाले दिनों में यह उसे जमीनी स्तर पर संपर्क प्रदान करेगा। इससे युवा उदयनिधि को सीखने का अवसर मिला।

हालांकि हाल ही में लीक हुए ऑडियो टेप में तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पी.टी.आर. त्यागराजन से, जब स्टालिन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप था, उदयनिधि की बातचीत व उनकी भूमिका ने युवा नेता के करियर में एक धब्बा लगा दिया।

अब यह कोई अनुमान नहीं लगा पा रहा है कि कभी डीएमके के पोस्टर ब्वॉय को वित्तमंत्री के पद से हटाकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री क्यों बना दिया गया।

आने वाले दिनों में, यह उदयनिधि स्टालिन होंगे जिन्हें करुणानिधि और स्टालिन की विरासत को आगे बढ़ाना होगा और डीएमके का पहला परिवार उन्हें भविष्य में बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहा है।

स्टालिन द्वारा की गई लगभग सभी महत्वपूर्ण बैठकों में उदयनिधि की उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह युवा नेता को तमिल सामाजिक, व्यावसायिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यापारिक समूहों और अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से परिचित कराने का प्रयास था।

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उदयनिधि के पिता और मौजूदा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अपने दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री रह चुके थे और यह तमिलनाडु में उप मुख्यमंत्री के पद का पहला उदाहरण था।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज फिल्म स्टार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे, लेकिन उन्हें पार्टी के यूथ विंग का राज्य पदाधिकारी बना दिया गया। 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।

उदयनिधि राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उनके करीबी सहयोगी जैसे अंबिल महेश पोय्यामोझी और टी.आर.बी. राजा पहले से ही स्टालिन की कैबिनेट में मंत्री हैं।

डीएमके में एक इस बात की प्रमुखता से चर्चा है कि तमिलनाडु में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ, पार्टी को एक युवा चेहरे की जरूरत है और उदयनिधि इसमें फिट बैठते हैं।

उदयनिधि अपने समय से एक अभिनेता के रूप में राज्य भर में जाने जाते हैं और राज्य के युवाओं के बीच उनकी स्वीकार्यता है। यह स्टालिन के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए जोर देने के मुख्य कारणों में से एक है।

अझागिरी को दरकिनार करने के बाद करुणानिधि के परिवार से केवल स्टालिन और कनिमोझी ही राजनीति में सक्रिय हैं। पार्टी में परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी के नेता की आवश्यकता पार्टी में उदयनिधि को शामिल करने का प्रमुख कारण था।

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जब से उदयनिधि को राजनीति में शामिल किया गया है, वह पूरे तमिलनाडु में यात्रा कर रहे हैं और युवाओं, विचारकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज इरोड पूर्व उपचुनावों में कई वाडरें और बूथों के प्रभारी थे और डीएमके समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने भारी अंतर से सीट जीती। इसे उदयनिधि के एक प्रमुख राजनीतिक कार्य के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने इसे चतुराई और मेहनत से अंजाम दिया।

स्टालिन ने अपने बेटे को खेल विकास और समाज कल्याण मंत्रालय सौंपने में भी चतुराई दिखाई थी, इस विश्वास के साथ कि आने वाले दिनों में यह उसे जमीनी स्तर पर संपर्क प्रदान करेगा। इससे युवा उदयनिधि को सीखने का अवसर मिला।

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आने वाले दिनों में, यह उदयनिधि स्टालिन होंगे जिन्हें करुणानिधि और स्टालिन की विरासत को आगे बढ़ाना होगा और डीएमके का पहला परिवार उन्हें भविष्य में बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहा है।

स्टालिन द्वारा की गई लगभग सभी महत्वपूर्ण बैठकों में उदयनिधि की उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह युवा नेता को तमिल सामाजिक, व्यावसायिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यापारिक समूहों और अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से परिचित कराने का प्रयास था।

सलेम के सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ महेश राज ने आईएएनएस को बताया, यह वास्तव में उदयनिधि की प्रशिक्षुता अवधि है और उन्हें इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए स्टालिन के मार्गदर्शन और सलाह के तहत अच्छा प्रदर्शन करना होगा। ठीक उसी तरह जैसे स्टालिन ने सेवा करते हुए खुद की पहचान बनाई थी। चेन्नई के मेयर के रूप में, उदयनिधि को अपने मंत्रालय में लीक से हटकर विचारों को लाकर और उन्हें क्रियान्वित करके खुद को साबित करना है, और अलग दिखना चाहिए। यह सफल राजनीतिज्ञ बनने के लिए उनके लिए एक मूल्यवान अवधि है।

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चेन्नई, 11 जून (आईएएनएस)। हाल ही में तमिलनाडु के खेल विकास और युवा कल्याण मंत्री के रूप में नियुक्त उदयनिधि स्टालिन डीएमके में अगली बड़ी शख्सियत हैं। उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री के रूप में पोस्ट करने के लिए पार्टी कार्यकर्ता, मध्य स्तर के नेता और मंत्री डीएमके नेतृत्व से उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।

उदयनिधि के पिता और मौजूदा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अपने दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री रह चुके थे और यह तमिलनाडु में उप मुख्यमंत्री के पद का पहला उदाहरण था।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज फिल्म स्टार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे, लेकिन उन्हें पार्टी के यूथ विंग का राज्य पदाधिकारी बना दिया गया। 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।

उदयनिधि राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उनके करीबी सहयोगी जैसे अंबिल महेश पोय्यामोझी और टी.आर.बी. राजा पहले से ही स्टालिन की कैबिनेट में मंत्री हैं।

डीएमके में एक इस बात की प्रमुखता से चर्चा है कि तमिलनाडु में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ, पार्टी को एक युवा चेहरे की जरूरत है और उदयनिधि इसमें फिट बैठते हैं।

उदयनिधि अपने समय से एक अभिनेता के रूप में राज्य भर में जाने जाते हैं और राज्य के युवाओं के बीच उनकी स्वीकार्यता है। यह स्टालिन के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए जोर देने के मुख्य कारणों में से एक है।

अझागिरी को दरकिनार करने के बाद करुणानिधि के परिवार से केवल स्टालिन और कनिमोझी ही राजनीति में सक्रिय हैं। पार्टी में परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी के नेता की आवश्यकता पार्टी में उदयनिधि को शामिल करने का प्रमुख कारण था।

जिस तरह करुणानिधि ने स्टालिन को डीएमके की राजनीति में अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए आगे किया था, उसी तरह उदयनिधि को स्टालिन अपने बाद की कमान आगे बढ़ाने के लिए ला रहे हैं।

जब से उदयनिधि को राजनीति में शामिल किया गया है, वह पूरे तमिलनाडु में यात्रा कर रहे हैं और युवाओं, विचारकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज इरोड पूर्व उपचुनावों में कई वाडरें और बूथों के प्रभारी थे और डीएमके समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने भारी अंतर से सीट जीती। इसे उदयनिधि के एक प्रमुख राजनीतिक कार्य के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने इसे चतुराई और मेहनत से अंजाम दिया।

स्टालिन ने अपने बेटे को खेल विकास और समाज कल्याण मंत्रालय सौंपने में भी चतुराई दिखाई थी, इस विश्वास के साथ कि आने वाले दिनों में यह उसे जमीनी स्तर पर संपर्क प्रदान करेगा। इससे युवा उदयनिधि को सीखने का अवसर मिला।

हालांकि हाल ही में लीक हुए ऑडियो टेप में तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पी.टी.आर. त्यागराजन से, जब स्टालिन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप था, उदयनिधि की बातचीत व उनकी भूमिका ने युवा नेता के करियर में एक धब्बा लगा दिया।

अब यह कोई अनुमान नहीं लगा पा रहा है कि कभी डीएमके के पोस्टर ब्वॉय को वित्तमंत्री के पद से हटाकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री क्यों बना दिया गया।

आने वाले दिनों में, यह उदयनिधि स्टालिन होंगे जिन्हें करुणानिधि और स्टालिन की विरासत को आगे बढ़ाना होगा और डीएमके का पहला परिवार उन्हें भविष्य में बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहा है।

स्टालिन द्वारा की गई लगभग सभी महत्वपूर्ण बैठकों में उदयनिधि की उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह युवा नेता को तमिल सामाजिक, व्यावसायिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यापारिक समूहों और अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से परिचित कराने का प्रयास था।

सलेम के सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ महेश राज ने आईएएनएस को बताया, यह वास्तव में उदयनिधि की प्रशिक्षुता अवधि है और उन्हें इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए स्टालिन के मार्गदर्शन और सलाह के तहत अच्छा प्रदर्शन करना होगा। ठीक उसी तरह जैसे स्टालिन ने सेवा करते हुए खुद की पहचान बनाई थी। चेन्नई के मेयर के रूप में, उदयनिधि को अपने मंत्रालय में लीक से हटकर विचारों को लाकर और उन्हें क्रियान्वित करके खुद को साबित करना है, और अलग दिखना चाहिए। यह सफल राजनीतिज्ञ बनने के लिए उनके लिए एक मूल्यवान अवधि है।

–आईएएनएस

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चेन्नई, 11 जून (आईएएनएस)। हाल ही में तमिलनाडु के खेल विकास और युवा कल्याण मंत्री के रूप में नियुक्त उदयनिधि स्टालिन डीएमके में अगली बड़ी शख्सियत हैं। उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री के रूप में पोस्ट करने के लिए पार्टी कार्यकर्ता, मध्य स्तर के नेता और मंत्री डीएमके नेतृत्व से उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।

उदयनिधि के पिता और मौजूदा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अपने दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री रह चुके थे और यह तमिलनाडु में उप मुख्यमंत्री के पद का पहला उदाहरण था।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज फिल्म स्टार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे, लेकिन उन्हें पार्टी के यूथ विंग का राज्य पदाधिकारी बना दिया गया। 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।

उदयनिधि राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उनके करीबी सहयोगी जैसे अंबिल महेश पोय्यामोझी और टी.आर.बी. राजा पहले से ही स्टालिन की कैबिनेट में मंत्री हैं।

डीएमके में एक इस बात की प्रमुखता से चर्चा है कि तमिलनाडु में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ, पार्टी को एक युवा चेहरे की जरूरत है और उदयनिधि इसमें फिट बैठते हैं।

उदयनिधि अपने समय से एक अभिनेता के रूप में राज्य भर में जाने जाते हैं और राज्य के युवाओं के बीच उनकी स्वीकार्यता है। यह स्टालिन के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए जोर देने के मुख्य कारणों में से एक है।

अझागिरी को दरकिनार करने के बाद करुणानिधि के परिवार से केवल स्टालिन और कनिमोझी ही राजनीति में सक्रिय हैं। पार्टी में परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी के नेता की आवश्यकता पार्टी में उदयनिधि को शामिल करने का प्रमुख कारण था।

जिस तरह करुणानिधि ने स्टालिन को डीएमके की राजनीति में अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए आगे किया था, उसी तरह उदयनिधि को स्टालिन अपने बाद की कमान आगे बढ़ाने के लिए ला रहे हैं।

जब से उदयनिधि को राजनीति में शामिल किया गया है, वह पूरे तमिलनाडु में यात्रा कर रहे हैं और युवाओं, विचारकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज इरोड पूर्व उपचुनावों में कई वाडरें और बूथों के प्रभारी थे और डीएमके समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने भारी अंतर से सीट जीती। इसे उदयनिधि के एक प्रमुख राजनीतिक कार्य के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने इसे चतुराई और मेहनत से अंजाम दिया।

स्टालिन ने अपने बेटे को खेल विकास और समाज कल्याण मंत्रालय सौंपने में भी चतुराई दिखाई थी, इस विश्वास के साथ कि आने वाले दिनों में यह उसे जमीनी स्तर पर संपर्क प्रदान करेगा। इससे युवा उदयनिधि को सीखने का अवसर मिला।

हालांकि हाल ही में लीक हुए ऑडियो टेप में तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पी.टी.आर. त्यागराजन से, जब स्टालिन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप था, उदयनिधि की बातचीत व उनकी भूमिका ने युवा नेता के करियर में एक धब्बा लगा दिया।

अब यह कोई अनुमान नहीं लगा पा रहा है कि कभी डीएमके के पोस्टर ब्वॉय को वित्तमंत्री के पद से हटाकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री क्यों बना दिया गया।

आने वाले दिनों में, यह उदयनिधि स्टालिन होंगे जिन्हें करुणानिधि और स्टालिन की विरासत को आगे बढ़ाना होगा और डीएमके का पहला परिवार उन्हें भविष्य में बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहा है।

स्टालिन द्वारा की गई लगभग सभी महत्वपूर्ण बैठकों में उदयनिधि की उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह युवा नेता को तमिल सामाजिक, व्यावसायिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यापारिक समूहों और अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से परिचित कराने का प्रयास था।

सलेम के सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ महेश राज ने आईएएनएस को बताया, यह वास्तव में उदयनिधि की प्रशिक्षुता अवधि है और उन्हें इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए स्टालिन के मार्गदर्शन और सलाह के तहत अच्छा प्रदर्शन करना होगा। ठीक उसी तरह जैसे स्टालिन ने सेवा करते हुए खुद की पहचान बनाई थी। चेन्नई के मेयर के रूप में, उदयनिधि को अपने मंत्रालय में लीक से हटकर विचारों को लाकर और उन्हें क्रियान्वित करके खुद को साबित करना है, और अलग दिखना चाहिए। यह सफल राजनीतिज्ञ बनने के लिए उनके लिए एक मूल्यवान अवधि है।

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उदयनिधि के पिता और मौजूदा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अपने दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री रह चुके थे और यह तमिलनाडु में उप मुख्यमंत्री के पद का पहला उदाहरण था।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज फिल्म स्टार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे, लेकिन उन्हें पार्टी के यूथ विंग का राज्य पदाधिकारी बना दिया गया। 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।

उदयनिधि राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उनके करीबी सहयोगी जैसे अंबिल महेश पोय्यामोझी और टी.आर.बी. राजा पहले से ही स्टालिन की कैबिनेट में मंत्री हैं।

डीएमके में एक इस बात की प्रमुखता से चर्चा है कि तमिलनाडु में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ, पार्टी को एक युवा चेहरे की जरूरत है और उदयनिधि इसमें फिट बैठते हैं।

उदयनिधि अपने समय से एक अभिनेता के रूप में राज्य भर में जाने जाते हैं और राज्य के युवाओं के बीच उनकी स्वीकार्यता है। यह स्टालिन के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए जोर देने के मुख्य कारणों में से एक है।

अझागिरी को दरकिनार करने के बाद करुणानिधि के परिवार से केवल स्टालिन और कनिमोझी ही राजनीति में सक्रिय हैं। पार्टी में परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी के नेता की आवश्यकता पार्टी में उदयनिधि को शामिल करने का प्रमुख कारण था।

जिस तरह करुणानिधि ने स्टालिन को डीएमके की राजनीति में अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए आगे किया था, उसी तरह उदयनिधि को स्टालिन अपने बाद की कमान आगे बढ़ाने के लिए ला रहे हैं।

जब से उदयनिधि को राजनीति में शामिल किया गया है, वह पूरे तमिलनाडु में यात्रा कर रहे हैं और युवाओं, विचारकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज इरोड पूर्व उपचुनावों में कई वाडरें और बूथों के प्रभारी थे और डीएमके समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने भारी अंतर से सीट जीती। इसे उदयनिधि के एक प्रमुख राजनीतिक कार्य के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने इसे चतुराई और मेहनत से अंजाम दिया।

स्टालिन ने अपने बेटे को खेल विकास और समाज कल्याण मंत्रालय सौंपने में भी चतुराई दिखाई थी, इस विश्वास के साथ कि आने वाले दिनों में यह उसे जमीनी स्तर पर संपर्क प्रदान करेगा। इससे युवा उदयनिधि को सीखने का अवसर मिला।

हालांकि हाल ही में लीक हुए ऑडियो टेप में तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पी.टी.आर. त्यागराजन से, जब स्टालिन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप था, उदयनिधि की बातचीत व उनकी भूमिका ने युवा नेता के करियर में एक धब्बा लगा दिया।

अब यह कोई अनुमान नहीं लगा पा रहा है कि कभी डीएमके के पोस्टर ब्वॉय को वित्तमंत्री के पद से हटाकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री क्यों बना दिया गया।

आने वाले दिनों में, यह उदयनिधि स्टालिन होंगे जिन्हें करुणानिधि और स्टालिन की विरासत को आगे बढ़ाना होगा और डीएमके का पहला परिवार उन्हें भविष्य में बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहा है।

स्टालिन द्वारा की गई लगभग सभी महत्वपूर्ण बैठकों में उदयनिधि की उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह युवा नेता को तमिल सामाजिक, व्यावसायिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यापारिक समूहों और अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से परिचित कराने का प्रयास था।

सलेम के सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ महेश राज ने आईएएनएस को बताया, यह वास्तव में उदयनिधि की प्रशिक्षुता अवधि है और उन्हें इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए स्टालिन के मार्गदर्शन और सलाह के तहत अच्छा प्रदर्शन करना होगा। ठीक उसी तरह जैसे स्टालिन ने सेवा करते हुए खुद की पहचान बनाई थी। चेन्नई के मेयर के रूप में, उदयनिधि को अपने मंत्रालय में लीक से हटकर विचारों को लाकर और उन्हें क्रियान्वित करके खुद को साबित करना है, और अलग दिखना चाहिए। यह सफल राजनीतिज्ञ बनने के लिए उनके लिए एक मूल्यवान अवधि है।

–आईएएनएस

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चेन्नई, 11 जून (आईएएनएस)। हाल ही में तमिलनाडु के खेल विकास और युवा कल्याण मंत्री के रूप में नियुक्त उदयनिधि स्टालिन डीएमके में अगली बड़ी शख्सियत हैं। उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री के रूप में पोस्ट करने के लिए पार्टी कार्यकर्ता, मध्य स्तर के नेता और मंत्री डीएमके नेतृत्व से उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।

उदयनिधि के पिता और मौजूदा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अपने दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री रह चुके थे और यह तमिलनाडु में उप मुख्यमंत्री के पद का पहला उदाहरण था।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज फिल्म स्टार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे, लेकिन उन्हें पार्टी के यूथ विंग का राज्य पदाधिकारी बना दिया गया। 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।

उदयनिधि राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उनके करीबी सहयोगी जैसे अंबिल महेश पोय्यामोझी और टी.आर.बी. राजा पहले से ही स्टालिन की कैबिनेट में मंत्री हैं।

डीएमके में एक इस बात की प्रमुखता से चर्चा है कि तमिलनाडु में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ, पार्टी को एक युवा चेहरे की जरूरत है और उदयनिधि इसमें फिट बैठते हैं।

उदयनिधि अपने समय से एक अभिनेता के रूप में राज्य भर में जाने जाते हैं और राज्य के युवाओं के बीच उनकी स्वीकार्यता है। यह स्टालिन के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए जोर देने के मुख्य कारणों में से एक है।

अझागिरी को दरकिनार करने के बाद करुणानिधि के परिवार से केवल स्टालिन और कनिमोझी ही राजनीति में सक्रिय हैं। पार्टी में परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी के नेता की आवश्यकता पार्टी में उदयनिधि को शामिल करने का प्रमुख कारण था।

जिस तरह करुणानिधि ने स्टालिन को डीएमके की राजनीति में अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए आगे किया था, उसी तरह उदयनिधि को स्टालिन अपने बाद की कमान आगे बढ़ाने के लिए ला रहे हैं।

जब से उदयनिधि को राजनीति में शामिल किया गया है, वह पूरे तमिलनाडु में यात्रा कर रहे हैं और युवाओं, विचारकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज इरोड पूर्व उपचुनावों में कई वाडरें और बूथों के प्रभारी थे और डीएमके समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने भारी अंतर से सीट जीती। इसे उदयनिधि के एक प्रमुख राजनीतिक कार्य के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने इसे चतुराई और मेहनत से अंजाम दिया।

स्टालिन ने अपने बेटे को खेल विकास और समाज कल्याण मंत्रालय सौंपने में भी चतुराई दिखाई थी, इस विश्वास के साथ कि आने वाले दिनों में यह उसे जमीनी स्तर पर संपर्क प्रदान करेगा। इससे युवा उदयनिधि को सीखने का अवसर मिला।

हालांकि हाल ही में लीक हुए ऑडियो टेप में तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पी.टी.आर. त्यागराजन से, जब स्टालिन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप था, उदयनिधि की बातचीत व उनकी भूमिका ने युवा नेता के करियर में एक धब्बा लगा दिया।

अब यह कोई अनुमान नहीं लगा पा रहा है कि कभी डीएमके के पोस्टर ब्वॉय को वित्तमंत्री के पद से हटाकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री क्यों बना दिया गया।

आने वाले दिनों में, यह उदयनिधि स्टालिन होंगे जिन्हें करुणानिधि और स्टालिन की विरासत को आगे बढ़ाना होगा और डीएमके का पहला परिवार उन्हें भविष्य में बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहा है।

स्टालिन द्वारा की गई लगभग सभी महत्वपूर्ण बैठकों में उदयनिधि की उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह युवा नेता को तमिल सामाजिक, व्यावसायिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यापारिक समूहों और अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से परिचित कराने का प्रयास था।

सलेम के सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ महेश राज ने आईएएनएस को बताया, यह वास्तव में उदयनिधि की प्रशिक्षुता अवधि है और उन्हें इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए स्टालिन के मार्गदर्शन और सलाह के तहत अच्छा प्रदर्शन करना होगा। ठीक उसी तरह जैसे स्टालिन ने सेवा करते हुए खुद की पहचान बनाई थी। चेन्नई के मेयर के रूप में, उदयनिधि को अपने मंत्रालय में लीक से हटकर विचारों को लाकर और उन्हें क्रियान्वित करके खुद को साबित करना है, और अलग दिखना चाहिए। यह सफल राजनीतिज्ञ बनने के लिए उनके लिए एक मूल्यवान अवधि है।

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उदयनिधि के पिता और मौजूदा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अपने दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री रह चुके थे और यह तमिलनाडु में उप मुख्यमंत्री के पद का पहला उदाहरण था।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज फिल्म स्टार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे, लेकिन उन्हें पार्टी के यूथ विंग का राज्य पदाधिकारी बना दिया गया। 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।

उदयनिधि राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उनके करीबी सहयोगी जैसे अंबिल महेश पोय्यामोझी और टी.आर.बी. राजा पहले से ही स्टालिन की कैबिनेट में मंत्री हैं।

डीएमके में एक इस बात की प्रमुखता से चर्चा है कि तमिलनाडु में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ, पार्टी को एक युवा चेहरे की जरूरत है और उदयनिधि इसमें फिट बैठते हैं।

उदयनिधि अपने समय से एक अभिनेता के रूप में राज्य भर में जाने जाते हैं और राज्य के युवाओं के बीच उनकी स्वीकार्यता है। यह स्टालिन के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए जोर देने के मुख्य कारणों में से एक है।

अझागिरी को दरकिनार करने के बाद करुणानिधि के परिवार से केवल स्टालिन और कनिमोझी ही राजनीति में सक्रिय हैं। पार्टी में परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी के नेता की आवश्यकता पार्टी में उदयनिधि को शामिल करने का प्रमुख कारण था।

जिस तरह करुणानिधि ने स्टालिन को डीएमके की राजनीति में अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए आगे किया था, उसी तरह उदयनिधि को स्टालिन अपने बाद की कमान आगे बढ़ाने के लिए ला रहे हैं।

जब से उदयनिधि को राजनीति में शामिल किया गया है, वह पूरे तमिलनाडु में यात्रा कर रहे हैं और युवाओं, विचारकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

करुणानिधि परिवार के युवा वंशज इरोड पूर्व उपचुनावों में कई वाडरें और बूथों के प्रभारी थे और डीएमके समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने भारी अंतर से सीट जीती। इसे उदयनिधि के एक प्रमुख राजनीतिक कार्य के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने इसे चतुराई और मेहनत से अंजाम दिया।

स्टालिन ने अपने बेटे को खेल विकास और समाज कल्याण मंत्रालय सौंपने में भी चतुराई दिखाई थी, इस विश्वास के साथ कि आने वाले दिनों में यह उसे जमीनी स्तर पर संपर्क प्रदान करेगा। इससे युवा उदयनिधि को सीखने का अवसर मिला।

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स्टालिन द्वारा की गई लगभग सभी महत्वपूर्ण बैठकों में उदयनिधि की उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह युवा नेता को तमिल सामाजिक, व्यावसायिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यापारिक समूहों और अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से परिचित कराने का प्रयास था।

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