जबलपुर. प्रशासन द्वारा मनमानी फीस वसूली तथा फर्जी पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने की जांच में सख्त कार्यवाही नहीं किये जाने की मांग करते हुए आधा दर्जन निजी स्कूल प्रबंधन ने हाईकोर्ट की शरण ली थी. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष शासन की तरफ से स्टेटस रिपोर्ट पेष की गयी. युगलपीठ ने रिपोर्ट को संतोषजनक नहीं पाते हुए फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट पेष करने के निर्देष जारी किये है.
याचिकाकर्ता रॉयल सीनियर सेकेंडरी स्कूल,लिटिल किंगडम ,स्मॉल वंडर्स ,नचिकेता हायर सेकेण्डरी स्कूल, स्टेम फील्ड इंटरनेशनल सहित आधा दर्जन निजी स्कूल प्रबंधन की तरफ से दायर अपील में कहा गया था है कि मनमानी फीस वृद्धि तथा फर्जी पुस्तक पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने की जांच जबलपुर जिला प्रशासन द्वारा जारी है. पूर्व में कई स्कूलों प्रबंधनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर प्राधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था. वह जांच में सहयोग करने को तैयार है. उन्हें अषांका है कि दीवापली अवकाष के दौरान उन्हेें खिलाफ सख्य प्रषासन सख्त कार्यवाही कर सकता है.
युगलपीठ ने याचिका की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए आरोपी याचिकाकर्ता स्कूल संचालकों व स्टाफ के खिलाफ कोई कड़ी कार्यवाही नहीं करने के आदेष जारी किये थे. युगलपीठ ने याचिकाकर्ता स्कूल प्रबंधक को निर्देषित किया है कि वह जिला समिति की जांच में पूरा सहयोग प्रदान करने हुए अपेक्षित दस्तावेज पेश करें. युगलपीठ ने कार्यवाही के संबंध में जिला प्रशासन से जवाब भी मांगा था.
याचिका की सुनवाई के दौरान प्रशासन की रिपोर्ट के संतोषजनक नहीं पाते हुए उक्त आदेष जारी किये. याचिका पर अगली सुनवाई 13 नवंबर को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पैरवी की.