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Home ताज़ा समाचार

फेड मीटिंग, एफआईआई के आंकड़े समेत यह फैक्टर्स अगले हफ्ते बाजार के लिए होंगे अहम

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September 15, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता काफी शानदार रहा। बाजार ने इससे पहले हफ्ते में हुए सभी नुकसान को रिकवर किया और ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स में 1,707 अंक या 2.10 प्रतिशत और निफ्टी में 504 अंक या 2.03 प्रतिशत की बढ़त हुई।

बाजार में तेजी की वजह विदेशी निवेशकों की ओर से की जाने वाली खरीदारी रही। बीते हफ्ते सभी कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से खरीदारी की गई है।

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आने वाले हफ्ता बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस दौरान अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया जा सकता है। इसका असर भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी देखने पर भी देखने को मिल सकता है।

इसके अलावा जापान का महंगाई के आंकड़े और मौद्रिक नीति भी बाजार के लिए बड़े फैक्टर हैं। अगर मौद्रिक नीति सख्त होती है तो इसका असर बाजार पर हो सकता है। घरेलू स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें, एफआईआई के निवेश और वैश्विक उथल-पुथल से बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है।

स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि निफ्टी मौजूदा समय में ऑल-टाइम हाई पर चल रहा है। 25,500 एक रुकावट का स्तर है। अगर यहां से ब्रेकआउट होता है तो 26,000 के आंकड़े को छू सकता है। वहीं, 25,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। जब तक यह नहीं टूटता है, तेजी जारी रहेगी।

बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में मंदी की संभावना और सेबी द्वारा एफआईआई डिस्क्लोजर के नियमों की डेडलाइन के कारण बिकवाली हुई थी। इसके अलावा अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने भी बाजार का सेंटीमेंट खराब किया था, लेकिन बीते हफ्ते एफआईआई की खरीदारी के कारण बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ।

बाजार का आउटलुक अमेरिकी फेड की अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में ब्याज दरों के फैसले पर निर्भर करेगा। वहीं, अगले महीने की शुरुआत से दूसरी तिमाही के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में नतीजों के लेकर आने वाले अनुमान से भी बाजार की दिशा तय हो सकती है।

–आईएएनएस

एबीएस/एफजेड

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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता काफी शानदार रहा। बाजार ने इससे पहले हफ्ते में हुए सभी नुकसान को रिकवर किया और ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स में 1,707 अंक या 2.10 प्रतिशत और निफ्टी में 504 अंक या 2.03 प्रतिशत की बढ़त हुई।

बाजार में तेजी की वजह विदेशी निवेशकों की ओर से की जाने वाली खरीदारी रही। बीते हफ्ते सभी कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से खरीदारी की गई है।

आने वाले हफ्ता बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस दौरान अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया जा सकता है। इसका असर भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी देखने पर भी देखने को मिल सकता है।

इसके अलावा जापान का महंगाई के आंकड़े और मौद्रिक नीति भी बाजार के लिए बड़े फैक्टर हैं। अगर मौद्रिक नीति सख्त होती है तो इसका असर बाजार पर हो सकता है। घरेलू स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें, एफआईआई के निवेश और वैश्विक उथल-पुथल से बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है।

स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि निफ्टी मौजूदा समय में ऑल-टाइम हाई पर चल रहा है। 25,500 एक रुकावट का स्तर है। अगर यहां से ब्रेकआउट होता है तो 26,000 के आंकड़े को छू सकता है। वहीं, 25,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। जब तक यह नहीं टूटता है, तेजी जारी रहेगी।

बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में मंदी की संभावना और सेबी द्वारा एफआईआई डिस्क्लोजर के नियमों की डेडलाइन के कारण बिकवाली हुई थी। इसके अलावा अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने भी बाजार का सेंटीमेंट खराब किया था, लेकिन बीते हफ्ते एफआईआई की खरीदारी के कारण बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ।

बाजार का आउटलुक अमेरिकी फेड की अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में ब्याज दरों के फैसले पर निर्भर करेगा। वहीं, अगले महीने की शुरुआत से दूसरी तिमाही के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में नतीजों के लेकर आने वाले अनुमान से भी बाजार की दिशा तय हो सकती है।

–आईएएनएस

एबीएस/एफजेड

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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता काफी शानदार रहा। बाजार ने इससे पहले हफ्ते में हुए सभी नुकसान को रिकवर किया और ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स में 1,707 अंक या 2.10 प्रतिशत और निफ्टी में 504 अंक या 2.03 प्रतिशत की बढ़त हुई।

बाजार में तेजी की वजह विदेशी निवेशकों की ओर से की जाने वाली खरीदारी रही। बीते हफ्ते सभी कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से खरीदारी की गई है।

आने वाले हफ्ता बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस दौरान अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया जा सकता है। इसका असर भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी देखने पर भी देखने को मिल सकता है।

इसके अलावा जापान का महंगाई के आंकड़े और मौद्रिक नीति भी बाजार के लिए बड़े फैक्टर हैं। अगर मौद्रिक नीति सख्त होती है तो इसका असर बाजार पर हो सकता है। घरेलू स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें, एफआईआई के निवेश और वैश्विक उथल-पुथल से बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है।

स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि निफ्टी मौजूदा समय में ऑल-टाइम हाई पर चल रहा है। 25,500 एक रुकावट का स्तर है। अगर यहां से ब्रेकआउट होता है तो 26,000 के आंकड़े को छू सकता है। वहीं, 25,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। जब तक यह नहीं टूटता है, तेजी जारी रहेगी।

बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में मंदी की संभावना और सेबी द्वारा एफआईआई डिस्क्लोजर के नियमों की डेडलाइन के कारण बिकवाली हुई थी। इसके अलावा अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने भी बाजार का सेंटीमेंट खराब किया था, लेकिन बीते हफ्ते एफआईआई की खरीदारी के कारण बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ।

बाजार का आउटलुक अमेरिकी फेड की अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में ब्याज दरों के फैसले पर निर्भर करेगा। वहीं, अगले महीने की शुरुआत से दूसरी तिमाही के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में नतीजों के लेकर आने वाले अनुमान से भी बाजार की दिशा तय हो सकती है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता काफी शानदार रहा। बाजार ने इससे पहले हफ्ते में हुए सभी नुकसान को रिकवर किया और ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स में 1,707 अंक या 2.10 प्रतिशत और निफ्टी में 504 अंक या 2.03 प्रतिशत की बढ़त हुई।

बाजार में तेजी की वजह विदेशी निवेशकों की ओर से की जाने वाली खरीदारी रही। बीते हफ्ते सभी कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से खरीदारी की गई है।

आने वाले हफ्ता बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस दौरान अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया जा सकता है। इसका असर भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी देखने पर भी देखने को मिल सकता है।

इसके अलावा जापान का महंगाई के आंकड़े और मौद्रिक नीति भी बाजार के लिए बड़े फैक्टर हैं। अगर मौद्रिक नीति सख्त होती है तो इसका असर बाजार पर हो सकता है। घरेलू स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें, एफआईआई के निवेश और वैश्विक उथल-पुथल से बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है।

स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि निफ्टी मौजूदा समय में ऑल-टाइम हाई पर चल रहा है। 25,500 एक रुकावट का स्तर है। अगर यहां से ब्रेकआउट होता है तो 26,000 के आंकड़े को छू सकता है। वहीं, 25,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। जब तक यह नहीं टूटता है, तेजी जारी रहेगी।

बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में मंदी की संभावना और सेबी द्वारा एफआईआई डिस्क्लोजर के नियमों की डेडलाइन के कारण बिकवाली हुई थी। इसके अलावा अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने भी बाजार का सेंटीमेंट खराब किया था, लेकिन बीते हफ्ते एफआईआई की खरीदारी के कारण बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ।

बाजार का आउटलुक अमेरिकी फेड की अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में ब्याज दरों के फैसले पर निर्भर करेगा। वहीं, अगले महीने की शुरुआत से दूसरी तिमाही के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में नतीजों के लेकर आने वाले अनुमान से भी बाजार की दिशा तय हो सकती है।

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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता काफी शानदार रहा। बाजार ने इससे पहले हफ्ते में हुए सभी नुकसान को रिकवर किया और ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स में 1,707 अंक या 2.10 प्रतिशत और निफ्टी में 504 अंक या 2.03 प्रतिशत की बढ़त हुई।

बाजार में तेजी की वजह विदेशी निवेशकों की ओर से की जाने वाली खरीदारी रही। बीते हफ्ते सभी कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से खरीदारी की गई है।

आने वाले हफ्ता बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस दौरान अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया जा सकता है। इसका असर भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी देखने पर भी देखने को मिल सकता है।

इसके अलावा जापान का महंगाई के आंकड़े और मौद्रिक नीति भी बाजार के लिए बड़े फैक्टर हैं। अगर मौद्रिक नीति सख्त होती है तो इसका असर बाजार पर हो सकता है। घरेलू स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें, एफआईआई के निवेश और वैश्विक उथल-पुथल से बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है।

स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि निफ्टी मौजूदा समय में ऑल-टाइम हाई पर चल रहा है। 25,500 एक रुकावट का स्तर है। अगर यहां से ब्रेकआउट होता है तो 26,000 के आंकड़े को छू सकता है। वहीं, 25,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। जब तक यह नहीं टूटता है, तेजी जारी रहेगी।

बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में मंदी की संभावना और सेबी द्वारा एफआईआई डिस्क्लोजर के नियमों की डेडलाइन के कारण बिकवाली हुई थी। इसके अलावा अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने भी बाजार का सेंटीमेंट खराब किया था, लेकिन बीते हफ्ते एफआईआई की खरीदारी के कारण बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ।

बाजार का आउटलुक अमेरिकी फेड की अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में ब्याज दरों के फैसले पर निर्भर करेगा। वहीं, अगले महीने की शुरुआत से दूसरी तिमाही के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में नतीजों के लेकर आने वाले अनुमान से भी बाजार की दिशा तय हो सकती है।

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बाजार में तेजी की वजह विदेशी निवेशकों की ओर से की जाने वाली खरीदारी रही। बीते हफ्ते सभी कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से खरीदारी की गई है।

आने वाले हफ्ता बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस दौरान अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया जा सकता है। इसका असर भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी देखने पर भी देखने को मिल सकता है।

इसके अलावा जापान का महंगाई के आंकड़े और मौद्रिक नीति भी बाजार के लिए बड़े फैक्टर हैं। अगर मौद्रिक नीति सख्त होती है तो इसका असर बाजार पर हो सकता है। घरेलू स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें, एफआईआई के निवेश और वैश्विक उथल-पुथल से बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है।

स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि निफ्टी मौजूदा समय में ऑल-टाइम हाई पर चल रहा है। 25,500 एक रुकावट का स्तर है। अगर यहां से ब्रेकआउट होता है तो 26,000 के आंकड़े को छू सकता है। वहीं, 25,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। जब तक यह नहीं टूटता है, तेजी जारी रहेगी।

बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में मंदी की संभावना और सेबी द्वारा एफआईआई डिस्क्लोजर के नियमों की डेडलाइन के कारण बिकवाली हुई थी। इसके अलावा अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने भी बाजार का सेंटीमेंट खराब किया था, लेकिन बीते हफ्ते एफआईआई की खरीदारी के कारण बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ।

बाजार का आउटलुक अमेरिकी फेड की अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में ब्याज दरों के फैसले पर निर्भर करेगा। वहीं, अगले महीने की शुरुआत से दूसरी तिमाही के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में नतीजों के लेकर आने वाले अनुमान से भी बाजार की दिशा तय हो सकती है।

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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता काफी शानदार रहा। बाजार ने इससे पहले हफ्ते में हुए सभी नुकसान को रिकवर किया और ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स में 1,707 अंक या 2.10 प्रतिशत और निफ्टी में 504 अंक या 2.03 प्रतिशत की बढ़त हुई।

बाजार में तेजी की वजह विदेशी निवेशकों की ओर से की जाने वाली खरीदारी रही। बीते हफ्ते सभी कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से खरीदारी की गई है।

आने वाले हफ्ता बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस दौरान अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया जा सकता है। इसका असर भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी देखने पर भी देखने को मिल सकता है।

इसके अलावा जापान का महंगाई के आंकड़े और मौद्रिक नीति भी बाजार के लिए बड़े फैक्टर हैं। अगर मौद्रिक नीति सख्त होती है तो इसका असर बाजार पर हो सकता है। घरेलू स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें, एफआईआई के निवेश और वैश्विक उथल-पुथल से बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है।

स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि निफ्टी मौजूदा समय में ऑल-टाइम हाई पर चल रहा है। 25,500 एक रुकावट का स्तर है। अगर यहां से ब्रेकआउट होता है तो 26,000 के आंकड़े को छू सकता है। वहीं, 25,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। जब तक यह नहीं टूटता है, तेजी जारी रहेगी।

बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में मंदी की संभावना और सेबी द्वारा एफआईआई डिस्क्लोजर के नियमों की डेडलाइन के कारण बिकवाली हुई थी। इसके अलावा अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने भी बाजार का सेंटीमेंट खराब किया था, लेकिन बीते हफ्ते एफआईआई की खरीदारी के कारण बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ।

बाजार का आउटलुक अमेरिकी फेड की अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में ब्याज दरों के फैसले पर निर्भर करेगा। वहीं, अगले महीने की शुरुआत से दूसरी तिमाही के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में नतीजों के लेकर आने वाले अनुमान से भी बाजार की दिशा तय हो सकती है।

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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता काफी शानदार रहा। बाजार ने इससे पहले हफ्ते में हुए सभी नुकसान को रिकवर किया और ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स में 1,707 अंक या 2.10 प्रतिशत और निफ्टी में 504 अंक या 2.03 प्रतिशत की बढ़त हुई।

बाजार में तेजी की वजह विदेशी निवेशकों की ओर से की जाने वाली खरीदारी रही। बीते हफ्ते सभी कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से खरीदारी की गई है।

आने वाले हफ्ता बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस दौरान अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया जा सकता है। इसका असर भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी देखने पर भी देखने को मिल सकता है।

इसके अलावा जापान का महंगाई के आंकड़े और मौद्रिक नीति भी बाजार के लिए बड़े फैक्टर हैं। अगर मौद्रिक नीति सख्त होती है तो इसका असर बाजार पर हो सकता है। घरेलू स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें, एफआईआई के निवेश और वैश्विक उथल-पुथल से बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है।

स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि निफ्टी मौजूदा समय में ऑल-टाइम हाई पर चल रहा है। 25,500 एक रुकावट का स्तर है। अगर यहां से ब्रेकआउट होता है तो 26,000 के आंकड़े को छू सकता है। वहीं, 25,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। जब तक यह नहीं टूटता है, तेजी जारी रहेगी।

बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में मंदी की संभावना और सेबी द्वारा एफआईआई डिस्क्लोजर के नियमों की डेडलाइन के कारण बिकवाली हुई थी। इसके अलावा अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने भी बाजार का सेंटीमेंट खराब किया था, लेकिन बीते हफ्ते एफआईआई की खरीदारी के कारण बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ।

बाजार का आउटलुक अमेरिकी फेड की अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में ब्याज दरों के फैसले पर निर्भर करेगा। वहीं, अगले महीने की शुरुआत से दूसरी तिमाही के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में नतीजों के लेकर आने वाले अनुमान से भी बाजार की दिशा तय हो सकती है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता काफी शानदार रहा। बाजार ने इससे पहले हफ्ते में हुए सभी नुकसान को रिकवर किया और ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स में 1,707 अंक या 2.10 प्रतिशत और निफ्टी में 504 अंक या 2.03 प्रतिशत की बढ़त हुई।

बाजार में तेजी की वजह विदेशी निवेशकों की ओर से की जाने वाली खरीदारी रही। बीते हफ्ते सभी कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से खरीदारी की गई है।

आने वाले हफ्ता बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस दौरान अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया जा सकता है। इसका असर भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी देखने पर भी देखने को मिल सकता है।

इसके अलावा जापान का महंगाई के आंकड़े और मौद्रिक नीति भी बाजार के लिए बड़े फैक्टर हैं। अगर मौद्रिक नीति सख्त होती है तो इसका असर बाजार पर हो सकता है। घरेलू स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें, एफआईआई के निवेश और वैश्विक उथल-पुथल से बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है।

स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि निफ्टी मौजूदा समय में ऑल-टाइम हाई पर चल रहा है। 25,500 एक रुकावट का स्तर है। अगर यहां से ब्रेकआउट होता है तो 26,000 के आंकड़े को छू सकता है। वहीं, 25,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। जब तक यह नहीं टूटता है, तेजी जारी रहेगी।

बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में मंदी की संभावना और सेबी द्वारा एफआईआई डिस्क्लोजर के नियमों की डेडलाइन के कारण बिकवाली हुई थी। इसके अलावा अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने भी बाजार का सेंटीमेंट खराब किया था, लेकिन बीते हफ्ते एफआईआई की खरीदारी के कारण बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ।

बाजार का आउटलुक अमेरिकी फेड की अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में ब्याज दरों के फैसले पर निर्भर करेगा। वहीं, अगले महीने की शुरुआत से दूसरी तिमाही के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में नतीजों के लेकर आने वाले अनुमान से भी बाजार की दिशा तय हो सकती है।

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बाजार में तेजी की वजह विदेशी निवेशकों की ओर से की जाने वाली खरीदारी रही। बीते हफ्ते सभी कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से खरीदारी की गई है।

आने वाले हफ्ता बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस दौरान अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया जा सकता है। इसका असर भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी देखने पर भी देखने को मिल सकता है।

इसके अलावा जापान का महंगाई के आंकड़े और मौद्रिक नीति भी बाजार के लिए बड़े फैक्टर हैं। अगर मौद्रिक नीति सख्त होती है तो इसका असर बाजार पर हो सकता है। घरेलू स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें, एफआईआई के निवेश और वैश्विक उथल-पुथल से बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है।

स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि निफ्टी मौजूदा समय में ऑल-टाइम हाई पर चल रहा है। 25,500 एक रुकावट का स्तर है। अगर यहां से ब्रेकआउट होता है तो 26,000 के आंकड़े को छू सकता है। वहीं, 25,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। जब तक यह नहीं टूटता है, तेजी जारी रहेगी।

बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में मंदी की संभावना और सेबी द्वारा एफआईआई डिस्क्लोजर के नियमों की डेडलाइन के कारण बिकवाली हुई थी। इसके अलावा अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने भी बाजार का सेंटीमेंट खराब किया था, लेकिन बीते हफ्ते एफआईआई की खरीदारी के कारण बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ।

बाजार का आउटलुक अमेरिकी फेड की अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में ब्याज दरों के फैसले पर निर्भर करेगा। वहीं, अगले महीने की शुरुआत से दूसरी तिमाही के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में नतीजों के लेकर आने वाले अनुमान से भी बाजार की दिशा तय हो सकती है।

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बाजार में तेजी की वजह विदेशी निवेशकों की ओर से की जाने वाली खरीदारी रही। बीते हफ्ते सभी कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से खरीदारी की गई है।

आने वाले हफ्ता बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस दौरान अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया जा सकता है। इसका असर भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी देखने पर भी देखने को मिल सकता है।

इसके अलावा जापान का महंगाई के आंकड़े और मौद्रिक नीति भी बाजार के लिए बड़े फैक्टर हैं। अगर मौद्रिक नीति सख्त होती है तो इसका असर बाजार पर हो सकता है। घरेलू स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें, एफआईआई के निवेश और वैश्विक उथल-पुथल से बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है।

स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि निफ्टी मौजूदा समय में ऑल-टाइम हाई पर चल रहा है। 25,500 एक रुकावट का स्तर है। अगर यहां से ब्रेकआउट होता है तो 26,000 के आंकड़े को छू सकता है। वहीं, 25,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। जब तक यह नहीं टूटता है, तेजी जारी रहेगी।

बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में मंदी की संभावना और सेबी द्वारा एफआईआई डिस्क्लोजर के नियमों की डेडलाइन के कारण बिकवाली हुई थी। इसके अलावा अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने भी बाजार का सेंटीमेंट खराब किया था, लेकिन बीते हफ्ते एफआईआई की खरीदारी के कारण बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ।

बाजार का आउटलुक अमेरिकी फेड की अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में ब्याज दरों के फैसले पर निर्भर करेगा। वहीं, अगले महीने की शुरुआत से दूसरी तिमाही के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में नतीजों के लेकर आने वाले अनुमान से भी बाजार की दिशा तय हो सकती है।

–आईएएनएस

एबीएस/एफजेड

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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता काफी शानदार रहा। बाजार ने इससे पहले हफ्ते में हुए सभी नुकसान को रिकवर किया और ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स में 1,707 अंक या 2.10 प्रतिशत और निफ्टी में 504 अंक या 2.03 प्रतिशत की बढ़त हुई।

बाजार में तेजी की वजह विदेशी निवेशकों की ओर से की जाने वाली खरीदारी रही। बीते हफ्ते सभी कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से खरीदारी की गई है।

आने वाले हफ्ता बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस दौरान अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया जा सकता है। इसका असर भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी देखने पर भी देखने को मिल सकता है।

इसके अलावा जापान का महंगाई के आंकड़े और मौद्रिक नीति भी बाजार के लिए बड़े फैक्टर हैं। अगर मौद्रिक नीति सख्त होती है तो इसका असर बाजार पर हो सकता है। घरेलू स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें, एफआईआई के निवेश और वैश्विक उथल-पुथल से बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है।

स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि निफ्टी मौजूदा समय में ऑल-टाइम हाई पर चल रहा है। 25,500 एक रुकावट का स्तर है। अगर यहां से ब्रेकआउट होता है तो 26,000 के आंकड़े को छू सकता है। वहीं, 25,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। जब तक यह नहीं टूटता है, तेजी जारी रहेगी।

बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में मंदी की संभावना और सेबी द्वारा एफआईआई डिस्क्लोजर के नियमों की डेडलाइन के कारण बिकवाली हुई थी। इसके अलावा अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने भी बाजार का सेंटीमेंट खराब किया था, लेकिन बीते हफ्ते एफआईआई की खरीदारी के कारण बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ।

बाजार का आउटलुक अमेरिकी फेड की अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में ब्याज दरों के फैसले पर निर्भर करेगा। वहीं, अगले महीने की शुरुआत से दूसरी तिमाही के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में नतीजों के लेकर आने वाले अनुमान से भी बाजार की दिशा तय हो सकती है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता काफी शानदार रहा। बाजार ने इससे पहले हफ्ते में हुए सभी नुकसान को रिकवर किया और ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स में 1,707 अंक या 2.10 प्रतिशत और निफ्टी में 504 अंक या 2.03 प्रतिशत की बढ़त हुई।

बाजार में तेजी की वजह विदेशी निवेशकों की ओर से की जाने वाली खरीदारी रही। बीते हफ्ते सभी कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से खरीदारी की गई है।

आने वाले हफ्ता बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस दौरान अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया जा सकता है। इसका असर भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी देखने पर भी देखने को मिल सकता है।

इसके अलावा जापान का महंगाई के आंकड़े और मौद्रिक नीति भी बाजार के लिए बड़े फैक्टर हैं। अगर मौद्रिक नीति सख्त होती है तो इसका असर बाजार पर हो सकता है। घरेलू स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें, एफआईआई के निवेश और वैश्विक उथल-पुथल से बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है।

स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि निफ्टी मौजूदा समय में ऑल-टाइम हाई पर चल रहा है। 25,500 एक रुकावट का स्तर है। अगर यहां से ब्रेकआउट होता है तो 26,000 के आंकड़े को छू सकता है। वहीं, 25,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। जब तक यह नहीं टूटता है, तेजी जारी रहेगी।

बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में मंदी की संभावना और सेबी द्वारा एफआईआई डिस्क्लोजर के नियमों की डेडलाइन के कारण बिकवाली हुई थी। इसके अलावा अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने भी बाजार का सेंटीमेंट खराब किया था, लेकिन बीते हफ्ते एफआईआई की खरीदारी के कारण बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ।

बाजार का आउटलुक अमेरिकी फेड की अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में ब्याज दरों के फैसले पर निर्भर करेगा। वहीं, अगले महीने की शुरुआत से दूसरी तिमाही के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में नतीजों के लेकर आने वाले अनुमान से भी बाजार की दिशा तय हो सकती है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता काफी शानदार रहा। बाजार ने इससे पहले हफ्ते में हुए सभी नुकसान को रिकवर किया और ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स में 1,707 अंक या 2.10 प्रतिशत और निफ्टी में 504 अंक या 2.03 प्रतिशत की बढ़त हुई।

बाजार में तेजी की वजह विदेशी निवेशकों की ओर से की जाने वाली खरीदारी रही। बीते हफ्ते सभी कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से खरीदारी की गई है।

आने वाले हफ्ता बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस दौरान अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया जा सकता है। इसका असर भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी देखने पर भी देखने को मिल सकता है।

इसके अलावा जापान का महंगाई के आंकड़े और मौद्रिक नीति भी बाजार के लिए बड़े फैक्टर हैं। अगर मौद्रिक नीति सख्त होती है तो इसका असर बाजार पर हो सकता है। घरेलू स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें, एफआईआई के निवेश और वैश्विक उथल-पुथल से बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है।

स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि निफ्टी मौजूदा समय में ऑल-टाइम हाई पर चल रहा है। 25,500 एक रुकावट का स्तर है। अगर यहां से ब्रेकआउट होता है तो 26,000 के आंकड़े को छू सकता है। वहीं, 25,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। जब तक यह नहीं टूटता है, तेजी जारी रहेगी।

बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में मंदी की संभावना और सेबी द्वारा एफआईआई डिस्क्लोजर के नियमों की डेडलाइन के कारण बिकवाली हुई थी। इसके अलावा अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने भी बाजार का सेंटीमेंट खराब किया था, लेकिन बीते हफ्ते एफआईआई की खरीदारी के कारण बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ।

बाजार का आउटलुक अमेरिकी फेड की अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में ब्याज दरों के फैसले पर निर्भर करेगा। वहीं, अगले महीने की शुरुआत से दूसरी तिमाही के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में नतीजों के लेकर आने वाले अनुमान से भी बाजार की दिशा तय हो सकती है।

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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता काफी शानदार रहा। बाजार ने इससे पहले हफ्ते में हुए सभी नुकसान को रिकवर किया और ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स में 1,707 अंक या 2.10 प्रतिशत और निफ्टी में 504 अंक या 2.03 प्रतिशत की बढ़त हुई।

बाजार में तेजी की वजह विदेशी निवेशकों की ओर से की जाने वाली खरीदारी रही। बीते हफ्ते सभी कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से खरीदारी की गई है।

आने वाले हफ्ता बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस दौरान अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया जा सकता है। इसका असर भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी देखने पर भी देखने को मिल सकता है।

इसके अलावा जापान का महंगाई के आंकड़े और मौद्रिक नीति भी बाजार के लिए बड़े फैक्टर हैं। अगर मौद्रिक नीति सख्त होती है तो इसका असर बाजार पर हो सकता है। घरेलू स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें, एफआईआई के निवेश और वैश्विक उथल-पुथल से बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है।

स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि निफ्टी मौजूदा समय में ऑल-टाइम हाई पर चल रहा है। 25,500 एक रुकावट का स्तर है। अगर यहां से ब्रेकआउट होता है तो 26,000 के आंकड़े को छू सकता है। वहीं, 25,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। जब तक यह नहीं टूटता है, तेजी जारी रहेगी।

बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में मंदी की संभावना और सेबी द्वारा एफआईआई डिस्क्लोजर के नियमों की डेडलाइन के कारण बिकवाली हुई थी। इसके अलावा अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने भी बाजार का सेंटीमेंट खराब किया था, लेकिन बीते हफ्ते एफआईआई की खरीदारी के कारण बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ।

बाजार का आउटलुक अमेरिकी फेड की अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में ब्याज दरों के फैसले पर निर्भर करेगा। वहीं, अगले महीने की शुरुआत से दूसरी तिमाही के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में नतीजों के लेकर आने वाले अनुमान से भी बाजार की दिशा तय हो सकती है।

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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता काफी शानदार रहा। बाजार ने इससे पहले हफ्ते में हुए सभी नुकसान को रिकवर किया और ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स में 1,707 अंक या 2.10 प्रतिशत और निफ्टी में 504 अंक या 2.03 प्रतिशत की बढ़त हुई।

बाजार में तेजी की वजह विदेशी निवेशकों की ओर से की जाने वाली खरीदारी रही। बीते हफ्ते सभी कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से खरीदारी की गई है।

आने वाले हफ्ता बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस दौरान अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया जा सकता है। इसका असर भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी देखने पर भी देखने को मिल सकता है।

इसके अलावा जापान का महंगाई के आंकड़े और मौद्रिक नीति भी बाजार के लिए बड़े फैक्टर हैं। अगर मौद्रिक नीति सख्त होती है तो इसका असर बाजार पर हो सकता है। घरेलू स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें, एफआईआई के निवेश और वैश्विक उथल-पुथल से बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है।

स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि निफ्टी मौजूदा समय में ऑल-टाइम हाई पर चल रहा है। 25,500 एक रुकावट का स्तर है। अगर यहां से ब्रेकआउट होता है तो 26,000 के आंकड़े को छू सकता है। वहीं, 25,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। जब तक यह नहीं टूटता है, तेजी जारी रहेगी।

बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में मंदी की संभावना और सेबी द्वारा एफआईआई डिस्क्लोजर के नियमों की डेडलाइन के कारण बिकवाली हुई थी। इसके अलावा अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने भी बाजार का सेंटीमेंट खराब किया था, लेकिन बीते हफ्ते एफआईआई की खरीदारी के कारण बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ।

बाजार का आउटलुक अमेरिकी फेड की अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में ब्याज दरों के फैसले पर निर्भर करेगा। वहीं, अगले महीने की शुरुआत से दूसरी तिमाही के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में नतीजों के लेकर आने वाले अनुमान से भी बाजार की दिशा तय हो सकती है।

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