नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। फेफड़े हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं, जो न केवल हमें सांस लेने में मदद करते हैं, बल्कि शरीर की प्रत्येक कोशिका तक प्राणवायु (ऑक्सीजन) पहुंचाकर जीवन को बनाए रखने का कार्य करते हैं। आयुर्वेद में इन्हें प्राण वायु का आसन कहा गया है, यानी जीवन ऊर्जा का मूल स्रोत।
हम प्रतिदिन लगभग 20,000 बार सांस लेते हैं और हर सांस के साथ फेफड़े फैलते और सिकुड़ते हैं, जिससे ऑक्सीजन शरीर में जाती है और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलती है। फेफड़े प्रतिदिन लगभग 10,000 लीटर हवा खींचते हैं, और इसके जरिए आपका शरीर 24 घंटे ऊर्जा प्राप्त करता है।
फेफड़े केवल वायु प्रवाह को नियंत्रित नहीं करते, बल्कि यह एक तरह का एयर फिल्टर भी हैं। इनमें मौजूद लाखों सूक्ष्म थैलियां गैसों के आदान-प्रदान का कार्य करती हैं और श्वसन नलिकाओं में मौजूद ‘सिलिया’ की सहायता से धूल, धुएं और बैक्टीरिया जैसे हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। दायां फेफड़ा बाएं से थोड़ा बड़ा होता है, क्योंकि बाएं हिस्से में हृदय के लिए स्थान होता है। फेफड़ों की कुल सतह इतनी होती है कि यदि इन्हें फैलाया जाए तो ये एक टेनिस कोर्ट जितनी जगह घेर सकते हैं।
फेफड़े आवाज के निर्माण में भी भूमिका निभाते हैं। हमारी बोलने की क्षमता फेफड़ों से निकलने वाली वायु पर निर्भर करती है, जिसके कारण वोकल कॉर्ड्स में कंपन होते हैं। इतना ही नहीं, हर मिनट हमारा संपूर्ण रक्त फेफड़ों से होकर गुजरता है ताकि वह ऑक्सीजन ले सके और शरीर में वितरित कर सके। यह लचीलापन और सक्रियता फेफड़ों को जीवनदायी अंग बनाता है।
फेफड़ों की सेहत बनाए रखना जरूरी है। घरेलू उपायों से इन्हें लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है। तुलसी, अदरक, हल्दी, शहद और काली मिर्च जैसे तत्व फेफड़ों को साफ रखने और सूजन से बचाने में मदद करते हैं। स्टीम इनहेलेशन और अनुलोम-विलोम प्राणायाम फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाते हैं। गिलोय और नींबू का रस फेफड़ों को संक्रमण से बचाने और टॉक्सिन्स निकालने में सहायक हैं।
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए धूम्रपान से दूर रहना, रोजाना गहरी सांसें लेना, योग करना और साफ हवा में रहना बेहद जरूरी है। अगर हम अपने फेफड़ों की सही देखभाल करें तो अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया और टीबी जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।
–आईएएनएस
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