कोलकाता, 27 जून (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में राणाघाट-दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में 10 जुलाई को उपचुनाव होना है। भाजपा के लिए तीन फैक्टर इस चुनावी लड़ाई को आसान बना सकते हैं।
पहला फैक्टर भाजपा खेमे के लिए मतुआ वोटर्स का भारी समर्थन है, जो हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में न केवल बरकरार रहा बल्कि कुछ हद तक बढ़ा भी।
यह बात उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव और नादिया जिले के राणाघाट की दो मतुआ बहुल संसदीय सीटों के नतीजों से स्पष्ट हो गई। यहां मौजूदा भाजपा सांसद आरामदायक अंतर से दोनों सीटों को बरकरार रखने में सफल रहे।
दूसरा फैक्टर रानाघाट-दक्षिण से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ मुकुट मणि अधिकारी की दलबदलू छवि है, जो 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उसी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुने गए थे।
हालांकि, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वे तृणमूल कांग्रेस में फिर शामिल हो गए। सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार के रूप में राणाघाट लोकसभा से चुनाव लड़ने के लिए उन्हें राज्य विधानसभा के सदस्य के रूप में इस्तीफा देना पड़ा। लोकसभा चुनाव में वे हार गए और तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें विधानसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है।
अब राणाघाट-दक्षिण उपचुनाव में डॉ मुकुट मणि अधिकारी, भाजपा के मनोज कुमार विश्वास और माकपा के अरिंदम विश्वास के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। पिछले चुनाव के आंकड़े बीजेपी के लिए एक और राहत फैक्टर है।
यहां शांतिपूर्ण मतदान का रिकॉर्ड बनाए रखने के बावजूद, भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने उपचुनाव में राणाघाट-दक्षिण के लिए केंद्रीय सशस्त्र बलों की 12 कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया है।
–आईएएनएस
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