कोलकाता, 18 फरवरी (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस के दो बार के लोकसभा सांसद और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के छोटे भाई दिब्येंदु अधिकारी ने शनिवार को आरोप लगाया कि पूर्वी मिदनापुर जिले में उनके निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स में कोयले की तस्करी के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें फोन पर जान से मारने की धमकी मिल रही है।
दिब्येंदु अधिकारी ने उसी दिन आरोप लगाया, जब उनके पिता और तीन बार के लोकसभा सांसद शिशिर कुमार अधिकारी ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर जिले के एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में उनके नाम से खोले गए एक फर्जी बैंक खाते के बारे में बताया।
लोकसभा के रिकॉर्ड के अनुसार, हालांकि शिशिर अधिकारी और दिब्येंदु अधिकारी दोनों तृणमूल कांग्रेस के सांसद बने हुए हैं, लेकिन 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले शुभेंदु अधिकारी के तृणमूल से भाजपा में शामिल होने के बाद से उनका पार्टी से नाता टूट गया।
दिब्येंदु अधिकारी ने शनिवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि 24 जनवरी की देर रात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के सहायक कमांडेंट हल्दिया में गोदी क्षेत्र में सक्रिय कोयला तस्करों के साथ झड़प में घायल हो गए।
उन्होंने कहा, स्थानीय लोकसभा सदस्य के रूप में मैंने गृहमंत्री अमित शाह को मामले की जानकारी दी। मैंने डॉक क्षेत्र में कोयले की तस्करी के खतरे की जांच के लिए सीआईएसएफ और स्थानीय पुलिस के बीच अधिक समन्वय की मांग करते हुए आवाज उठाई। तब से मेरे मोबाइल पर नियमित रूप से धमकी भरे कॉल आ रहे हैं।
दिब्येंदु अधिकारी ने हालांकि कहा कि वह धमकी भरे कॉल से डरने वाले नहीं हैं।
उन्होंने कहा, जब तक मैं तामलुक सांसद के रूप में अपनी कुर्सी पर रहूंगा, तब तक अपना कर्तव्य निभाऊंगा।
हालांकि, अधिकारी ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में स्थानीय पुलिस के पास आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
उन्होंने कहा, मैंने पहले भी कई मुद्दों पर स्थानीय पुलिस से संपर्क किया था, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। ऐसे में इस मामले में पुलिस को सूचित करने का क्या मतलब है।
तृणमूल के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने कहा कि पुलिस को सूचित किए बिना इस तरह के आरोप लगाना बेमानी है।
सेन ने पूछा, उन्हें पहले अपने मौजूदा राजनीतिक रुख पर सफाई देनी चाहिए। आधिकारिक तौर पर तृणमूल सदस्य के रूप में बने रहने के दौरान उन्होंने भाजपा के साथ संपर्क बनाए रखा है। उन्होंने पहले सांसद के रूप में इस्तीफा क्यों नहीं दिया।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम