कोलकाता, 7 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में विभिन्न नगरपालिकाओं में भर्ती घोटाले के मामले में इस महीने की शुरुआत में सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल किया था। सीबीआई ने डिटेल में बताया कि भर्ती में अनियमितताएं कैसे शुरू हुईं।
सूत्रों ने बताया कि पहला शक तब पैदा हुआ जब पाया कि अलग-अलग ग्रेड्स के पदों की लिखित परीक्षा के लिए एक जैसे प्रश्न पूछे गए थे। ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों के लिए पूछे गए प्रश्न 100 प्रतिशत एक जैसे थे, जोकि भर्ती परीक्षा आयोजित करने के किसी भी प्रोफेशनल तरीके में कल्पना से परे है।
सूत्रों ने बताया कि दूसरा शक तब पैदा हुआ जब, प्रश्नों के पैटर्न को देखा। उससे साफ हो गया कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रश्न पत्र तैयार करने में विशेषज्ञता और अनुभव रखने वाली किसी भी विशेषज्ञ आउटसोर्स एजेंसी की ओर से कोई प्रोफेशनल टच नहीं किया गया था।
पूछताछ के दौरान जांच से पता चला कि इस मामले में किसी विशेष एजेंसी की विशेषज्ञता को नियुक्त करने के बजाय, विभिन्न पदों के लिए प्रश्न पत्र तैयार करने का कार्य निजी प्रमोटर अयान सिल के मालिकाना हक वाली एजेंसी को दिया गया था। वह नगर पालिका और स्कूल नौकरियों की भर्ती के मामलों में मुख्य आरोपी हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्कूल में नौकरी दिलाने के मामले में संलिप्तता के संबंध में पिछले साल मार्च में सिल को गिरफ्तार किया था। वह पहले से ही न्यायिक हिरासत में है।
सिल की कंपनी और नगर पालिकाओं की भर्ती मामले के बीच संबंध का पता पिछले साल ईडी अधिकारियों ने लगाया था। ईडी बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही थी और तभी सिल संदेह के घेरे में आया था। इसके बाद उसके आवास पर छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया गया था।
–आईएएनएस
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