कोलकाता, 18 जून (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस राज्य में पंचायत चुनावों को लेकर जारी हिंसा और झड़पों की घिटनाओं पर सीधे नजर रखने का फैसला किया है। उन्होंने कोलकाता में गवर्नर हाउस में एक शांति कक्ष खोलने का आदेश दिया है, जहां आम लोग ग्रामीण नागरिक निकाय चुनावों के दौरान होने वाली झड़पों और हिंसा की ताजा घटनाओं की सीधे रिपोर्ट कर सकेंगे।
राजभवन के सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल ने शनिवार रात दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग के अपने दौरे से लौटने के तुरंत बाद इस पर निर्णय लिया। शांति कक्ष के माध्यम से, राज्यपाल पंचायत चुनाव समाप्त होने और मतगणना प्रक्रिया पूरी होने तक दिन-प्रतिदिन की स्थिति की निगरानी कर सकेंगे।
गवर्नर हाउस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में राज्यपाल के लगातार दौरे के क्रम में और चुनाव पूर्व बंगाल में आपराधिक धमकी पर नागरिकों से प्राप्त कई अभ्यावेदन के मद्देनजर, जवाब देने के लिए राजभवन में एक सहायता कक्ष खोला गया है। शांति कक्ष उचित कार्रवाई के लिए सरकार और राज्य चुनाव आयुक्त को मुद्दों का उल्लेख करेगा।
इसमें एक ईमेल आईडी और फोन नंबर भी दिया गया है, इसके जरिए आम लोग हिंसा की घटनाओं की जानकारी राजभवन को दे सकेंगे।
राज्यपाल ने कहा, दुर्भाग्य से कुछ इलाकों में मैंने लोकतंत्र की गिरावट देखी है। लेकिन मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि लोकतंत्र में डर की कोई गुंजाइश नहीं है। मैं राज्य के लोगों के साथ हूं। मैं अत्याचार, धमकी और हिंसा को बर्दाश्त नहीं करूंगा।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने इस तरह के बयान देने के लिए राज्यपाल का मजाक उड़ाया और कहा, राज्यपाल वाम मोर्चा, कांग्रेस और भाजपा के झूठे आरोपों को हवा दे रहे हैं। क्या राज्यपाल एक राजनीतिक एजेंट हैं? जब तृणमूल कांग्रेस के किसी व्यक्ति की हत्या होती है, तो वह घटनास्थल का दौरा नहीं करते हैं।
–आईएएनएस
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