कोलकाता, 16 मई (आईएएनएस)। पूर्वी मिदनापुर जिले के एगरा में मंगलवार को एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है।
इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए सात अन्य लोगों का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है। पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) द्वारा मामले की जांच के आदेश के अलावा, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतक व्यक्तियों के परिवारों के लिए 2.5 लाख रुपये और घायलों के लिए 1 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है।
सीएम ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि अगर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस मामले की जांच करती है, जैसा कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने मांग की है, तो वह इस पर कोई आपत्ति नहीं करेंगी।
कोलकात में सीएम ममता ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि पटाखा फैक्ट्री के मालिक कृष्णपद बी. को पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया था।
सीएम ममता ने कहा कि कृष्णपद को एक अवैध पटाखा फैक्ट्री चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने उसे जमानत दे दी थी। इसके बाद उन्होंने बंगाल-ओडिशा सीमा के करीब स्थित अपनी अवैध पटाखा फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया।
कृष्णपद अपने कारखाने में विस्फोट के बाद से फरार है और पुलिस को संदेह है कि वह ओडिशा भाग गया होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कृष्णपद इसी तरह का अवैध पटाखा बनाने का कारोबार ओडिशा और बांग्लादेश में चलाता है।
ममता ने आगे आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने विस्फोट स्थल पर पहुंचने से रोक दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस पंचायत में धमाका हुआ, वह भाजपा के नियंत्रण में है।
इस बीच, सुकांत मजूमदार ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से पता चलता है कि यह साधारण पटाखों का विस्फोट नहीं था। उन्होंने कहा, हमें संदेह है कि कारखाने में कच्चे बम बनाए जा रहे थे।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि अवैध रूप से पटाखा फैक्ट्री चलाई जा रही थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहे अवैध पटाखा कारखानों के खिलाफ कार्रवाई करने की उनकी बार-बार की गई अपील को स्थानीय प्रशासन द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया।
–आईएएनएस
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