कोलकाता, 3 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ में दायर जनहित याचिका में भाजपा के पुरुलिया जिला अध्यक्ष विवेक रंगा ने योजना के तहत होने वाले भुगतान पर तत्काल रोक लगाने की अपील की है।
जनहित याचिका में रंगा ने मामले की उचित और गहन जांच की भी मांग की है।
उन्होंने मंगलवार को आरोप लगाया, इस मद में केंद्र सरकार द्वारा वितरित धन वास्तविक व्यक्तियों तक नहीं पहुंच रहा है, जिसके लिए वे हैं। कई गैर-योग्य उम्मीदवारों को लाभार्थियों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
मामले की सुनवाई इस सप्ताह कभी भी हो सकती है।
कानूनी जानकारों के मुताबिक आम तौर पर ऐसे मामलों में जनहित याचिका में बेंच राज्य सरकार से हलफनामे के रूप में मामले में अपनी दलीलें दाखिल करने को कहती है।
पीठ राज्य सरकार से इस योजना के तहत लाभार्थियों की सूची और विवरण जमा करने को भी कह सकती है।
पीएमएवाई योजना में कथित अनियमितताओं को लेकर पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में विपक्षी दलों द्वारा विरोध प्रदर्शन के कई मामले सामने आए हैं।
आरोप है कि लाभार्थी सूची में उन लोगों के नाम हैं, जिनके पास पहले से मकान, दुपहिया या चौपहिया वाहन हैं.
यह भी आरोप लगाया गया है कि जो लोग पहले से ही इसी तरह की सरकारी प्रायोजित आवास योजनाओं के लाभार्थी थे, वे भी पीएमएवाई योजना के तहत अपना नाम दर्ज कराने में कामयाब रहे।
राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 31 दिसंबर, 2022 तक पश्चिम बंगाल में ढटअ योजना के लिए 10,19,000 आवेदन आए थे जबकि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित 11,36,000 के लक्ष्य के मुकाबले।
इस संबंध में अंतिम तिथि समाप्त हो चुकी है।
–आईएएनएस
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