कोलकाता, 10 अगस्त (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत के हालिया आदेश से प्रेरित सीबीआई ने रिश्वत देकर नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। अदालत ने मुर्शिदाबाद जिले के चार प्राथमिक शिक्षकों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
पिछले ढाई दिन के भीतर केंद्रीय एजेंसी ने पश्चिम बंगाल के दो जिलों में विभिन्न सरकारी स्कूलों में कार्यरत 37 प्राथमिक शिक्षकों को तलब किया है, जिन्हें कथित तौर पर पैसे के बदले नौकरी मिली थी।
बांकुरा जिले के सात प्राथमिक शिक्षकों से सोमवार और मंगलवार को लगातार पूछताछ करने के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने अब इस संबंध में पूछताछ के लिए कूच बिहार जिले के 30 शिक्षकों को बुलाया है।
एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि उन सभी को गुरुवार को मध्य कोलकाता में सीबीआई के निज़ाम पैलेस कार्यालय में उनके शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र, पहचान और पते के प्रमाण, शिक्षकों की भर्ती परीक्षा के लिए प्रवेश प्रवेश पत्र और उनके नियुक्ति पत्रों की प्रतियां जैसे सभी प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने के लिए कहा गया था।
कूच बिहार के सभी 30 प्राथमिक शिक्षक 2014 में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में शामिल हुए। नियुक्ति मिलने के बाद उन्हें अपने मूल जिलों के स्कूल में पोस्टिंग मिली।
एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि अब तक वे मुख्य रूप से स्कूल नौकरी के लिए नकद मामले में भ्रष्टाचार के “मांग” पक्ष के खिलाफ काम कर रहे थे, जो लाभार्थियों और नौकरियों के लिए धन प्राप्तकर्ताओं को लक्षित कर रहा था। अब भ्रष्टाचार के “आपूर्ति” पक्ष पर ध्यान देने का समय आ गया है। इस मामले में उन लोगों को निशाना बनाया जा रहा है जिन्होंने स्कूल में नौकरी पाने के लिए पैसे दिए थे।
सीबीआई के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा, “इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि भ्रष्टाचार के ‘आपूर्ति’ पक्ष के लोगों के खिलाफ पूछताछ और कड़ी कार्रवाई से अधिक प्रभावशाली लोग सामने आएंगे जो भ्रष्टाचार के ‘मांग’ पक्ष में हैं।”
दरअसल, इस सप्ताह की शुरुआत में मुर्शिदाबाद के चार प्राथमिक शिक्षकों को न्यायिक हिरासत में भेजते समय विशेष पीएमएलए अदालत के न्यायाधीश अर्पण चट्टोपाध्याय ने कहा कि पैसे देकर नौकरी पाने वाले ये शिक्षक ऐसे सभी भ्रष्टाचार की जड़ हैं।
–आईएएनएस
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