कोलकाता, 30 सितंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कर्मचारियों की संख्या कम है, जिस वह से मनी लॉन्ड्रिंग के कई मामलों के खिलाफ राज्य में धीमी जांच हो रही है।
दरअसल, ईडी के अधिवक्ता ने कलकत्ता हाईकोर्ट को बताया है कि एजेंसी के कोलकाता स्थित कार्यालय ने दिल्ली स्थित प्रधान कार्यालय से अतिरिक्त कर्मचारी भेजने का अनुरोध किया है।
ईडी के कोलकाता कार्यालय में कर्मचारियों की कमी कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के मद्देनजर सुर्खियों में आई है, जिसमें एजेंसी के सहायक निदेशक मिथिलेश कुमार मिश्रा को स्कूल में नौकरी के लिए करोड़ों रुपये के नकद मामले की जांच करने वाली टीम के प्रमुख के पद से हटा दिया गया है।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने एजेंसी के सहायक निदेशक मिथिलेश कुमार मिश्रा को पश्चिम बंगाल में स्कूल में नौकरी के बदले करड़ों रुपये के घोटाले के मामले की जांच करने वाली टीम के प्रमुख के पद से हटा दिया है, इस फैसले के बाद ईडी के कोलकाता कार्यालय में कर्मचारियों की कमी की बात सुर्खियों में आई।
अदालत ने यह भी कहा कि मिश्रा को पश्चिम बंगाल में किसी भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की किसी भी तरह की जांच का काम नहीं सौंपा जा सकता है। ईडी के सूत्रों का कहना है कि इस समय ईडी के कोलकाता कार्यालय में 6 जांच अधिकारी हैं।
इस समय मनी लॉन्ड्रिंग के कुल 131 मामले ईडी के कोलकाता कार्यालय के अधिकार क्षेत्र में हैं। मतलब, इन छह क्षेत्रीय जांच अधिकारियों में से प्रत्येक लगभग 22 मामलों को संभाल रहे हैं।
हालांकि, एजेंसी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि कोलकाता कार्यालय को दिल्ली प्रधान कार्यालय द्वारा आश्वासन दिया गया है कि एजेंसी की विभिन्न इकाइयों से अधिक अधिकारी 10 अक्टूबर तक ईडी कार्यालय में शामिल होंगे, जिससे एक ही जांच अधिकारी पर बहुत सारे मामलों का दबाव कम हो जाएगा।
ईडी ने कलकत्ता हाईकोर्ट को इस संबंध में घटनाक्रम के बारे में लेटेस्ट जानकारी देने का आश्वासन दिया है।
–आईएएनएस
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