कोलकाता, 12 फरवरी (आईएएनएस)। ध्वनि प्रदूषण के स्थान-व स्तरों का पता लगाने के लिए पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में हाई-एंड साउंड मीटर स्थापित करने का निर्णय लिया है।
बीपीसीबी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण के स्तर को मापने की मौजूदा प्रणाली के तहत स्थान-विशिष्ट ध्वनि प्रदूषण की पहचान करना अक्सर मुश्किल होता है।
डब्ल्यूबीपीसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, नए हाई-एंड साउंड मीटर में लोकेशन टैगिंग होगी, जो क्लाउड टेक्नोलॉजी के उपयोग के माध्यम से की जाएगी। इससे संबंधित अधिकारियों को यह पता चल सकेगा कि हाई-एंड साउंड मीटर किसे आवंटित किए जाएंगे, वे जान सकेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी विशेष क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण का स्तर एक विशेष सीमा से अधिक हो जाता है, तो हाई-एंड साउंड मीटर संबंधित अधिकारियों को अलर्ट भेजेंगे, जिन्हें ये मशीनें आवंटित की जाएंगी। उन्होंने कहा, इस अलर्ट के बाद, संबंधित अधिकारी आवश्यकतानुसार उपाय करने में सक्षम होंगे।
पता चला है कि राज्य सरकार द्वारा संचालित वेबेल टेक्नोलॉजी लिमिटेड को इन हाई-एंड साउंड मीटरों को तैयार करने का काम सौंपा जाएगा। शुरुआत में राज्य के अलग-अलग इलाकों में ऐसी 1,000 मशीनें लगाने की योजना है। बोर्ड इन मशीनों को राज्य पुलिस, विभिन्न पुलिस आयुक्त प्राधिकरणों, नगर निगमों, नगर पालिकाओं और राज्य परिवहन विभाग जैसे विभिन्न नियंत्रण प्राधिकरणों को आवंटित करेगा।
डब्लूबीपीसीबी अधिकारी ने कहा, डब्ल्यूबीपीसीबी ऐसी कुछ मशीनों को नियत समय में खराब होने वाली किसी भी मशीन के प्रतिस्थापन के उद्देश्य से रिजर्व में रखेगा। मशीनों की स्थापना राज्य में शहरी इलाकों तक सीमित होगी जहां पारंपरिक रूप से ध्वनि प्रदूषण का स्तर तुलना में अधिक है। ग्रामीण इलाकों में उस पर जोर दिया जाएगा। उन इलाकों पर जोर दिया जाएगा, जहां ध्वनि प्रदूषण का स्तर असामान्य रूप से उच्च होने की सूचना है।
–आईएएनएस
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