कोलकाता, 6 फरवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय ने मंगलवार को भाजपा विधायकों द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके बाद विधानसभा में विधायकों ने हंगामा किया। प्रस्ताव में हाल की कैग रिपोर्ट पर चर्चा की मांग की गई थी।
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में छह भाजपा विधायकों ने विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत जारी फंड के लिए राज्य सरकार द्वारा 2 करोड़ रुपये से अधिक के उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा न करने पर चर्चा की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव पेश किया।
हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और चर्चा की दलील ठुकरा दी। इनकार से भाजपा विधायक नाराज हो गए। इसके बाद सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में उन्होंने विरोध शुरू किया और ‘चोर, चोर’ चिल्लाते हुए सदन के वेल में आ गए।
हालांकि, हंगामे के बावजूद विधानसभा अध्यक्ष ने मौजूदा बजट सत्र से एक भी विधायक को निलंबित नहीं करने का फैसला किया। राज्य का बजट गुरुवार को पेश किया जाएगा और अगले दो दिनों तक सदन में इस पर चर्चा होगी।
मंगलवार को विधानसभा में हंगामा लगातार जारी रहने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। इसके बाद भाजपा विधायकों ने विधानसभा लॉबी में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया और सरकार विरोधी नारे लिखे पोस्टर लहराए।
भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि कैग रिपोर्ट में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के फंड के इस्तेमाल में अनियमितता के साफ संकेत मिले हैं। सत्तारूढ़ दल ने वहां उजागर की गई अनियमितताओं से इनकार किया है। अब मेरा सवाल यह है कि यदि वे निर्दोष हैं, तो वे सदन में चर्चा से क्यों बच रहे हैं? सदन के अध्यक्ष को चर्चा की अनुमति देनी चाहिए थी।
–आईएएनएस
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