कोलकाता, 24 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के गृह सचिव बी.पी. गोपालिका को मंगलवार को अदालत में जब्त नशीले पदार्थो की जांच रिपोर्ट पेश करने में असामान्य देरी को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के क्रोध का सामना करना पड़ा, हालांकि इस मामले में गिरफ्तार एक आरोपी सलाखों के पीछे लगभग 600 दिन बिता चुका था।
न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने अधिकारी से पूछा : राज्य सरकार नशीले पदार्थो से संबंधित मामलों में समय पर जांच रिपोर्ट पेश करने में इतनी अनिच्छुक क्यों है? क्या राज्य सरकार ऐसे मामलों को लंबा नहीं खींचती है? क्या जब्त नशीले पदार्थो की समय पर जांच करा रहे हैं?
न्यायमूर्ति बागची ने कहा, क्या इस तरह की जांच एक अनूठा मामला है? यह संभव नहीं है कि ऐसे मामलों को लेकर राज्य सरकार के पास कोई विशेष दिशानिर्देश नहीं हो। पश्चिम बंगाल के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं हैं। इन सीमाओं से अक्सर मादक पदार्थो की तस्करी की सूचना मिलती है। उसके बाद भी ऐसा क्यों है? राज्य सरकार इस मामले में सुस्त है। यह कैसे सही ठहराया जा सकता है कि राज्य सरकार के पास जब्त नशीले पदार्थो की जांच के लिए सुविधाएं नहीं हैं? यह स्वीकार्य नहीं है कि जांच की कमी के कारण मामला लंबा खिंचता जाए।
पीठ ने राज्य सरकार को अगले चार सप्ताह के भीतर अदालत को इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया।
–आईएएनएस
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