कोलकाता, 22 मार्च (आईएएनएस)। विभिन्न नगर पालिकाओं में कर्मचारियों की भर्ती से संबंधित कथित घोटाले में पश्चिम बंगाल सरकार अपनी जांच शुरू कर सकती है, जो करोड़ों रुपये के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी भर्ती घोटाले की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा किए गए खुलासे के बाद सामने आया है।
राज्य के नगरपालिका मामलों और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम ने बुधवार को कहा कि उन्होंने अपने विभाग के अधिकारियों से कहा है कि इस मामले में जो जानकारी सामने आ रही है, उसकी बारीकी से निगरानी करें और जांच करें।
उन्होंने कहा, सब कुछ की समीक्षा की जा रही है। मैंने विभाग के अधिकारियों को मामले में सभी संबंधित कागजात और दस्तावेज रखने का निर्देश दिया है। अदालत ने अभी तक हमें इस पर कोई विशेष आदेश नहीं दिया है। इसलिए हम इस मामले में कोई स्वत: संज्ञान जांच शुरू नहीं करेंगे। यह देखना होगा कि क्या वास्तव में इस मामले में कोई अनियमितता हुई है।
शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में निजी रियल एस्टेट प्रमोटर अयान शील के आवास पर पिछले सप्ताहांत में छापेमारी और तलाशी अभियान के दौरान ईडी के अधिकारियों ने राज्य के विभिन्न नगर पालिकाओं में कर्मचारियों की भर्ती से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए, जो इस प्रक्रिया में भारी अनियमितताओं को दर्शाते हैं।
ईडी के वकील ने सोमवार को कोलकाता में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत में विस्तृत जानकारी दी। शील फिलहाल ईडी की हिरासत में है।
इस गिनती पर जो नगर पालिकाओं के नाम सामने आए हैं उनमें दक्षिण 24 परगना में उत्तर दम दम, दक्षिण दम दम, बारानगर, कमरहाटी, पानीहाटी और हलीशहर और दक्षिण 24 परगना में डायमंड हार्बर शामिल हैं।
ईडी के सूत्रों ने कहा कि उनके अधिकारियों ने इन नगरपालिकाओं में ग्रुप-सी और ग्रुप-डी श्रेणियों में नौकरियां सुनिश्चित करने के पीछे वित्तीय संलिप्तता से संबंधित कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
–आईएएनएस
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