कोलकाता, 7 जून (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को ओडिशा ट्रेन हादसे के पीड़ितों के परिवारों को मुआवजे के चेक का देने के लिए तैयार हैं, लेकिन इस बीच आरोप सामने आए हैं कि एक विशेष श्रमिक कल्याण योजना का पैसा इस काम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और कंस्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीडब्ल्यूएफआई) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष देबंजन चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड (बीओसीडब्ल्यूडब्ल्यूबी) का पैसा दुर्घटना प्रभावितों के परिवारों को दिया जा रहा है।
अधिकारी ने कहा कि पिछले साल बोगतुई नरसंहार के पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देते समय भी ऐसा ही किया गया था – मध्याह्न् भोजन योजना के लिए आवंटित धन का इस्तेमाल मुआवजा देने के लिए किया गया था।
विपक्ष के नेता ने कहा कि रेल दुर्घटना के पीड़ितों को मुआवजा मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान किया जाना चाहिए था।
इस बीच, सीडब्ल्यूएफआई के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यदि वास्तव में बीआईसीडब्ल्यूडब्ल्यूबी योजना से धन का ऐसा डायवर्जन हुआ है तो उनका संघ अदालत जाने पर विचार कर रहा है।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार के पास अन्य उद्देश्यों के लिए बीओसीडब्ल्यूडब्ल्यूबी योजना के तहत पैसा खर्च करने का कोई अधिकार नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो हम इस तरह के किसी भी कदम की निंदा करते हैं।
इस बीच राज्य सरकार के अधिकारी इस मामले पर पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं।
हालांकि, राज्य के वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की सख्त शर्त पर कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है, लेकिन ऐसे उदाहरण हैं कि आपात स्थिति में राज्य सरकार किसी विशेष योजना के तहत आवंटित धन का एक अलग उद्देश्य के लिए उपयोग करती है। उन्होंने कहा, राज्य का वित्त विभाग बाद में उसी योजना में दोबारा पैसा लौटा देता है। यह सदियों से होता आया है।
रिपोर्ट लिखे जाने तक तृणमूल कांग्रेस की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी।
–आईएएनएस
एकेजे