कोलकाता, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के अधिकारियों को स्कूल नौकरी भर्ती अनियमितता मामले में असंतोषजनक और अधूरी रिपोर्ट पेश करने पर सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ की नाराजगी का सामना करना पड़ा।
न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और न्यायमूर्ति शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने यहां तक कहा कि अदालत में आयोग द्वारा दाखिल की गई तीसरी रिपोर्ट में डब्ल्यूबीएसएससी ने बहुत सी चीजों को छिपाने का प्रयास किया है।
न्यायमूर्ति बसाक और न्यायमूर्ति रशीदी ने आयोग को अगले 48 घंटों के भीतर अपनी चौथी रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया, क्योंकि मामला 20 दिसंबर को फिर से सुनवाई के लिए आएगा।
न्यायमूर्ति बसाक और न्यायमूर्ति रशीदी की खंडपीठ पश्चिम बंगाल में स्कूल के लिए करोड़ों रुपये की नौकरी के मामले से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा गठित एक विशेष पीठ है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद विशेष पीठ का गठन किया गया था।
इससे पहले, कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी स्कूलों में कई माध्यमिक शिक्षकों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी।
नौकरी खोने वालों ने बाद में उस आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। हालांकि, शीर्ष अदालत ने मामले को कलकत्ता अदालत को वापस लौटा दिया और निर्देश दिया कि इसकी सुनवाई उच्च न्यायालय की एक नई विशेष पीठ द्वारा की जाए।
मामले में सुनवाई के पहले दिन न्यायमूर्ति बसाक और न्यायमूर्ति रशीदी ने डब्ल्यूबीएसएससी अधिकारियों को मामले में अपनी टिप्पणियों के साथ एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। उन्होंने डब्ल्यूबीएसएससी को उनके द्वारा पहचानी गई अनियमितताओं के मामले में आयोग द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताने का भी निर्देश दिया।
हालांकि, कोर्ट इस मामले में आयोग की ओर से अब तक दाखिल किसी भी रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है।
–आईएएनएस
एसजीके
कोलकाता, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के अधिकारियों को स्कूल नौकरी भर्ती अनियमितता मामले में असंतोषजनक और अधूरी रिपोर्ट पेश करने पर सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ की नाराजगी का सामना करना पड़ा।
न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और न्यायमूर्ति शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने यहां तक कहा कि अदालत में आयोग द्वारा दाखिल की गई तीसरी रिपोर्ट में डब्ल्यूबीएसएससी ने बहुत सी चीजों को छिपाने का प्रयास किया है।
न्यायमूर्ति बसाक और न्यायमूर्ति रशीदी ने आयोग को अगले 48 घंटों के भीतर अपनी चौथी रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया, क्योंकि मामला 20 दिसंबर को फिर से सुनवाई के लिए आएगा।
न्यायमूर्ति बसाक और न्यायमूर्ति रशीदी की खंडपीठ पश्चिम बंगाल में स्कूल के लिए करोड़ों रुपये की नौकरी के मामले से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा गठित एक विशेष पीठ है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद विशेष पीठ का गठन किया गया था।
इससे पहले, कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी स्कूलों में कई माध्यमिक शिक्षकों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी।
नौकरी खोने वालों ने बाद में उस आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। हालांकि, शीर्ष अदालत ने मामले को कलकत्ता अदालत को वापस लौटा दिया और निर्देश दिया कि इसकी सुनवाई उच्च न्यायालय की एक नई विशेष पीठ द्वारा की जाए।
मामले में सुनवाई के पहले दिन न्यायमूर्ति बसाक और न्यायमूर्ति रशीदी ने डब्ल्यूबीएसएससी अधिकारियों को मामले में अपनी टिप्पणियों के साथ एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। उन्होंने डब्ल्यूबीएसएससी को उनके द्वारा पहचानी गई अनियमितताओं के मामले में आयोग द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताने का भी निर्देश दिया।
हालांकि, कोर्ट इस मामले में आयोग की ओर से अब तक दाखिल किसी भी रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है।
–आईएएनएस
एसजीके