कोलकाता, 31 मई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस नेता सुजय कृष्ण भद्र की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी पर राज्य में सियासी घमासान शुरू हो गया है। भद्र पार्टी के कोई बड़े नेता नहीं हैं, लेकिन उन्हें तृणमूल नेतृत्व का विश्वासपात्र माना जाता है।
तृणमूल कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने कांग्रेस विधायक बायरन बिस्वास के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के सिर्फ 24 घंटे बाद हुए घटनाक्रम का सीधे तौर पर जिक्र किए बिना उनकी गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया है।
घोष ने ट्विटर पर लिखा, बायरन बिस्वास के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद पश्चिम बंगाल में कांग्रेस-भाजपा-वाम मोर्चा के अपवित्र गठजोड़ को एक बड़ा झटका लगा। सवाल यह है कि क्या दिन भर का नाटक मुख्य मुद्दे से ध्यान हटाने का प्रयास था। जिस तरह से तीन विपक्षी पार्टियां खुश हो रही हैं, उससे यह स्पष्ट है।
भद्रा को मंगलवार को 12 घंटे से अधिक समय तक चली मैराथन पूछताछ के बाद रात करीब 11 बजे गिरफ्तार किया गया।
उनके ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के डर ने साबित कर दिया कि केंद्रीय एजेंसियां अब स्कूल भर्ती मामले की आत्मा तक पहुंच चुकी हैं।
अधिकारी ने लिखा, सुजय कृष्ण भद्र उर्फ कालीघाट-एर काकू गिरफ्तार। कानून के लंबे हाथ आखिरकार मास्टरमाइंड और सबसे बड़ा लाभ पाने वालों तक पहुंच रहे हैं। इसके बाद उन्होंने अंग्रेजी के बड़े अक्षरों में लिखा, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। बड़े और शक्तिशाली जेल जाएंगे। समय बीत रहा है..। उन्होंने लिखा, एसोसिएट्स ऑफ कालीघाट-एर काकू जानते हैं।
केंद्रीय एजेंसी की पूछताछ के दौरान मामले के एक संदिग्ध गोपाल दलपति ने उनका नाम लिया था।
दलपति ने ईडी के अधिकारियों को बताया कि भर्ती मामले में आरोपी और निष्कासित युवा तृणमूल कांग्रेस नेता कुंतल घोष, घोटाले की आय का एक हिस्सा भद्र को सौंप देता था, जिसे घोष कालीघाटेर काकू (कालीघाट के चाचा) के रूप में संबोधित करता था। दलपति ने बताया कि घोष ने दावा किया कि भद्र राज्य की सत्ताधारी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ उनकी मुख्य कड़ी था।
भद्र ने मंगलवार को पूछताछ के दौरान कथित तौर पर तीन कॉर्पोरेट संस्थाओं के साथ उसके संबंधों के बारे में सवालों को टाल दिया। केंद्रीय एजेंसी को संदेह है कि ये स्कूल भर्ती मामले की आय को ठिकाने लगाने में इस्तेमाल की जाने वाली शेल कंपनियां हैं।
ईडी ने 20 मई को भद्र के बेहाला स्थित आवास पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी उसी दिन की गई थी जब सीबीआई के अधिकारियों ने मामले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से पूछताछ की थी।
इससे पहले सीबीआई ने भद्रा के आवास पर भी छापा मारा था, जहां उन्होंने कुछ दस्तावेज और नकदी जब्त की थी। ईडी के अधिकारियों को जब्त किए गए भद्र के दो मोबाइल फोन से कुछ सुराग मिले हैं।
–आईएएनएस
एकेजे