नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस अंतरिम निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त 2023 तक 32,000 शिक्षक का नए सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 12 मई को 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था।
बाद में यह आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया।
प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि वे प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गई थी।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया।
खंडपीठ ने 19 मई को इस साल 23 सितंबर तक नौकरियां समाप्त करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हालांकि, उसने एकल-पीठ के नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश पर रोक नहीं लगाई थी।
इस बीच, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चली गई।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना होगा।
इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय से नकदी के बदले स्कूलों में नौकरी घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि इस तरह के विवाद का जल्द से जल्द फैसला हो जाएगा।
”इसलिए, हम होईकोर्ट से रिट अपील की सुनवाई में तेजी लाने के लिए कहते हैं।”
इसमें कहा गया है, ”हमने एकल न्यायाधीश के निर्देशानुसार नए सिरे से चयन का निर्देश देने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है।”
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस अंतरिम निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त 2023 तक 32,000 शिक्षक का नए सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 12 मई को 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था।
बाद में यह आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया।
प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि वे प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गई थी।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया।
खंडपीठ ने 19 मई को इस साल 23 सितंबर तक नौकरियां समाप्त करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हालांकि, उसने एकल-पीठ के नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश पर रोक नहीं लगाई थी।
इस बीच, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चली गई।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना होगा।
इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय से नकदी के बदले स्कूलों में नौकरी घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि इस तरह के विवाद का जल्द से जल्द फैसला हो जाएगा।
”इसलिए, हम होईकोर्ट से रिट अपील की सुनवाई में तेजी लाने के लिए कहते हैं।”
इसमें कहा गया है, ”हमने एकल न्यायाधीश के निर्देशानुसार नए सिरे से चयन का निर्देश देने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है।”
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस अंतरिम निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त 2023 तक 32,000 शिक्षक का नए सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 12 मई को 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था।
बाद में यह आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया।
प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि वे प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गई थी।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया।
खंडपीठ ने 19 मई को इस साल 23 सितंबर तक नौकरियां समाप्त करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हालांकि, उसने एकल-पीठ के नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश पर रोक नहीं लगाई थी।
इस बीच, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चली गई।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना होगा।
इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय से नकदी के बदले स्कूलों में नौकरी घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि इस तरह के विवाद का जल्द से जल्द फैसला हो जाएगा।
”इसलिए, हम होईकोर्ट से रिट अपील की सुनवाई में तेजी लाने के लिए कहते हैं।”
इसमें कहा गया है, ”हमने एकल न्यायाधीश के निर्देशानुसार नए सिरे से चयन का निर्देश देने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है।”
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस अंतरिम निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त 2023 तक 32,000 शिक्षक का नए सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 12 मई को 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था।
बाद में यह आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया।
प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि वे प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गई थी।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया।
खंडपीठ ने 19 मई को इस साल 23 सितंबर तक नौकरियां समाप्त करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हालांकि, उसने एकल-पीठ के नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश पर रोक नहीं लगाई थी।
इस बीच, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चली गई।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना होगा।
इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय से नकदी के बदले स्कूलों में नौकरी घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि इस तरह के विवाद का जल्द से जल्द फैसला हो जाएगा।
”इसलिए, हम होईकोर्ट से रिट अपील की सुनवाई में तेजी लाने के लिए कहते हैं।”
इसमें कहा गया है, ”हमने एकल न्यायाधीश के निर्देशानुसार नए सिरे से चयन का निर्देश देने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है।”
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस अंतरिम निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त 2023 तक 32,000 शिक्षक का नए सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 12 मई को 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था।
बाद में यह आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया।
प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि वे प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गई थी।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया।
खंडपीठ ने 19 मई को इस साल 23 सितंबर तक नौकरियां समाप्त करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हालांकि, उसने एकल-पीठ के नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश पर रोक नहीं लगाई थी।
इस बीच, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चली गई।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना होगा।
इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय से नकदी के बदले स्कूलों में नौकरी घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि इस तरह के विवाद का जल्द से जल्द फैसला हो जाएगा।
”इसलिए, हम होईकोर्ट से रिट अपील की सुनवाई में तेजी लाने के लिए कहते हैं।”
इसमें कहा गया है, ”हमने एकल न्यायाधीश के निर्देशानुसार नए सिरे से चयन का निर्देश देने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है।”
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस अंतरिम निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त 2023 तक 32,000 शिक्षक का नए सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 12 मई को 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था।
बाद में यह आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया।
प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि वे प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गई थी।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया।
खंडपीठ ने 19 मई को इस साल 23 सितंबर तक नौकरियां समाप्त करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हालांकि, उसने एकल-पीठ के नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश पर रोक नहीं लगाई थी।
इस बीच, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चली गई।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना होगा।
इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय से नकदी के बदले स्कूलों में नौकरी घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि इस तरह के विवाद का जल्द से जल्द फैसला हो जाएगा।
”इसलिए, हम होईकोर्ट से रिट अपील की सुनवाई में तेजी लाने के लिए कहते हैं।”
इसमें कहा गया है, ”हमने एकल न्यायाधीश के निर्देशानुसार नए सिरे से चयन का निर्देश देने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है।”
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस अंतरिम निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त 2023 तक 32,000 शिक्षक का नए सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 12 मई को 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था।
बाद में यह आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया।
प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि वे प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गई थी।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया।
खंडपीठ ने 19 मई को इस साल 23 सितंबर तक नौकरियां समाप्त करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हालांकि, उसने एकल-पीठ के नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश पर रोक नहीं लगाई थी।
इस बीच, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चली गई।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना होगा।
इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय से नकदी के बदले स्कूलों में नौकरी घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि इस तरह के विवाद का जल्द से जल्द फैसला हो जाएगा।
”इसलिए, हम होईकोर्ट से रिट अपील की सुनवाई में तेजी लाने के लिए कहते हैं।”
इसमें कहा गया है, ”हमने एकल न्यायाधीश के निर्देशानुसार नए सिरे से चयन का निर्देश देने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है।”
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस अंतरिम निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त 2023 तक 32,000 शिक्षक का नए सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 12 मई को 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था।
बाद में यह आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया।
प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि वे प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गई थी।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया।
खंडपीठ ने 19 मई को इस साल 23 सितंबर तक नौकरियां समाप्त करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हालांकि, उसने एकल-पीठ के नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश पर रोक नहीं लगाई थी।
इस बीच, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चली गई।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना होगा।
इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय से नकदी के बदले स्कूलों में नौकरी घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि इस तरह के विवाद का जल्द से जल्द फैसला हो जाएगा।
”इसलिए, हम होईकोर्ट से रिट अपील की सुनवाई में तेजी लाने के लिए कहते हैं।”
इसमें कहा गया है, ”हमने एकल न्यायाधीश के निर्देशानुसार नए सिरे से चयन का निर्देश देने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है।”
–आईएएनएस
एकेजे
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस अंतरिम निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त 2023 तक 32,000 शिक्षक का नए सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 12 मई को 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था।
बाद में यह आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया।
प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि वे प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गई थी।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया।
खंडपीठ ने 19 मई को इस साल 23 सितंबर तक नौकरियां समाप्त करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हालांकि, उसने एकल-पीठ के नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश पर रोक नहीं लगाई थी।
इस बीच, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चली गई।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना होगा।
इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय से नकदी के बदले स्कूलों में नौकरी घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि इस तरह के विवाद का जल्द से जल्द फैसला हो जाएगा।
”इसलिए, हम होईकोर्ट से रिट अपील की सुनवाई में तेजी लाने के लिए कहते हैं।”
इसमें कहा गया है, ”हमने एकल न्यायाधीश के निर्देशानुसार नए सिरे से चयन का निर्देश देने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है।”
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस अंतरिम निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त 2023 तक 32,000 शिक्षक का नए सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 12 मई को 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था।
बाद में यह आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया।
प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि वे प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गई थी।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया।
खंडपीठ ने 19 मई को इस साल 23 सितंबर तक नौकरियां समाप्त करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हालांकि, उसने एकल-पीठ के नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश पर रोक नहीं लगाई थी।
इस बीच, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चली गई।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना होगा।
इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय से नकदी के बदले स्कूलों में नौकरी घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि इस तरह के विवाद का जल्द से जल्द फैसला हो जाएगा।
”इसलिए, हम होईकोर्ट से रिट अपील की सुनवाई में तेजी लाने के लिए कहते हैं।”
इसमें कहा गया है, ”हमने एकल न्यायाधीश के निर्देशानुसार नए सिरे से चयन का निर्देश देने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है।”
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस अंतरिम निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त 2023 तक 32,000 शिक्षक का नए सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 12 मई को 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था।
बाद में यह आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया।
प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि वे प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गई थी।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया।
खंडपीठ ने 19 मई को इस साल 23 सितंबर तक नौकरियां समाप्त करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हालांकि, उसने एकल-पीठ के नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश पर रोक नहीं लगाई थी।
इस बीच, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चली गई।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना होगा।
इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय से नकदी के बदले स्कूलों में नौकरी घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि इस तरह के विवाद का जल्द से जल्द फैसला हो जाएगा।
”इसलिए, हम होईकोर्ट से रिट अपील की सुनवाई में तेजी लाने के लिए कहते हैं।”
इसमें कहा गया है, ”हमने एकल न्यायाधीश के निर्देशानुसार नए सिरे से चयन का निर्देश देने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है।”
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस अंतरिम निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त 2023 तक 32,000 शिक्षक का नए सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 12 मई को 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था।
बाद में यह आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया।
प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि वे प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गई थी।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया।
खंडपीठ ने 19 मई को इस साल 23 सितंबर तक नौकरियां समाप्त करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हालांकि, उसने एकल-पीठ के नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश पर रोक नहीं लगाई थी।
इस बीच, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चली गई।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना होगा।
इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय से नकदी के बदले स्कूलों में नौकरी घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि इस तरह के विवाद का जल्द से जल्द फैसला हो जाएगा।
”इसलिए, हम होईकोर्ट से रिट अपील की सुनवाई में तेजी लाने के लिए कहते हैं।”
इसमें कहा गया है, ”हमने एकल न्यायाधीश के निर्देशानुसार नए सिरे से चयन का निर्देश देने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है।”
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस अंतरिम निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त 2023 तक 32,000 शिक्षक का नए सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 12 मई को 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था।
बाद में यह आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया।
प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि वे प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गई थी।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया।
खंडपीठ ने 19 मई को इस साल 23 सितंबर तक नौकरियां समाप्त करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हालांकि, उसने एकल-पीठ के नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश पर रोक नहीं लगाई थी।
इस बीच, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चली गई।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना होगा।
इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय से नकदी के बदले स्कूलों में नौकरी घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि इस तरह के विवाद का जल्द से जल्द फैसला हो जाएगा।
”इसलिए, हम होईकोर्ट से रिट अपील की सुनवाई में तेजी लाने के लिए कहते हैं।”
इसमें कहा गया है, ”हमने एकल न्यायाधीश के निर्देशानुसार नए सिरे से चयन का निर्देश देने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है।”
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस अंतरिम निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त 2023 तक 32,000 शिक्षक का नए सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 12 मई को 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था।
बाद में यह आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया।
प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि वे प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गई थी।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया।
खंडपीठ ने 19 मई को इस साल 23 सितंबर तक नौकरियां समाप्त करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हालांकि, उसने एकल-पीठ के नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश पर रोक नहीं लगाई थी।
इस बीच, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चली गई।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना होगा।
इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय से नकदी के बदले स्कूलों में नौकरी घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि इस तरह के विवाद का जल्द से जल्द फैसला हो जाएगा।
”इसलिए, हम होईकोर्ट से रिट अपील की सुनवाई में तेजी लाने के लिए कहते हैं।”
इसमें कहा गया है, ”हमने एकल न्यायाधीश के निर्देशानुसार नए सिरे से चयन का निर्देश देने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है।”
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस अंतरिम निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त 2023 तक 32,000 शिक्षक का नए सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 12 मई को 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था।
बाद में यह आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया।
प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि वे प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गई थी।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया।
खंडपीठ ने 19 मई को इस साल 23 सितंबर तक नौकरियां समाप्त करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हालांकि, उसने एकल-पीठ के नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश पर रोक नहीं लगाई थी।
इस बीच, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चली गई।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना होगा।
इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय से नकदी के बदले स्कूलों में नौकरी घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि इस तरह के विवाद का जल्द से जल्द फैसला हो जाएगा।
”इसलिए, हम होईकोर्ट से रिट अपील की सुनवाई में तेजी लाने के लिए कहते हैं।”
इसमें कहा गया है, ”हमने एकल न्यायाधीश के निर्देशानुसार नए सिरे से चयन का निर्देश देने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है।”
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस अंतरिम निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त 2023 तक 32,000 शिक्षक का नए सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 12 मई को 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था।
बाद में यह आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया।
प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि वे प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गई थी।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया।
खंडपीठ ने 19 मई को इस साल 23 सितंबर तक नौकरियां समाप्त करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हालांकि, उसने एकल-पीठ के नई बनाई गई रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश पर रोक नहीं लगाई थी।
इस बीच, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चली गई।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना होगा।
इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय से नकदी के बदले स्कूलों में नौकरी घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि इस तरह के विवाद का जल्द से जल्द फैसला हो जाएगा।
”इसलिए, हम होईकोर्ट से रिट अपील की सुनवाई में तेजी लाने के लिए कहते हैं।”
इसमें कहा गया है, ”हमने एकल न्यायाधीश के निर्देशानुसार नए सिरे से चयन का निर्देश देने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है।”