कोलकाता, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। मुर्शिदाबाद जिले के बरवान विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के विधायक जीबन कृष्ण साहा, जो पश्चिम बंगाल में स्कूल में नौकरी के बदले करोड़ों रुपये के घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण छह महीने से सलाखों के पीछे हैं, अब जमानत याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
पार्टी के भीतर उनके करीबी विश्वासपात्रों ने कहा कि उनके आवेदन को शीर्ष अदालत ने स्वीकार कर लिया और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस भेज दिया गया है।
शीर्ष अदालत ने सीबीआई को तीन सप्ताह के भीतर मामले में अपना हलफनामा दाखिल करने को कहा है, इसके बाद मामले की सुनवाई की जाएगी।
साहा को इस साल अप्रैल में सीबीआई अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था और तब से वह दक्षिण कोलकाता के प्रेसीडेंसी सेंट्रल सुधार गृह में हैं।
लेकिन तृणमूल कांग्रेस के जिला नेतृत्व ने इससे किनारा कर लिया है। कार्यवाहक जिला उपाध्यक्ष अपूर्बा सरकार ने कहा “यह पूरी तरह से कानूनी मामला है और पार्टी नेतृत्व का इससे कोई संबंध नहीं है। इसलिए पार्टी के पास इस मामले में बोलने के लिए कुछ नहीं है।”
–आईएएनएस
सीबीटी
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कोलकाता, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। मुर्शिदाबाद जिले के बरवान विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के विधायक जीबन कृष्ण साहा, जो पश्चिम बंगाल में स्कूल में नौकरी के बदले करोड़ों रुपये के घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण छह महीने से सलाखों के पीछे हैं, अब जमानत याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
पार्टी के भीतर उनके करीबी विश्वासपात्रों ने कहा कि उनके आवेदन को शीर्ष अदालत ने स्वीकार कर लिया और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस भेज दिया गया है।
शीर्ष अदालत ने सीबीआई को तीन सप्ताह के भीतर मामले में अपना हलफनामा दाखिल करने को कहा है, इसके बाद मामले की सुनवाई की जाएगी।
साहा को इस साल अप्रैल में सीबीआई अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था और तब से वह दक्षिण कोलकाता के प्रेसीडेंसी सेंट्रल सुधार गृह में हैं।
लेकिन तृणमूल कांग्रेस के जिला नेतृत्व ने इससे किनारा कर लिया है। कार्यवाहक जिला उपाध्यक्ष अपूर्बा सरकार ने कहा “यह पूरी तरह से कानूनी मामला है और पार्टी नेतृत्व का इससे कोई संबंध नहीं है। इसलिए पार्टी के पास इस मामले में बोलने के लिए कुछ नहीं है।”
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पार्टी के भीतर उनके करीबी विश्वासपात्रों ने कहा कि उनके आवेदन को शीर्ष अदालत ने स्वीकार कर लिया और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस भेज दिया गया है।
शीर्ष अदालत ने सीबीआई को तीन सप्ताह के भीतर मामले में अपना हलफनामा दाखिल करने को कहा है, इसके बाद मामले की सुनवाई की जाएगी।
साहा को इस साल अप्रैल में सीबीआई अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था और तब से वह दक्षिण कोलकाता के प्रेसीडेंसी सेंट्रल सुधार गृह में हैं।
लेकिन तृणमूल कांग्रेस के जिला नेतृत्व ने इससे किनारा कर लिया है। कार्यवाहक जिला उपाध्यक्ष अपूर्बा सरकार ने कहा “यह पूरी तरह से कानूनी मामला है और पार्टी नेतृत्व का इससे कोई संबंध नहीं है। इसलिए पार्टी के पास इस मामले में बोलने के लिए कुछ नहीं है।”
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कोलकाता, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। मुर्शिदाबाद जिले के बरवान विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के विधायक जीबन कृष्ण साहा, जो पश्चिम बंगाल में स्कूल में नौकरी के बदले करोड़ों रुपये के घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण छह महीने से सलाखों के पीछे हैं, अब जमानत याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
पार्टी के भीतर उनके करीबी विश्वासपात्रों ने कहा कि उनके आवेदन को शीर्ष अदालत ने स्वीकार कर लिया और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस भेज दिया गया है।
शीर्ष अदालत ने सीबीआई को तीन सप्ताह के भीतर मामले में अपना हलफनामा दाखिल करने को कहा है, इसके बाद मामले की सुनवाई की जाएगी।
साहा को इस साल अप्रैल में सीबीआई अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था और तब से वह दक्षिण कोलकाता के प्रेसीडेंसी सेंट्रल सुधार गृह में हैं।
लेकिन तृणमूल कांग्रेस के जिला नेतृत्व ने इससे किनारा कर लिया है। कार्यवाहक जिला उपाध्यक्ष अपूर्बा सरकार ने कहा “यह पूरी तरह से कानूनी मामला है और पार्टी नेतृत्व का इससे कोई संबंध नहीं है। इसलिए पार्टी के पास इस मामले में बोलने के लिए कुछ नहीं है।”
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पार्टी के भीतर उनके करीबी विश्वासपात्रों ने कहा कि उनके आवेदन को शीर्ष अदालत ने स्वीकार कर लिया और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस भेज दिया गया है।
शीर्ष अदालत ने सीबीआई को तीन सप्ताह के भीतर मामले में अपना हलफनामा दाखिल करने को कहा है, इसके बाद मामले की सुनवाई की जाएगी।
साहा को इस साल अप्रैल में सीबीआई अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था और तब से वह दक्षिण कोलकाता के प्रेसीडेंसी सेंट्रल सुधार गृह में हैं।
लेकिन तृणमूल कांग्रेस के जिला नेतृत्व ने इससे किनारा कर लिया है। कार्यवाहक जिला उपाध्यक्ष अपूर्बा सरकार ने कहा “यह पूरी तरह से कानूनी मामला है और पार्टी नेतृत्व का इससे कोई संबंध नहीं है। इसलिए पार्टी के पास इस मामले में बोलने के लिए कुछ नहीं है।”
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पार्टी के भीतर उनके करीबी विश्वासपात्रों ने कहा कि उनके आवेदन को शीर्ष अदालत ने स्वीकार कर लिया और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस भेज दिया गया है।
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लेकिन तृणमूल कांग्रेस के जिला नेतृत्व ने इससे किनारा कर लिया है। कार्यवाहक जिला उपाध्यक्ष अपूर्बा सरकार ने कहा “यह पूरी तरह से कानूनी मामला है और पार्टी नेतृत्व का इससे कोई संबंध नहीं है। इसलिए पार्टी के पास इस मामले में बोलने के लिए कुछ नहीं है।”
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पार्टी के भीतर उनके करीबी विश्वासपात्रों ने कहा कि उनके आवेदन को शीर्ष अदालत ने स्वीकार कर लिया और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस भेज दिया गया है।
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लेकिन तृणमूल कांग्रेस के जिला नेतृत्व ने इससे किनारा कर लिया है। कार्यवाहक जिला उपाध्यक्ष अपूर्बा सरकार ने कहा “यह पूरी तरह से कानूनी मामला है और पार्टी नेतृत्व का इससे कोई संबंध नहीं है। इसलिए पार्टी के पास इस मामले में बोलने के लिए कुछ नहीं है।”
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पार्टी के भीतर उनके करीबी विश्वासपात्रों ने कहा कि उनके आवेदन को शीर्ष अदालत ने स्वीकार कर लिया और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस भेज दिया गया है।
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लेकिन तृणमूल कांग्रेस के जिला नेतृत्व ने इससे किनारा कर लिया है। कार्यवाहक जिला उपाध्यक्ष अपूर्बा सरकार ने कहा “यह पूरी तरह से कानूनी मामला है और पार्टी नेतृत्व का इससे कोई संबंध नहीं है। इसलिए पार्टी के पास इस मामले में बोलने के लिए कुछ नहीं है।”
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लेकिन तृणमूल कांग्रेस के जिला नेतृत्व ने इससे किनारा कर लिया है। कार्यवाहक जिला उपाध्यक्ष अपूर्बा सरकार ने कहा “यह पूरी तरह से कानूनी मामला है और पार्टी नेतृत्व का इससे कोई संबंध नहीं है। इसलिए पार्टी के पास इस मामले में बोलने के लिए कुछ नहीं है।”
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पार्टी के भीतर उनके करीबी विश्वासपात्रों ने कहा कि उनके आवेदन को शीर्ष अदालत ने स्वीकार कर लिया और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस भेज दिया गया है।
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पार्टी के भीतर उनके करीबी विश्वासपात्रों ने कहा कि उनके आवेदन को शीर्ष अदालत ने स्वीकार कर लिया और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस भेज दिया गया है।
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साहा को इस साल अप्रैल में सीबीआई अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था और तब से वह दक्षिण कोलकाता के प्रेसीडेंसी सेंट्रल सुधार गृह में हैं।
लेकिन तृणमूल कांग्रेस के जिला नेतृत्व ने इससे किनारा कर लिया है। कार्यवाहक जिला उपाध्यक्ष अपूर्बा सरकार ने कहा “यह पूरी तरह से कानूनी मामला है और पार्टी नेतृत्व का इससे कोई संबंध नहीं है। इसलिए पार्टी के पास इस मामले में बोलने के लिए कुछ नहीं है।”
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