तेल अवीव, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कतर और मिस्र द्वारा शुरू की गई इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थता वार्ता में रुकावट आ गई है। दोनों युद्धरत पक्षों ने एक-दूसरे द्वारा रखी गई मांगों पर सहमत होने से इनकार कर दिया है।
मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया की सोमवार को वारसॉ में सीआईए निदेशक विलियम बर्न्स और कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मुलाकात के बाद भी बातचीत आगे नहीं बढ़ी है।
इजरायली सरकार के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि आतंकवादी समूह ने एक शर्त रखी है कि यहूदी राष्ट्र की सेना पूर्व निर्धारित सीमा पर लौट जाए।
रविवार को एक बयान में, हमास ने कहा था कि जब तक इजराइली सेना गाजा पट्टी में अपने चल रहे जमीनी हमले को बंद नहीं कर देती, तब तक वह किसी भी बंधक को रिहा करने पर वह सहमत नहीं होगा, एक ऐसी शर्त, जिसे इजराइली रक्षा बल सहमत नहीं हुए।
सूत्र के अनुसार, इजरायल हमास द्वारा कैद से रिहा किए जाने वाले बंधकों को चुनने के विचार के लिए खुला है।
24 नवंबर से 1 दिसंबर तक गाजा में युद्धविराम के दौरान, इजरायल ने अपने बंधकों को रिहा करने के लिए चुना था।
सरकारी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि आगे की मध्यस्थता वार्ता तभी शुरू होगी जब दोनों पक्षों द्वारा सामने रखे गए मतभेदों को ठीक से संबोधित किया जाएगा, कतर और मिस्र दोनों इसे दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।
युद्ध विराम के दौरान, 86 इजरायली और 24 विदेशी नागरिक बंधकों को रिहा किया गया था।
इजरायली अधिकारियों का अनुमान है कि गाजा में लगभग 129 लोग बंदी हैं, जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
–आईएएनएस
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