नई दिल्ली, 13 जनवरी, (आईएएनएस)। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अपना 18वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस अवसर को पूरी तरह से बच्चों को समर्पित करने के लिए आयोग ने 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर एक प्रश्नोत्तरी का शुभारंभ किया।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग बाल अधिकारों के बारे में बच्चों में जागरूकता पैदा करने के लिए और प्रश्नोत्तरी के माध्यम से बाल अधिकार चैंपियन बनाने की शुरुआत की है। प्रश्नोत्तरी में भाग लेने के लिए स्कूली छात्रों, छात्रावासों में रहने वाले बच्चों, बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) में रहने वाले बच्चों और सड़क के बच्चों से ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड के माध्यम से बच्चों की व्यापक भागीदारी को आमंत्रित किया गया है। यह बच्चों को उनके अधिकारों के लिए सशक्त बनाने का एक मंच है, जहां प्रश्नोत्तरी में उन सभी विषयों को शामिल किया गया है, जिन्हें जानना बच्चों के लिए बहुत जरूरी है।
इस क्विज को लॉन्च करते हुए एनसीपीसीआर के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो ने कहा कि इस क्विज को लॉन्च करने के लिए राष्ट्रीय युवा दिवस से बेहतर कोई दिन नहीं हो सकता। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि स्वामी विवेकानंद ने हमें यह संदेश दिया था कि कैसे ज्ञान और अद्यतन जानकारी के माध्यम से स्वयं को जागरूक और सशक्त बनाकर एक आदर्श समाज का निर्माण किया जा सकता है। इससे प्रेरणा लेकर हमने देश में बच्चों के बीच बाल अधिकार चैम्पियन बनाने का निर्णय लिया है, जो बाल अधिकार जागरूकता के इस अभियान को आगे बढ़ाने का काम करेंगे और सशक्त होकर राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेंगे। प्रश्नोत्तरी के लिए एक लिंक प्रदान किया गया है, जहां बच्चे अपनी उम्र के अनुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन भाग ले सकते हैं।
प्रश्नोत्तरी में जेजे अधिनियम, पॉक्सो अधिनियम, आरटीई अधिनियम और बाल श्रम अधिनियम, स्कूल सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, साइबर सुरक्षा, यौन हिंसा और अन्य हिंसा, बाल विवाह, स्वास्थ्य और बाल अधिकारों सहित बाल अधिकारों पर बुनियादी प्रश्नों को कवर करने वाले सैकड़ों प्रश्नों का एक प्रश्नबैंक है, जिसमें भाग लेने वाले बच्चों को सभी विषयों के 10 प्रश्नों का प्रश्नपत्र दिया जाएगा। सभी सवालों के जवाब भी दिए जाएंगे, जिसमें से प्रतिभागियों को सही का चुनाव करना होगा।
जो बच्चे इंटरनेट से जुड़े नहीं हैं या जिनके पास ऑनलाइन क्विज का उपयोग करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं हैं, उनके लिए यह क्विज सुलभ बनाने के लिए ऑफलाइन सुविधा भी बच्चों के लिए उपलब्ध कराई गई है। डिजिटल डिवाइड के लिए लिंक पर एक अलग विंडो खोली जाएगी और स्कूल के प्रधानाचार्य, सीसीआई के अधीक्षक और डीसीपीओ बच्चों के बीच वितरण के लिए क्विज सेट डाउनलोड कर सकते हैं। छात्रों द्वारा इस क्विज को भरने के बाद इसे स्कैन करके लिंक पर अपलोड किया जा सकता है। आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध क्विज का लिंक राष्ट्रीय युवा दिवस (स्वामी विवेकानंद जयंती) से 28 फरवरी तक ऑनलाइन रहेगा। ऑफलाइन माध्यम से क्विज में भाग लेने वाले बच्चों की सूची 20 फरवरी 2023 तक आयोग को जमा करनी होगी।
एक बार जब बच्चा ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड के माध्यम से क्विज में भाग लेकर क्विज पूरा कर लेता है, तो बच्चे को भागीदारी का डिजिटल प्रमाण पत्र दिया जाएगा। ऑफलाइन मोड से क्विज में भाग लेने वाले बच्चों की सूची संबंधित अधिकारियों से प्राप्त की जाएगी और उन्हें बाल अधिकार चैंपियनों पर भागीदारी का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसके साथ ही इस क्विज में सर्वाधिक भागीदारी करने वाले राज्यों को आयोग द्वारा स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि क्विज में बच्चों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय, सीबीएसई तथा राज्य शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक विभाग जैसे केंद्र सरकार के संस्थानों को पत्र लिखे जा चुके हैं।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (इसके बाद आयोग के रूप में संदर्भित) बाल अधिकारों और अन्य संबंधित मामलों की रक्षा के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 की धारा 3 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है। आयोग को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम, 2012 के उचित और प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी करने का भी अधिकार है। बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए वर्तमान में लागू किसी भी कानून द्वारा या उसके तहत प्रदान किए गए सुरक्षा उपायों की जांच और समीक्षा करने के लिए कार्य करना और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के उपायों की सिफारिश करना। आयोग के पास सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 14 और नागरिक प्रक्रिया संहिता, 1908 के तहत मुकदमे की सुनवाई करने वाली सिविल कोर्ट की शक्तियां भी हैं।
–आईएएनएस
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