नोएडा, 23 जुलाई (आईएएनएस)। आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य सरकारों को स्टांप ड्यूटी कम करने का सुझाव दिया। इसके बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा के रियल एस्टेट बाजार को सकारात्मक उम्मीद जगी है। अगर ये सुझाव लागू हो जाते हैं तो घर खरीदारों को लाभ होगा और वे घरों में निवेश की ओर उत्साहित होंगे। इसका सीधा लाभ रियल एस्टेट सेक्टर को होगा।
इसके साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर व शहरी घरों को बनाने में सरकार दस लाख करोड़ से अधिक का फंड खर्च करेगी। रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े जानकारों के मुताबिक सबसे बड़ी घोषणा 10 लाख करोड़ रुपये का शहरी आवास के लिए निवेश है। यह देश में किफायती आवास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की जरूरतों को पूरा करेगा।
उच्च मांग के बावजूद, इस क्षेत्र में प्रगति धीमी रही है क्योंकि बजटरी सपोर्ट की कमी थी। गौतमबुद्ध नगर जिले में लगभग 3 लाख यूनिट्स से ज्यादा में अब तक आधे (यानी करीब 1.50 लाख) को ही घर मिल सका है। इसके पीछे की बड़ी वजह बड़े-बड़े ग्रुप का दिवालिया होना माना जा रहा है।
अगर बात करें तो लगभग 50,000 यूनिट्स अकेले जेपी ग्रुप ही लोगों के लिए तैयार कर रहा था। ऐसे ही आम्रपाली ग्रुप के लगभग 43,000 यूनिट्स तैयार किए जाने थे। सुपरटेक लिमिटेड बिल्डर ने भी 25,000 से ज्यादा यूनिट्स समय पर लोगों को डिलीवर करने का वादा किया था।
इसके साथ ही एयरविल के 3,000, आरजी ग्रुप के 1,900, 3सी लोटस ग्रुप के 4,200 और 3सी लोटस बुलेवर्ड के 3,300 यूनिट्स आज भी लोगों को डिलीवर किए जाने बाकी हैं।
–आईएएनएस
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