बद्रीनाथ/चमोली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। भू बैकुंठ धाम श्री बद्रीनाथ में शुक्रवार को भगवान श्री नर नारायण जी के दो दिवसीय जन्मोत्सव का शुभारंभ हो गया है।
भगवान श्री बद्री विशाल जी के प्रातः कालीन बाल भोग के पश्चात सबसे पहले भगवान श्री नर नारायण जी की चल विग्रह डोली सिंह द्वार से होकर माणा गांव स्थित माता मूर्ति मंदिर पहुंची।
जहां अभिषेक पूजन के बाद देव डोली वापस श्री बद्रीनाथ मंदिर पहुंची।
वहीं, शनिवार को भगवान श्री नर नारायण जी की विग्रह मूर्तियां भगवान श्री बद्री विशाल जी की जन्मस्थली लीला ढूंगी पहुंचेगी, जहां अभिषेक पूजा सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठान के बाद भगवान श्री नर नारायण जी की डोलियां बद्रीपुरी का भ्रमण करेगी।
इसके बाद देव डोलियां वापस श्री बद्रीनाथ मंदिर परिसर में विराजमान हो जाएंगी, इसके साथ ही श्री नर नारायण जयंती का समापन हो जाएगा।
ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु के अवतार नर-नारायण ने श्री बद्रीनाथ धाम में तपस्या की तथा सहस्रकवच दैत्य के अत्याचार से मुक्त किया था।
–आईएएनएस
एकेएस/एबीएम
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बद्रीनाथ/चमोली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। भू बैकुंठ धाम श्री बद्रीनाथ में शुक्रवार को भगवान श्री नर नारायण जी के दो दिवसीय जन्मोत्सव का शुभारंभ हो गया है।
भगवान श्री बद्री विशाल जी के प्रातः कालीन बाल भोग के पश्चात सबसे पहले भगवान श्री नर नारायण जी की चल विग्रह डोली सिंह द्वार से होकर माणा गांव स्थित माता मूर्ति मंदिर पहुंची।
जहां अभिषेक पूजन के बाद देव डोली वापस श्री बद्रीनाथ मंदिर पहुंची।
वहीं, शनिवार को भगवान श्री नर नारायण जी की विग्रह मूर्तियां भगवान श्री बद्री विशाल जी की जन्मस्थली लीला ढूंगी पहुंचेगी, जहां अभिषेक पूजा सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठान के बाद भगवान श्री नर नारायण जी की डोलियां बद्रीपुरी का भ्रमण करेगी।
इसके बाद देव डोलियां वापस श्री बद्रीनाथ मंदिर परिसर में विराजमान हो जाएंगी, इसके साथ ही श्री नर नारायण जयंती का समापन हो जाएगा।
ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु के अवतार नर-नारायण ने श्री बद्रीनाथ धाम में तपस्या की तथा सहस्रकवच दैत्य के अत्याचार से मुक्त किया था।
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भगवान श्री बद्री विशाल जी के प्रातः कालीन बाल भोग के पश्चात सबसे पहले भगवान श्री नर नारायण जी की चल विग्रह डोली सिंह द्वार से होकर माणा गांव स्थित माता मूर्ति मंदिर पहुंची।
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वहीं, शनिवार को भगवान श्री नर नारायण जी की विग्रह मूर्तियां भगवान श्री बद्री विशाल जी की जन्मस्थली लीला ढूंगी पहुंचेगी, जहां अभिषेक पूजा सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठान के बाद भगवान श्री नर नारायण जी की डोलियां बद्रीपुरी का भ्रमण करेगी।
इसके बाद देव डोलियां वापस श्री बद्रीनाथ मंदिर परिसर में विराजमान हो जाएंगी, इसके साथ ही श्री नर नारायण जयंती का समापन हो जाएगा।
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भगवान श्री बद्री विशाल जी के प्रातः कालीन बाल भोग के पश्चात सबसे पहले भगवान श्री नर नारायण जी की चल विग्रह डोली सिंह द्वार से होकर माणा गांव स्थित माता मूर्ति मंदिर पहुंची।
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वहीं, शनिवार को भगवान श्री नर नारायण जी की विग्रह मूर्तियां भगवान श्री बद्री विशाल जी की जन्मस्थली लीला ढूंगी पहुंचेगी, जहां अभिषेक पूजा सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठान के बाद भगवान श्री नर नारायण जी की डोलियां बद्रीपुरी का भ्रमण करेगी।
इसके बाद देव डोलियां वापस श्री बद्रीनाथ मंदिर परिसर में विराजमान हो जाएंगी, इसके साथ ही श्री नर नारायण जयंती का समापन हो जाएगा।
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जहां अभिषेक पूजन के बाद देव डोली वापस श्री बद्रीनाथ मंदिर पहुंची।
वहीं, शनिवार को भगवान श्री नर नारायण जी की विग्रह मूर्तियां भगवान श्री बद्री विशाल जी की जन्मस्थली लीला ढूंगी पहुंचेगी, जहां अभिषेक पूजा सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठान के बाद भगवान श्री नर नारायण जी की डोलियां बद्रीपुरी का भ्रमण करेगी।
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