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Home खेल

बबीता फोगट ने साक्षी मलिक व सत्यव्रत के दावों को खारिज करते हुए उन्हें बताया कांग्रेस की कठपुतली

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June 18, 2023
in खेल
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बबीता फोगट ने साक्षी मलिक व सत्यव्रत के दावों को खारिज करते हुए उन्हें बताया कांग्रेस की कठपुतली
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नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। पूर्व पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगट ने ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और उनके पहलवान पति सत्यव्रत कादियान के उन दावों को खारिज कर दिया है, जिसमें आरोपी निवर्तमान भारतीय कुश्ती महासंघ(डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह खिलाफ प्रदर्शन के लिए पुलिस से अनुमति लेने में उनकी मदद लेने की बात कही गई थी। की गई थी। फोगत ने उन्हें कांग्रेस पार्टी की कठपुतली कहा।

साक्षी मलिक के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ओलंपिक पदक विजेता और उनके पति ने शनिवार को कहा था कि बबीता और एक अन्य भाजपा नेता तीरथ राणा ने जंतर-मंतर पर धरना के लिए पुलिस की अनुमति प्राप्त करने में उनकी मदद की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं था।

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कादियान ने वीडियो में कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और विरोध के लिए दो भाजपा नेताओं ने पुलिस से अनुमति मांगी थी।

उन्होंने कहा, यह (विरोध) कांग्रेस समर्थित नहीं है। 90 प्रतिशत से अधिक लोग (कुश्ती बिरादरी में) जानते हैं कि पिछले 10-12 वर्षों से, यह (उत्पीड़न और धमकी) चल रहा है। कुछ लोग अपनी आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन कुश्ती बिरादरी एकजुट नहीं थी।

रविवार को 33 वर्षीय बबीता ने ट्विटर पर पहलवान दंपति के दावों को खारिज किया।

भाजपा नेता ने अपने बयान में कहा, मुझे बहुत दुख हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उसके पति का वीडियो देख रही थी, सबसे पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरी छोटी बहन, जो अनुमति पत्र दिखा रही थी, उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरा नाम नहीं था। सहमति का कोई सबूत नहीं है और मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

फोगट ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पहले दिन से, उन्होंने पहलवानों को देश में प्रधानमंत्री और न्यायपालिका में विश्वास रखने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने इसके बजाय कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांगा, जो अन्य मामलों में खुद आरोपी हैं।

फोगट ने कहा, मैं पहले दिन से कह रही हूं कि प्रधानमंत्री और देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखें, सच्चाई जरूर सामने आएगी। एक महिला खिलाड़ी के तौर पर मैं हमेशा देश की सभी खिलाड़ियों के साथ हूं और हमेशा रहूंगी, लेकिन मैं विरोध की शुरुआत से ही इसके पक्ष में नहीं थी।

बयान में कहा, मैंने सभी पहलवानों से बार-बार कहा है कि आप पीएम या गृह मंत्री से मिलें, समाधान वहीं से निकलेगा। लेकिन आप कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांग रहे थे, जो खुद अन्य मामलों में आरोपी हैं।

हरियाणा की भाजपा नेता ने पहलवानों की आलोचना की और उनसे विरोध के पीछे की असली मंशा का खुलासा करने को कहा।

फोगट ने कहा, देश की जनता अब इन विपक्षियों के चेहरों को पहचान चुकी है। उन्हें उन सभी सैनिकों, किसानों और यहां तक कि महिला पहलवानों को भी जवाब देना चाहिए।

–आईएएनएस

सीबटी

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नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। पूर्व पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगट ने ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और उनके पहलवान पति सत्यव्रत कादियान के उन दावों को खारिज कर दिया है, जिसमें आरोपी निवर्तमान भारतीय कुश्ती महासंघ(डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह खिलाफ प्रदर्शन के लिए पुलिस से अनुमति लेने में उनकी मदद लेने की बात कही गई थी। की गई थी। फोगत ने उन्हें कांग्रेस पार्टी की कठपुतली कहा।

साक्षी मलिक के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ओलंपिक पदक विजेता और उनके पति ने शनिवार को कहा था कि बबीता और एक अन्य भाजपा नेता तीरथ राणा ने जंतर-मंतर पर धरना के लिए पुलिस की अनुमति प्राप्त करने में उनकी मदद की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं था।

कादियान ने वीडियो में कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और विरोध के लिए दो भाजपा नेताओं ने पुलिस से अनुमति मांगी थी।

उन्होंने कहा, यह (विरोध) कांग्रेस समर्थित नहीं है। 90 प्रतिशत से अधिक लोग (कुश्ती बिरादरी में) जानते हैं कि पिछले 10-12 वर्षों से, यह (उत्पीड़न और धमकी) चल रहा है। कुछ लोग अपनी आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन कुश्ती बिरादरी एकजुट नहीं थी।

रविवार को 33 वर्षीय बबीता ने ट्विटर पर पहलवान दंपति के दावों को खारिज किया।

भाजपा नेता ने अपने बयान में कहा, मुझे बहुत दुख हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उसके पति का वीडियो देख रही थी, सबसे पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरी छोटी बहन, जो अनुमति पत्र दिखा रही थी, उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरा नाम नहीं था। सहमति का कोई सबूत नहीं है और मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

फोगट ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पहले दिन से, उन्होंने पहलवानों को देश में प्रधानमंत्री और न्यायपालिका में विश्वास रखने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने इसके बजाय कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांगा, जो अन्य मामलों में खुद आरोपी हैं।

फोगट ने कहा, मैं पहले दिन से कह रही हूं कि प्रधानमंत्री और देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखें, सच्चाई जरूर सामने आएगी। एक महिला खिलाड़ी के तौर पर मैं हमेशा देश की सभी खिलाड़ियों के साथ हूं और हमेशा रहूंगी, लेकिन मैं विरोध की शुरुआत से ही इसके पक्ष में नहीं थी।

बयान में कहा, मैंने सभी पहलवानों से बार-बार कहा है कि आप पीएम या गृह मंत्री से मिलें, समाधान वहीं से निकलेगा। लेकिन आप कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांग रहे थे, जो खुद अन्य मामलों में आरोपी हैं।

हरियाणा की भाजपा नेता ने पहलवानों की आलोचना की और उनसे विरोध के पीछे की असली मंशा का खुलासा करने को कहा।

फोगट ने कहा, देश की जनता अब इन विपक्षियों के चेहरों को पहचान चुकी है। उन्हें उन सभी सैनिकों, किसानों और यहां तक कि महिला पहलवानों को भी जवाब देना चाहिए।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। पूर्व पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगट ने ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और उनके पहलवान पति सत्यव्रत कादियान के उन दावों को खारिज कर दिया है, जिसमें आरोपी निवर्तमान भारतीय कुश्ती महासंघ(डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह खिलाफ प्रदर्शन के लिए पुलिस से अनुमति लेने में उनकी मदद लेने की बात कही गई थी। की गई थी। फोगत ने उन्हें कांग्रेस पार्टी की कठपुतली कहा।

साक्षी मलिक के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ओलंपिक पदक विजेता और उनके पति ने शनिवार को कहा था कि बबीता और एक अन्य भाजपा नेता तीरथ राणा ने जंतर-मंतर पर धरना के लिए पुलिस की अनुमति प्राप्त करने में उनकी मदद की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं था।

कादियान ने वीडियो में कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और विरोध के लिए दो भाजपा नेताओं ने पुलिस से अनुमति मांगी थी।

उन्होंने कहा, यह (विरोध) कांग्रेस समर्थित नहीं है। 90 प्रतिशत से अधिक लोग (कुश्ती बिरादरी में) जानते हैं कि पिछले 10-12 वर्षों से, यह (उत्पीड़न और धमकी) चल रहा है। कुछ लोग अपनी आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन कुश्ती बिरादरी एकजुट नहीं थी।

रविवार को 33 वर्षीय बबीता ने ट्विटर पर पहलवान दंपति के दावों को खारिज किया।

भाजपा नेता ने अपने बयान में कहा, मुझे बहुत दुख हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उसके पति का वीडियो देख रही थी, सबसे पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरी छोटी बहन, जो अनुमति पत्र दिखा रही थी, उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरा नाम नहीं था। सहमति का कोई सबूत नहीं है और मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

फोगट ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पहले दिन से, उन्होंने पहलवानों को देश में प्रधानमंत्री और न्यायपालिका में विश्वास रखने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने इसके बजाय कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांगा, जो अन्य मामलों में खुद आरोपी हैं।

फोगट ने कहा, मैं पहले दिन से कह रही हूं कि प्रधानमंत्री और देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखें, सच्चाई जरूर सामने आएगी। एक महिला खिलाड़ी के तौर पर मैं हमेशा देश की सभी खिलाड़ियों के साथ हूं और हमेशा रहूंगी, लेकिन मैं विरोध की शुरुआत से ही इसके पक्ष में नहीं थी।

बयान में कहा, मैंने सभी पहलवानों से बार-बार कहा है कि आप पीएम या गृह मंत्री से मिलें, समाधान वहीं से निकलेगा। लेकिन आप कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांग रहे थे, जो खुद अन्य मामलों में आरोपी हैं।

हरियाणा की भाजपा नेता ने पहलवानों की आलोचना की और उनसे विरोध के पीछे की असली मंशा का खुलासा करने को कहा।

फोगट ने कहा, देश की जनता अब इन विपक्षियों के चेहरों को पहचान चुकी है। उन्हें उन सभी सैनिकों, किसानों और यहां तक कि महिला पहलवानों को भी जवाब देना चाहिए।

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साक्षी मलिक के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ओलंपिक पदक विजेता और उनके पति ने शनिवार को कहा था कि बबीता और एक अन्य भाजपा नेता तीरथ राणा ने जंतर-मंतर पर धरना के लिए पुलिस की अनुमति प्राप्त करने में उनकी मदद की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं था।

कादियान ने वीडियो में कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और विरोध के लिए दो भाजपा नेताओं ने पुलिस से अनुमति मांगी थी।

उन्होंने कहा, यह (विरोध) कांग्रेस समर्थित नहीं है। 90 प्रतिशत से अधिक लोग (कुश्ती बिरादरी में) जानते हैं कि पिछले 10-12 वर्षों से, यह (उत्पीड़न और धमकी) चल रहा है। कुछ लोग अपनी आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन कुश्ती बिरादरी एकजुट नहीं थी।

रविवार को 33 वर्षीय बबीता ने ट्विटर पर पहलवान दंपति के दावों को खारिज किया।

भाजपा नेता ने अपने बयान में कहा, मुझे बहुत दुख हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उसके पति का वीडियो देख रही थी, सबसे पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरी छोटी बहन, जो अनुमति पत्र दिखा रही थी, उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरा नाम नहीं था। सहमति का कोई सबूत नहीं है और मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

फोगट ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पहले दिन से, उन्होंने पहलवानों को देश में प्रधानमंत्री और न्यायपालिका में विश्वास रखने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने इसके बजाय कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांगा, जो अन्य मामलों में खुद आरोपी हैं।

फोगट ने कहा, मैं पहले दिन से कह रही हूं कि प्रधानमंत्री और देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखें, सच्चाई जरूर सामने आएगी। एक महिला खिलाड़ी के तौर पर मैं हमेशा देश की सभी खिलाड़ियों के साथ हूं और हमेशा रहूंगी, लेकिन मैं विरोध की शुरुआत से ही इसके पक्ष में नहीं थी।

बयान में कहा, मैंने सभी पहलवानों से बार-बार कहा है कि आप पीएम या गृह मंत्री से मिलें, समाधान वहीं से निकलेगा। लेकिन आप कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांग रहे थे, जो खुद अन्य मामलों में आरोपी हैं।

हरियाणा की भाजपा नेता ने पहलवानों की आलोचना की और उनसे विरोध के पीछे की असली मंशा का खुलासा करने को कहा।

फोगट ने कहा, देश की जनता अब इन विपक्षियों के चेहरों को पहचान चुकी है। उन्हें उन सभी सैनिकों, किसानों और यहां तक कि महिला पहलवानों को भी जवाब देना चाहिए।

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साक्षी मलिक के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ओलंपिक पदक विजेता और उनके पति ने शनिवार को कहा था कि बबीता और एक अन्य भाजपा नेता तीरथ राणा ने जंतर-मंतर पर धरना के लिए पुलिस की अनुमति प्राप्त करने में उनकी मदद की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं था।

कादियान ने वीडियो में कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और विरोध के लिए दो भाजपा नेताओं ने पुलिस से अनुमति मांगी थी।

उन्होंने कहा, यह (विरोध) कांग्रेस समर्थित नहीं है। 90 प्रतिशत से अधिक लोग (कुश्ती बिरादरी में) जानते हैं कि पिछले 10-12 वर्षों से, यह (उत्पीड़न और धमकी) चल रहा है। कुछ लोग अपनी आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन कुश्ती बिरादरी एकजुट नहीं थी।

रविवार को 33 वर्षीय बबीता ने ट्विटर पर पहलवान दंपति के दावों को खारिज किया।

भाजपा नेता ने अपने बयान में कहा, मुझे बहुत दुख हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उसके पति का वीडियो देख रही थी, सबसे पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरी छोटी बहन, जो अनुमति पत्र दिखा रही थी, उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरा नाम नहीं था। सहमति का कोई सबूत नहीं है और मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

फोगट ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पहले दिन से, उन्होंने पहलवानों को देश में प्रधानमंत्री और न्यायपालिका में विश्वास रखने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने इसके बजाय कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांगा, जो अन्य मामलों में खुद आरोपी हैं।

फोगट ने कहा, मैं पहले दिन से कह रही हूं कि प्रधानमंत्री और देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखें, सच्चाई जरूर सामने आएगी। एक महिला खिलाड़ी के तौर पर मैं हमेशा देश की सभी खिलाड़ियों के साथ हूं और हमेशा रहूंगी, लेकिन मैं विरोध की शुरुआत से ही इसके पक्ष में नहीं थी।

बयान में कहा, मैंने सभी पहलवानों से बार-बार कहा है कि आप पीएम या गृह मंत्री से मिलें, समाधान वहीं से निकलेगा। लेकिन आप कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांग रहे थे, जो खुद अन्य मामलों में आरोपी हैं।

हरियाणा की भाजपा नेता ने पहलवानों की आलोचना की और उनसे विरोध के पीछे की असली मंशा का खुलासा करने को कहा।

फोगट ने कहा, देश की जनता अब इन विपक्षियों के चेहरों को पहचान चुकी है। उन्हें उन सभी सैनिकों, किसानों और यहां तक कि महिला पहलवानों को भी जवाब देना चाहिए।

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साक्षी मलिक के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ओलंपिक पदक विजेता और उनके पति ने शनिवार को कहा था कि बबीता और एक अन्य भाजपा नेता तीरथ राणा ने जंतर-मंतर पर धरना के लिए पुलिस की अनुमति प्राप्त करने में उनकी मदद की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं था।

कादियान ने वीडियो में कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और विरोध के लिए दो भाजपा नेताओं ने पुलिस से अनुमति मांगी थी।

उन्होंने कहा, यह (विरोध) कांग्रेस समर्थित नहीं है। 90 प्रतिशत से अधिक लोग (कुश्ती बिरादरी में) जानते हैं कि पिछले 10-12 वर्षों से, यह (उत्पीड़न और धमकी) चल रहा है। कुछ लोग अपनी आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन कुश्ती बिरादरी एकजुट नहीं थी।

रविवार को 33 वर्षीय बबीता ने ट्विटर पर पहलवान दंपति के दावों को खारिज किया।

भाजपा नेता ने अपने बयान में कहा, मुझे बहुत दुख हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उसके पति का वीडियो देख रही थी, सबसे पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरी छोटी बहन, जो अनुमति पत्र दिखा रही थी, उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरा नाम नहीं था। सहमति का कोई सबूत नहीं है और मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

फोगट ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पहले दिन से, उन्होंने पहलवानों को देश में प्रधानमंत्री और न्यायपालिका में विश्वास रखने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने इसके बजाय कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांगा, जो अन्य मामलों में खुद आरोपी हैं।

फोगट ने कहा, मैं पहले दिन से कह रही हूं कि प्रधानमंत्री और देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखें, सच्चाई जरूर सामने आएगी। एक महिला खिलाड़ी के तौर पर मैं हमेशा देश की सभी खिलाड़ियों के साथ हूं और हमेशा रहूंगी, लेकिन मैं विरोध की शुरुआत से ही इसके पक्ष में नहीं थी।

बयान में कहा, मैंने सभी पहलवानों से बार-बार कहा है कि आप पीएम या गृह मंत्री से मिलें, समाधान वहीं से निकलेगा। लेकिन आप कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांग रहे थे, जो खुद अन्य मामलों में आरोपी हैं।

हरियाणा की भाजपा नेता ने पहलवानों की आलोचना की और उनसे विरोध के पीछे की असली मंशा का खुलासा करने को कहा।

फोगट ने कहा, देश की जनता अब इन विपक्षियों के चेहरों को पहचान चुकी है। उन्हें उन सभी सैनिकों, किसानों और यहां तक कि महिला पहलवानों को भी जवाब देना चाहिए।

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साक्षी मलिक के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ओलंपिक पदक विजेता और उनके पति ने शनिवार को कहा था कि बबीता और एक अन्य भाजपा नेता तीरथ राणा ने जंतर-मंतर पर धरना के लिए पुलिस की अनुमति प्राप्त करने में उनकी मदद की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं था।

कादियान ने वीडियो में कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और विरोध के लिए दो भाजपा नेताओं ने पुलिस से अनुमति मांगी थी।

उन्होंने कहा, यह (विरोध) कांग्रेस समर्थित नहीं है। 90 प्रतिशत से अधिक लोग (कुश्ती बिरादरी में) जानते हैं कि पिछले 10-12 वर्षों से, यह (उत्पीड़न और धमकी) चल रहा है। कुछ लोग अपनी आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन कुश्ती बिरादरी एकजुट नहीं थी।

रविवार को 33 वर्षीय बबीता ने ट्विटर पर पहलवान दंपति के दावों को खारिज किया।

भाजपा नेता ने अपने बयान में कहा, मुझे बहुत दुख हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उसके पति का वीडियो देख रही थी, सबसे पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरी छोटी बहन, जो अनुमति पत्र दिखा रही थी, उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरा नाम नहीं था। सहमति का कोई सबूत नहीं है और मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

फोगट ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पहले दिन से, उन्होंने पहलवानों को देश में प्रधानमंत्री और न्यायपालिका में विश्वास रखने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने इसके बजाय कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांगा, जो अन्य मामलों में खुद आरोपी हैं।

फोगट ने कहा, मैं पहले दिन से कह रही हूं कि प्रधानमंत्री और देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखें, सच्चाई जरूर सामने आएगी। एक महिला खिलाड़ी के तौर पर मैं हमेशा देश की सभी खिलाड़ियों के साथ हूं और हमेशा रहूंगी, लेकिन मैं विरोध की शुरुआत से ही इसके पक्ष में नहीं थी।

बयान में कहा, मैंने सभी पहलवानों से बार-बार कहा है कि आप पीएम या गृह मंत्री से मिलें, समाधान वहीं से निकलेगा। लेकिन आप कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांग रहे थे, जो खुद अन्य मामलों में आरोपी हैं।

हरियाणा की भाजपा नेता ने पहलवानों की आलोचना की और उनसे विरोध के पीछे की असली मंशा का खुलासा करने को कहा।

फोगट ने कहा, देश की जनता अब इन विपक्षियों के चेहरों को पहचान चुकी है। उन्हें उन सभी सैनिकों, किसानों और यहां तक कि महिला पहलवानों को भी जवाब देना चाहिए।

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साक्षी मलिक के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ओलंपिक पदक विजेता और उनके पति ने शनिवार को कहा था कि बबीता और एक अन्य भाजपा नेता तीरथ राणा ने जंतर-मंतर पर धरना के लिए पुलिस की अनुमति प्राप्त करने में उनकी मदद की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं था।

कादियान ने वीडियो में कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और विरोध के लिए दो भाजपा नेताओं ने पुलिस से अनुमति मांगी थी।

उन्होंने कहा, यह (विरोध) कांग्रेस समर्थित नहीं है। 90 प्रतिशत से अधिक लोग (कुश्ती बिरादरी में) जानते हैं कि पिछले 10-12 वर्षों से, यह (उत्पीड़न और धमकी) चल रहा है। कुछ लोग अपनी आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन कुश्ती बिरादरी एकजुट नहीं थी।

रविवार को 33 वर्षीय बबीता ने ट्विटर पर पहलवान दंपति के दावों को खारिज किया।

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फोगट ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पहले दिन से, उन्होंने पहलवानों को देश में प्रधानमंत्री और न्यायपालिका में विश्वास रखने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने इसके बजाय कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांगा, जो अन्य मामलों में खुद आरोपी हैं।

फोगट ने कहा, मैं पहले दिन से कह रही हूं कि प्रधानमंत्री और देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखें, सच्चाई जरूर सामने आएगी। एक महिला खिलाड़ी के तौर पर मैं हमेशा देश की सभी खिलाड़ियों के साथ हूं और हमेशा रहूंगी, लेकिन मैं विरोध की शुरुआत से ही इसके पक्ष में नहीं थी।

बयान में कहा, मैंने सभी पहलवानों से बार-बार कहा है कि आप पीएम या गृह मंत्री से मिलें, समाधान वहीं से निकलेगा। लेकिन आप कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांग रहे थे, जो खुद अन्य मामलों में आरोपी हैं।

हरियाणा की भाजपा नेता ने पहलवानों की आलोचना की और उनसे विरोध के पीछे की असली मंशा का खुलासा करने को कहा।

फोगट ने कहा, देश की जनता अब इन विपक्षियों के चेहरों को पहचान चुकी है। उन्हें उन सभी सैनिकों, किसानों और यहां तक कि महिला पहलवानों को भी जवाब देना चाहिए।

–आईएएनएस

सीबटी

नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। पूर्व पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगट ने ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और उनके पहलवान पति सत्यव्रत कादियान के उन दावों को खारिज कर दिया है, जिसमें आरोपी निवर्तमान भारतीय कुश्ती महासंघ(डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह खिलाफ प्रदर्शन के लिए पुलिस से अनुमति लेने में उनकी मदद लेने की बात कही गई थी। की गई थी। फोगत ने उन्हें कांग्रेस पार्टी की कठपुतली कहा।

साक्षी मलिक के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ओलंपिक पदक विजेता और उनके पति ने शनिवार को कहा था कि बबीता और एक अन्य भाजपा नेता तीरथ राणा ने जंतर-मंतर पर धरना के लिए पुलिस की अनुमति प्राप्त करने में उनकी मदद की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं था।

कादियान ने वीडियो में कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और विरोध के लिए दो भाजपा नेताओं ने पुलिस से अनुमति मांगी थी।

उन्होंने कहा, यह (विरोध) कांग्रेस समर्थित नहीं है। 90 प्रतिशत से अधिक लोग (कुश्ती बिरादरी में) जानते हैं कि पिछले 10-12 वर्षों से, यह (उत्पीड़न और धमकी) चल रहा है। कुछ लोग अपनी आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन कुश्ती बिरादरी एकजुट नहीं थी।

रविवार को 33 वर्षीय बबीता ने ट्विटर पर पहलवान दंपति के दावों को खारिज किया।

भाजपा नेता ने अपने बयान में कहा, मुझे बहुत दुख हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उसके पति का वीडियो देख रही थी, सबसे पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरी छोटी बहन, जो अनुमति पत्र दिखा रही थी, उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरा नाम नहीं था। सहमति का कोई सबूत नहीं है और मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

फोगट ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पहले दिन से, उन्होंने पहलवानों को देश में प्रधानमंत्री और न्यायपालिका में विश्वास रखने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने इसके बजाय कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांगा, जो अन्य मामलों में खुद आरोपी हैं।

फोगट ने कहा, मैं पहले दिन से कह रही हूं कि प्रधानमंत्री और देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखें, सच्चाई जरूर सामने आएगी। एक महिला खिलाड़ी के तौर पर मैं हमेशा देश की सभी खिलाड़ियों के साथ हूं और हमेशा रहूंगी, लेकिन मैं विरोध की शुरुआत से ही इसके पक्ष में नहीं थी।

बयान में कहा, मैंने सभी पहलवानों से बार-बार कहा है कि आप पीएम या गृह मंत्री से मिलें, समाधान वहीं से निकलेगा। लेकिन आप कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांग रहे थे, जो खुद अन्य मामलों में आरोपी हैं।

हरियाणा की भाजपा नेता ने पहलवानों की आलोचना की और उनसे विरोध के पीछे की असली मंशा का खुलासा करने को कहा।

फोगट ने कहा, देश की जनता अब इन विपक्षियों के चेहरों को पहचान चुकी है। उन्हें उन सभी सैनिकों, किसानों और यहां तक कि महिला पहलवानों को भी जवाब देना चाहिए।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। पूर्व पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगट ने ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और उनके पहलवान पति सत्यव्रत कादियान के उन दावों को खारिज कर दिया है, जिसमें आरोपी निवर्तमान भारतीय कुश्ती महासंघ(डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह खिलाफ प्रदर्शन के लिए पुलिस से अनुमति लेने में उनकी मदद लेने की बात कही गई थी। की गई थी। फोगत ने उन्हें कांग्रेस पार्टी की कठपुतली कहा।

साक्षी मलिक के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ओलंपिक पदक विजेता और उनके पति ने शनिवार को कहा था कि बबीता और एक अन्य भाजपा नेता तीरथ राणा ने जंतर-मंतर पर धरना के लिए पुलिस की अनुमति प्राप्त करने में उनकी मदद की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं था।

कादियान ने वीडियो में कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और विरोध के लिए दो भाजपा नेताओं ने पुलिस से अनुमति मांगी थी।

उन्होंने कहा, यह (विरोध) कांग्रेस समर्थित नहीं है। 90 प्रतिशत से अधिक लोग (कुश्ती बिरादरी में) जानते हैं कि पिछले 10-12 वर्षों से, यह (उत्पीड़न और धमकी) चल रहा है। कुछ लोग अपनी आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन कुश्ती बिरादरी एकजुट नहीं थी।

रविवार को 33 वर्षीय बबीता ने ट्विटर पर पहलवान दंपति के दावों को खारिज किया।

भाजपा नेता ने अपने बयान में कहा, मुझे बहुत दुख हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उसके पति का वीडियो देख रही थी, सबसे पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरी छोटी बहन, जो अनुमति पत्र दिखा रही थी, उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरा नाम नहीं था। सहमति का कोई सबूत नहीं है और मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

फोगट ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पहले दिन से, उन्होंने पहलवानों को देश में प्रधानमंत्री और न्यायपालिका में विश्वास रखने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने इसके बजाय कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांगा, जो अन्य मामलों में खुद आरोपी हैं।

फोगट ने कहा, मैं पहले दिन से कह रही हूं कि प्रधानमंत्री और देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखें, सच्चाई जरूर सामने आएगी। एक महिला खिलाड़ी के तौर पर मैं हमेशा देश की सभी खिलाड़ियों के साथ हूं और हमेशा रहूंगी, लेकिन मैं विरोध की शुरुआत से ही इसके पक्ष में नहीं थी।

बयान में कहा, मैंने सभी पहलवानों से बार-बार कहा है कि आप पीएम या गृह मंत्री से मिलें, समाधान वहीं से निकलेगा। लेकिन आप कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांग रहे थे, जो खुद अन्य मामलों में आरोपी हैं।

हरियाणा की भाजपा नेता ने पहलवानों की आलोचना की और उनसे विरोध के पीछे की असली मंशा का खुलासा करने को कहा।

फोगट ने कहा, देश की जनता अब इन विपक्षियों के चेहरों को पहचान चुकी है। उन्हें उन सभी सैनिकों, किसानों और यहां तक कि महिला पहलवानों को भी जवाब देना चाहिए।

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साक्षी मलिक के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ओलंपिक पदक विजेता और उनके पति ने शनिवार को कहा था कि बबीता और एक अन्य भाजपा नेता तीरथ राणा ने जंतर-मंतर पर धरना के लिए पुलिस की अनुमति प्राप्त करने में उनकी मदद की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं था।

कादियान ने वीडियो में कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और विरोध के लिए दो भाजपा नेताओं ने पुलिस से अनुमति मांगी थी।

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रविवार को 33 वर्षीय बबीता ने ट्विटर पर पहलवान दंपति के दावों को खारिज किया।

भाजपा नेता ने अपने बयान में कहा, मुझे बहुत दुख हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उसके पति का वीडियो देख रही थी, सबसे पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरी छोटी बहन, जो अनुमति पत्र दिखा रही थी, उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरा नाम नहीं था। सहमति का कोई सबूत नहीं है और मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

फोगट ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पहले दिन से, उन्होंने पहलवानों को देश में प्रधानमंत्री और न्यायपालिका में विश्वास रखने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने इसके बजाय कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांगा, जो अन्य मामलों में खुद आरोपी हैं।

फोगट ने कहा, मैं पहले दिन से कह रही हूं कि प्रधानमंत्री और देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखें, सच्चाई जरूर सामने आएगी। एक महिला खिलाड़ी के तौर पर मैं हमेशा देश की सभी खिलाड़ियों के साथ हूं और हमेशा रहूंगी, लेकिन मैं विरोध की शुरुआत से ही इसके पक्ष में नहीं थी।

बयान में कहा, मैंने सभी पहलवानों से बार-बार कहा है कि आप पीएम या गृह मंत्री से मिलें, समाधान वहीं से निकलेगा। लेकिन आप कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांग रहे थे, जो खुद अन्य मामलों में आरोपी हैं।

हरियाणा की भाजपा नेता ने पहलवानों की आलोचना की और उनसे विरोध के पीछे की असली मंशा का खुलासा करने को कहा।

फोगट ने कहा, देश की जनता अब इन विपक्षियों के चेहरों को पहचान चुकी है। उन्हें उन सभी सैनिकों, किसानों और यहां तक कि महिला पहलवानों को भी जवाब देना चाहिए।

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साक्षी मलिक के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ओलंपिक पदक विजेता और उनके पति ने शनिवार को कहा था कि बबीता और एक अन्य भाजपा नेता तीरथ राणा ने जंतर-मंतर पर धरना के लिए पुलिस की अनुमति प्राप्त करने में उनकी मदद की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं था।

कादियान ने वीडियो में कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और विरोध के लिए दो भाजपा नेताओं ने पुलिस से अनुमति मांगी थी।

उन्होंने कहा, यह (विरोध) कांग्रेस समर्थित नहीं है। 90 प्रतिशत से अधिक लोग (कुश्ती बिरादरी में) जानते हैं कि पिछले 10-12 वर्षों से, यह (उत्पीड़न और धमकी) चल रहा है। कुछ लोग अपनी आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन कुश्ती बिरादरी एकजुट नहीं थी।

रविवार को 33 वर्षीय बबीता ने ट्विटर पर पहलवान दंपति के दावों को खारिज किया।

भाजपा नेता ने अपने बयान में कहा, मुझे बहुत दुख हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उसके पति का वीडियो देख रही थी, सबसे पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरी छोटी बहन, जो अनुमति पत्र दिखा रही थी, उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरा नाम नहीं था। सहमति का कोई सबूत नहीं है और मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

फोगट ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पहले दिन से, उन्होंने पहलवानों को देश में प्रधानमंत्री और न्यायपालिका में विश्वास रखने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने इसके बजाय कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांगा, जो अन्य मामलों में खुद आरोपी हैं।

फोगट ने कहा, मैं पहले दिन से कह रही हूं कि प्रधानमंत्री और देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखें, सच्चाई जरूर सामने आएगी। एक महिला खिलाड़ी के तौर पर मैं हमेशा देश की सभी खिलाड़ियों के साथ हूं और हमेशा रहूंगी, लेकिन मैं विरोध की शुरुआत से ही इसके पक्ष में नहीं थी।

बयान में कहा, मैंने सभी पहलवानों से बार-बार कहा है कि आप पीएम या गृह मंत्री से मिलें, समाधान वहीं से निकलेगा। लेकिन आप कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांग रहे थे, जो खुद अन्य मामलों में आरोपी हैं।

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साक्षी मलिक के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ओलंपिक पदक विजेता और उनके पति ने शनिवार को कहा था कि बबीता और एक अन्य भाजपा नेता तीरथ राणा ने जंतर-मंतर पर धरना के लिए पुलिस की अनुमति प्राप्त करने में उनकी मदद की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं था।

कादियान ने वीडियो में कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और विरोध के लिए दो भाजपा नेताओं ने पुलिस से अनुमति मांगी थी।

उन्होंने कहा, यह (विरोध) कांग्रेस समर्थित नहीं है। 90 प्रतिशत से अधिक लोग (कुश्ती बिरादरी में) जानते हैं कि पिछले 10-12 वर्षों से, यह (उत्पीड़न और धमकी) चल रहा है। कुछ लोग अपनी आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन कुश्ती बिरादरी एकजुट नहीं थी।

रविवार को 33 वर्षीय बबीता ने ट्विटर पर पहलवान दंपति के दावों को खारिज किया।

भाजपा नेता ने अपने बयान में कहा, मुझे बहुत दुख हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उसके पति का वीडियो देख रही थी, सबसे पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरी छोटी बहन, जो अनुमति पत्र दिखा रही थी, उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरा नाम नहीं था। सहमति का कोई सबूत नहीं है और मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

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फोगट ने कहा, मैं पहले दिन से कह रही हूं कि प्रधानमंत्री और देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखें, सच्चाई जरूर सामने आएगी। एक महिला खिलाड़ी के तौर पर मैं हमेशा देश की सभी खिलाड़ियों के साथ हूं और हमेशा रहूंगी, लेकिन मैं विरोध की शुरुआत से ही इसके पक्ष में नहीं थी।

बयान में कहा, मैंने सभी पहलवानों से बार-बार कहा है कि आप पीएम या गृह मंत्री से मिलें, समाधान वहीं से निकलेगा। लेकिन आप कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांग रहे थे, जो खुद अन्य मामलों में आरोपी हैं।

हरियाणा की भाजपा नेता ने पहलवानों की आलोचना की और उनसे विरोध के पीछे की असली मंशा का खुलासा करने को कहा।

फोगट ने कहा, देश की जनता अब इन विपक्षियों के चेहरों को पहचान चुकी है। उन्हें उन सभी सैनिकों, किसानों और यहां तक कि महिला पहलवानों को भी जवाब देना चाहिए।

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साक्षी मलिक के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ओलंपिक पदक विजेता और उनके पति ने शनिवार को कहा था कि बबीता और एक अन्य भाजपा नेता तीरथ राणा ने जंतर-मंतर पर धरना के लिए पुलिस की अनुमति प्राप्त करने में उनकी मदद की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं था।

कादियान ने वीडियो में कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और विरोध के लिए दो भाजपा नेताओं ने पुलिस से अनुमति मांगी थी।

उन्होंने कहा, यह (विरोध) कांग्रेस समर्थित नहीं है। 90 प्रतिशत से अधिक लोग (कुश्ती बिरादरी में) जानते हैं कि पिछले 10-12 वर्षों से, यह (उत्पीड़न और धमकी) चल रहा है। कुछ लोग अपनी आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन कुश्ती बिरादरी एकजुट नहीं थी।

रविवार को 33 वर्षीय बबीता ने ट्विटर पर पहलवान दंपति के दावों को खारिज किया।

भाजपा नेता ने अपने बयान में कहा, मुझे बहुत दुख हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उसके पति का वीडियो देख रही थी, सबसे पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरी छोटी बहन, जो अनुमति पत्र दिखा रही थी, उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरा नाम नहीं था। सहमति का कोई सबूत नहीं है और मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

फोगट ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पहले दिन से, उन्होंने पहलवानों को देश में प्रधानमंत्री और न्यायपालिका में विश्वास रखने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने इसके बजाय कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दीपेंद्र एस हुड्डा और अन्य लोगों से समाधान मांगा, जो अन्य मामलों में खुद आरोपी हैं।

फोगट ने कहा, मैं पहले दिन से कह रही हूं कि प्रधानमंत्री और देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखें, सच्चाई जरूर सामने आएगी। एक महिला खिलाड़ी के तौर पर मैं हमेशा देश की सभी खिलाड़ियों के साथ हूं और हमेशा रहूंगी, लेकिन मैं विरोध की शुरुआत से ही इसके पक्ष में नहीं थी।

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साक्षी मलिक के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ओलंपिक पदक विजेता और उनके पति ने शनिवार को कहा था कि बबीता और एक अन्य भाजपा नेता तीरथ राणा ने जंतर-मंतर पर धरना के लिए पुलिस की अनुमति प्राप्त करने में उनकी मदद की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं था।

कादियान ने वीडियो में कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और विरोध के लिए दो भाजपा नेताओं ने पुलिस से अनुमति मांगी थी।

उन्होंने कहा, यह (विरोध) कांग्रेस समर्थित नहीं है। 90 प्रतिशत से अधिक लोग (कुश्ती बिरादरी में) जानते हैं कि पिछले 10-12 वर्षों से, यह (उत्पीड़न और धमकी) चल रहा है। कुछ लोग अपनी आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन कुश्ती बिरादरी एकजुट नहीं थी।

रविवार को 33 वर्षीय बबीता ने ट्विटर पर पहलवान दंपति के दावों को खारिज किया।

भाजपा नेता ने अपने बयान में कहा, मुझे बहुत दुख हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उसके पति का वीडियो देख रही थी, सबसे पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरी छोटी बहन, जो अनुमति पत्र दिखा रही थी, उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरा नाम नहीं था। सहमति का कोई सबूत नहीं है और मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

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साक्षी मलिक के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ओलंपिक पदक विजेता और उनके पति ने शनिवार को कहा था कि बबीता और एक अन्य भाजपा नेता तीरथ राणा ने जंतर-मंतर पर धरना के लिए पुलिस की अनुमति प्राप्त करने में उनकी मदद की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं था।

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फोगट ने कहा, मैं पहले दिन से कह रही हूं कि प्रधानमंत्री और देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखें, सच्चाई जरूर सामने आएगी। एक महिला खिलाड़ी के तौर पर मैं हमेशा देश की सभी खिलाड़ियों के साथ हूं और हमेशा रहूंगी, लेकिन मैं विरोध की शुरुआत से ही इसके पक्ष में नहीं थी।

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फोगट ने कहा, देश की जनता अब इन विपक्षियों के चेहरों को पहचान चुकी है। उन्हें उन सभी सैनिकों, किसानों और यहां तक कि महिला पहलवानों को भी जवाब देना चाहिए।

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