सतना, देशबन्धु। किसानों को सिंचाई का पानी देने वाली बहुप्रतीक्षित बरगी नहर प्रोजेक्ट के निर्माण में शुरू हो सही गुणवत्ता को ताक में रखकर के निर्माण करने के आरोप ठेका कंपनी पर लग रहे हैं।
लेकिन इस नहर का निर्माण जिस तरह से मानकों के विपरीत मटेरियल का उपयोग किया जा रहा है। इससे नहर क्षतिग्रस्त होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।बताया जाता है कि फौलादी कंस्ट्रक्श्न कंपनी को पनगरा से रौंड, पुरुषोत्तमपुर, नारायणपुर, झिरिया, भैहाई, सिंहपुर, जमुनिहाई, टीकर, चोरवरी,भंवर और करसरा तरफ 15 किलो मीटर का काम मिला है।
जिसके द्वारा नहर बनाने के लिए सीमेंट की जगह डस्ट का प्रयोग किया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी की मनमानी के चलते तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कहीं पुल टूटा, तो कहीं पोल
फौलादी कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा ओवर लोड वाहनों से सामग्री मंगवाई जाती है, जिसके चलते गांव में बनी तमाम तरह की संरचनाएं भी टूट रहीं हैं। टीकर गांव में कहीं पर पुल टूट गए तो कहीं पर पोल टूटने से किसानों की सिंचाई का काम प्रभावित हो रहा है। कंपनी अपना काम निकालने के चक्कर में ग्रामीणों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है।
काट दिया फोन
किसानों के हित और ग्रामीणों की परेशानी से जुड़े मामले में जब प्रोजेक्ट के इंजीनियर योगेश त्रिपाठी के फोन पर संपर्क कर बातचीत की गई तो इंजीनियर ने सवाल सुनकर फोन काट दिया। डस्ट के सवाल पर कहा कि ऐसा नहीं हो रहा। जब कहा गया कि तस्वीरों में दिखाई दे रहा है तो उन्होंने कहा कि मेरा नंबर किस ने दिया और फोन कटकर दिया।
ग्रामीणों का कहना
वाहन आवागमन में तमाम सड़क जर्जर हो गईं। नहर का काम धीमी गति से हो रहा है और गुणवत्ता सही नहीं है। मैने कई बार इंजीनियर से बात की लेकिन आश्वासन ही केवल मिल सका।
वीरेन्द्र बुनकर, सरपंच टीकर