कोलकाता, 28 फरवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) को विभिन्न राज्य संचालित स्कूलों में ग्रुप डी श्रेणी के समाप्त गैर-शिक्षण कर्मचारियों को प्रतीक्षा सूची में शामिल लोगों से बदलने पर सावधान रहने की चेतावनी दी।
न्यायमूर्ति बिस्वजीत बसु की पीठ ने डब्ल्यूबीएसएससी के वकील से कहा- याद रखें, प्रतीक्षा सूची की निष्पक्षता पर संदेह करने के कारण हैं। यह मानने का कोई कारण नहीं है कि प्रतीक्षा सूची गंगा नदी के पानी की तरह शुद्ध है। बस इसे याद रखें और प्रतीक्षा सूची से प्रतिस्थापन करते समय सतर्क रहें।
हाल ही में, ग्रुप डी में 1,911 उम्मीदवारों की सेवाएं न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ के एक आदेश के बाद समाप्त कर दी गईं, जिन्होंने आयोग को प्रतीक्षा सूची से उनकी जगह लेने का भी निर्देश दिया था। इस मामले पर जस्टिस बसु ने आयोग को चेतावनी नोट जारी किया था।
बर्खास्त कर्मचारियों ने पहले ही न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था, जिसने एकल-न्यायाधीश की खंडपीठ के उस आदेश के हिस्से पर अंतरिम रोक लगा दी थी जिसमें बर्खास्त कर्मचारियों को अब तक वेतन के रूप में प्राप्त धन को तुरंत वापस करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन सेवाओं की समाप्ति से संबंधित मुख्य आदेश पर कोई रोक नहीं लगाई थी।
–आईएएनएस
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