नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। रन तो हर बल्लेबाज बनाता है लेकिन क्रिकेट फैंस के दिलों में वो बल्लेबाज जगह बनाता है, जो रन के साथ-साथ अपना इम्पैक्ट भी छोड़ जाए। विदेशी जमीन पर रन बनाना आसान नहीं रहता और कोई जब विदेशी जमीन पर जाकर डेब्यू टेस्ट में ही शतक जमा दे तो उस बल्लेबाज में कितना दम होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। ये बल्लेबाज कोई और नहीं दिल्ली कैपिटल्स के सहायक कोच प्रवीण आमरे हैं।
14 अगस्त 1968 को मुंबई में जन्में इस खिलाड़ी ने भारतीय क्रिकेट में अपनी धाक खूब जमाई है। आमरे एक बांए हाथ के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज और लेग ब्रेक स्पिन गेंदबाज रहे हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी प्रवीण आमरे आज अपना 56वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर पूर्व भारतीय बल्लेबाज के बारे में कुछ रोचक तथ्य और आंकड़े पर एक नजर डालते हैं।
प्रवीण आमरे का पूरा नाम प्रवीण कल्याण आमरे है। उनका जन्म 14 अगस्त 1968 को हुआ था, जिन्होंने 1991 और 1999 के बीच भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 11 टेस्ट मैच और 37 वनडे मैच खेले हैं और टीम में एक बल्लेबाज ऑलराउंडर की भूमिका निभाते थे।
उन्होंने 1992-93 में डरबन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 103 रनों की पारी खेलकर विदेशी धरती पर अपने टेस्ट डेब्यू में शतक बनाया था। ऐसा करने के साथ ही वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले नौवें खिलाड़ी बन गए।
1991 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने वनडे डेब्यू में अर्धशतक बनाया था। उन्होंने ईरानी कप में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर (246 रन) का रिकॉर्ड अपने नाम किया था, जिसे बाद में 2012 में मुरली विजय के 266 रनों ने तोड़ दिया था।
मुंबई, राजस्थान, बंगाल और रेलवे जैसी विभिन्न घरेलू टीमों के लिए खेलने के अलावा, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में बोलैंड के लिए भी खेला। प्रवीण आमरे को रमाकांत आचरेकर ने कोचिंग दी थी, जिन्होंने सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली जैसे खिलाड़ियों को भी कोचिंग दी थी। बताया जाता है कि आचरेकर ने एक बार दावा किया था कि प्रवीण आमरे, सचिन से भी बेहतर बल्लेबाज होंगे।
मौजूदा दौर में आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स के सहायक कोच के तौर पर प्रवीण आमरे देश के युवा क्रिकेटरों को तैयार कर रहे हैं।
–आईएएनएस
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