बेंगलुरु, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार और ठेकेदार दोनों मिलकर राज्य को लूट रहे हैं। कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन राज्य सरकार का कमीशन वसूली केंद्र बन गया है।
पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि अवैध धन की बरामदगी की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराई जानी चाहिए।
आईटी विभाग ने बेंगलुरु में एक ठेकेदार के मालिकाना हक वाले फ्लैट से 42 करोड़ रुपये नकद बरामद किए थे। मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया था और आरोप लगाया गया था कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए यह पैसा इकट्ठा किया गया था।
बोम्मई ने पत्रकारों को बताया नई कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद से स्थानांतरण सहित हर चीज में भ्रष्टाचार हुआ है। यह कर्नाटक की अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार है। गांव से लेकर विधानसभा तक भ्रष्टाचार देखने को मिलता है और खुलेआम चल रहा है।
ऐसा पहली बार हुआ है कि ठेकेदारों का बकाया बिल जारी होने के तुरंत बाद किसी ठेकेदार के करीबी रिश्तेदार के घर से इतनी बड़ी रकम बरामद हुई है। इससे यह निर्विवाद रूप से सिद्ध हो गया है कि सरकार को 10 प्रतिशत कमीशन मिल रहा है। अगर और भी ठेकेदारों पर छापेमारी होगी तो और भी कमीशन घोटाले सामने आयेंगे।
पूर्व सीएम ने आगे कहा, ठेकेदार एसोसिएशन ने पिछली सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगाए और अब वही एसोसिएशन सरकार के कमीशन वसूली केंद्र के रूप में काम कर रही है। ठेकेदार और सरकार मिलकर राज्य को लूट रहे हैं।
उन्होंने मांग की, ”हाल ही में पैसे की बरामदगी की जांच ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सीबीआई से कराई जानी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री की इसमें कोई भूमिका नहीं है तो उन्हें जस्टिस नागमोहन दास के नेतृत्व में आयोग बनाना चाहिए या लोकायुक्त का हवाला देना चाहिए। राज्य कांग्रेस के नेता जो पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए एटीएम की तरह काम कर रहे थे, उन्हें भ्रष्टाचार के बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष केम्पन्ना ने सीएम सिद्दारमैया से मुलाकात कर आरोप लगाया कि चयनात्मक भुगतान किया गया है। ये भ्रष्टाचार का सबूत था। जिन ठेकेदारों ने कमीशन का भुगतान किया है उनके बिल जारी कर दिए गए हैं।
–आईएएनएस
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