ढाका, 18 सितंबर (आईएएनएस)। ढाका मेट्रोपॉलिटन साउथ में रहने वाले अवामी लीग के कई सदस्यों ने गुरुवार को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थन में फ्लैश जुलूस निकाला। राजधानी के हजारीबाग पुलिस स्टेशन अंतर्गत बेरीबाध क्षेत्र में थोड़ी देर के लिए ही कुछ युवा आगे बढ़े।
स्थानीय मीडिया ने इसे रिपोर्ट किया है। रिपोर्ट्स से पता चलता है कि दर्जनों युवा बैनर लिए ‘जय बांग्ला, जय बंगबंधु’, ‘शेख हसीना आएंगी, हाईवे हिल जाएगा’, ‘शेख हसीना आएंगी, बांग्लादेश हंसेगा’ जैसे नारे लगाते हुए जुलूस में शामिल हुए।
बांग्लादेश के प्रमुख बंगाली अखबार ‘जुगंतोर’ ने एक स्थानीय निवासी के हवाले से बताया, “सुबह अचानक मैंने देखा कि कुछ लड़के हाथ में बैनर लिए और ‘जय बांग्ला’ नारे लगाते हुए आगे बढ़े। इसने एक जुलूस का रूप ले लिया। जुलूस बौबाजार से आगे बढ़ा और लगभग पांच मिनट तक सड़क पर रहने के बाद युवकों ने बैनर मोड़ दिए और भाग गए। फिर पुलिस आई और 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।”
इस घटना की पुष्टि करते हुए, हजारीबाग पुलिस स्टेशन के ओ सी सैफुल इस्लाम ने कहा, “हमारी पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और अवामी लीग के अचानक निकाले जुलूस में शामिल 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। हम जांच कर रहे हैं कि उनमें से कौन सीधे तौर पर जुलूस में शामिल था और कौन आसपास से पकड़ा गया था। जांच के बाद, सबूतों के हिसाब से कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
ये ताजा घटनाक्रम मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत अवामी लीग के नेताओं और पार्टी समर्थकों पर चल रही कार्रवाई के बीच सामने आए हैं।
पिछले हफ्ते, ढाका के बांग्लामोटर में अवामी लीग के 100 से ज्यादा सदस्यों ने पार्टी के समर्थन में एक जुलूस निकाला था, जहां प्रतिभागियों ने अंतरिम सरकार के खिलाफ नारे लगाए थे।
इसके बाद, अवामी लीग की छात्र शाखा, ‘छात्र लीग’ के आठ नेताओं और कार्यकर्ताओं समेत 11 लोगों को आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत जेल भेज दिया गया था।
ढाका मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दिलरुबा अफरोज तिथि ने जांच अधिकारी की दलीलों के बाद उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं।
हाल ही में, बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी ने यूनुस सरकार पर देश में असहमति को दबाने और राजनीतिक विरोध को बेअसर करने के लिए मनमानी गिरफ्तारियों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।
विश्लेषकों इसे यूनुस शासन का बड़ा राजनीतिक प्रतिशोध मानते हैं, क्योंकि अगस्त 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटाए जाने के तुरंत बाद, उनके और उनकी पार्टी के सदस्यों के खिलाफ कई बेबुनियाद मामलों में मुकदमे दर्ज किए गए थे।
–आईएएनएस
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