ढाका, 11 फरवरी, (आईएएनएस)। ढाका में चल रहे ‘अमर एकुशे’ पुस्तक मेले में सोमवार को एक बुक स्टॉल पर उग्र भीड़ ने हमला किया। हमला करने वाले बांग्लादेशी लेखिका और नारीवादी तस्लीमा नसरीन की लिखी गई पुस्तकों को प्रकाशित करने और उन्हें मेले में प्रदर्शित करने से नाराज थे। अंतरिम सरकार ने घटना की निंदा करते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
सोशल मीडिया पर हिंसक भीड़ द्वारा बुक स्टॉल पर हमला करने की क्लिप वायरल हो रही है।
तस्लीमा नसरीन ने सोमवार को अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए हमला करने वालों को ‘जिहादी धार्मिक चरमपंथी’ बताया और सरकार पर उनका समर्थन करने का आरोप लगाया।
लेखिका ने लिखा, “आज, जिहादी धार्मिक चरमपंथियों ने बांग्लादेश के पुस्तक मेले में प्रकाशक सब्यसाची के स्टॉल पर हमला किया। उनका ‘अपराध’ मेरी पुस्तक प्रकाशित करना था। पुस्तक मेला अधिकारियों और स्थानीय स्टेशन की पुलिस ने मेरी पुस्तक को हटाने का आदेश दिया। इसे हटाए जाने के बाद भी, चरमपंथियों ने हमला किया, स्टॉल पर तोड़फोड़ की और इसे बंद कर दिया। सरकार इन चरमपंथियों का समर्थन कर रही है, और देश भर में जिहादी गतिविधियां फैल रही हैं।’
मंगलवार को पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘कल बांग्लादेश में पुस्तक मेले में मेरे प्रकाशक शताब्दी वोबो पर जिहादियों ने हमला किया। उनका अपराध था मेरी किताबें छापना और बेचना।’
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने कहा कि वह भीड़ के हमले की निंदा करते हैं। उन्होंने इसे बांग्लादेशी नागरिकों के अधिकारों और देश के कानून की अवमानना बताया
मुहम्मद यूनुस ने पुलिस और बांग्ला अकादमी को हिंसक हमले की जांच शुरू करने और ‘दोषियों को सजा दिलाने’ का आदेश दिया है। अंतरिम सरकार ने भविष्य में इस तरह के हमले को रोकने के लिए पुस्तक मेले में सुरक्षा बढ़ाने को भी कहा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक चश्मदीद ने बताया, “प्रदर्शनकारियों का एक समूह सब्यसाची प्रकाशन में आया। वे चिल्लाने लगा कि तस्लीमा नसरीन की किताब स्टॉल में क्यों रखी गई है। बाद में प्रकाशक शताब्दी वोबो पर लोगों ने हमला कर दिया और तस्लीमा की किताब फेंक दी।”
तस्लीमा नसरीन भारत में निर्वासन में रह रही हैं।
–आईएएनएस
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