ढाका. बांग्लादेश पुलिस ने ढाका में अचानक निकाले गए एक मार्च के बाद अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों के 244 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया.
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) के अतिरिक्त कमिश्नर एसएम नजरुल इस्लाम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अचानक निकाले गए मार्च के दौरान अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों के 244 नेता और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया.
नजरुल इस्लाम ने आगे कहा कि इससे पहले, कई अभियानों में डीएमपी ने राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों से 500 से अधिक आवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था.
बांग्लादेश के प्रमुख बंगाली दैनिक अखबार ‘प्रथम आलो’ की रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि ये पार्टी नेता और कार्यकर्ता कथित तौर पर अगले साल होने वाले चुनावों से पहले कानून-व्यवस्था की स्थिति को खराब करने के लिए षड्यंत्र रच रहे थे.
ये ताजा घटनाएं मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के दौरान चल रही कार्रवाई के बीच हो रही हैं. इस कार्रवाई में आवामी लीग के नेताओं और उनके समर्थकों पर दबाव डाला जा रहा है.
पिछले हफ्ते, ढाका मेट्रोपॉलिटन साउथ के कई आवामी लीग सदस्यों ने राजधानी के हाजीपुर थाने के बेरीबाड़ इलाके में एक फ्लैश जुलूस निकाला. ये जुलूस पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थन में था.
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दर्जनों युवा इस जुलूस में शामिल हुए. वे बैनर लिए हुए थे और ‘जय बांग्ला, ‘शेख हसीना आएंगी, हाईवे हिल जाएगा’, ‘शेख हसीना आएंगी, बांग्लादेश मुस्कुराएगा’ जैसे नारे लगा रहे थे.
घटना की पुष्टि करते हुए, हजारीबाग पुलिस स्टेशन के ओसी सैफुल इस्लाम ने कहा कि हमारी पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और अवामी लीग के जुलूस के दौरान 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. हम जांच कर रहे हैं कि इनमें से कौन सीधे जुलूस में शामिल था और कौन आसपास से पकड़ा गया था. जांच के बाद, जिन लोगों के खिलाफ सबूत मिलेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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हाल ही में, आवामी लीग पार्टी ने यूसुफ सरकार पर देश में असहमति को दबाने और राजनीतिक विरोध को खत्म करने के लिए मनमाने ढंग से गिरफ्तारियां करने का आरोप लगाया है.
विश्लेषकों का मानना है कि ये घटनाएं युनूस सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध की एक बड़ी कार्रवाई है, क्योंकि अगस्त 2024 में हसीना को पद से हटाए जाने के तुरंत बाद, उन पर और उनकी पार्टी के सदस्यों पर कुछ मामूली मामलों में कई केस दर्ज किए गए थे.