गाजियाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा और इस्कॉन से जुड़े संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के मामले में मशहूर कथावाचक सुधांशु जी महाराज ने कहा कि बांग्लादेश ऐसा करके अपनी तरक्की खुद रोक रहा है। कल्कि धाम के ठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम के आवास पर हुई प्रेस वार्ता में उन्होंने यह प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा ” बांग्लादेश में जो हो रहा है उससे दलित समाज ज्यादा प्रभावित है। लेकिन राजनीतिक दलों को न जाने क्या हो गया है, वह अपने वोट बैंक की चिंता करने में लगे हैं। बांग्लादेश अपनी तरक्की स्वयं नष्ट कर रहा है। जो व्यापार था वह वियतनाम पहुंच रहा है, कंबोडिया पहुंच रहा है। अफगानिस्तान का हाल देख लें तो बांग्लादेश अपनी तरक्की नष्ट कर रहा है।”
इसके बाद बिहार के दरभंगा में राम विवाह की झांकी पर हुए पथराव पर उन्होंने कहा, “जहां कहीं भी ऐसी समस्याएं उठती हैं, जैसे हिंदू समाज के बड़े पर्वों पर या यात्राओं के दौरान पत्थरबाजी होती है, वहां शांति समिति का गठन बहुत जरूरी है, जिसमें दोनों पक्षों के लोग बैठकर बात करें। हिंदू समाज को भी आगे आकर यह स्वीकार करना होगा कि अगर कोई कमी है, तो उसे सुधारें, और दूसरी तरफ के लोग भी अपनी जिम्मेदारी लें और शांति बनाए रखने के लिए काम करें। भारत में मुस्लिम समाज जहां भी रहता है, उसकी किसी अन्य देश की तुलना में यहां बहुत बेहतर स्थिति है। इस सुंदर माहौल को बनाए रखने के लिए सौहार्द की जरूरत है।”
उन्होंने आगे संभल हिंसा पर कहा, “दुनिया में हुए बड़े युद्धों के बाद भी बातचीत से समाधान निकाला गया है, तो क्यों हम पहले से शांतिपूर्ण तरीके से बैठकर बात नहीं कर सकते? क्या केवल कुछ लोग हैं जो भड़काने का काम करते हैं? भारत को आज एकता की जरूरत है, क्योंकि हमारा देश बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है, और पूरी दुनिया इसे देख रही है। हम चीन से भी आगे जा सकते हैं और दुनिया में एक बड़ी शक्ति बन सकते हैं। ऐसे में कुछ लोग बाहर से हमारे विकास को रोकने के प्रयास कर रहे हैं।”
राहुल गांधी के संभल जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, “राहुल गांधी समझदार व्यक्ति हैं, लेकिन उन्हें किसी का उपकरण नहीं बनना चाहिए। समस्या तब उत्पन्न होती है जब 15-20 दिन बाद शांति स्थापित हो चुकी होती है और फिर कोई आता है। अगर अभी हालात तनावपूर्ण हैं, तो क्या उसे और बिगाड़ने की जरूरत है? शांति स्थापित होने के बाद ही इस मामले में कोई कदम उठाना चाहिए। शांति के बाद, सभी को मिलकर काम करना चाहिए, ताकि देश में एकता बनी रहे।”
–आईएएनएस
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