ढाका, 21 मार्च (आईएएनएस)। ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों के एक समूह ने ‘हिन्दू स्टूडेंट्स ऑफ ढाका यूनिवर्सिटी’ और ‘बांग्लादेश यूनाइटेड सनातनी अवेकनिंग अलायंस’ के बैनर तले शुक्रवार को प्रदर्शन किया।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, स्टूडेंट्स ने सोशल मीडिया पर एक साथी छात्र की ओर से हिंदू धर्म और एक देवता के बारे में की गई अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ विरोध किया। बताया जा रहा है कि आरोपी छात्र इस तरह की टिप्पणियां कई बार कर चुका है।
छात्रों ने आरोपी को निलंबित करने और उसके लिए कड़ी सजा की मांग की। उन्होंने भविष्य में यूनिवर्सिटी से सनातन धर्म की गलत व्याख्या को रोकने के लिए संस्थागत उपाय करने की अपील की।
बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र ‘द डेली स्टार’ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारी छात्रों ने साहित्यिक विश्लेषण कक्षाओं के दौरान शिक्षकों को हिंदू धर्म की गलत व्याख्या करने से रोकना और यूनिवर्सिटी के ‘ढाका बिस्सोबिद्दलॉय शिक्षार्थी संसद’ फेसबुक ग्रुप पर अल्पसंख्यकों को लक्षित करने वाली अपमानजनक पोस्टों के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल है।
बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ प्रदर्शनकारियों ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि उनके धार्मिक मूल्यों का सम्मान नहीं किया जाता है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब अल्पसंख्यक धर्मों का अपमान किया जाता है तो कोई कदम क्यों नहीं उठाया जाता।
बांग्लादेश में विभिन्न अधिकार समूहों, प्रतिष्ठित नागरिकों और सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटाए जाने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में विशेष रूप से हिंदुओं को निशाना बनाकर की गई हिंसा की निंदा की है।
ढाका स्थित मानवाधिकार संगठन ऐन ओ सलिश केंद्र (एएसके) की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में हिंदू समुदाय के घरों, मंदिरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की कुल 147 घटनाएं होने की खबरें हैं। इन घटनाओं में करीब 408 घरों में तोड़फोड़ की गई, जिनमें आगजनी के 36 मामले शामिल हैं।
इसके अलावा, अल्पसंख्यक समुदाय के स्वामित्व वाले व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की 113 घटनाएं, मंदिरों और अहमदिया संप्रदाय के मस्जिदों पर हमले की 32 घटनाएं और 92 मंदिरों में मूर्तियों को तोड़ने की 92 घटनाएं सामने आई हैं।
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करने और पर्याप्त सुरक्षा न दे पाने का आरोप लगता रहा है।
–आईएएनएस
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