उमरिया, 22 सितंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक आदमखोर बाघ ने ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ाई थी, जिसे शुक्रवार को वन विभाग के अमले ने पकड़ने में सफलता हासिल की। इससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।
कुछ दिनों से आदमखोर बाघ का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर रेंज में आतंक था और इससे ग्रामीण दहशतजदा थे, इस बाघ ने अभी हाल ही में बमेरा गांव में एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
बाघ के हमले से इस इलाके के गांव में रहने वाले लोग तो दहशत में थे ही साथ में वन विभाग का अमला भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित था। इसी क्रम में वन विभाग को बमेरा गांव के बहनीहार के खेतों में बाघ के नजर आने की सूचना मिली, जिसके आधार पर वन विभाग के अमले ने उसे पकड़ने की रणनीति बनाई।
जिसके तहत शिकार के लिए एक बकरा छोड़ा गया, जैसे ही बाघ बकरे के शिकार के लिए आया, उसे पिंजरे में कैद कर लिया गया। बाघ के पकड़े जाने के बाद ग्रामीण और वन महकमे के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।
–आईएएनएस
एसएनपी
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उमरिया, 22 सितंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक आदमखोर बाघ ने ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ाई थी, जिसे शुक्रवार को वन विभाग के अमले ने पकड़ने में सफलता हासिल की। इससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।
कुछ दिनों से आदमखोर बाघ का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर रेंज में आतंक था और इससे ग्रामीण दहशतजदा थे, इस बाघ ने अभी हाल ही में बमेरा गांव में एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
बाघ के हमले से इस इलाके के गांव में रहने वाले लोग तो दहशत में थे ही साथ में वन विभाग का अमला भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित था। इसी क्रम में वन विभाग को बमेरा गांव के बहनीहार के खेतों में बाघ के नजर आने की सूचना मिली, जिसके आधार पर वन विभाग के अमले ने उसे पकड़ने की रणनीति बनाई।
जिसके तहत शिकार के लिए एक बकरा छोड़ा गया, जैसे ही बाघ बकरे के शिकार के लिए आया, उसे पिंजरे में कैद कर लिया गया। बाघ के पकड़े जाने के बाद ग्रामीण और वन महकमे के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।
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कुछ दिनों से आदमखोर बाघ का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर रेंज में आतंक था और इससे ग्रामीण दहशतजदा थे, इस बाघ ने अभी हाल ही में बमेरा गांव में एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
बाघ के हमले से इस इलाके के गांव में रहने वाले लोग तो दहशत में थे ही साथ में वन विभाग का अमला भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित था। इसी क्रम में वन विभाग को बमेरा गांव के बहनीहार के खेतों में बाघ के नजर आने की सूचना मिली, जिसके आधार पर वन विभाग के अमले ने उसे पकड़ने की रणनीति बनाई।
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कुछ दिनों से आदमखोर बाघ का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर रेंज में आतंक था और इससे ग्रामीण दहशतजदा थे, इस बाघ ने अभी हाल ही में बमेरा गांव में एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
बाघ के हमले से इस इलाके के गांव में रहने वाले लोग तो दहशत में थे ही साथ में वन विभाग का अमला भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित था। इसी क्रम में वन विभाग को बमेरा गांव के बहनीहार के खेतों में बाघ के नजर आने की सूचना मिली, जिसके आधार पर वन विभाग के अमले ने उसे पकड़ने की रणनीति बनाई।
जिसके तहत शिकार के लिए एक बकरा छोड़ा गया, जैसे ही बाघ बकरे के शिकार के लिए आया, उसे पिंजरे में कैद कर लिया गया। बाघ के पकड़े जाने के बाद ग्रामीण और वन महकमे के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।
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कुछ दिनों से आदमखोर बाघ का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर रेंज में आतंक था और इससे ग्रामीण दहशतजदा थे, इस बाघ ने अभी हाल ही में बमेरा गांव में एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
बाघ के हमले से इस इलाके के गांव में रहने वाले लोग तो दहशत में थे ही साथ में वन विभाग का अमला भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित था। इसी क्रम में वन विभाग को बमेरा गांव के बहनीहार के खेतों में बाघ के नजर आने की सूचना मिली, जिसके आधार पर वन विभाग के अमले ने उसे पकड़ने की रणनीति बनाई।
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जिसके तहत शिकार के लिए एक बकरा छोड़ा गया, जैसे ही बाघ बकरे के शिकार के लिए आया, उसे पिंजरे में कैद कर लिया गया। बाघ के पकड़े जाने के बाद ग्रामीण और वन महकमे के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।
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कुछ दिनों से आदमखोर बाघ का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर रेंज में आतंक था और इससे ग्रामीण दहशतजदा थे, इस बाघ ने अभी हाल ही में बमेरा गांव में एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
बाघ के हमले से इस इलाके के गांव में रहने वाले लोग तो दहशत में थे ही साथ में वन विभाग का अमला भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित था। इसी क्रम में वन विभाग को बमेरा गांव के बहनीहार के खेतों में बाघ के नजर आने की सूचना मिली, जिसके आधार पर वन विभाग के अमले ने उसे पकड़ने की रणनीति बनाई।
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बाघ के हमले से इस इलाके के गांव में रहने वाले लोग तो दहशत में थे ही साथ में वन विभाग का अमला भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित था। इसी क्रम में वन विभाग को बमेरा गांव के बहनीहार के खेतों में बाघ के नजर आने की सूचना मिली, जिसके आधार पर वन विभाग के अमले ने उसे पकड़ने की रणनीति बनाई।
जिसके तहत शिकार के लिए एक बकरा छोड़ा गया, जैसे ही बाघ बकरे के शिकार के लिए आया, उसे पिंजरे में कैद कर लिया गया। बाघ के पकड़े जाने के बाद ग्रामीण और वन महकमे के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।
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कुछ दिनों से आदमखोर बाघ का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर रेंज में आतंक था और इससे ग्रामीण दहशतजदा थे, इस बाघ ने अभी हाल ही में बमेरा गांव में एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
बाघ के हमले से इस इलाके के गांव में रहने वाले लोग तो दहशत में थे ही साथ में वन विभाग का अमला भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित था। इसी क्रम में वन विभाग को बमेरा गांव के बहनीहार के खेतों में बाघ के नजर आने की सूचना मिली, जिसके आधार पर वन विभाग के अमले ने उसे पकड़ने की रणनीति बनाई।
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कुछ दिनों से आदमखोर बाघ का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर रेंज में आतंक था और इससे ग्रामीण दहशतजदा थे, इस बाघ ने अभी हाल ही में बमेरा गांव में एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
बाघ के हमले से इस इलाके के गांव में रहने वाले लोग तो दहशत में थे ही साथ में वन विभाग का अमला भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित था। इसी क्रम में वन विभाग को बमेरा गांव के बहनीहार के खेतों में बाघ के नजर आने की सूचना मिली, जिसके आधार पर वन विभाग के अमले ने उसे पकड़ने की रणनीति बनाई।
जिसके तहत शिकार के लिए एक बकरा छोड़ा गया, जैसे ही बाघ बकरे के शिकार के लिए आया, उसे पिंजरे में कैद कर लिया गया। बाघ के पकड़े जाने के बाद ग्रामीण और वन महकमे के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।
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उमरिया, 22 सितंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक आदमखोर बाघ ने ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ाई थी, जिसे शुक्रवार को वन विभाग के अमले ने पकड़ने में सफलता हासिल की। इससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।
कुछ दिनों से आदमखोर बाघ का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर रेंज में आतंक था और इससे ग्रामीण दहशतजदा थे, इस बाघ ने अभी हाल ही में बमेरा गांव में एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
बाघ के हमले से इस इलाके के गांव में रहने वाले लोग तो दहशत में थे ही साथ में वन विभाग का अमला भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित था। इसी क्रम में वन विभाग को बमेरा गांव के बहनीहार के खेतों में बाघ के नजर आने की सूचना मिली, जिसके आधार पर वन विभाग के अमले ने उसे पकड़ने की रणनीति बनाई।
जिसके तहत शिकार के लिए एक बकरा छोड़ा गया, जैसे ही बाघ बकरे के शिकार के लिए आया, उसे पिंजरे में कैद कर लिया गया। बाघ के पकड़े जाने के बाद ग्रामीण और वन महकमे के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।
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कुछ दिनों से आदमखोर बाघ का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर रेंज में आतंक था और इससे ग्रामीण दहशतजदा थे, इस बाघ ने अभी हाल ही में बमेरा गांव में एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
बाघ के हमले से इस इलाके के गांव में रहने वाले लोग तो दहशत में थे ही साथ में वन विभाग का अमला भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित था। इसी क्रम में वन विभाग को बमेरा गांव के बहनीहार के खेतों में बाघ के नजर आने की सूचना मिली, जिसके आधार पर वन विभाग के अमले ने उसे पकड़ने की रणनीति बनाई।
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