बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 72 घंटे में 10 हाथियों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त एक्शन लिया है. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर को निलंबित कर दिया गया है. चौधरी छुट्टी पर गए और हाथियों की मौत की सूचना मिलने पर मोबाइल भी बंद कर लिया था.
मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 72 घंटों के भीतर 10 हाथियों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गठित जांच टीम से जानकारी ली. रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में उनको अधिकारियों ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने बैठक में वन विभाग को मध्य प्रदेश में एलिफेंट टॉस्क फोर्स गठित करने के निर्देश दिए. साथ ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी को निलंबित कर दिया.
गौरव चौधरी घटना के पहले छुट्टी पर चले गए थे. इस मामले में जब टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने उनको जानकारी दी तो वे छुट्टी से वापस नहीं लौटे और अपना मोबाइल बंद कर दिया. अधिकारियों ने पूरे घटना क्रम की जानकारी मुख्यमंत्री को दी, इसके बाद उनको निलंबित करने के निर्देश दिए गए.
मानवीय साजिश का कोई एंगल नहीं
मुख्यमंत्री ने एक नवंबर को बैठक बुलाकर मामले की जांच के लिए वन राज्यमंत्री, वन विभाग के प्रमुख सचिव, वन बल प्रमुख की तीन सदस्यीय टीम गठित की थी. टीम ने शनिवार और रविवार को जांच के बाद भोपाल लौट कर सीएम डॉ. यादव को जानकारी दी. उनकी रिपोर्ट में हाथियों की मौत के मामले में किसी मानवीय साजिश का कोई एंगल नहीं मिला है. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में भी हाथियों के पेट में कोई कीटनाशक नहीं पाया गया है.
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कोदो की जांच के लिए लैब भेजा सैंपल
वन विभाग ने हाथियों के पेट में बड़ी मात्रा में कोदो मिला है. इसका सैंपल जांच के लिए लैब भेजा है. अभी उसकी रिपोर्ट आना बाकी है. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार किसी किसी कोदो में फंगस आ जाता है, जो खाने के बाद टॉक्सिन यानी जहर बनाता है. इससे चक्कर आने के साथ ही उलटी होती है. ऐसे में हाथियों की मौत कोदो में फंगस के कारण जहरीले बनने से होने की आशंका जताई जा रही है.
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