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बागेश्वर बाबा के हिंदू राष्ट्र वाले बयान पर नीतीश बोले : जरूरत क्या है?

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May 16, 2023
in राष्ट्रीय
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बागेश्वर बाबा के हिंदू राष्ट्र वाले बयान पर नीतीश बोले : जरूरत क्या है?
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पटना, 16 मई (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को स्वयंभू संत बाबा बागेश्वर के भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे बयानों का कोई मूल्य नहीं है, क्योंकि ये उन लोगों द्वारा की गई है, जिन्हें देश की आजादी की लड़ाई या संविधान के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के स्वतंत्र होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे। क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का समान अधिकार है। हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

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नीतीश ने कहा, उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में विश्वास करते हैं। मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनकी विचारधारा के आधार पर विकास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं। इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में आस्था रखने का अधिकार है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सात समुदाय हैं – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन। इन समुदायों के लोगों को संविधान के अनुसार समान अधिकार प्राप्त हैं। देश में पारसियों की संख्या कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं। लेकिन उनके पास भी समान अधिकार हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो। किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा, अगर कोई संविधान में संशोधन करना चाहता है, तो उसे लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। संशोधन केवल सभी दलों के निर्णय से होता है।

इस आरोप पर कि उनकी सरकार सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है, नीतीश ने कहा : वे लोग पार्टी में अपना वजन बढ़ाने के लिए मेरे खिलाफ ऐसी बात कर रहे हैं, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

–आईएएनएस

एसजीके

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पटना, 16 मई (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को स्वयंभू संत बाबा बागेश्वर के भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे बयानों का कोई मूल्य नहीं है, क्योंकि ये उन लोगों द्वारा की गई है, जिन्हें देश की आजादी की लड़ाई या संविधान के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के स्वतंत्र होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे। क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का समान अधिकार है। हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

नीतीश ने कहा, उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में विश्वास करते हैं। मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनकी विचारधारा के आधार पर विकास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं। इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में आस्था रखने का अधिकार है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सात समुदाय हैं – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन। इन समुदायों के लोगों को संविधान के अनुसार समान अधिकार प्राप्त हैं। देश में पारसियों की संख्या कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं। लेकिन उनके पास भी समान अधिकार हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो। किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा, अगर कोई संविधान में संशोधन करना चाहता है, तो उसे लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। संशोधन केवल सभी दलों के निर्णय से होता है।

इस आरोप पर कि उनकी सरकार सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है, नीतीश ने कहा : वे लोग पार्टी में अपना वजन बढ़ाने के लिए मेरे खिलाफ ऐसी बात कर रहे हैं, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

–आईएएनएस

एसजीके

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पटना, 16 मई (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को स्वयंभू संत बाबा बागेश्वर के भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे बयानों का कोई मूल्य नहीं है, क्योंकि ये उन लोगों द्वारा की गई है, जिन्हें देश की आजादी की लड़ाई या संविधान के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के स्वतंत्र होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे। क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का समान अधिकार है। हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

नीतीश ने कहा, उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में विश्वास करते हैं। मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनकी विचारधारा के आधार पर विकास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं। इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में आस्था रखने का अधिकार है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सात समुदाय हैं – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन। इन समुदायों के लोगों को संविधान के अनुसार समान अधिकार प्राप्त हैं। देश में पारसियों की संख्या कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं। लेकिन उनके पास भी समान अधिकार हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो। किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा, अगर कोई संविधान में संशोधन करना चाहता है, तो उसे लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। संशोधन केवल सभी दलों के निर्णय से होता है।

इस आरोप पर कि उनकी सरकार सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है, नीतीश ने कहा : वे लोग पार्टी में अपना वजन बढ़ाने के लिए मेरे खिलाफ ऐसी बात कर रहे हैं, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

–आईएएनएस

एसजीके

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पटना, 16 मई (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को स्वयंभू संत बाबा बागेश्वर के भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे बयानों का कोई मूल्य नहीं है, क्योंकि ये उन लोगों द्वारा की गई है, जिन्हें देश की आजादी की लड़ाई या संविधान के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के स्वतंत्र होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे। क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का समान अधिकार है। हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

नीतीश ने कहा, उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में विश्वास करते हैं। मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनकी विचारधारा के आधार पर विकास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं। इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में आस्था रखने का अधिकार है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सात समुदाय हैं – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन। इन समुदायों के लोगों को संविधान के अनुसार समान अधिकार प्राप्त हैं। देश में पारसियों की संख्या कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं। लेकिन उनके पास भी समान अधिकार हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो। किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा, अगर कोई संविधान में संशोधन करना चाहता है, तो उसे लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। संशोधन केवल सभी दलों के निर्णय से होता है।

इस आरोप पर कि उनकी सरकार सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है, नीतीश ने कहा : वे लोग पार्टी में अपना वजन बढ़ाने के लिए मेरे खिलाफ ऐसी बात कर रहे हैं, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

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यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के स्वतंत्र होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे। क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का समान अधिकार है। हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

नीतीश ने कहा, उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में विश्वास करते हैं। मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनकी विचारधारा के आधार पर विकास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं। इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में आस्था रखने का अधिकार है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सात समुदाय हैं – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन। इन समुदायों के लोगों को संविधान के अनुसार समान अधिकार प्राप्त हैं। देश में पारसियों की संख्या कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं। लेकिन उनके पास भी समान अधिकार हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो। किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा, अगर कोई संविधान में संशोधन करना चाहता है, तो उसे लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। संशोधन केवल सभी दलों के निर्णय से होता है।

इस आरोप पर कि उनकी सरकार सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है, नीतीश ने कहा : वे लोग पार्टी में अपना वजन बढ़ाने के लिए मेरे खिलाफ ऐसी बात कर रहे हैं, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

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यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के स्वतंत्र होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे। क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का समान अधिकार है। हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

नीतीश ने कहा, उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में विश्वास करते हैं। मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनकी विचारधारा के आधार पर विकास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं। इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में आस्था रखने का अधिकार है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सात समुदाय हैं – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन। इन समुदायों के लोगों को संविधान के अनुसार समान अधिकार प्राप्त हैं। देश में पारसियों की संख्या कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं। लेकिन उनके पास भी समान अधिकार हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो। किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा, अगर कोई संविधान में संशोधन करना चाहता है, तो उसे लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। संशोधन केवल सभी दलों के निर्णय से होता है।

इस आरोप पर कि उनकी सरकार सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है, नीतीश ने कहा : वे लोग पार्टी में अपना वजन बढ़ाने के लिए मेरे खिलाफ ऐसी बात कर रहे हैं, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

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यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के स्वतंत्र होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे। क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का समान अधिकार है। हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

नीतीश ने कहा, उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में विश्वास करते हैं। मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनकी विचारधारा के आधार पर विकास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं। इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में आस्था रखने का अधिकार है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सात समुदाय हैं – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन। इन समुदायों के लोगों को संविधान के अनुसार समान अधिकार प्राप्त हैं। देश में पारसियों की संख्या कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं। लेकिन उनके पास भी समान अधिकार हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो। किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा, अगर कोई संविधान में संशोधन करना चाहता है, तो उसे लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। संशोधन केवल सभी दलों के निर्णय से होता है।

इस आरोप पर कि उनकी सरकार सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है, नीतीश ने कहा : वे लोग पार्टी में अपना वजन बढ़ाने के लिए मेरे खिलाफ ऐसी बात कर रहे हैं, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

–आईएएनएस

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यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के स्वतंत्र होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे। क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का समान अधिकार है। हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

नीतीश ने कहा, उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में विश्वास करते हैं। मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनकी विचारधारा के आधार पर विकास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं। इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में आस्था रखने का अधिकार है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सात समुदाय हैं – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन। इन समुदायों के लोगों को संविधान के अनुसार समान अधिकार प्राप्त हैं। देश में पारसियों की संख्या कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं। लेकिन उनके पास भी समान अधिकार हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो। किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा, अगर कोई संविधान में संशोधन करना चाहता है, तो उसे लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। संशोधन केवल सभी दलों के निर्णय से होता है।

इस आरोप पर कि उनकी सरकार सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है, नीतीश ने कहा : वे लोग पार्टी में अपना वजन बढ़ाने के लिए मेरे खिलाफ ऐसी बात कर रहे हैं, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

–आईएएनएस

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पटना, 16 मई (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को स्वयंभू संत बाबा बागेश्वर के भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे बयानों का कोई मूल्य नहीं है, क्योंकि ये उन लोगों द्वारा की गई है, जिन्हें देश की आजादी की लड़ाई या संविधान के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के स्वतंत्र होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे। क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का समान अधिकार है। हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

नीतीश ने कहा, उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में विश्वास करते हैं। मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनकी विचारधारा के आधार पर विकास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं। इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में आस्था रखने का अधिकार है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सात समुदाय हैं – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन। इन समुदायों के लोगों को संविधान के अनुसार समान अधिकार प्राप्त हैं। देश में पारसियों की संख्या कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं। लेकिन उनके पास भी समान अधिकार हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो। किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा, अगर कोई संविधान में संशोधन करना चाहता है, तो उसे लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। संशोधन केवल सभी दलों के निर्णय से होता है।

इस आरोप पर कि उनकी सरकार सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है, नीतीश ने कहा : वे लोग पार्टी में अपना वजन बढ़ाने के लिए मेरे खिलाफ ऐसी बात कर रहे हैं, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

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यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के स्वतंत्र होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे। क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का समान अधिकार है। हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

नीतीश ने कहा, उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में विश्वास करते हैं। मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनकी विचारधारा के आधार पर विकास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं। इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में आस्था रखने का अधिकार है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सात समुदाय हैं – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन। इन समुदायों के लोगों को संविधान के अनुसार समान अधिकार प्राप्त हैं। देश में पारसियों की संख्या कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं। लेकिन उनके पास भी समान अधिकार हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो। किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा, अगर कोई संविधान में संशोधन करना चाहता है, तो उसे लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। संशोधन केवल सभी दलों के निर्णय से होता है।

इस आरोप पर कि उनकी सरकार सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है, नीतीश ने कहा : वे लोग पार्टी में अपना वजन बढ़ाने के लिए मेरे खिलाफ ऐसी बात कर रहे हैं, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

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यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के स्वतंत्र होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे। क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का समान अधिकार है। हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

नीतीश ने कहा, उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में विश्वास करते हैं। मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनकी विचारधारा के आधार पर विकास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं। इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में आस्था रखने का अधिकार है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सात समुदाय हैं – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन। इन समुदायों के लोगों को संविधान के अनुसार समान अधिकार प्राप्त हैं। देश में पारसियों की संख्या कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं। लेकिन उनके पास भी समान अधिकार हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो। किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा, अगर कोई संविधान में संशोधन करना चाहता है, तो उसे लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। संशोधन केवल सभी दलों के निर्णय से होता है।

इस आरोप पर कि उनकी सरकार सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है, नीतीश ने कहा : वे लोग पार्टी में अपना वजन बढ़ाने के लिए मेरे खिलाफ ऐसी बात कर रहे हैं, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

–आईएएनएस

एसजीके

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पटना, 16 मई (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को स्वयंभू संत बाबा बागेश्वर के भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे बयानों का कोई मूल्य नहीं है, क्योंकि ये उन लोगों द्वारा की गई है, जिन्हें देश की आजादी की लड़ाई या संविधान के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के स्वतंत्र होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे। क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का समान अधिकार है। हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

नीतीश ने कहा, उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में विश्वास करते हैं। मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनकी विचारधारा के आधार पर विकास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं। इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में आस्था रखने का अधिकार है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सात समुदाय हैं – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन। इन समुदायों के लोगों को संविधान के अनुसार समान अधिकार प्राप्त हैं। देश में पारसियों की संख्या कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं। लेकिन उनके पास भी समान अधिकार हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो। किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा, अगर कोई संविधान में संशोधन करना चाहता है, तो उसे लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। संशोधन केवल सभी दलों के निर्णय से होता है।

इस आरोप पर कि उनकी सरकार सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है, नीतीश ने कहा : वे लोग पार्टी में अपना वजन बढ़ाने के लिए मेरे खिलाफ ऐसी बात कर रहे हैं, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

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पटना, 16 मई (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को स्वयंभू संत बाबा बागेश्वर के भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे बयानों का कोई मूल्य नहीं है, क्योंकि ये उन लोगों द्वारा की गई है, जिन्हें देश की आजादी की लड़ाई या संविधान के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के स्वतंत्र होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे। क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का समान अधिकार है। हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

नीतीश ने कहा, उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में विश्वास करते हैं। मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनकी विचारधारा के आधार पर विकास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं। इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में आस्था रखने का अधिकार है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सात समुदाय हैं – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन। इन समुदायों के लोगों को संविधान के अनुसार समान अधिकार प्राप्त हैं। देश में पारसियों की संख्या कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं। लेकिन उनके पास भी समान अधिकार हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो। किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा, अगर कोई संविधान में संशोधन करना चाहता है, तो उसे लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। संशोधन केवल सभी दलों के निर्णय से होता है।

इस आरोप पर कि उनकी सरकार सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है, नीतीश ने कहा : वे लोग पार्टी में अपना वजन बढ़ाने के लिए मेरे खिलाफ ऐसी बात कर रहे हैं, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

–आईएएनएस

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पटना, 16 मई (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को स्वयंभू संत बाबा बागेश्वर के भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे बयानों का कोई मूल्य नहीं है, क्योंकि ये उन लोगों द्वारा की गई है, जिन्हें देश की आजादी की लड़ाई या संविधान के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के स्वतंत्र होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे। क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का समान अधिकार है। हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

नीतीश ने कहा, उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में विश्वास करते हैं। मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनकी विचारधारा के आधार पर विकास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं। इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में आस्था रखने का अधिकार है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सात समुदाय हैं – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन। इन समुदायों के लोगों को संविधान के अनुसार समान अधिकार प्राप्त हैं। देश में पारसियों की संख्या कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं। लेकिन उनके पास भी समान अधिकार हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो। किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा, अगर कोई संविधान में संशोधन करना चाहता है, तो उसे लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। संशोधन केवल सभी दलों के निर्णय से होता है।

इस आरोप पर कि उनकी सरकार सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है, नीतीश ने कहा : वे लोग पार्टी में अपना वजन बढ़ाने के लिए मेरे खिलाफ ऐसी बात कर रहे हैं, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

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पटना, 16 मई (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को स्वयंभू संत बाबा बागेश्वर के भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे बयानों का कोई मूल्य नहीं है, क्योंकि ये उन लोगों द्वारा की गई है, जिन्हें देश की आजादी की लड़ाई या संविधान के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के स्वतंत्र होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे। क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का समान अधिकार है। हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

नीतीश ने कहा, उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में विश्वास करते हैं। मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनकी विचारधारा के आधार पर विकास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं। इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में आस्था रखने का अधिकार है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सात समुदाय हैं – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन। इन समुदायों के लोगों को संविधान के अनुसार समान अधिकार प्राप्त हैं। देश में पारसियों की संख्या कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं। लेकिन उनके पास भी समान अधिकार हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो। किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।

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इस आरोप पर कि उनकी सरकार सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है, नीतीश ने कहा : वे लोग पार्टी में अपना वजन बढ़ाने के लिए मेरे खिलाफ ऐसी बात कर रहे हैं, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

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यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के स्वतंत्र होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे। क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का समान अधिकार है। हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

नीतीश ने कहा, उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में विश्वास करते हैं। मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनकी विचारधारा के आधार पर विकास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं। इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में आस्था रखने का अधिकार है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सात समुदाय हैं – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन। इन समुदायों के लोगों को संविधान के अनुसार समान अधिकार प्राप्त हैं। देश में पारसियों की संख्या कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं। लेकिन उनके पास भी समान अधिकार हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो। किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।

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