नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। दशहरा के बाद दीपावली का लोग अब ब्रेसबी से इंतजार कर रहे हैं। दीपावली को लेकर कुम्हारों के चाक की रफ्तार तेज हो गई है।
गांवों में मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार दिन-रात अपने काम में जुटे हुए हैं। कुम्हारों को उम्मीद है कि दीपावली पर इस बार लोगों के घर-आंगन मिट्टी के दीये से जगमग होंगे और उनके कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।
इसी कड़ी में दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में दीपावली को लेकर प्रजापति समाज ने बड़े पैमाने पर मिट्टी के दीयों को बनाना शुरू कर दिया है।
दीपक बनाने वाले शख्स का कहना है कि मार्केट में चाइनीज दीपक और रंग बिरंगी लाइटों की डिमांड की वजह से मिट्टी के बने देसी दीपकों की डिमांड घटती जा रही है। उम्मीद है इस बार शहरवासी अधिक से अधिक मिट्टी का दीपक जलाएंगे। इस साल हर साल से ज्यादा दीपक की डिमांड मार्केट में हो रही है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि जब से विदेशी और चीनी लाइटों पर शिकंजा कसा गया है, तब से दीपकों की डिमांड मार्केट में बढ़ी है। पीएम मोदी के प्रयासों से लोगों पर जबरदस्त असर पड़ा है। वोकल फॉर लोकल की अपील का असर लोगों के बीच देखने को मिल रहा है। लोग चाइनीज झालरों के बजाय मिट्टी के दीयों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इससे हमारे काम को बढ़ावा मिल रहा है। रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
उन्होंने कहा कि हम लोगों को दीपक बनाने के लिए मिट्टी को खरीदना पड़ता है। उसके बाद मिट्टी को छानकर रात भर पानी में भिगोकर फिर चाक पर दीपकों को तैयार किया जाता है। दीपक बनाने में जितनी मेहनत लगती है, उनको उतना मुनाफा नहीं हो पा रहा है। दिल्ली में प्रदूषण के चलते हम लोग बड़ी भट्टी नहीं लगाते हैं।
–आईएएनएस
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