नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तरफ से पहली सूची में पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से भोजपुरी इंडस्ट्री के पावरस्टार पवन सिंह को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की गई थी। पवन सिंह इस घोषणा के बाद काफी खुश थे। इसके बाद पवन सिंह के खिलाफ टीएमसी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया। वह पवन सिंह के विवादित गानों को लेकर भाजपा पर निशाना साधने लगे। इसके ठीक 24 घंटे के भीतर ही पवन सिंह ने इस सीट से चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई और आलाकमान को इसके बारे में सूचना भी दे दी थी।
इसके बाद पवन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे। तब यह कयास लगाया जा रहा था कि पवन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ने की बात मान जाएंगे। इस कयास को इस बात से और भी बल मिला जब पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, ”मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूंगा। आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है। जय माता दी।”
अब बंगाली अस्मिता को लेकर संगीत जगत के दो दिग्गज टीएमसी नेता और सिंगर बाबुल सुप्रियो और भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह के बीच सोशल मीडिया पर वार छिड़ गई है। पवन सिंह ने पहले एक्स पर ममता सरकार में मंत्री बाबुल सुप्रियो के सवाल का जवाब देते हुए लिखा, ”बाबुल सुप्रियो नहीं बोलना चाहता था। लेकिन, आपने सिर्फ पवन सिंह का ही दिल नहीं दुःखाया है, बल्कि 40 करोड़ भोजपुरी भाषी और कलाकारों को प्रेम करने वाले लोगों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाया है। आप ने चार गाने का जो पोस्टर पोस्ट किया है, अगर ये चारों पोस्टर के गाने को सही साबित कर देते हैं, तो मैं राजनीति और संगीत दोनों से संन्यास ले लूंगा, नहीं तो आप…”
इसके बाद पवन सिंह ने अपने लेटेस्ट एक्स पोस्ट में एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आसनसोल से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे बाबुल सुप्रियो के साथ मंच पर नजर आ रहे हैं और जनता से उनके पक्ष में वोट करने की मांग कर रहे हैं।
इस वीडियो के साथ पवन सिंह ने लिखा, ”कलाकार और संन्यासी की कोई जाति या धर्म नहीं होता इनको समाज विशेषताओं के लिए सम्मान देता है और सम्मान देता रहेगा। 2019 में मैं बाबुल सुप्रियो के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आसनसोल आया था, खूब मान-सम्मान मिला था। आख़िर 2024 में बाबुल की ऐसी क्या मजबूरी रही कि मुझे बदनाम करने के लिए फर्ज़ी चित्रों का सहारा लेना पड़ा। आपने संगीत को भी धोखा देने का कार्य किया है। पूर्ण रूप से टीएमसी के नेता बन गए है दुर्भाग्य!!”
ऐसे में अब साफ हो गया है कि एक तरफ जहां बाबुल सुप्रियो, पवन सिंह के खिलाफ बंगाली अस्मिता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा रहे थे। वहीं पावरस्टार ने एक के बाद एक ट्वीट कर ना केवल बाबुल सुप्रियो को चैलेंज किया, बल्कि अब बाबुल के व्यवहार को भोजपुरी अस्मिता के खिलाफ बताने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि वीडियो के जरिए पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि अगर वह पश्चिम बंगाल को लेकर गलत सोच रखते थे तो फिर 2019 के चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने उन्हें मंच से अपने पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए क्यों बुलाया था।
–आईएएनएस
एसके/जीकेटी
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नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तरफ से पहली सूची में पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से भोजपुरी इंडस्ट्री के पावरस्टार पवन सिंह को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की गई थी। पवन सिंह इस घोषणा के बाद काफी खुश थे। इसके बाद पवन सिंह के खिलाफ टीएमसी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया। वह पवन सिंह के विवादित गानों को लेकर भाजपा पर निशाना साधने लगे। इसके ठीक 24 घंटे के भीतर ही पवन सिंह ने इस सीट से चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई और आलाकमान को इसके बारे में सूचना भी दे दी थी।
इसके बाद पवन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे। तब यह कयास लगाया जा रहा था कि पवन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ने की बात मान जाएंगे। इस कयास को इस बात से और भी बल मिला जब पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, ”मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूंगा। आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है। जय माता दी।”
अब बंगाली अस्मिता को लेकर संगीत जगत के दो दिग्गज टीएमसी नेता और सिंगर बाबुल सुप्रियो और भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह के बीच सोशल मीडिया पर वार छिड़ गई है। पवन सिंह ने पहले एक्स पर ममता सरकार में मंत्री बाबुल सुप्रियो के सवाल का जवाब देते हुए लिखा, ”बाबुल सुप्रियो नहीं बोलना चाहता था। लेकिन, आपने सिर्फ पवन सिंह का ही दिल नहीं दुःखाया है, बल्कि 40 करोड़ भोजपुरी भाषी और कलाकारों को प्रेम करने वाले लोगों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाया है। आप ने चार गाने का जो पोस्टर पोस्ट किया है, अगर ये चारों पोस्टर के गाने को सही साबित कर देते हैं, तो मैं राजनीति और संगीत दोनों से संन्यास ले लूंगा, नहीं तो आप…”
इसके बाद पवन सिंह ने अपने लेटेस्ट एक्स पोस्ट में एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आसनसोल से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे बाबुल सुप्रियो के साथ मंच पर नजर आ रहे हैं और जनता से उनके पक्ष में वोट करने की मांग कर रहे हैं।
इस वीडियो के साथ पवन सिंह ने लिखा, ”कलाकार और संन्यासी की कोई जाति या धर्म नहीं होता इनको समाज विशेषताओं के लिए सम्मान देता है और सम्मान देता रहेगा। 2019 में मैं बाबुल सुप्रियो के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आसनसोल आया था, खूब मान-सम्मान मिला था। आख़िर 2024 में बाबुल की ऐसी क्या मजबूरी रही कि मुझे बदनाम करने के लिए फर्ज़ी चित्रों का सहारा लेना पड़ा। आपने संगीत को भी धोखा देने का कार्य किया है। पूर्ण रूप से टीएमसी के नेता बन गए है दुर्भाग्य!!”
ऐसे में अब साफ हो गया है कि एक तरफ जहां बाबुल सुप्रियो, पवन सिंह के खिलाफ बंगाली अस्मिता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा रहे थे। वहीं पावरस्टार ने एक के बाद एक ट्वीट कर ना केवल बाबुल सुप्रियो को चैलेंज किया, बल्कि अब बाबुल के व्यवहार को भोजपुरी अस्मिता के खिलाफ बताने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि वीडियो के जरिए पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि अगर वह पश्चिम बंगाल को लेकर गलत सोच रखते थे तो फिर 2019 के चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने उन्हें मंच से अपने पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए क्यों बुलाया था।
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नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तरफ से पहली सूची में पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से भोजपुरी इंडस्ट्री के पावरस्टार पवन सिंह को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की गई थी। पवन सिंह इस घोषणा के बाद काफी खुश थे। इसके बाद पवन सिंह के खिलाफ टीएमसी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया। वह पवन सिंह के विवादित गानों को लेकर भाजपा पर निशाना साधने लगे। इसके ठीक 24 घंटे के भीतर ही पवन सिंह ने इस सीट से चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई और आलाकमान को इसके बारे में सूचना भी दे दी थी।
इसके बाद पवन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे। तब यह कयास लगाया जा रहा था कि पवन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ने की बात मान जाएंगे। इस कयास को इस बात से और भी बल मिला जब पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, ”मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूंगा। आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है। जय माता दी।”
अब बंगाली अस्मिता को लेकर संगीत जगत के दो दिग्गज टीएमसी नेता और सिंगर बाबुल सुप्रियो और भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह के बीच सोशल मीडिया पर वार छिड़ गई है। पवन सिंह ने पहले एक्स पर ममता सरकार में मंत्री बाबुल सुप्रियो के सवाल का जवाब देते हुए लिखा, ”बाबुल सुप्रियो नहीं बोलना चाहता था। लेकिन, आपने सिर्फ पवन सिंह का ही दिल नहीं दुःखाया है, बल्कि 40 करोड़ भोजपुरी भाषी और कलाकारों को प्रेम करने वाले लोगों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाया है। आप ने चार गाने का जो पोस्टर पोस्ट किया है, अगर ये चारों पोस्टर के गाने को सही साबित कर देते हैं, तो मैं राजनीति और संगीत दोनों से संन्यास ले लूंगा, नहीं तो आप…”
इसके बाद पवन सिंह ने अपने लेटेस्ट एक्स पोस्ट में एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आसनसोल से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे बाबुल सुप्रियो के साथ मंच पर नजर आ रहे हैं और जनता से उनके पक्ष में वोट करने की मांग कर रहे हैं।
इस वीडियो के साथ पवन सिंह ने लिखा, ”कलाकार और संन्यासी की कोई जाति या धर्म नहीं होता इनको समाज विशेषताओं के लिए सम्मान देता है और सम्मान देता रहेगा। 2019 में मैं बाबुल सुप्रियो के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आसनसोल आया था, खूब मान-सम्मान मिला था। आख़िर 2024 में बाबुल की ऐसी क्या मजबूरी रही कि मुझे बदनाम करने के लिए फर्ज़ी चित्रों का सहारा लेना पड़ा। आपने संगीत को भी धोखा देने का कार्य किया है। पूर्ण रूप से टीएमसी के नेता बन गए है दुर्भाग्य!!”
ऐसे में अब साफ हो गया है कि एक तरफ जहां बाबुल सुप्रियो, पवन सिंह के खिलाफ बंगाली अस्मिता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा रहे थे। वहीं पावरस्टार ने एक के बाद एक ट्वीट कर ना केवल बाबुल सुप्रियो को चैलेंज किया, बल्कि अब बाबुल के व्यवहार को भोजपुरी अस्मिता के खिलाफ बताने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि वीडियो के जरिए पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि अगर वह पश्चिम बंगाल को लेकर गलत सोच रखते थे तो फिर 2019 के चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने उन्हें मंच से अपने पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए क्यों बुलाया था।
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इसके बाद पवन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे। तब यह कयास लगाया जा रहा था कि पवन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ने की बात मान जाएंगे। इस कयास को इस बात से और भी बल मिला जब पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, ”मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूंगा। आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है। जय माता दी।”
अब बंगाली अस्मिता को लेकर संगीत जगत के दो दिग्गज टीएमसी नेता और सिंगर बाबुल सुप्रियो और भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह के बीच सोशल मीडिया पर वार छिड़ गई है। पवन सिंह ने पहले एक्स पर ममता सरकार में मंत्री बाबुल सुप्रियो के सवाल का जवाब देते हुए लिखा, ”बाबुल सुप्रियो नहीं बोलना चाहता था। लेकिन, आपने सिर्फ पवन सिंह का ही दिल नहीं दुःखाया है, बल्कि 40 करोड़ भोजपुरी भाषी और कलाकारों को प्रेम करने वाले लोगों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाया है। आप ने चार गाने का जो पोस्टर पोस्ट किया है, अगर ये चारों पोस्टर के गाने को सही साबित कर देते हैं, तो मैं राजनीति और संगीत दोनों से संन्यास ले लूंगा, नहीं तो आप…”
इसके बाद पवन सिंह ने अपने लेटेस्ट एक्स पोस्ट में एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आसनसोल से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे बाबुल सुप्रियो के साथ मंच पर नजर आ रहे हैं और जनता से उनके पक्ष में वोट करने की मांग कर रहे हैं।
इस वीडियो के साथ पवन सिंह ने लिखा, ”कलाकार और संन्यासी की कोई जाति या धर्म नहीं होता इनको समाज विशेषताओं के लिए सम्मान देता है और सम्मान देता रहेगा। 2019 में मैं बाबुल सुप्रियो के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आसनसोल आया था, खूब मान-सम्मान मिला था। आख़िर 2024 में बाबुल की ऐसी क्या मजबूरी रही कि मुझे बदनाम करने के लिए फर्ज़ी चित्रों का सहारा लेना पड़ा। आपने संगीत को भी धोखा देने का कार्य किया है। पूर्ण रूप से टीएमसी के नेता बन गए है दुर्भाग्य!!”
ऐसे में अब साफ हो गया है कि एक तरफ जहां बाबुल सुप्रियो, पवन सिंह के खिलाफ बंगाली अस्मिता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा रहे थे। वहीं पावरस्टार ने एक के बाद एक ट्वीट कर ना केवल बाबुल सुप्रियो को चैलेंज किया, बल्कि अब बाबुल के व्यवहार को भोजपुरी अस्मिता के खिलाफ बताने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि वीडियो के जरिए पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि अगर वह पश्चिम बंगाल को लेकर गलत सोच रखते थे तो फिर 2019 के चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने उन्हें मंच से अपने पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए क्यों बुलाया था।
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इसके बाद पवन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे। तब यह कयास लगाया जा रहा था कि पवन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ने की बात मान जाएंगे। इस कयास को इस बात से और भी बल मिला जब पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, ”मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूंगा। आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है। जय माता दी।”
अब बंगाली अस्मिता को लेकर संगीत जगत के दो दिग्गज टीएमसी नेता और सिंगर बाबुल सुप्रियो और भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह के बीच सोशल मीडिया पर वार छिड़ गई है। पवन सिंह ने पहले एक्स पर ममता सरकार में मंत्री बाबुल सुप्रियो के सवाल का जवाब देते हुए लिखा, ”बाबुल सुप्रियो नहीं बोलना चाहता था। लेकिन, आपने सिर्फ पवन सिंह का ही दिल नहीं दुःखाया है, बल्कि 40 करोड़ भोजपुरी भाषी और कलाकारों को प्रेम करने वाले लोगों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाया है। आप ने चार गाने का जो पोस्टर पोस्ट किया है, अगर ये चारों पोस्टर के गाने को सही साबित कर देते हैं, तो मैं राजनीति और संगीत दोनों से संन्यास ले लूंगा, नहीं तो आप…”
इसके बाद पवन सिंह ने अपने लेटेस्ट एक्स पोस्ट में एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आसनसोल से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे बाबुल सुप्रियो के साथ मंच पर नजर आ रहे हैं और जनता से उनके पक्ष में वोट करने की मांग कर रहे हैं।
इस वीडियो के साथ पवन सिंह ने लिखा, ”कलाकार और संन्यासी की कोई जाति या धर्म नहीं होता इनको समाज विशेषताओं के लिए सम्मान देता है और सम्मान देता रहेगा। 2019 में मैं बाबुल सुप्रियो के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आसनसोल आया था, खूब मान-सम्मान मिला था। आख़िर 2024 में बाबुल की ऐसी क्या मजबूरी रही कि मुझे बदनाम करने के लिए फर्ज़ी चित्रों का सहारा लेना पड़ा। आपने संगीत को भी धोखा देने का कार्य किया है। पूर्ण रूप से टीएमसी के नेता बन गए है दुर्भाग्य!!”
ऐसे में अब साफ हो गया है कि एक तरफ जहां बाबुल सुप्रियो, पवन सिंह के खिलाफ बंगाली अस्मिता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा रहे थे। वहीं पावरस्टार ने एक के बाद एक ट्वीट कर ना केवल बाबुल सुप्रियो को चैलेंज किया, बल्कि अब बाबुल के व्यवहार को भोजपुरी अस्मिता के खिलाफ बताने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि वीडियो के जरिए पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि अगर वह पश्चिम बंगाल को लेकर गलत सोच रखते थे तो फिर 2019 के चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने उन्हें मंच से अपने पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए क्यों बुलाया था।
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नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तरफ से पहली सूची में पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से भोजपुरी इंडस्ट्री के पावरस्टार पवन सिंह को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की गई थी। पवन सिंह इस घोषणा के बाद काफी खुश थे। इसके बाद पवन सिंह के खिलाफ टीएमसी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया। वह पवन सिंह के विवादित गानों को लेकर भाजपा पर निशाना साधने लगे। इसके ठीक 24 घंटे के भीतर ही पवन सिंह ने इस सीट से चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई और आलाकमान को इसके बारे में सूचना भी दे दी थी।
इसके बाद पवन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे। तब यह कयास लगाया जा रहा था कि पवन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ने की बात मान जाएंगे। इस कयास को इस बात से और भी बल मिला जब पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, ”मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूंगा। आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है। जय माता दी।”
अब बंगाली अस्मिता को लेकर संगीत जगत के दो दिग्गज टीएमसी नेता और सिंगर बाबुल सुप्रियो और भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह के बीच सोशल मीडिया पर वार छिड़ गई है। पवन सिंह ने पहले एक्स पर ममता सरकार में मंत्री बाबुल सुप्रियो के सवाल का जवाब देते हुए लिखा, ”बाबुल सुप्रियो नहीं बोलना चाहता था। लेकिन, आपने सिर्फ पवन सिंह का ही दिल नहीं दुःखाया है, बल्कि 40 करोड़ भोजपुरी भाषी और कलाकारों को प्रेम करने वाले लोगों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाया है। आप ने चार गाने का जो पोस्टर पोस्ट किया है, अगर ये चारों पोस्टर के गाने को सही साबित कर देते हैं, तो मैं राजनीति और संगीत दोनों से संन्यास ले लूंगा, नहीं तो आप…”
इसके बाद पवन सिंह ने अपने लेटेस्ट एक्स पोस्ट में एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आसनसोल से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे बाबुल सुप्रियो के साथ मंच पर नजर आ रहे हैं और जनता से उनके पक्ष में वोट करने की मांग कर रहे हैं।
इस वीडियो के साथ पवन सिंह ने लिखा, ”कलाकार और संन्यासी की कोई जाति या धर्म नहीं होता इनको समाज विशेषताओं के लिए सम्मान देता है और सम्मान देता रहेगा। 2019 में मैं बाबुल सुप्रियो के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आसनसोल आया था, खूब मान-सम्मान मिला था। आख़िर 2024 में बाबुल की ऐसी क्या मजबूरी रही कि मुझे बदनाम करने के लिए फर्ज़ी चित्रों का सहारा लेना पड़ा। आपने संगीत को भी धोखा देने का कार्य किया है। पूर्ण रूप से टीएमसी के नेता बन गए है दुर्भाग्य!!”
ऐसे में अब साफ हो गया है कि एक तरफ जहां बाबुल सुप्रियो, पवन सिंह के खिलाफ बंगाली अस्मिता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा रहे थे। वहीं पावरस्टार ने एक के बाद एक ट्वीट कर ना केवल बाबुल सुप्रियो को चैलेंज किया, बल्कि अब बाबुल के व्यवहार को भोजपुरी अस्मिता के खिलाफ बताने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि वीडियो के जरिए पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि अगर वह पश्चिम बंगाल को लेकर गलत सोच रखते थे तो फिर 2019 के चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने उन्हें मंच से अपने पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए क्यों बुलाया था।
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इसके बाद पवन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे। तब यह कयास लगाया जा रहा था कि पवन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ने की बात मान जाएंगे। इस कयास को इस बात से और भी बल मिला जब पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, ”मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूंगा। आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है। जय माता दी।”
अब बंगाली अस्मिता को लेकर संगीत जगत के दो दिग्गज टीएमसी नेता और सिंगर बाबुल सुप्रियो और भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह के बीच सोशल मीडिया पर वार छिड़ गई है। पवन सिंह ने पहले एक्स पर ममता सरकार में मंत्री बाबुल सुप्रियो के सवाल का जवाब देते हुए लिखा, ”बाबुल सुप्रियो नहीं बोलना चाहता था। लेकिन, आपने सिर्फ पवन सिंह का ही दिल नहीं दुःखाया है, बल्कि 40 करोड़ भोजपुरी भाषी और कलाकारों को प्रेम करने वाले लोगों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाया है। आप ने चार गाने का जो पोस्टर पोस्ट किया है, अगर ये चारों पोस्टर के गाने को सही साबित कर देते हैं, तो मैं राजनीति और संगीत दोनों से संन्यास ले लूंगा, नहीं तो आप…”
इसके बाद पवन सिंह ने अपने लेटेस्ट एक्स पोस्ट में एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आसनसोल से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे बाबुल सुप्रियो के साथ मंच पर नजर आ रहे हैं और जनता से उनके पक्ष में वोट करने की मांग कर रहे हैं।
इस वीडियो के साथ पवन सिंह ने लिखा, ”कलाकार और संन्यासी की कोई जाति या धर्म नहीं होता इनको समाज विशेषताओं के लिए सम्मान देता है और सम्मान देता रहेगा। 2019 में मैं बाबुल सुप्रियो के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आसनसोल आया था, खूब मान-सम्मान मिला था। आख़िर 2024 में बाबुल की ऐसी क्या मजबूरी रही कि मुझे बदनाम करने के लिए फर्ज़ी चित्रों का सहारा लेना पड़ा। आपने संगीत को भी धोखा देने का कार्य किया है। पूर्ण रूप से टीएमसी के नेता बन गए है दुर्भाग्य!!”
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इसके बाद पवन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे। तब यह कयास लगाया जा रहा था कि पवन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ने की बात मान जाएंगे। इस कयास को इस बात से और भी बल मिला जब पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, ”मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूंगा। आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है। जय माता दी।”
अब बंगाली अस्मिता को लेकर संगीत जगत के दो दिग्गज टीएमसी नेता और सिंगर बाबुल सुप्रियो और भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह के बीच सोशल मीडिया पर वार छिड़ गई है। पवन सिंह ने पहले एक्स पर ममता सरकार में मंत्री बाबुल सुप्रियो के सवाल का जवाब देते हुए लिखा, ”बाबुल सुप्रियो नहीं बोलना चाहता था। लेकिन, आपने सिर्फ पवन सिंह का ही दिल नहीं दुःखाया है, बल्कि 40 करोड़ भोजपुरी भाषी और कलाकारों को प्रेम करने वाले लोगों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाया है। आप ने चार गाने का जो पोस्टर पोस्ट किया है, अगर ये चारों पोस्टर के गाने को सही साबित कर देते हैं, तो मैं राजनीति और संगीत दोनों से संन्यास ले लूंगा, नहीं तो आप…”
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इस वीडियो के साथ पवन सिंह ने लिखा, ”कलाकार और संन्यासी की कोई जाति या धर्म नहीं होता इनको समाज विशेषताओं के लिए सम्मान देता है और सम्मान देता रहेगा। 2019 में मैं बाबुल सुप्रियो के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आसनसोल आया था, खूब मान-सम्मान मिला था। आख़िर 2024 में बाबुल की ऐसी क्या मजबूरी रही कि मुझे बदनाम करने के लिए फर्ज़ी चित्रों का सहारा लेना पड़ा। आपने संगीत को भी धोखा देने का कार्य किया है। पूर्ण रूप से टीएमसी के नेता बन गए है दुर्भाग्य!!”
ऐसे में अब साफ हो गया है कि एक तरफ जहां बाबुल सुप्रियो, पवन सिंह के खिलाफ बंगाली अस्मिता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा रहे थे। वहीं पावरस्टार ने एक के बाद एक ट्वीट कर ना केवल बाबुल सुप्रियो को चैलेंज किया, बल्कि अब बाबुल के व्यवहार को भोजपुरी अस्मिता के खिलाफ बताने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि वीडियो के जरिए पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि अगर वह पश्चिम बंगाल को लेकर गलत सोच रखते थे तो फिर 2019 के चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने उन्हें मंच से अपने पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए क्यों बुलाया था।
–आईएएनएस
एसके/जीकेटी
नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तरफ से पहली सूची में पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से भोजपुरी इंडस्ट्री के पावरस्टार पवन सिंह को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की गई थी। पवन सिंह इस घोषणा के बाद काफी खुश थे। इसके बाद पवन सिंह के खिलाफ टीएमसी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया। वह पवन सिंह के विवादित गानों को लेकर भाजपा पर निशाना साधने लगे। इसके ठीक 24 घंटे के भीतर ही पवन सिंह ने इस सीट से चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई और आलाकमान को इसके बारे में सूचना भी दे दी थी।
इसके बाद पवन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे। तब यह कयास लगाया जा रहा था कि पवन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ने की बात मान जाएंगे। इस कयास को इस बात से और भी बल मिला जब पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, ”मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूंगा। आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है। जय माता दी।”
अब बंगाली अस्मिता को लेकर संगीत जगत के दो दिग्गज टीएमसी नेता और सिंगर बाबुल सुप्रियो और भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह के बीच सोशल मीडिया पर वार छिड़ गई है। पवन सिंह ने पहले एक्स पर ममता सरकार में मंत्री बाबुल सुप्रियो के सवाल का जवाब देते हुए लिखा, ”बाबुल सुप्रियो नहीं बोलना चाहता था। लेकिन, आपने सिर्फ पवन सिंह का ही दिल नहीं दुःखाया है, बल्कि 40 करोड़ भोजपुरी भाषी और कलाकारों को प्रेम करने वाले लोगों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाया है। आप ने चार गाने का जो पोस्टर पोस्ट किया है, अगर ये चारों पोस्टर के गाने को सही साबित कर देते हैं, तो मैं राजनीति और संगीत दोनों से संन्यास ले लूंगा, नहीं तो आप…”
इसके बाद पवन सिंह ने अपने लेटेस्ट एक्स पोस्ट में एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आसनसोल से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे बाबुल सुप्रियो के साथ मंच पर नजर आ रहे हैं और जनता से उनके पक्ष में वोट करने की मांग कर रहे हैं।
इस वीडियो के साथ पवन सिंह ने लिखा, ”कलाकार और संन्यासी की कोई जाति या धर्म नहीं होता इनको समाज विशेषताओं के लिए सम्मान देता है और सम्मान देता रहेगा। 2019 में मैं बाबुल सुप्रियो के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आसनसोल आया था, खूब मान-सम्मान मिला था। आख़िर 2024 में बाबुल की ऐसी क्या मजबूरी रही कि मुझे बदनाम करने के लिए फर्ज़ी चित्रों का सहारा लेना पड़ा। आपने संगीत को भी धोखा देने का कार्य किया है। पूर्ण रूप से टीएमसी के नेता बन गए है दुर्भाग्य!!”
ऐसे में अब साफ हो गया है कि एक तरफ जहां बाबुल सुप्रियो, पवन सिंह के खिलाफ बंगाली अस्मिता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा रहे थे। वहीं पावरस्टार ने एक के बाद एक ट्वीट कर ना केवल बाबुल सुप्रियो को चैलेंज किया, बल्कि अब बाबुल के व्यवहार को भोजपुरी अस्मिता के खिलाफ बताने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि वीडियो के जरिए पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि अगर वह पश्चिम बंगाल को लेकर गलत सोच रखते थे तो फिर 2019 के चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने उन्हें मंच से अपने पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए क्यों बुलाया था।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तरफ से पहली सूची में पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से भोजपुरी इंडस्ट्री के पावरस्टार पवन सिंह को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की गई थी। पवन सिंह इस घोषणा के बाद काफी खुश थे। इसके बाद पवन सिंह के खिलाफ टीएमसी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया। वह पवन सिंह के विवादित गानों को लेकर भाजपा पर निशाना साधने लगे। इसके ठीक 24 घंटे के भीतर ही पवन सिंह ने इस सीट से चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई और आलाकमान को इसके बारे में सूचना भी दे दी थी।
इसके बाद पवन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे। तब यह कयास लगाया जा रहा था कि पवन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ने की बात मान जाएंगे। इस कयास को इस बात से और भी बल मिला जब पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, ”मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूंगा। आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है। जय माता दी।”
अब बंगाली अस्मिता को लेकर संगीत जगत के दो दिग्गज टीएमसी नेता और सिंगर बाबुल सुप्रियो और भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह के बीच सोशल मीडिया पर वार छिड़ गई है। पवन सिंह ने पहले एक्स पर ममता सरकार में मंत्री बाबुल सुप्रियो के सवाल का जवाब देते हुए लिखा, ”बाबुल सुप्रियो नहीं बोलना चाहता था। लेकिन, आपने सिर्फ पवन सिंह का ही दिल नहीं दुःखाया है, बल्कि 40 करोड़ भोजपुरी भाषी और कलाकारों को प्रेम करने वाले लोगों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाया है। आप ने चार गाने का जो पोस्टर पोस्ट किया है, अगर ये चारों पोस्टर के गाने को सही साबित कर देते हैं, तो मैं राजनीति और संगीत दोनों से संन्यास ले लूंगा, नहीं तो आप…”
इसके बाद पवन सिंह ने अपने लेटेस्ट एक्स पोस्ट में एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आसनसोल से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे बाबुल सुप्रियो के साथ मंच पर नजर आ रहे हैं और जनता से उनके पक्ष में वोट करने की मांग कर रहे हैं।
इस वीडियो के साथ पवन सिंह ने लिखा, ”कलाकार और संन्यासी की कोई जाति या धर्म नहीं होता इनको समाज विशेषताओं के लिए सम्मान देता है और सम्मान देता रहेगा। 2019 में मैं बाबुल सुप्रियो के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आसनसोल आया था, खूब मान-सम्मान मिला था। आख़िर 2024 में बाबुल की ऐसी क्या मजबूरी रही कि मुझे बदनाम करने के लिए फर्ज़ी चित्रों का सहारा लेना पड़ा। आपने संगीत को भी धोखा देने का कार्य किया है। पूर्ण रूप से टीएमसी के नेता बन गए है दुर्भाग्य!!”
ऐसे में अब साफ हो गया है कि एक तरफ जहां बाबुल सुप्रियो, पवन सिंह के खिलाफ बंगाली अस्मिता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा रहे थे। वहीं पावरस्टार ने एक के बाद एक ट्वीट कर ना केवल बाबुल सुप्रियो को चैलेंज किया, बल्कि अब बाबुल के व्यवहार को भोजपुरी अस्मिता के खिलाफ बताने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि वीडियो के जरिए पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि अगर वह पश्चिम बंगाल को लेकर गलत सोच रखते थे तो फिर 2019 के चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने उन्हें मंच से अपने पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए क्यों बुलाया था।
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नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तरफ से पहली सूची में पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से भोजपुरी इंडस्ट्री के पावरस्टार पवन सिंह को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की गई थी। पवन सिंह इस घोषणा के बाद काफी खुश थे। इसके बाद पवन सिंह के खिलाफ टीएमसी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया। वह पवन सिंह के विवादित गानों को लेकर भाजपा पर निशाना साधने लगे। इसके ठीक 24 घंटे के भीतर ही पवन सिंह ने इस सीट से चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई और आलाकमान को इसके बारे में सूचना भी दे दी थी।
इसके बाद पवन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे। तब यह कयास लगाया जा रहा था कि पवन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ने की बात मान जाएंगे। इस कयास को इस बात से और भी बल मिला जब पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, ”मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूंगा। आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है। जय माता दी।”
अब बंगाली अस्मिता को लेकर संगीत जगत के दो दिग्गज टीएमसी नेता और सिंगर बाबुल सुप्रियो और भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह के बीच सोशल मीडिया पर वार छिड़ गई है। पवन सिंह ने पहले एक्स पर ममता सरकार में मंत्री बाबुल सुप्रियो के सवाल का जवाब देते हुए लिखा, ”बाबुल सुप्रियो नहीं बोलना चाहता था। लेकिन, आपने सिर्फ पवन सिंह का ही दिल नहीं दुःखाया है, बल्कि 40 करोड़ भोजपुरी भाषी और कलाकारों को प्रेम करने वाले लोगों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाया है। आप ने चार गाने का जो पोस्टर पोस्ट किया है, अगर ये चारों पोस्टर के गाने को सही साबित कर देते हैं, तो मैं राजनीति और संगीत दोनों से संन्यास ले लूंगा, नहीं तो आप…”
इसके बाद पवन सिंह ने अपने लेटेस्ट एक्स पोस्ट में एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आसनसोल से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे बाबुल सुप्रियो के साथ मंच पर नजर आ रहे हैं और जनता से उनके पक्ष में वोट करने की मांग कर रहे हैं।
इस वीडियो के साथ पवन सिंह ने लिखा, ”कलाकार और संन्यासी की कोई जाति या धर्म नहीं होता इनको समाज विशेषताओं के लिए सम्मान देता है और सम्मान देता रहेगा। 2019 में मैं बाबुल सुप्रियो के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आसनसोल आया था, खूब मान-सम्मान मिला था। आख़िर 2024 में बाबुल की ऐसी क्या मजबूरी रही कि मुझे बदनाम करने के लिए फर्ज़ी चित्रों का सहारा लेना पड़ा। आपने संगीत को भी धोखा देने का कार्य किया है। पूर्ण रूप से टीएमसी के नेता बन गए है दुर्भाग्य!!”
ऐसे में अब साफ हो गया है कि एक तरफ जहां बाबुल सुप्रियो, पवन सिंह के खिलाफ बंगाली अस्मिता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा रहे थे। वहीं पावरस्टार ने एक के बाद एक ट्वीट कर ना केवल बाबुल सुप्रियो को चैलेंज किया, बल्कि अब बाबुल के व्यवहार को भोजपुरी अस्मिता के खिलाफ बताने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि वीडियो के जरिए पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि अगर वह पश्चिम बंगाल को लेकर गलत सोच रखते थे तो फिर 2019 के चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने उन्हें मंच से अपने पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए क्यों बुलाया था।
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इसके बाद पवन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे। तब यह कयास लगाया जा रहा था कि पवन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ने की बात मान जाएंगे। इस कयास को इस बात से और भी बल मिला जब पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, ”मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूंगा। आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है। जय माता दी।”
अब बंगाली अस्मिता को लेकर संगीत जगत के दो दिग्गज टीएमसी नेता और सिंगर बाबुल सुप्रियो और भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह के बीच सोशल मीडिया पर वार छिड़ गई है। पवन सिंह ने पहले एक्स पर ममता सरकार में मंत्री बाबुल सुप्रियो के सवाल का जवाब देते हुए लिखा, ”बाबुल सुप्रियो नहीं बोलना चाहता था। लेकिन, आपने सिर्फ पवन सिंह का ही दिल नहीं दुःखाया है, बल्कि 40 करोड़ भोजपुरी भाषी और कलाकारों को प्रेम करने वाले लोगों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाया है। आप ने चार गाने का जो पोस्टर पोस्ट किया है, अगर ये चारों पोस्टर के गाने को सही साबित कर देते हैं, तो मैं राजनीति और संगीत दोनों से संन्यास ले लूंगा, नहीं तो आप…”
इसके बाद पवन सिंह ने अपने लेटेस्ट एक्स पोस्ट में एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आसनसोल से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे बाबुल सुप्रियो के साथ मंच पर नजर आ रहे हैं और जनता से उनके पक्ष में वोट करने की मांग कर रहे हैं।
इस वीडियो के साथ पवन सिंह ने लिखा, ”कलाकार और संन्यासी की कोई जाति या धर्म नहीं होता इनको समाज विशेषताओं के लिए सम्मान देता है और सम्मान देता रहेगा। 2019 में मैं बाबुल सुप्रियो के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आसनसोल आया था, खूब मान-सम्मान मिला था। आख़िर 2024 में बाबुल की ऐसी क्या मजबूरी रही कि मुझे बदनाम करने के लिए फर्ज़ी चित्रों का सहारा लेना पड़ा। आपने संगीत को भी धोखा देने का कार्य किया है। पूर्ण रूप से टीएमसी के नेता बन गए है दुर्भाग्य!!”
ऐसे में अब साफ हो गया है कि एक तरफ जहां बाबुल सुप्रियो, पवन सिंह के खिलाफ बंगाली अस्मिता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा रहे थे। वहीं पावरस्टार ने एक के बाद एक ट्वीट कर ना केवल बाबुल सुप्रियो को चैलेंज किया, बल्कि अब बाबुल के व्यवहार को भोजपुरी अस्मिता के खिलाफ बताने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि वीडियो के जरिए पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि अगर वह पश्चिम बंगाल को लेकर गलत सोच रखते थे तो फिर 2019 के चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने उन्हें मंच से अपने पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए क्यों बुलाया था।
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इसके बाद पवन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे। तब यह कयास लगाया जा रहा था कि पवन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ने की बात मान जाएंगे। इस कयास को इस बात से और भी बल मिला जब पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, ”मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूंगा। आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है। जय माता दी।”
अब बंगाली अस्मिता को लेकर संगीत जगत के दो दिग्गज टीएमसी नेता और सिंगर बाबुल सुप्रियो और भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह के बीच सोशल मीडिया पर वार छिड़ गई है। पवन सिंह ने पहले एक्स पर ममता सरकार में मंत्री बाबुल सुप्रियो के सवाल का जवाब देते हुए लिखा, ”बाबुल सुप्रियो नहीं बोलना चाहता था। लेकिन, आपने सिर्फ पवन सिंह का ही दिल नहीं दुःखाया है, बल्कि 40 करोड़ भोजपुरी भाषी और कलाकारों को प्रेम करने वाले लोगों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाया है। आप ने चार गाने का जो पोस्टर पोस्ट किया है, अगर ये चारों पोस्टर के गाने को सही साबित कर देते हैं, तो मैं राजनीति और संगीत दोनों से संन्यास ले लूंगा, नहीं तो आप…”
इसके बाद पवन सिंह ने अपने लेटेस्ट एक्स पोस्ट में एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आसनसोल से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे बाबुल सुप्रियो के साथ मंच पर नजर आ रहे हैं और जनता से उनके पक्ष में वोट करने की मांग कर रहे हैं।
इस वीडियो के साथ पवन सिंह ने लिखा, ”कलाकार और संन्यासी की कोई जाति या धर्म नहीं होता इनको समाज विशेषताओं के लिए सम्मान देता है और सम्मान देता रहेगा। 2019 में मैं बाबुल सुप्रियो के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आसनसोल आया था, खूब मान-सम्मान मिला था। आख़िर 2024 में बाबुल की ऐसी क्या मजबूरी रही कि मुझे बदनाम करने के लिए फर्ज़ी चित्रों का सहारा लेना पड़ा। आपने संगीत को भी धोखा देने का कार्य किया है। पूर्ण रूप से टीएमसी के नेता बन गए है दुर्भाग्य!!”
ऐसे में अब साफ हो गया है कि एक तरफ जहां बाबुल सुप्रियो, पवन सिंह के खिलाफ बंगाली अस्मिता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा रहे थे। वहीं पावरस्टार ने एक के बाद एक ट्वीट कर ना केवल बाबुल सुप्रियो को चैलेंज किया, बल्कि अब बाबुल के व्यवहार को भोजपुरी अस्मिता के खिलाफ बताने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि वीडियो के जरिए पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि अगर वह पश्चिम बंगाल को लेकर गलत सोच रखते थे तो फिर 2019 के चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने उन्हें मंच से अपने पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए क्यों बुलाया था।
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नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तरफ से पहली सूची में पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से भोजपुरी इंडस्ट्री के पावरस्टार पवन सिंह को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की गई थी। पवन सिंह इस घोषणा के बाद काफी खुश थे। इसके बाद पवन सिंह के खिलाफ टीएमसी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया। वह पवन सिंह के विवादित गानों को लेकर भाजपा पर निशाना साधने लगे। इसके ठीक 24 घंटे के भीतर ही पवन सिंह ने इस सीट से चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई और आलाकमान को इसके बारे में सूचना भी दे दी थी।
इसके बाद पवन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे। तब यह कयास लगाया जा रहा था कि पवन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ने की बात मान जाएंगे। इस कयास को इस बात से और भी बल मिला जब पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, ”मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूंगा। आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है। जय माता दी।”
अब बंगाली अस्मिता को लेकर संगीत जगत के दो दिग्गज टीएमसी नेता और सिंगर बाबुल सुप्रियो और भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह के बीच सोशल मीडिया पर वार छिड़ गई है। पवन सिंह ने पहले एक्स पर ममता सरकार में मंत्री बाबुल सुप्रियो के सवाल का जवाब देते हुए लिखा, ”बाबुल सुप्रियो नहीं बोलना चाहता था। लेकिन, आपने सिर्फ पवन सिंह का ही दिल नहीं दुःखाया है, बल्कि 40 करोड़ भोजपुरी भाषी और कलाकारों को प्रेम करने वाले लोगों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाया है। आप ने चार गाने का जो पोस्टर पोस्ट किया है, अगर ये चारों पोस्टर के गाने को सही साबित कर देते हैं, तो मैं राजनीति और संगीत दोनों से संन्यास ले लूंगा, नहीं तो आप…”
इसके बाद पवन सिंह ने अपने लेटेस्ट एक्स पोस्ट में एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आसनसोल से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे बाबुल सुप्रियो के साथ मंच पर नजर आ रहे हैं और जनता से उनके पक्ष में वोट करने की मांग कर रहे हैं।
इस वीडियो के साथ पवन सिंह ने लिखा, ”कलाकार और संन्यासी की कोई जाति या धर्म नहीं होता इनको समाज विशेषताओं के लिए सम्मान देता है और सम्मान देता रहेगा। 2019 में मैं बाबुल सुप्रियो के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आसनसोल आया था, खूब मान-सम्मान मिला था। आख़िर 2024 में बाबुल की ऐसी क्या मजबूरी रही कि मुझे बदनाम करने के लिए फर्ज़ी चित्रों का सहारा लेना पड़ा। आपने संगीत को भी धोखा देने का कार्य किया है। पूर्ण रूप से टीएमसी के नेता बन गए है दुर्भाग्य!!”
ऐसे में अब साफ हो गया है कि एक तरफ जहां बाबुल सुप्रियो, पवन सिंह के खिलाफ बंगाली अस्मिता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा रहे थे। वहीं पावरस्टार ने एक के बाद एक ट्वीट कर ना केवल बाबुल सुप्रियो को चैलेंज किया, बल्कि अब बाबुल के व्यवहार को भोजपुरी अस्मिता के खिलाफ बताने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि वीडियो के जरिए पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि अगर वह पश्चिम बंगाल को लेकर गलत सोच रखते थे तो फिर 2019 के चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने उन्हें मंच से अपने पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए क्यों बुलाया था।
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इसके बाद पवन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे। तब यह कयास लगाया जा रहा था कि पवन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ने की बात मान जाएंगे। इस कयास को इस बात से और भी बल मिला जब पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, ”मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूंगा। आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है। जय माता दी।”
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इसके बाद पवन सिंह ने अपने लेटेस्ट एक्स पोस्ट में एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आसनसोल से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे बाबुल सुप्रियो के साथ मंच पर नजर आ रहे हैं और जनता से उनके पक्ष में वोट करने की मांग कर रहे हैं।
इस वीडियो के साथ पवन सिंह ने लिखा, ”कलाकार और संन्यासी की कोई जाति या धर्म नहीं होता इनको समाज विशेषताओं के लिए सम्मान देता है और सम्मान देता रहेगा। 2019 में मैं बाबुल सुप्रियो के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आसनसोल आया था, खूब मान-सम्मान मिला था। आख़िर 2024 में बाबुल की ऐसी क्या मजबूरी रही कि मुझे बदनाम करने के लिए फर्ज़ी चित्रों का सहारा लेना पड़ा। आपने संगीत को भी धोखा देने का कार्य किया है। पूर्ण रूप से टीएमसी के नेता बन गए है दुर्भाग्य!!”
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इसके बाद पवन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे। तब यह कयास लगाया जा रहा था कि पवन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ने की बात मान जाएंगे। इस कयास को इस बात से और भी बल मिला जब पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, ”मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूंगा। आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है। जय माता दी।”
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इस वीडियो के साथ पवन सिंह ने लिखा, ”कलाकार और संन्यासी की कोई जाति या धर्म नहीं होता इनको समाज विशेषताओं के लिए सम्मान देता है और सम्मान देता रहेगा। 2019 में मैं बाबुल सुप्रियो के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आसनसोल आया था, खूब मान-सम्मान मिला था। आख़िर 2024 में बाबुल की ऐसी क्या मजबूरी रही कि मुझे बदनाम करने के लिए फर्ज़ी चित्रों का सहारा लेना पड़ा। आपने संगीत को भी धोखा देने का कार्य किया है। पूर्ण रूप से टीएमसी के नेता बन गए है दुर्भाग्य!!”
ऐसे में अब साफ हो गया है कि एक तरफ जहां बाबुल सुप्रियो, पवन सिंह के खिलाफ बंगाली अस्मिता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा रहे थे। वहीं पावरस्टार ने एक के बाद एक ट्वीट कर ना केवल बाबुल सुप्रियो को चैलेंज किया, बल्कि अब बाबुल के व्यवहार को भोजपुरी अस्मिता के खिलाफ बताने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि वीडियो के जरिए पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि अगर वह पश्चिम बंगाल को लेकर गलत सोच रखते थे तो फिर 2019 के चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने उन्हें मंच से अपने पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए क्यों बुलाया था।